< Psaumes 117 >

1 Toutes nations, louez l'Eternel; tous peuples, célébrez-le.
समस्त राष्ट्रो, याहवेह का स्तवन करो; सभी उनका गुणगान करें.
2 Car sa miséricorde est grande envers nous, et la vérité de l'Eternel demeure à toujours. Louez l'Eternel.
इसलिये कि हमारे प्रति उनका करुणा-प्रेम अप्रतिम है, तथा उनकी सच्चाई सर्वदा है. याहवेह का स्तवन हो.

< Psaumes 117 >