< Psaumes 32 >
1 Maskil (cantique) de David. Heureux celui dont la transgression est pardonnée, et dont le péché est couvert!
दावीद की मसकील गीत रचना धन्य हैं वे, जिनके अपराध क्षमा कर दिए गए, जिनके पापों को ढांप दिया गया है.
2 Heureux l'homme à qui l'Éternel n'impute pas l'iniquité, et dans l'esprit duquel il n'y a point de fraude!
धन्य है वह व्यक्ति, जिसके पापों का हिसाब याहवेह कभी न लेंगे. तथा जिसके हृदय में कोई कपट नहीं है.
3 Quand je me suis tu, mes os se sont consumés, et je gémissais tout le jour.
जब तक मैंने अपना पाप छिपाए रखा, दिन भर कराहते रहने के कारण, मेरी हड्डियां क्षीण होती चली गईं,
4 Car, jour et nuit, ta main s'appesantissait sur moi; ma vigueur se changeait en une sécheresse d'été. (Sélah, pause)
क्योंकि दिन-रात आपका हाथ मुझ पर भारी था; मेरा बल मानो ग्रीष्मकाल की ताप से सूख गया.
5 Je t'ai fait connaître mon péché, et je ne t'ai point caché mon iniquité. J'ai dit: Je confesserai mes transgressions à l'Éternel; et tu as ôté la peine de mon péché. (Sélah)
तब मैंने अपना पाप अंगीकार किया, मैंने अपना अपराध नहीं छिपाया. मैंने निश्चय किया, “मैं याहवेह के सामने अपने अपराध स्वीकार करूंगा.” जब मैंने आपके सामने अपना पाप स्वीकार किया तब आपने मेरे अपराध का दोष क्षमा किया.
6 C'est pourquoi tout fidèle t'invoquera au temps qu'on te trouve; et quand les grandes eaux déborderaient, seul il n'en sera pas atteint.
इसलिये आपके सभी श्रद्धालु, जब तक संभव है आपसे प्रार्थना करते रहें. तब, जब संकट का प्रबल जल प्रवाह आएगा, वह उनको स्पर्श न कर सकेगा.
7 Tu es ma retraite; tu me garantis de la détresse, tu m'environnes de chants de délivrance. (Sélah)
आप मेरे आश्रय-स्थल हैं; आप ही मुझे संकट से बचाएंगे और मुझे उद्धार के विजय घोष से घेर लेंगे.
8 Je te rendrai intelligent, m'a dit l'Éternel, je t'enseignerai le chemin où tu dois marcher; je te conduirai; mon œil sera sur toi.
याहवेह ने कहा, मैं तुम्हें सद्बुद्धि प्रदान करूंगा तथा उपयुक्त मार्ग के लिए तुम्हारी अगुवाई करूंगा; मैं तुम्हें सम्मति दूंगा और तुम्हारी रक्षा करता रहूंगा.
9 Ne soyez pas comme le cheval et comme le mulet sans intelligence, dont il faut serrer la bouche avec un mors et un frein, de peur qu'ils n'approchent de toi.
तुम्हारी मनोवृत्ति न तो घोड़े समान हो, न खच्चर समान, जिनमें समझ ही नहीं होती. उन्हें तो रास और लगाम द्वारा नियंत्रित करना पड़ता है, अन्यथा वे तुम्हारे निकट नहीं आते.
10 Beaucoup de douleurs atteindront le méchant; mais la grâce environnera celui qui se confie en l'Éternel.
दुष्ट अपने ऊपर अनेक संकट ले आते हैं, किंतु याहवेह का करुणा-प्रेम उनके सच्चे लोगों को घेरे हुए उसकी सुरक्षा करता रहता है.
11 Justes, réjouissez-vous en l'Éternel, et vous égayez! Chantez de joie, vous tous qui avez le cœur droit!
याहवेह में उल्लसित होओ और आनंद मनाओ, धर्मियो गाओ; तुम सभी, जो सीधे मनवाले हो, हर्षोल्लास में जय जयकार करो!