< Michée 1 >
1 La parole de l’Éternel fut adressée à Michée, de Moréscheth, au temps de Jotham, d’Achaz, d’Ézéchias, rois de Juda, prophétie sur Samarie et Jérusalem.
१यहोवा का वचन, जो यहूदा के राजा योताम, आहाज और हिजकिय्याह के दिनों में मोरेशेतवासी मीका को पहुँचा, जिसको उसने सामरिया और यरूशलेम के विषय में पाया।
2 Écoutez, vous tous, peuples! Sois attentive, terre, et ce qui est en toi! Que le Seigneur, l’Éternel, soit témoin contre vous, Le Seigneur qui est dans le palais de sa sainteté!
२हे जाति-जाति के सब लोगों, सुनो! हे पृथ्वी तू उस सब समेत जो तुझ में है, ध्यान दे! और प्रभु यहोवा तुम्हारे विरुद्ध, वरन् परमेश्वर अपने पवित्र मन्दिर में से तुम पर साक्षी दे।
3 Car voici, l’Éternel sort de sa demeure, Il descend, il marche sur les hauteurs de la terre.
३क्योंकि देख, यहोवा अपने पवित्रस्थान से बाहर निकल रहा है, और वह उतरकर पृथ्वी के ऊँचे स्थानों पर चलेगा।
4 Sous lui les montagnes se fondent, Les vallées s’entr’ouvrent, Comme la cire devant le feu, Comme l’eau qui coule sur une pente.
४पहाड़ उसके नीचे गल जाएँगे, और तराई ऐसे फटेंगी, जैसे मोम आग की आँच से, और पानी जो घाट से नीचे बहता है।
5 Et tout cela à cause du crime de Jacob, A cause des péchés de la maison d’Israël! Quel est le crime de Jacob? N’est-ce pas Samarie? Quels sont les hauts lieux de Juda? N’est-ce pas Jérusalem?…
५यह सब याकूब के अपराध, और इस्राएल के घराने के पाप के कारण से होता है। याकूब का अपराध क्या है? क्या सामरिया नहीं? और यहूदा के ऊँचे स्थान क्या हैं? क्या यरूशलेम नहीं?
6 Je ferai de Samarie un monceau de pierres dans les champs, Un lieu pour planter de la vigne; Je précipiterai ses pierres dans la vallée, Je mettrai à nu ses fondements.
६इस कारण मैं सामरिया को मैदान के खेत का ढेर कर दूँगा, और दाख का बगीचा बनाऊँगा; और मैं उसके पत्थरों को खड्ड में लुढ़का दूँगा, और उसकी नींव उखाड़ दूँगा।
7 Toutes ses images taillées seront brisées, Tous ses salaires impurs seront brûlés au feu, Et je ravagerai toutes ses idoles: Recueillies avec le salaire de la prostitution, Elles deviendront un salaire de prostitution…
७उसकी सब खुदी हुई मूरतें टुकड़े-टुकड़े की जाएँगी; और जो कुछ उसने छिनाला करके कमाया है वह आग से भस्म किया जाएगा, और उसकी सब प्रतिमाओं को मैं चकनाचूर करूँगा; क्योंकि छिनाले ही की कमाई से उसने उसको इकट्ठा किया है, और वह फिर छिनाले की सी कमाई हो जाएगी।
8 C’est pourquoi je pleurerai, je me lamenterai, Je marcherai déchaussé et nu, Je pousserai des cris comme le chacal, Et des gémissements comme l’autruche.
८इस कारण मैं छाती पीटकर हाय-हाय, करूँगा; मैं लुटा हुआ सा और नंगा चला फिरा करूँगा; मैं गीदड़ों के समान चिल्लाऊँगा, और शुतुर्मुर्गों के समान रोऊँगा।
9 Car sa plaie est douloureuse; Elle s’étend jusqu’à Juda, Elle pénètre jusqu’à la porte de mon peuple, Jusqu’à Jérusalem.
९क्योंकि उसका घाव असाध्य है; और विपत्ति यहूदा पर भी आ पड़ी, वरन् वह मेरे जातिभाइयों पर पड़कर यरूशलेम के फाटक तक पहुँच गई है।
10 Ne l’annoncez point dans Gath, Ne pleurez point dans Acco! Je me roule dans la poussière à Beth-Leaphra.
१०गत नगर में इसकी चर्चा मत करो, और मत रोओ; बेतआप्रा में धूलि में लोटपोट करो।
11 Passe, habitante de Schaphir, dans la nudité et la honte! L’habitante de Tsaanan n’ose sortir, Le deuil de Beth-Haëtsel vous prive de son abri.
११हे शापीर की रहनेवाली नंगी होकर निर्लज्ज चली जा; सानान की रहनेवाली नहीं निकल सकती; बेतसेल के रोने पीटने के कारण उसका शरणस्थान तुम से ले लिया जाएगा।
12 L’habitante de Maroth tremble pour son salut, Car le malheur est descendu de la part de l’Éternel Jusqu’à la porte de Jérusalem.
१२क्योंकि मारोत की रहनेवाली तो कुशल की बाट जोहते-जोहते तड़प गई है, क्योंकि यहोवा की ओर से यरूशलेम के फाटक तक विपत्ति आ पहुँची है।
13 Attelle les coursiers à ton char, Habitante de Lakisch! Tu as été pour la fille de Sion une première cause de péché, Car en toi se sont trouvés les crimes d’Israël.
१३हे लाकीश की रहनेवाली अपने रथों में वेग चलनेवाले घोड़े जोत; तुझी से सिय्योन की प्रजा के पाप का आरम्भ हुआ, क्योंकि इस्राएल के अपराध तुझी में पाए गए।
14 C’est pourquoi tu renonceras à Moréschet-Gath; Les maisons d’Aczib seront une source trompeuse Pour les rois d’Israël.
१४इस कारण तू गत के मोरेशेत को दान देकर दूर कर देगा; अकजीब के घर से इस्राएल के राजा धोखा ही खाएँगे।
15 Je t’amènerai un nouveau maître, habitante de Maréscha; La gloire d’Israël s’en ira jusqu’à Adullam.
१५हे मारेशा की रहनेवाली मैं फिर तुझ पर एक अधिकारी ठहराऊँगा, और इस्राएल के प्रतिष्ठित लोगों को अदुल्लाम में आना पड़ेगा।
16 Rase-toi, coupe ta chevelure, A cause de tes enfants chéris! Rends-toi chauve comme l’aigle, Car ils s’en vont en captivité loin de toi!
१६अपने दुलारे लड़कों के लिये अपना केश कटवाकर सिर मुँण्डा, वरन् अपना पूरा सिर गिद्ध के समान गंजा कर दे, क्योंकि वे बँधुए होकर तेरे पास से चले गए हैं।