< Isaïe 61 >
1 L'Esprit du Seigneur, de l'Éternel, est sur moi; car l'Éternel m'a oint, pour annoncer la bonne nouvelle aux affligés. Il m'a envoyé pour guérir ceux qui ont le cœur brisé, pour proclamer aux captifs la liberté, et aux prisonniers l'ouverture de la prison;
ख़ुदावन्द ख़ुदा की रूह मुझ पर है क्यूँकि उसने मुझे मसह किया ताकि हलीमों को ख़ुशख़बरी सुनाऊँ; उसने मुझे भेजा है कि शिकस्ता दिलों को तसल्ली दूँ, कैदियों के लिए रिहाई और ग़ुलामों के लिए आज़ादी का 'ऐलान करूँ,
2 Pour proclamer l'année de la bienveillance de l'Éternel et le jour de la vengeance de notre Dieu; pour consoler tous ceux qui sont dans le deuil;
ताकि ख़ुदावन्द के साल — ए — मक़बूल का और अपने ख़ुदा के इन्तक़ाम के दिन का इश्तिहार दूँ, और सब ग़मगीनों को दिलासा दूँ।
3 Pour présenter à ceux de Sion qui sont dans le deuil et pour leur donner le diadème au lieu de la cendre, l'huile de joie au lieu du deuil, le manteau de louange au lieu d'un esprit abattu; tellement qu'on les appellera les chênes de la justice, les arbres plantés par l'Éternel pour le glorifier.
सिय्यून के ग़मज़दों के लिए ये मुक़र्रर कर दूँ कि उनको राख के बदले सेहरा और मातम की जगह ख़ुशी का रौग़न, और उदासी के बदले इबादत का ख़िल'अत बख़्शूं, ताकि वह सदाक़त बलूतों के दरख़्त और ख़ुदावन्द के लगाए हुए कहलाएँ कि उसका जलाल ज़ाहिर हो।
4 Ils rebâtiront les ruines antiques; ils relèveront les décombres des temps anciens; ils renouvelleront les villes détruites, ruinées d'âge en âge.
तब वह पुराने उजाड़ मकानों को ता'मीर करेंगे और पुरानी वीरानियों को फिर बिना करेंगे, और उन उजड़े शहरों की मरम्मत करेंगे जो नसल — दर — नसल उजाड़ पड़े थे।
5 Les étrangers se tiendront là pour paître vos troupeaux; les enfants de l'étranger seront vos laboureurs et vos vignerons.
परदेसी आ खड़े होंगे और तुम्हारे गल्लों को चराएँगे, और बेगानों के बेटे तुम्हारे हल चलानेवाले और ताकिस्तानों में काम करनेवाले होंगे।
6 Et vous, vous serez appelés les sacrificateurs de l'Éternel; on vous nommera les ministres de notre Dieu; vous mangerez les richesses des nations; à leur place vous serez couverts de leur gloire.
लेकिन तुम ख़ुदावन्द के काहिन कहलाओगे, वह तुम को हमारे खुदा के ख़ादिम कहेंगे; तुम क़ौमों का माल खाओगे और तुम उनकी शौकत पर फ़ख़्र करोगे।
7 Au lieu de votre honte, vous aurez une double part; et au lieu d'ignominie, ils célébreront leur partage; ainsi dans leur pays ils posséderont le double, et ils auront une joie éternelle.
तुम्हारी शर्मिन्दगी का बदले दो चन्द मिलेगा, वह अपनी रुस्वाई के बदले अपने हिस्से से ख़ुश होंगे; तब वह अपने मुल्क में दो चन्द के मालिक होंगे और उनको हमेशा की ख़ुशी होगी।
8 Car je suis l'Éternel, qui aime la justice, qui hais la rapine et l'iniquité; je leur donnerai leur rétribution avec fidélité, et je traiterai avec eux une alliance éternelle.
क्यूँकि मैं ख़ुदावन्द इन्साफ़ को 'अज़ीज़ रखता हूँ और ग़ारतगरी और ज़ुल्म से नफ़रत करता हूँ; सो मैं सच्चाई से उनके कामों का अज्र दूँगा और उनके साथ हमेशा का 'अहद बाँधुंगा।
9 Leur race sera connue parmi les nations, et leurs rejetons parmi les peuples; tous ceux qui les verront, les reconnaîtront pour la race que l'Éternel a bénie.
उनकी नस्ल क़ौमों के बीच नामवर होगी, और उनकी औलाद लोगों के बीच; वह सब जो उनको देखेंगे, इक़रार करेंगे कि ये वह नस्ल है जिसे ख़ुदावन्द ने बरकत बख़्शी है।
10 Je me réjouirai en l'Éternel, et mon âme s'égaiera en mon Dieu; car il m'a revêtu des vêtements du salut, et m'a couvert du manteau de la justice, comme un époux se pare d'un diadème et comme une épouse s'orne de ses joyaux.
मैं ख़ुदावन्द से बहुत खुश हूँगा, मेरी जान मेरे ख़ुदा में मसरूर होगी, क्यूँकि उसने मुझे नजात के कपड़े पहनाए, उसने रास्तबाज़ी के ख़िल'अत से मुझे मुलब्बस किया जैसे दूल्हा सेहरे से अपने आपको आरास्ता करता है और दुल्हन अपने ज़ेवरों से अपना सिंगार करती है।
11 Car, comme la terre fait pousser ses germes et comme un jardin fait germer ce qu'on y sème, ainsi le Seigneur, l' Éternel, fera germer la justice et la louange, en présence de toutes les nations.
क्यूँकि जिस तरह ज़मीन अपने नबातात को पैदा करती है, और जिस तरह बाग़ उन चीज़ों को जो उसमें बोई गई हैं उगाता है; उसी तरह ख़ुदावन्द ख़ुदा सदाक़त और इबादत को तमाम क़ौमों के सामने ज़हूर में लाएगा।