< Abdias 1 >

1 Vision d'Abdias. Ainsi parle le Seigneur, l'Éternel, sur l'Idumée: Nous avons ouï un message de par l'Éternel, et un héraut parmi les peuples est envoyé: « Debout! Faisons une levée contre elle pour l'attaquer! »
ओबद्याह का दर्शन। एदोम के विषय यहोवा यह कहता है: हम लोगों ने यहोवा की ओर से समाचार सुना है, और एक दूत अन्यजातियों में यह कहने को भेजा गया है:
2 Voici, je te rendrai chétive parmi les nations, tu seras livrée à un mépris extrême.
“उठो! हम उससे लड़ने को उठें!” मैं तुझे जातियों में छोटा कर दूँगा, तू बहुत तुच्छ गिना जाएगा।
3 L'orgueil de ton cœur t'a séduite, parce que tu habites les gorges des rochers, ta haute demeure; elle dit en son cœur: Qui me jetterait par terre?
हे पहाड़ों की दरारों में बसनेवाले, हे ऊँचे स्थान में रहनेवाले, तेरे अभिमान ने तुझे धोखा दिया है; तू मन में कहता है, “कौन मुझे भूमि पर उतार देगा?”
4 Quand pareille à l'aigle tu élèverais ton aire, quand parmi les étoiles tu la placerais, de là je te précipiterai, dit l'Éternel.
परन्तु चाहे तू उकाब के समान ऊँचा उड़ता हो, वरन् तारागण के बीच अपना घोंसला बनाए हो, तो भी मैं तुझे वहाँ से नीचे गिराऊँगा, यहोवा की यही वाणी है।
5 Des voleurs t'ont-ils envahie, ou bien des pillards nocturnes? Comme tu es ruinée! Mais enlèvent-ils plus que ce qui leur suffit? Des vendangeurs t'ont-ils envahie? Mais ne laissent-ils rien à grappiller?
यदि चोर-डाकू रात को तेरे पास आते, (हाय, तू कैसे मिटा दिया गया है!) तो क्या वे चुराए हुए धन से तृप्त होकर चले न जाते? और यदि दाख के तोड़नेवाले तेरे पास आते, तो क्या वे कहीं-कहीं दाख न छोड़ जाते?
6 Comme Ésaü est fouillé, et ses trésors visités!
परन्तु एसाव का धन कैसे खोजकर लूटा गया है, उसका गुप्त धन कैसे पता लगा लगाकर निकाला गया है!
7 Jusqu'à la frontière tu es repoussée par tous tes alliés, tu es trompée, dupée par tes amis, tes commensaux; ils tendent un piège sous tes pas; il n'y a plus d'intelligence en toi.
जितनों ने तुझ से वाचा बाँधी थी, उन सभी ने तुझे सीमा तक ढकेल दिया है; जो लोग तुझ से मेल रखते थे, वे तुझको धोका देकर तुझ पर प्रबल हुए हैं; वे तेरी रोटी खाते हैं, वे तेरे लिये फंदा लगाते हैं उसमें कुछ समझ नहीं है।
8 En ce même jour, dit l'Éternel, n'ôterai-je pas de l'Idumée les sages, et des montagnes d'Ésaü l'intelligence?
यहोवा की यह वाणी है, क्या मैं उस समय एदोम में से बुद्धिमानों को, और एसाव के पहाड़ में से चतुराई को नाश न करूँगा?
9 Et tes héros, Théman, seront dans l'épouvante, pour que tous ils soient exterminés de la montagne d'Ésaü à cause du carnage.
और हे तेमान, तेरे शूरवीरों का मन कच्चा हो जाएगा, और एसाव के पहाड़ पर का हर एक पुरुष घात होकर नाश हो जाएगा।
10 A cause de l'outrage que tu fis à ton frère Jacob tu seras couvert d'ignominie, et exterminé à jamais!
१०हे एसाव, एक उपद्रव के कारण जो तूने अपने भाई याकूब पर किया, तू लज्जा से ढँपेगा; और सदा के लिये नाश हो जाएगा।
11 Le jour où tu te tenais en face de lui, le jour où des étrangers emmenèrent captifs ses bataillons, et où des inconnus entrèrent dans ses portes, et tirèrent Jérusalem au sort; toi aussi tu fus comme l'un d'eux.
११जिस दिन परदेशी लोग उसकी धन-सम्पत्ति छीनकर ले गए, और पराए लोगों ने उसके फाटकों से घुसकर यरूशलेम पर चिट्ठी डाली, उस दिन तू भी उनमें से एक था।
12 Ne repais pas ta vue de la journée de ton frère, de sa journée de misère, et que les enfants de Juda ne te réjouissent pas au jour de leur ruine, et ne dilate pas ta bouche au jour du désastre.
