< Psaumes 142 >
1 Je crie, de ma voix, à l'Éternel; de ma voix, je supplie l'Éternel.
मैं अपनी ही आवाज़ बुलंद करके ख़ुदावन्द से फ़रियाद करता हूँ मै अपनी ही आवाज़ से ख़ुदावन्द से मिन्नत करता हूँ।
2 Je répands devant lui ma plainte; j'expose ma détresse en sa présence.
मैं उसके सामने फ़रियाद करता हूँ, मैं अपना दुख उसके सामने बयान करता हूँ।
3 Quand mon esprit est abattu en moi, toi, tu connais mon sentier. Ils m'ont caché un piège dans le chemin où je marchais.
जब मुझ में मेरी जान निढाल थी, तू मेरी राह से वाक़िफ़ था! जिस राह पर मैं चलता हूँ उसमे उन्होंने मेरे लिए फंदा लगाया है।
4 Regarde à ma droite, et vois! Personne ne me reconnaît; tout refuge me manque; personne n'a souci de mon âme.
दहनी तरफ़ निगाह कर और देख, मुझे कोई नहीं पहचानता। मेरे लिए कहीं पनाह न रही, किसी को मेरी जान की फ़िक्र नहीं।
5 Éternel! je crie à toi, et je dis: Tu es ma retraite, mon partage dans la terre des vivants.
ऐ ख़ुदावन्द, मैंने तुझ से फ़रियाद की; मैंने कहा, तू मेरी पनाह है, और ज़िन्दों की ज़मीन में मेरा बख़रा।
6 Sois attentif à mon cri, car je suis fort misérable; délivre-moi de ceux qui me poursuivent, car ils sont plus forts que moi!
मेरी फ़रियाद पर तवज्जुह कर, क्यूँकि मैं बहुत पस्त हो गया हूँ! मेरे सताने वालों से मुझे रिहाई बख़्श, क्यूँकि वह मुझ से ताक़तवर हैं।
7 Retire mon âme de sa prison, afin que je célèbre ton nom. Les justes viendront autour de moi, parce que tu m'auras fait du bien.
मेरी जान को कै़द से निकाल, ताकि तेरे नाम का शुक्र करूँ सादिक़ मेरे गिर्द जमा होंगे क्यूँकि तू मुझ पर एहसान करेगा।