< Psaumes 70 >
1 Jusqu'à la Fin, souvenir de David. Pour que le Seigneur me sauve. Ô Dieu mon secours, hâte-toi de t'approcher. secourir.
१प्रधान बजानेवाले के लिये: स्मरण कराने के लिये दाऊद का भजन हे परमेश्वर, मुझे छुड़ाने के लिये, हे यहोवा, मेरी सहायता करने के लिये फुर्ती कर!
2 Qu'ils soient humiliés et confondus, ceux qui cherchent mon âme. Qu'ils soient mis en fuite et couverts de honte, ceux qui me veulent du mal;
२जो मेरे प्राण के खोजी हैं, वे लज्जित और अपमानित हो जाए! जो मेरी हानि से प्रसन्न होते हैं, वे पीछे हटाए और निरादर किए जाएँ।
3 Qu'ils tournent le dos et soient soudain couverts de honte, ceux qui me disent: Ha! ha!
३जो कहते हैं, “आहा, आहा!” वे अपनी लज्जा के मारे उलटे फेरे जाएँ।
4 Que tous ceux qui te cherchent se réjouissent et se complaisent en toi; que ceux qui aiment ton salut disent à jamais: Dieu soit glorifié!
४जितने तुझे ढूँढ़ते हैं, वे सब तेरे कारण हर्षित और आनन्दित हों! और जो तेरा उद्धार चाहते हैं, वे निरन्तर कहते रहें, “परमेश्वर की बड़ाई हो!”
5 Pour moi, je suis indigent et pauvre; ô mon Dieu, secours-moi; tu es mon champion et mon défenseur; Seigneur, ne tarde pas!
५मैं तो दीन और दरिद्र हूँ; हे परमेश्वर मेरे लिये फुर्ती कर! तू मेरा सहायक और छुड़ानेवाला है; हे यहोवा विलम्ब न कर!