< Psaumes 67 >
1 Jusqu'à la Fin, psaume d'un des hymnes de David, Dieu, aie pitié de nous et bénis-nous; fais luire sur nous ton visage,
१प्रधान बजानेवाले के लिये तारवाले बाजों के साथ भजन, गीत परमेश्वर हम पर अनुग्रह करे और हमको आशीष दे; वह हम पर अपने मुख का प्रकाश चमकाए, (सेला)
2 Pour qu'en cette terre nous connaissions ta voie, et que le salut soit parmi toutes les nations.
२जिससे तेरी गति पृथ्वी पर, और तेरा किया हुआ उद्धार सारी जातियों में जाना जाए।
3 Que les peuples te rendent grâces, ô Dieu! que tous les peuples te rendent grâces!
३हे परमेश्वर, देश-देश के लोग तेरा धन्यवाद करें; देश-देश के सब लोग तेरा धन्यवाद करें।
4 Que les nations se réjouissent et tressaillent, parce que tu jugeras les peuples en ta droiture, et que tu guideras les nations sur la terre!
४राज्य-राज्य के लोग आनन्द करें, और जयजयकार करें, क्योंकि तू देश-देश के लोगों का न्याय धर्म से करेगा, और पृथ्वी के राज्य-राज्य के लोगों की अगुआई करेगा। (सेला)
5 Que les peuples te rendent grâces, ô Dieu! que tous les peuples te rendent grâces!
५हे परमेश्वर, देश-देश के लोग तेरा धन्यवाद करें; देश-देश के सब लोग तेरा धन्यवाद करें।
6 La terre a donné son fruit; que Dieu, que notre Dieu nous bénisse!
६भूमि ने अपनी उपज दी है, परमेश्वर जो हमारा परमेश्वर है, उसने हमें आशीष दी है।
7 Que Dieu nous bénisse, et que tous les confins de la terre le craignent!
७परमेश्वर हमको आशीष देगा; और पृथ्वी के दूर-दूर देशों के सब लोग उसका भय मानेंगे।