< Psaumes 36 >
1 Jusqu'à la Fin. Psaume de David, serviteur du Seigneur. L'injuste a dit en lui-même qu'il pécherait; il n'a point devant les yeux la crainte du Seigneur.
संगीत निर्देशक के लिये. याहवेह के सेवक दावीद की रचना दुष्ट के हृदय में उसका दोष भाव उसे कहते रहता है: उसकी दृष्टि में परमेश्वर के प्रति कोई भय है ही नहीं.
2 Car il a agi frauduleusement en sa présence, au point que son iniquité lui a attiré sa haine.
अपनी ही नज़रों में वह खुद की चापलूसी करता है. ऐसे में उसे न तो अपना पाप दिखाई देता है, न ही उसे पाप से घृणा होती है.
3 Les paroles de sa bouche sont fraude et iniquité; il n'a pas voulu comprendre pour faire le bien.
उसका बोलना छलपूर्ण एवं बुराई का है; बुद्धि ने उसका साथ छोड़ दिया है तथा उपकार भाव अब उसमें रहा ही नहीं.
4 Sur sa couche, il a pensé au mal; il s'est arrêté en toute voie mauvaise; il n'a point haï la méchanceté.
यहां तक कि बिछौने पर लेटे हुए वह बुरी युक्ति रचता रहता है; उसने स्वयं को अधर्म के लिए समर्पित कर दिया है. वह बुराई को अस्वीकार नहीं कर पाता.
5 Seigneur, ta miséricorde est au ciel, et ta vérité s'étend jusqu'aux nuages.
याहवेह, आपका करुणा-प्रेम स्वर्ग तक, तथा आपकी विश्वासयोग्यता आकाशमंडल तक व्याप्त है.
6 Ta justice est comme les montagnes de Dieu; tes jugements sont comme un abîme profond; Seigneur, tu sauves les hommes et les bêtes.
आपकी धार्मिकता विशाल पर्वत समान, तथा आपकी सच्चाई अथाह महासागर तुल्य है. याहवेह, आप ही मनुष्य एवं पशु, दोनों के परिरक्षक हैं.
7 Combien tu as multiplié ta miséricorde, ô mon Dieu! à l'ombre de tes ailes, les fils des hommes espéreront.
कैसा अप्रतिम है आपका करुणा-प्रेम! आपके पंखों की छाया में साधारण और विशिष्ट, सभी मनुष्य आश्रय लेते हैं.
8 Ils s'enivreront de l'abondance de ta demeure; tu les abreuveras du torrent de tes délices.
वे आपके आवास के उत्कृष्ट भोजन से तृप्त होते हैं; आप सुख की नदी से उनकी प्यास बुझाते हैं.
9 Car en toi est la fontaine de vie; et dans ta lumière nous verrons la lumière.
आप ही जीवन के स्रोत हैं; आपके प्रकाश के द्वारा ही हमें ज्योति का भास होता है.
10 Étends ta miséricorde sur ceux qui te connaissent, et ta justice sur les hommes au cœur droit.
जिनमें आपके प्रति श्रद्धा है, उन पर आप अपना करुणा-प्रेम एवं जिनमें आपके प्रति सच्चाई है, उन पर अपनी धार्मिकता बनाए रखें.
11 Que le pied de l'orgueil ne vienne point jusqu'à moi; que la main du pécheur ne m'ébranle jamais.
मुझे अहंकारी का पैर कुचल न पाए, और न दुष्ट का हाथ मुझे बाहर धकेल सके.
12 Là sont tombés les ouvriers d'iniquité; ils ont été repoussés, et ils n'ont pu se tenir debout.
कुकर्मियों का अंत हो चुका है, वे ज़मीन-दोस्त हो चुके हैं, वे ऐसे फेंक दिए गए हैं, कि अब वे उठ नहीं पा रहे!