< Osée 8 >
1 [Crie comme si tu avais] une trompette en ta bouche. [Il vient] comme un aigle contre la Maison de l'Eternel; parce qu'ils ont transgressé mon alliance, et qu'ils ont agi méchamment contre ma Loi.
१अपने मुँह में नरसिंगा लगा। वह उकाब के समान यहोवा के घर पर झपटेगा, क्योंकि मेरे घर के लोगों ने मेरी वाचा तोड़ी, और मेरी व्यवस्था का उल्लंघन किया है।
2 Ils crieront à moi: Mon Dieu! nous t'avons connu, [dira] Israël.
२वे मुझसे पुकारकर कहेंगे, “हे हमारे परमेश्वर, हम इस्राएली लोग तुझे जानते हैं।”
3 Israël a rejeté le bien; l'ennemi le poursuivra.
३परन्तु इस्राएल ने भलाई को मन से उतार दिया है; शत्रु उसके पीछे पड़ेगा।
4 Ils ont fait régner, mais non pas de ma part; ils ont établi des Gouverneurs, et je n'en ai rien su; ils se sont fait des dieux de leur or et de leur argent; c'est pourquoi ils seront retranchés.
४वे राजाओं को ठहराते रहे, परन्तु मेरी इच्छा से नहीं। वे हाकिमों को भी ठहराते रहे, परन्तु मेरे अनजाने में। उन्होंने अपना सोना-चाँदी लेकर मूरतें बना लीं जिससे वे ही नाश हो जाएँ।
5 Samarie, ton veau t'a chassée loin; ma colère s'est embrasée contre eux; jusqu'à quand ne pourront-ils point [s'adonner] à l'innocence?
५हे सामरिया, उसने तेरे बछड़े को मन से उतार दिया है, मेरा क्रोध उन पर भड़का है। वे निर्दोष होने में कब तक विलम्ब करेंगे?
6 Car il est aussi d'Israël, l'orfèvre l'a fait, et il n'est point Dieu; c'est pourquoi le veau de Samarie sera mis en pièces.
६यह इस्राएल से हुआ है। एक कारीगर ने उसे बनाया; वह परमेश्वर नहीं है। इस कारण सामरिया का वह बछड़ा टुकड़े-टुकड़े हो जाएगा।
7 Parce qu'ils sèment le vent ils recueilleront le tourbillon; et il n'[y aura] point de blé debout; le grain ne fera point de farine, et s'il en fait, les étrangers la dévoreront.
७वे वायु बोते हैं, और वे बवण्डर लवेंगे। उनके लिये कुछ खेत रहेगा नहीं न उनकी उपज से कुछ आटा होगा; और यदि हो भी तो परदेशी उसको खा डालेंगे।
8 Israël est dévoré; il est maintenant entre les nations comme un vaisseau dont on ne se soucie point.
८इस्राएल निगला गया; अब वे अन्यजातियों में ऐसे निकम्मे ठहरे जैसे तुच्छ बर्तन ठहरता है।
9 Car ils sont montés vers le Roi d'Assyrie qui est un âne sauvage, se tenant seul à part; Ephraïm a donné des gages à ceux qu'il aimait.
९क्योंकि वे अश्शूर को ऐसे चले गए, जैसा जंगली गदहा झुण्ड से बिछड़ के रहता है; एप्रैम ने यारों को मजदूरी पर रखा है।
10 Et parce qu'ils ont donné des gages aux nations, je les assemblerai maintenant; on y a même commencé quelque peu, à cause de l'impôt [pour] le Roi des Princes.
१०यद्यपि वे अन्यजातियों में से मजदूर बनाकर रखें, तो भी मैं उनको इकट्ठा करूँगा। और वे हाकिमों और राजा के बोझ के कारण घटने लगेंगे।
11 Parce qu'Ephraïm a fait plusieurs autels pour pécher, ils auront des autels pour pécher.
११एप्रैम ने पाप करने को बहुत सी वेदियाँ बनाई हैं, वे ही वेदियाँ उसके पापी ठहरने का कारण भी ठहरीं।
12 Je lui ai écrit les grandes choses de ma Loi, [mais] elles sont estimées comme des lois étrangères.
१२मैं तो उनके लिये अपनी व्यवस्था की लाखों बातें लिखकर दिए, परन्तु वे उन्हें पराया समझते हैं।
13 Quant aux sacrifices qui me sont offerts, ils sacrifient de la chair, et la mangent; [mais] l'Eternel ne les accepte point, et maintenant il se souviendra de leur iniquité, et punira leurs péchés; ils retourneront en Egypte.
१३वे मेरे लिये बलिदान तो करते हैं, और पशुबलि भी करते हैं, परन्तु उसका फल माँस ही है; वे आप ही उसे खाते हैं; परन्तु यहोवा उनसे प्रसन्न नहीं होता। अब वह उनके अधर्म की सुधि लेकर उनके पाप का दण्ड देगा; वे मिस्र में लौट जाएँगे।
14 Israël a mis en oubli celui qui l'a fait, et il a bâti des palais; et Juda a fait plusieurs villes fortes; c'est pourquoi j'enverrai le feu dans les villes de celui ci, quand il aura dévoré les palais de celui-là.
१४क्योंकि इस्राएल ने अपने कर्ता को भुला कर महल बनाए, और यहूदा ने बहुत से गढ़वाले नगरों को बसाया है; परन्तु मैं उनके नगरों में आग लगाऊँगा, और उससे उनके गढ़ भस्म हो जाएँगे।