< Psaumes 63 >
1 Psaume de David, quand il était dans l'Idumée. Dieu, ô mon Dieu, je veille pour toi dès l'aurore; mon âme a soif de toi; avec quelle ardeur ma chair te désire!
ऐ ख़ुदा, तू मेरा ख़ुदा है, मै दिल से तेरा तालिब हूँगा; ख़ुश्क और प्यासी ज़मीन में जहाँ पानी नहीं, मेरी जान तेरी प्यासी और मेरा जिस्म तेरा मुशताक़ है
2 Sur une terre déserte, sans chemin et sans eau, je me tiens devant toi, comme dans ton sanctuaire, pour contempler ta puissance et ta gloire.
इस तरह मैंने मक़दिस में तुझ पर निगाह की ताकि तेरी कु़दरत और हश्मत को देखूँ।
3 Ta miséricorde est préférable à toutes les vies, aussi mes lèvres te loueront-elles.
क्यूँकि तेरी शफ़क़त ज़िन्दगी से बेहतर है मेरे होंट तेरी ता'रीफ़ करेंगे।
4 Je te bénirai tant que durera ma vie; j'élèverai les mains en ton nom.
इसी तरह मैं उम्र भर तुझे मुबारक कहूँगा; और तेरा नाम लेकर अपने हाथ उठाया करूँगा;
5 Que mon âme soit remplie de moelle et de graisse, et que mes lèvres joyeuses chantent ton nom.
मेरी जान जैसे गूदे और चर्बी से सेर होगी, और मेरा मुँह मसरूर लबों से तेरी ता'रीफ़ करेगा।
6 Je me suis souvenu de toi sur ma couche; dès l'aurore, je méditais sur toi.
जब मैं बिस्तर पर तुझे याद करूँगा, और रात के एक एक पहर में तुझ पर ध्यान करूँगा;
7 Car tu as été mon champion, et à l'ombre de tes ailes je tressaillirai de joie.
इसलिए कि तू मेरा मददगार रहा है, और मैं तेरे परों के साये में ख़ुशी मनाऊँगा।
8 Mon âme s'est attachée à te suivre, et ta droite m'a soutenu.
मेरी जान को तेरी ही धुन है; तेरा दहना हाथ मुझे संभालता है।
9 Vainement ils ont cherché mon âme; ils seront précipités dans les entrailles de la terre.
लेकिन जो मेरी जान की हलाकत के दर पै हैं, वह ज़मीन के तह में चले जाएँगे।
10 Ils seront livrés à la violence du glaive; ils seront la proie des renards.
वह तलवार के हवाले होंगे, वह गीदड़ों का लुक्मा बनेंगे।
11 Cependant le roi se réjouira en Dieu; quiconque jure en lui sera loué, parce qu'il aura fermé la bouche de ceux qui proféraient l'iniquité.
लेकिन बादशाह खु़दा में ख़ुश होगा; जो उसकी क़सम खाता है वह फ़ख़्र करेगा; क्यूँकि झूट बोलने वालों का मुँह बन्द कर दिया जाएगा