१२परन्तु तुझे उचित नहीं था कि तू अपने भाई के दिन में, अर्थात् उसकी विपत्ति के दिन में उसकी ओर देखता रहता, और यहूदियों के विनाश के दिन उनके ऊपर आनन्द करता, और उनके संकट के दिन बड़ा बोल बोलता।
13 N'entre pas dans les portes de mon peuple au jour de sa défaite, toi non plus ne repais pas ta vue de son malheur au jour de sa défaite, et ne porte pas la main sur ses richesses au jour de sa défaite.
१३तुझे उचित नहीं था कि मेरी प्रजा की विपत्ति के दिन तू उसके फाटक में घुसता, और उसकी विपत्ति के दिन उसकी दुर्दशा को देखता रहता, और उसकी विपत्ति के दिन उसकी धन-सम्पत्ति पर हाथ लगाता।
14 Et ne te tiens pas au carrefour pour massacrer ses fugitifs, et ne livre pas ses réchappés au jour du désastre!
१४तुझे उचित नहीं था कि चौराहों पर उसके भागनेवालों को मार डालने के लिये खड़ा होता, और संकट के दिन उसके बचे हुओं को पकड़ाता।
15 Car elle est proche la journée de l'Éternel sur tous les peuples: ce que tu as fait, te sera fait; tes actes retomberont sur ta tête.
१५क्योंकि सारी जातियों पर यहोवा के दिन का आना निकट है। जैसा तूने किया है, वैसा ही तुझ से भी किया जाएगा, तेरा व्यवहार लौटकर तेरे ही सिर पर पड़ेगा।
16 En effet, comme vous avez bu le calice sur ma montagne sainte, ainsi le boiront tous les peuples à perpétuité; ils le boiront, épuiseront, et ils seront comme s'ils n'eussent pas été.
१६जिस प्रकार तूने मेरे पवित्र पर्वत पर पिया, उसी प्रकार से सारी जातियाँ लगातार पीती रहेंगी, वे पीएँगे और वे निगल जाएँगे, और ऐसी हो जाएँगी जैसी कभी हुई ही नहीं।
17 Mais sur la montagne de Sion il y aura un refuge, et elle sera sainte, et la maison de Jacob reprendra ses possessions.
१७परन्तु उस समय सिय्योन पर्वत पर बचे हुए लोग रहेंगे, ओर वह पवित्रस्थान ठहरेगा; और याकूब का घराना अपने निज भागों का अधिकारी होगा।
18 Et la maison de Jacob sera un feu, et la maison de Joseph une flamme, et la maison d'Ésaü le chaume, et ils l'embraseront et la consumeront, et il n'y aura point de survivants de la maison d'Ésaü, car l'Éternel a prononcé.
१८तब याकूब का घराना आग, और यूसुफ का घराना लौ, और एसाव का घराना खूँटी बनेगा; और वे उनमें आग लगाकर उनको भस्म करेंगे, और एसाव के घराने का कोई न बचेगा; क्योंकि यहोवा ही ने ऐसा कहा है।
19 Et ceux du midi posséderont la montagne d'Ésaü, et ceux de Séphéla la Philistie, et ils posséderont la campagne d'Éphraïm et la campagne de Samarie, et Benjamin Galaad.
१९दक्षिण देश के लोग एसाव के पहाड़ के अधिकारी हो जाएँगे, और नीचे के देश के लोग पलिश्तियों के अधिकारी होंगे; और यहूदी, एप्रैम और सामरिया के देश को अपने भाग में कर लेंगे, और बिन्यामीन गिलाद का अधिकारी होगा।
20 Et les captifs de cette armée des enfants d'Israël, emmenés par les Cananéens jusqu'à Tsarpath, et les captifs de Jérusalem en état de dispersion soumettront les villes du midi,
२०इस्राएलियों के उस दल में से जो लोग बँधुआई में जाकर कनानियों के बीच सारफत तक रहते हैं, और यरूशलेमियों में से जो लोग बँधुआई में जाकर सपाराद में रहते हैं, वे सब दक्षिण देश के नगरों के अधिकारी हो जाएँगे।
21 et il montera des sauveurs sur la montagne de Sion pour juger la montagne d'Ésaü, et à l'Éternel sera l'empire.
२१उद्धार करनेवाले एसाव के पहाड़ का न्याय करने के लिये सिय्योन पर्वत पर चढ़ आएँगे, और राज्य यहोवा ही का हो जाएगा।

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