< Amos 5 >

1 Ecoutez cette parole, qui est la complainte que je prononce à haute voix touchant vous, maison d'Israël!
हे इस्राएल के वंशज, तुमसे संबंधित मेरे इस विलापगीत को सुनो:
2 Elle est tombée, elle ne se relèvera plus, la vierge d'Israël; elle est abandonnée sur la terre, il n'y a personne qui la relève.
“कुमारी कन्या इस्राएल का ऐसा गिरना हुआ है, कि अब उसका पुनः उठ खड़ा होना असंभव है, वह अपने ही देश में उपेक्षित हो गई, और उसको उठानेवाला कोई नहीं है.”
3 Car ainsi a dit le Seigneur l'Eternel, à la maison d'Israël: La ville de laquelle il en sortait mille, n'en aura de reste que cent; et celle de laquelle il en sortait cent, n'en aura de reste que dix.
प्रभु याहवेह का इस्राएल को यह कहना है: “तुम्हारा शहर, जो एक हजार योद्धाओं को लेकर आगे बढ़ता है उसमें से सिर्फ एक सौ ही बचेंगे; तुम्हारा नगर, जो सौ योद्धाओं को लेकर आगे बढ़ता है उसमें से सिर्फ दस ही बचेंगे.”
4 Car ainsi a dit l'Eternel à la maison d'Israël: Cherchez-moi, et vous vivrez.
इस्राएल वंश के लिए याहवेह का यह कहना है: “मेरी खोज करो और जीवित रहो;
5 Et ne cherchez point Béthel, et n'entrez point dans Guilgal, et ne passez point à Béer-Sébah; car Guilgal sera entièrement transportée en captivité, et Béthel sera détruite.
बेथेल की खोज न करना, गिलगाल में प्रवेश न करना. बेअरशेबा की यात्रा पर न जाना. क्योंकि यह निश्चित है कि गिलगाल निवासी बंधुआई में जायेंगे, तथा बेथेल की विपत्तियों का अंत न होगा.”
6 Cherchez l'Eternel, et vous vivrez, de peur qu'il ne saisisse la maison de Joseph, comme un feu qui la consumera, sans qu'il y ait personne qui l'éteigne à Béthel.
याहवेह की खोज करो और जीवित रहो, नहीं तो वह योसेफ़ के गोत्रों पर आग के समान भड़केगा; यह उन्हें भस्म कर देगा, और इसे बुझानेवाला बेथेल में कोई न होगा.
7 Parce qu'ils changent le jugement en absinthe, et qu'ils renversent la justice.
ऐसे लोग हैं जो न्याय को बिगाड़ते हैं और धर्मीपन को मिट्टी में मिला देते हैं.
8 [Cherchez] celui qui a fait la Poussinière et l'Orion, qui change les plus noires ténèbres en aube du jour, et qui fait devenir le jour obscur comme la nuit; qui appelle les eaux de la mer, et les répand sur le dessus de la terre, le nom duquel est l'Eternel.
जिसने कृतिका तथा मृगशीर्ष नक्षत्रों की सृष्टि की, जो मध्य रात्रि को भोर में बदल देते हैं तथा दिन को रात्रि में, जो महासागर के जल का बुलाते हैं और फिर उसे पृथ्वी के ऊपर उंडेल देते हैं— याहवेह है उनका नाम.
9 Qui renforce le fourrageur par-dessus l'homme fort, tellement que le fourrageur entrera dans la forteresse.
पलक झपकते ही वे किले को नाश कर देते हैं और गढ़वाले शहर का विनाश कर देते हैं.
10 Ils haïssent à la porte ceux qui les reprennent, et ils ont en abomination celui qui parle en intégrité.
ऐसे लोग हैं जो अदालत में न्याय का पक्ष लेनेवाले से घृणा करते हैं और सत्य बोलनेवाले को तुच्छ समझते हैं.
11 C'est pourquoi à cause que vous opprimez le pauvre, et lui enlevez la charge de froment, vous avez bâti des maisons de pierre de taille; mais vous n'y habiterez point; vous avez planté des vignes bonnes à souhait; mais vous n'en boirez point le vin.
तुम निर्धनों के भूंसा पर भी कर लेते हो और उनके अन्‍न पर कर लगाते हो. इसलिये, यद्यपि तुमने पत्थर की हवेलियां बनाई है, पर तुम उनमें निवास न कर सकोगे; यद्यपि तुमने रसदार अंगूर की बारियां लगाई हैं, पर तुम उनका दाखरस पी न सकोगे.
12 Car j'ai connu vos crimes, ils sont en grand nombre, et vos péchés se sont multipliés: vous êtes des oppresseurs du juste, et des preneurs de rançon, et vous pervertissez à la porte le droit des pauvres.
क्योंकि मैं जानता हूं कि तुम्हारे अपराध कितने ज्यादा हैं और तुमने कितने गंभीर पाप किए हैं. ऐसे लोग हैं जो निर्दोष पर अत्याचार करते और घूस लेते हैं तथा निर्धन को न्यायालय में न्याय पाने से वंचित कर देते हैं.
13 C'est pourquoi l'homme prudent se tiendra dans le silence en ce temps-là; car le temps est mauvais.
तब समझदार ऐसे समय में चुपचाप रहते हैं, क्योंकि यह समय बुरा है.
