< Jude 1 >

1 Jude, serviteur de Jésus-Christ et frère de Jacques, à ceux qui ont été appelés, qui sont aimés de Dieu le Père, et gardés par Jésus-Christ:
मसीह येशु के दास और याकोब के भाई यहूदाह की ओर से, तुम सबको, जो परमेश्वर पिता के द्वारा बुलाए गए हैं और प्रेम पात्र हो और मसीह येशु के लिए सुरक्षित रखे गए हो:
2 que la miséricorde, la paix et la charité vous soient données de plus en plus.
कृपा, शांति और प्रेम बहुतायत में प्राप्‍त हो!
3 Mes bien-aimés, j'avais fort à coeur de vous écrire relativement à notre salut commun, et je me vois maintenant dans l'obligation de le faire, afin de vous inviter à combattre pour la foi, qui a été, une fois pour toutes, enseignée aux saints.
प्रियों, हालांकि मैं बहुत ही उत्सुक था कि तुमसे हम सभी को मिले समान उद्धार का वर्णन करूं किंतु अब मुझे यह ज़रूरी लग रहा है कि मैं तुम्हें उस विश्वास की रक्षा के प्रयास के लिए प्रेरित करूं, जो पवित्र लोगों को सदा के लिए एक ही बार में सौंप दिया गया है.
4 Il s'est glissé, en effet, parmi vous, certaines gens, dont la condamnation est écrite depuis longtemps, gens impies, qui se sont fait de la grâce de notre Dieu un motif de désordres, et qui renient notre seul Maître et Seigneur Jésus-Christ.
तुम्हारे बीच कुछ ऐसे व्यक्ति चुपचाप घुस आए हैं, जिनके लिए यह दंड बहुत पहले ही तय कर दिया गया था. ये वे भक्तिहीन हैं, जो हमारे एकमात्र स्वामी व प्रभु येशु मसीह को अस्वीकार करते हुए परमेश्वर के अनुग्रह को बिगाड़कर कामुकता में बदल देते हैं.
5 Je désire vous rappeler, bien que vous sachiez toutes choses sans qu'il soit besoin d'y revenir, que le Seigneur, après avoir sauvé le peuple de la terre d'Egypte, fit périr ensuite ceux qui furent incrédules,
हालांकि तुम इस सच्चाई से पहले से ही परिचित हो, तो भी मैं तुम्हें यह याद दिलाना चाहता हूं कि प्रभु ने अपनी प्रजा को मिस्र देश से छुड़ाने के बाद अंततः उन्हीं में से उन लोगों का विनाश कर दिया, जो विश्वास से दूर हो गए थे.
6 et qu'il a gardé pour le jugement du grand jour, éternellement enchaînés dans les ténèbres, les anges qui n'ont pas conservé leur rang, et qui ont déserté leur propre séjour. (aïdios g126)
जिस प्रकार परमेश्वर ने उन स्वर्गदूतों को भीषण न्याय के दिन तक के लिए सदाकाल के लिए जंजीरों से बंधे, अंधकार में रख छोड़ा है, जिन्होंने अपने आचार नियमों का उल्लंघन करके अपने राजपद तथा घर को त्याग दिया, (aïdios g126)
7 De même, Sodome et Gomorrhe, ainsi que les villes voisines, qui s'étaient livrées, comme ces anges, au libertinage, et avaient recherché des unions contre nature, offrent une image du feu éternel dans la peine qu'elles subissent. (aiōnios g166)
उसी प्रकार सोदोम और गोमोरा और आस-पास के नगरों को, जो इनके समान व्यभिचारी हो गये और अप्राकृतिक वासना का अनुसरण करने लगे और अग्नि के दंड के भोगी होकर अन्यों के लिये उदाहरण ठहरें. (aiōnios g166)
8 Malgré ces exemples, ces hommes aussi, dans leur délire, souillent pareillement leur chair, méprisent l'autorité et injurient les Gloires.
फिर भी ये स्वप्नदर्शी, शरीर को उसी प्रकार अशुद्ध करते हैं, प्रभुत्व को अस्वीकार करते हैं और स्वर्गीय प्राणियों की निंदा करते हैं.
9 L'archange Michel, au contraire, quand il contestait avec. le diable et lui disputait le corps de Moïse, n'osa pas lancer contre lui une parole injurieuse, il lui dit seulement: «Que le Seigneur te punisse!»
प्रधान स्वर्गदूत मीख़ाएल तक ने, जब वह मोशेह के शव के विषय में शैतान से वाद-विवाद कर रहा था, उसे लांछित कर अपमानित नहीं किया, परंतु सिर्फ इतना ही कहा, “प्रभु ही तुझे फटकारें.”
10 Pour eux, ils prodiguent l'injure à tout ce qu'ils ignorent, et, quant aux choses dont la nature leur donne la connaissance ainsi qu'aux animaux privés de raison, ils se corrompent en s'y plongeant.
जिनका इन्हें कोई ज्ञान नहीं, ये उन्हीं की बुराई करते और जिन विषयों को मूल रूप से विवेकहीन पशुओं की तरह समझते हैं, उन्हीं के द्वारा नाश हो जाते हैं.
11 Malheur à eux! car ils ont pris le chemin de Caïn; ils se sont jetés, pour de l'argent, dans l'égarement de Balaam, et ils se sont perdus par la révolte de Coré.
धिक्कार है इन पर! जिन्होंने काइन का मार्ग अपना लिया; धन के लालच के कारण उन्होंने वही गलती की, जो बिलआम ने की थी और उसी प्रकार नाश हुए जिस प्रकार विद्रोही कोराह.
