< Ézéchiel 35 >

1 Et la parole de l'Éternel me fut adressée en ces mots:
और ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ
2 Fils de l'homme, tourne ton visage du côté de la montagne de Séir, et prophétise contre elle
कि 'ऐ आदमज़ाद, कोह — ए — श'ईर की तरफ़ मुतवज्जिह हो और उसके ख़िलाफ़ नबुव्वत कर,
3 et dis-lui: Ainsi parle le Seigneur, l'Éternel: Voici, j'en veux à toi, montagne de Séir; je vais étendre ma main contre toi et faire de toi un désert et une solitude;
और उससे कह, ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि देख, ऐ कोह — ए — श'ईर, मैं तेरा मुख़ालिफ़ हूँ और तुझ पर अपना हाथ चलाऊँगा, और तुझे वीरान और बेचराग़ करूँगा।
4 je mettrai tes villes en ruines, et toi tu seras changée en désert, afin que tu saches que je suis l'Éternel.
मैं तेरे शहरों को उजाडूँगा, और तू वीरान होगा और जानेगा कि ख़ुदावन्द मैं हूँ।
5 Parce que tu avais une haine éternelle, et que tu as livré les enfants d'Israël à l'épée, au temps de leurs revers, au temps du crime qui amène la fin, pour cela,
चूँकि तू पहले से 'अदावत रखता है, और तूने बनी — इस्राईल को उनकी मुसीबत के दिन उनकी बदकिरदारी के आख़िर में तलवार की धार के हवाले किया है।
6 par ma vie, dit le Seigneur, l'Éternel, je verserai ton sang, et tu seras poursuivie par le sang; parce que tu n'as pas eu en haine l'effusion du sang, tu seras poursuivie par le sang.
इसलिए ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है: कि मुझे अपनी हयात की क़सम, मैं तुझे खू़न के लिए हवाले करूँगा और खू़न तुझे दौड़ाएगा; चूँकि तूने खू़ँरेज़ी से नफ़रत न रख्खी, इसलिए खू़न तेरा पीछा करेगा।
7 Et je ferai de la montagne de Séir un désert et une solitude, et j'en exterminerai tous les passants et les voyageurs,
यूँ मैं कोह — ए — श'ईर को वीरान और बेचराग़ करूँगा, और उसमें से गुज़रने वाले और वापस आने वाले को हलाक करूँगा।
8 et je remplirai ses montagnes de morts; sur tes collines, et dans tes vallées et dans tous tes vallons les hommes tomberont percés par l'épée;
और उसके पहाड़ों को उसके मक़्तूलों से भर दूँगा, तलवार के मक़्तूल तेरे टीलों और तेरी वादियों और तेरी तमाम नदियों में गिरेंगे।
9 je ferai de toi un désert éternel, et tes villes ne seront plus habitées, afin que vous sachiez que je suis l'Éternel.
मैं तुझे हमेशा तक वीरान रख्खूँगा और तेरी बस्तियाँ फिर आबाद न होंगी, और तुम जानोगे कि मैं ख़ुदावन्द हूँ।
10 Parce que tu as dit: « Ces deux peuples et ces deux pays seront à moi, et nous les occuperons: » tandis que l'Éternel y était; c'est pourquoi,
चूँकि तूने कहा, कि 'यह दो क़ौमें और यह दो मुल्क मेरे होंगे, और हम उनके मालिक होंगे, बावजूद यह कि ख़ुदावन्द वहाँ था।
11 par ma vie, dit le Seigneur, l'Éternel, j'agirai avec la colère et la fureur que tu leur as montrée par l'effet de ta haine, et je me manifesterai au milieu d'eux, quand je te jugerai.
इसलिए ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है, मुझे अपनी हयात की क़सम, मैं तेरे क़हर और हसद के मुताबिक़, जो तूने अपनी कीनावरी से उनके ख़िलाफ़ ज़ाहिर किया, तुझ से सुलूक करूँगा और जब मैं तुझ पर फ़तवा दूँगा तो उनके बीच मशहूर हूँगा।
12 Et tu sauras que je suis l'Éternel, et que j'ai entendu tous les outrages que tu as prononcés contre les montagnes d'Israël en disant: « Elles sont dévastées, nous sont livrées en proie. »
और तू जानेगा कि मैं ख़ुदावन्द ने तेरी तमाम हिक़ारत की बातें, जो तूने इस्राईल के पहाड़ों की मुख़ालिफ़त में कहीं, कि 'वह वीरान हुए, और हमारे क़ब्ज़े में कर दिए गए कि हम उनको निगल जाएँ,' सुनी हैं।
13 Vous avez ouvert contre moi une bouche insolente, et accumulé contre moi des discours altiers; j'ai entendu.
इसी तरह तुम ने मेरे ख़िलाफ़ अपनी ज़बान से लाफ़ज़नी की और मेरे सामने बकवास की है, जो मैं सुन चुका हूँ।
14 Ainsi parle le Seigneur, l'Éternel: A la joie de toute la terre, je ferai de toi un désert.
ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि जब तमाम दुनिया खु़शी करेगी, मैं तुझे वीरान करूँगा।
15 Comme l'héritage de la maison d'Israël a excité ta joie, parce qu'il était ravagé, je te traiterai de même; la montagne de Séir, et Édom tout entier, sera un désert, afin qu'ils sachent que je suis l'Éternel.
जिस तरह तूने बनी इस्राईल की मीरास पर, इसलिए कि वह वीरान थी, ख़ुशी की उसी तरह मैं भी तुझ से करूँगा, ऐ कोह — ए — श'ईर, तू और तमाम अदोम बिल्कुल वीरान होगे, और लोग जानेंगे कि मैं ख़ुदावन्द हूँ।

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