14 Cherchez le bien, et non pas le mal, afin que vous viviez; et ainsi l'Eternel, le Dieu des armées, sera avec vous, comme vous l'avez dit.
बुराई नहीं, पर भलाई करो, कि तुम जीवित रहो. तब याहवेह सर्वशक्तिमान परमेश्वर तुम्हारे साथ रहेंगे, जैसा कि तुम्हारा दावा है कि वह तुम्हारे साथ हैं.
15 Haïssez le mal, et aimez le bien, et établissez le jugement à la porte; l'Eternel le Dieu des armées, aura peut-être pitié du reste de Joseph.
बुराई से घृणा और भलाई से प्रीति रखो; अदालत में न्याय को बनाए रखो. शायद याहवेह सर्वशक्तिमान परमेश्वर योसेफ़ के बचे हुओं पर कृपा करें.
16 C'est pourquoi l'Eternel le Dieu des armées, le Seigneur dit ainsi; Il y aura lamentation par toutes les places, et on criera par toutes les rues Hélas! Hélas! Et on appellera au deuil le laboureur, et à la lamentation ceux qui en savent le métier.
इसलिये प्रभु, याहवेह सर्वशक्तिमान परमेश्वर का यह कहना है: “सब गलियों में विलाप होगा और सब चौराहों पर पीड़ा से रोने की आवाज सुनाई देगी. किसानों को रोने के लिये और विलाप करनेवालों को विलाप करने के लिये बुलाया जाएगा.
17 Et il y aura lamentation par toutes les vignes; car je passerai tout au travers de toi, a dit l'Eternel.
अंगूर की सब बारियों में विलाप होगा, क्योंकि उस समय स्वयं मैं तुम्हारे बीच से होकर निकलूंगा,” याहवेह का यह कहना है.
18 Malheur à vous qui désirez le jour de l'Eternel; De quoi vous [servira] le jour de l'Eternel? Ce sont des ténèbres, et non pas une lumière.
धिक्कार है तुम पर, जो तुम याहवेह के दिन की अभिलाषा करते हो! तुम याहवेह के दिन की अभिलाषा क्यों करते हो? यह दिन प्रकाश नहीं, अंधकार लेकर आएगा.
19 C'est comme si un homme s'enfuyait de devant un lion, et qu'un ours le rencontrât, ou qu'il entrât en la maison, et appuyât sa main sur la paroi, et qu'un serpent le mordît.
यह वैसा ही होगा जैसे कोई व्यक्ति सिंह से प्राण बचाकर भाग रहा हो और भागते हुए उसका सामना भालू से हो जाए, अथवा वह घर के अंदर पहुंचे, और आराम के लिए दीवार पर हाथ रखे और वहीं उसे एक सर्प डस ले.
20 Le jour de l'Eternel ne sont-ce pas des ténèbres, et non une lumière? Et l'obscurité n'est-elle point en lui, et non la clarté?
क्या यह सत्य नहीं कि याहवेह का दिन प्रकाश का नहीं, अंधकार का दिन होगा— घोर अंधकार, प्रकाश की एक किरण भी नहीं?
21 Je hais et rejette vos fêtes solennelles, et je ne flairerai point [l'odeur de vos parfums] dans vos assemblées solennelles.
“मैं तुम्हारे उत्सवों से घृणा करता हूं, उन्हें तुच्छ समझता हूं; तुम्हारी सभाएं मेरे लिए एक दुर्गंध के समान हैं.
22 Que si vous m'offrez des holocaustes et des gâteaux, je ne les accepterai point; et je ne regarderai point les oblations de prospérités que vous ferez de vos bêtes grasses.
भले ही तुम मुझे होमबलि और अन्‍नबलि चढ़ाओ, पर मैं उन्हें स्वीकार नहीं करूंगा. भले ही तुम मुझे अपना मनपसंद मेल बलि चढ़ाओ, पर मेरे लिये उनका कोई मतलब नहीं होगा.
23 Ote de devant moi le bruit de tes chansons, car je n'écouterai point la mélodie de tes musettes.
दूर रखो मुझसे अपने गीतों का शोरगुल! मैं तुम्हारे वीणा के संगीत को नहीं सुनूंगा.
24 Mais le jugement roulera comme de l'eau, et la justice comme un torrent impétueux.
पर न्याय को नदी के समान, तथा धर्मीपन को कभी न सूखनेवाले सोते के समान बहने दो!
25 Est-ce à moi, maison d'Israël, que vous avez offert des sacrifices et des gâteaux dans le désert pendant quarante ans?
“हे इस्राएल के वंशजों, निर्जन प्रदेश में चालीस साल तक क्या तुमने मुझे बलिदान और भेंट चढ़ाया?
26 Au contraire vous avez porté le tabernacle de votre Moloc, [et] Kijun vos images, et l'étoile de vos dieux, que vous vous êtes faits.
तुमने अपने साथ राजा की समाधि, अपने मूर्तियों की पीठिका, अपने देवता का तारा लिये फिरते हो— जिन्हें तुमने अपने लिये बनाया है.
27 C'est pourquoi je vous transporterai au-delà de Damas, a dit l'Eternel, duquel le nom est le Dieu des armées.
इसलिये मैं तुम्हें दमेशेक से भी बाहर बंधुआई में भेजूंगा,” याहवेह का यह कहना है, जिनका नाम सर्वशक्तिमान परमेश्वर है.

< Amos 5 >