12 Ils sont un écueil dans vos agapes, où ils font bonne chère sans retenue et ne pensent qu'à se gorger; nuées sans eau, que les vents emportent; arbres de fin d'automne, sans fruits, deux fois morts, déracinés;
ये लोग समुद्र में छिपी हुई विनाशकारी चट्टानें हैं, जो तुम्हारे प्रेम-भोजों में प्रेम जताते हुए सिर्फ अपनी संतुष्टि के लिए बेशर्म हो भाग लेते हैं. ये निर्जल बादल हैं जिन्हें हवा उड़ा ले जाती है. यह शरद ऋतु के फलहीन और जड़ से गिरे हुए पेड़ हैं, जिनकी दोहरी मृत्यु हुई है.
13 vagues furieuses de la mer, jetant l'écume de leurs propres impuretés; astres errants, auxquels l'obscurité des ténèbres est réservée pour l'éternité. (aiōn g165)
ये समुद्र की प्रचंड लहरों के समान हैं, जो अपनी लज्जा फेन के रूप में उछालते हैं. ये मार्ग से भटके हुए तारागण हैं, जिनके लिए अनंत काल का घोर अंधकार तय किया गया है. (aiōn g165)
14 C'est à eux aussi que s'adresse la prophétie d'Hénoch, le septième patriarche depuis Adam, quand il dit: «Voici que le Seigneur vient avec ses saintes myriades,
हनोख ने भी, जो आदम की सातवीं पीढ़ी में थे, इनके विषय में भविष्यवाणी की थी: “देखो, प्रभु अपने हज़ारों पवित्र लोगों के साथ आए
15 pour juger tous les hommes et convaincre tous les impies d'entre eux, de toutes les oeuvres d'impiété qu'ils ont commises et de toutes les paroles offensantes, qu'eux, pécheurs impies, ont prononcées contre lui.»
कि सबका न्याय करें और दुष्टों को उनके सभी बुरे कामों के लिए, जो उन्होंने बुराई से किए हैं और दुष्ट पापियों को, जिन्होंने परमेश्वर के विरोध में कड़वे वचन इस्तेमाल किए हैं, दोषी ठहराएं.”
16 Ce sont des gens qui ne font que murmurer, que se plaindre de leur sort, qui vivent au gré de leurs passions tout en ayant à la bouche de pompeuses paroles, et qui se font les admirateurs d’autrui par intérêt.
ये वे हैं, जो कुड़कुड़ाते रहते हैं, सदा दोष खोजते रहते हैं तथा वासनाओं द्वारा नियंत्रित, घमंडी और अपने लाभ के लिए चापलूसी करनेवाले हैं.
17 Pour vous, bien-aimés, souvenez-vous des paroles prophétiques des apôtres de notre Seigneur Jésus-Christ:
इसलिये प्रियो, यह आवश्यक है कि तुम हमारे प्रभु येशु मसीह के प्रेरितों की पहले से की गई घोषणाओं को याद रखो.
18 ils vous disaient qu'il y aurait au tout dernier temps des moqueurs vivant au gré de leurs passions, par suite de leurs principes impies.
वे तुमसे कहते थे, “अंतिम दिनों में ऐसे लोग होंगे, जिनका स्वभाव उनकी अभक्ति की अभिलाषाओं के अनुसार होगा.”
19 Vous reconnaissez là ceux qui poussent à la séparation, gent animale qui n'a point d'âme.
ये लोग फूट डालनेवाले, सांसारिक और आत्मा से रहित हैं.
20 Mais vous, mes bien-aimés, élevant l'édifice de votre piété sur votre foi très-sainte, et priant d'un coeur saint,
किंतु प्रियो, तुम स्वयं को अपने अति पवित्र विश्वास में बढ़ाते जाओ. पवित्र आत्मा में प्रार्थना करते हुए
21 conservez-vous personnellement dans l'amour de Dieu, attendant la miséricorde de notre Seigneur Jésus-Christ, pour avoir la vie éternelle. (aiōnios g166)
अनंत काल के जीवन के लिए हमारे प्रभु येशु मसीह की दया की बड़ी आशा से प्रतीक्षा करते हुए स्वयं को परमेश्वर के प्रेम में स्थिर बनाए रखो. (aiōnios g166)
22 Puis, confondez les uns, s'ils se séparent;
जो विश्वास में अस्थिर हैं, उनके लिए दया दिखाओ,
23 sauvez les autres en les arrachant du feu; et, quant à ceux que vous ne pourrez sauver, ayez pitié d'eux, avec crainte, en haïssant jusqu’à la tunique souillée par la chair.
बाकियों को आग में से झपटकर निकाल लो, दया करते हुए सावधान रहो, यहां तक कि शरीर के द्वारा कलंकित वस्त्रों से भी घृणा करो.
24 Or, à celui qui peut vous préserver de tout faux pas et vous faire paraître devant sa gloire, irrépréhensibles et pleins d'allégresse,
अब वह जो ठोकर खाने से तुम्हारी रक्षा करने और अपनी महिमामय उपस्थिति में आनंदपूर्वक तुम्हें निर्दोष प्रस्तुत करने में समर्थ हैं,
25 au seul Dieu notre Sauveur, par Jésus-Christ notre Seigneur, soient gloire, majesté, force et puissance de toute éternité, maintenant et dans tous les siècles. Amen! (aiōn g165)
उन अतुल्य परमेश्वर हमारे उद्धारकर्ता की महिमा, वैभव, पराक्रम और राज्य, मसीह येशु हमारे प्रभु के द्वारा जैसी सनातन काल से थी, अब है, युगानुयुग बनी रहे, आमेन. (aiōn g165)

< Jude 1 >