< Amos 1 >
1 Paroles d’Amos, l’un des bergers de Tekoa, visions qu’il eut sur Israël, au temps d’Ozias, roi de Juda, et au temps de Jéroboam, fils de Joas, roi d’Israël, deux ans avant le tremblement de terre.
१तकोआवासी आमोस जो भेड़-बकरियों के चरानेवालों में से था, उसके ये वचन हैं जो उसने यहूदा के राजा उज्जियाह के, और योआश के पुत्र इस्राएल के राजा यारोबाम के दिनों में, भूकम्प से दो वर्ष पहले, इस्राएल के विषय में दर्शन देखकर कहे:
2 Il dit: De Sion l’Éternel rugit, De Jérusalem il fait entendre sa voix. Les pâturages des bergers sont dans le deuil, Et le sommet du Carmel est desséché.
२“यहोवा सिय्योन से गरजेगा और यरूशलेम से अपना शब्द सुनाएगा; तब चरवाहों की चराइयाँ विलाप करेंगी, और कर्मेल की चोटी झुलस जाएगी।”
3 Ainsi parle l’Éternel: A cause de trois crimes de Damas, Même de quatre, je ne révoque pas mon arrêt, Parce qu’ils ont foulé Galaad sous des traîneaux de fer.
३यहोवा यह कहता है: “दमिश्क के तीन क्या, वरन् चार अपराधों के कारण मैं उसका दण्ड न छोड़ूँगा; क्योंकि उन्होंने गिलाद को लोहे के दाँवनेवाले यन्त्रों से रौंद डाला है।
4 J’enverrai le feu dans la maison de Hazaël, Et il dévorera les palais de Ben-Hadad.
४इसलिए मैं हजाएल राजा के राजभवन में आग लगाऊँगा, और उससे बेन्हदद राजा के राजभवन भी भस्म हो जाएँगे।
5 Je briserai les verrous de Damas, J’exterminerai de Bikath-Aven les habitants, Et de Beth-Éden celui qui tient le sceptre; Et le peuple de Syrie sera mené captif à Kir, dit l’Éternel.
५मैं दमिश्क के बेंड़ों को तोड़ डालूँगा, और आवेन नामक तराई के रहनेवालों को और बेतएदेन के घर में रहनेवाले राजदण्डधारी को नष्ट करूँगा; और अराम के लोग बन्दी होकर कीर को जाएँगे, यहोवा का यही वचन है।”
6 Ainsi parle l’Éternel: A cause de trois crimes de Gaza, Même de quatre, je ne révoque pas mon arrêt, Parce qu’ils ont fait une foule de captifs pour les livrer à Édom.
६यहोवा यह कहता है: “गाज़ा के तीन क्या, वरन् चार अपराधों के कारण मैं उसका दण्ड न छोड़ूँगा; क्योंकि वे सब लोगों को बन्दी बनाकर ले गए कि उन्हें एदोम के वश में कर दें।
7 J’enverrai le feu dans les murs de Gaza, Et il en dévorera les palais.
७इसलिए मैं गाज़ा की शहरपनाह में आग लगाऊँगा, और उससे उसके भवन भस्म हो जाएँगे।
8 J’exterminerai d’Asdod les habitants, Et d’Askalon celui qui tient le sceptre; Je tournerai ma main contre Ékron, Et le reste des Philistins périra, dit le Seigneur, l’Éternel.
८मैं अश्दोद के रहनेवालों को और अश्कलोन के राजदण्डधारी को भी नष्ट करूँगा; मैं अपना हाथ एक्रोन के विरुद्ध चलाऊँगा, और शेष पलिश्ती लोग नष्ट होंगे,” परमेश्वर यहोवा का यही वचन है।
9 Ainsi parle l’Éternel: A cause de trois crimes de Tyr, Même de quatre, je ne révoque pas mon arrêt, Parce qu’ils ont livré à Édom une foule de captifs, Sans se souvenir de l’alliance fraternelle.
९यहोवा यह कहता है: “सोर के तीन क्या, वरन् चार अपराधों के कारण मैं उसका दण्ड न छोड़ूँगा; क्योंकि उन्होंने सब लोगों को बन्दी बनाकर एदोम के वश में कर दिया और भाई की सी वाचा का स्मरण न किया।
10 J’enverrai le feu dans les murs de Tyr, Et il en dévorera les palais.
१०इसलिए मैं सोर की शहरपनाह पर आग लगाऊँगा, और उससे उसके भवन भी भस्म हो जाएँगे।”
11 Ainsi parle l’Éternel: A cause de trois crimes d’Édom, Même de quatre, je ne révoque pas mon arrêt, Parce qu’il a poursuivi ses frères avec l’épée, En étouffant sa compassion, Parce que sa colère déchire toujours, Et qu’il garde éternellement sa fureur.
११यहोवा यह कहता है: “एदोम के तीन क्या, वरन् चार अपराधों के कारण मैं उसका दण्ड न छोड़ूँगा; क्योंकि उसने अपने भाई को तलवार लिए हुए खदेड़ा और कुछ भी दया न की, परन्तु क्रोध से उनको लगातार फाड़ता ही रहा, और अपने रोष को अनन्तकाल के लिये बनाए रहा।
12 J’enverrai le feu dans Théman, Et il dévorera les palais de Botsra.
१२इसलिए मैं तेमान में आग लगाऊँगा, और उससे बोस्रा के भवन भस्म हो जाएँगे।”
13 Ainsi parle l’Éternel: A cause de trois crimes des enfants d’Ammon, Même de quatre, je ne révoque pas mon arrêt, Parce qu’ils ont fendu le ventre des femmes enceintes de Galaad, Afin d’agrandir leur territoire.
१३यहोवा यह कहता है, “अम्मोन के तीन क्या, वरन् चार अपराधों के कारण मैं उसका दण्ड न छोड़ूँगा, क्योंकि उन्होंने अपनी सीमा को बढ़ा लेने के लिये गिलाद की गर्भवती स्त्रियों का पेट चीर डाला।
14 J’allumerai le feu dans les murs de Rabba, Et il en dévorera les palais, Au milieu des cris de guerre au jour du combat, Au milieu de l’ouragan au jour de la tempête;
१४इसलिए मैं रब्बाह की शहरपनाह में आग लगाऊँगा, और उससे उसके भवन भी भस्म हो जाएँगे। उस युद्ध के दिन में ललकार होगी, वह आँधी वरन् बवण्डर का दिन होगा;
15 Et leur roi s’en ira en captivité, Lui, et ses chefs avec lui, dit l’Éternel.
१५और उनका राजा अपने हाकिमों समेत बँधुआई में जाएगा, यहोवा का यही वचन है।”