< Lévitique 2 >

1 Mais si une âme apporte une oblation, son don devra être de fine fleur de farine, sur laquelle il versera de l'huile, et il posera par-dessus de l'encens; c'est un sacrifice.
और अगर कोई ख़ुदावन्द के लिए नज़्र की क़ुर्बानी का हदिया लाए, तो अपने हदिये के लिए मैदा ले और उसमें तेल डाल कर उसके ऊपर लुबान रख्खे;
2 Il portera son offrande aux prêtres fils d'Aaron, et le prêtre en prendra une pleine poignée de fleur de farine avec de l'huile et tout l'encens qu'il placera sur l'autel comme mémorial de l'offrande; c'est le sacrifice, l'odeur de suavité pour le Seigneur.
और वह उसे हारून के बेटों के पास जो काहिन हैं लाए, और तेल मिले हुए मैदे में से इस तरह अपनी मुट्ठी भर कर निकाले कि सब लुबान उसमें आ जाए। तब काहिन उसे नज़्र की क़ुर्बानी की यादगारी के तौर पर मज़बह के ऊपर जलाए। यह ख़ुदावन्द के लिए राहतअंगेज़ ख़ुशबू की आतिशी क़ुर्बानी होगी।
3 Le reste de l'offrande sera pour Aaron et ses fils, comme chose très sainte des sacrifices au Seigneur.
और जो कुछ उस नज़्र की क़ुर्बानी में से बाक़ी रह जाए, वह हारून और उसके बेटों का होगा। यह ख़ुदावन्द की आतिशी क़ुर्बानियों में पाकतरीन चीज़ है।
4 Si le don qu'on offre en sacrifice au Seigneur est cuit au four, qu'il soit de fleur de farine, que ce soit un pain azyme pétri dans l'huile ou un gâteau azyme imprégné d'huile.
“और जब तू तनूर का पका हुआ नज़्र की क़ुर्बानी का हदिया लाए, तो वह तेल मिले हुए मैदे के बेख़मीरी गिरदे या तेल चुपड़ी हुई बेख़मीरी चपातियाँ हों।
5 Et si l'oblation est cuite à la poêle, qu'elle soit de fleur de farine qu'on aura pétrie, sans levain, dans l'huile.
और अगर तेरी नज़्र की क़ुर्बानी का चढ़ावा तवे का पका हुआ हो, तो वह तेल मिले हुए बेख़मीरी मैदे का हो।
6 Tu la rompras par morceaux, sur lesquels tu verseras de l'huile; c'est le sacrifice au Seigneur.
उसको टुकड़े — टुकड़े करके उस पर तेल डालना, तो वह नज़्र की क़ुर्बानी होगी।
7 Si le présent est cuit sur le gril, qu'il soit de fleur de farine pétrie dans l'huile.
और अगर तेरी नज़्र की क़ुर्बानी का चढ़ावा कढ़ाई का तला हुआ हो, तो वह मैदे से तेल में बनाया जाए।
8 Et l'homme offrira en sacrifice celle de ces choses qu'il aura pétrie; Il l'apportera au prêtre, et, s'étant approché de l'autel,
तू इन चीज़ों की नज़्र की क़ुर्बानी का चढ़ावा ख़ुदावन्द के पास लाना, वह काहिन को दिया जाए। और वह उसे मज़बह के पास लाए।
9 Le prêtre en prendra le mémorial, qu'il posera sur l'autel; c'est le sacrifice de suavité pour le Seigneur.
और काहिन उस नज़्र की क़ुर्बानी में से उसकी यादगारी का हिस्सा उठा कर मज़बह पर जलाए, यह ख़ुदावन्द के लिए राहतअंगेज़ ख़ुशबू की आतिशी क़ुर्बानी होगी।
10 Le reste du sacrifice sera pour Aaron et ses fils, comme chose très sainte des sacrifices au Seigneur.
और जो कुछ उस नज़्र की क़ुर्बानी में से बच रहे वह हारून और उसके बेटों का होगा। यह ख़ुदावन्द की आतिशी क़ुर्बानियों में पाकतरीन चीज़ है।
11 Toute offrande que vous apporterez au Seigneur vous la ferez sans levain; vous n'apporterez jamais ni levain, ni miel, pour en faire vos oblations au Seigneur.
कोई नज़्र की क़ुर्बानी जो तुम ख़ुदावन्द के सामने चढ़ाओ, वह ख़मीर मिला कर न बनाई जाए; तुम कभी आतिशी क़ुर्बानी के तौर पर ख़ुदावन्द के सामने ख़मीर या शहद न जलाना।
12 Comme prémices, vous pourrez les offrir au Seigneur; mais on ne les placera point sur l'autel en odeur de suavité pour le Seigneur.
तुम इनको पहले फलों के हदिये के तौर पर ख़ुदावन्द के सामने लाना, लेकिन राहतअंगेज़ ख़ुशबू के लिए वह मज़बह पर न पेश किये जाएँ।
13 Tous vos présents de sacrifice seront salés avec du sel; ne négligez pas le sel de l'alliance du Seigneur dans vos oblations; sur tous vos présents vous offrirez du sel au Seigneur votre Dieu.
और तू अपनी नज़्र की क़ुर्बानी के हर हदिये को नमकीन बनाना, और अपनी किसी नज़्र की क़ुर्बानी को अपने ख़ुदा के 'अहद के नमक बग़ैर न रहने देना; अपने सब हदियों के साथ नमक भी पेश करना।
14 Lorsque tu offriras des premiers fruits au Seigneur, ce sera de nouveaux épis égrugés et grillés: telle sera l'offrande de tes premiers fruits.
'और अगर तू पहले फलों की नज़्र का हदिया ख़ुदावन्द के सामने पेश करे तो अपने पहले फलों की नज़्र के चढ़ावे के लिए अनाज की भुनी हुई बालें, या'नी हरी — हरी बालों में से हाथ से मलकर निकाले हुए अनाज को चढ़ाना।
15 Tu verseras sur elle de l'huile, et tu mettras par-dessus de l'encens: c'est un sacrifice.
और उसमें तेल डालना और उसके ऊपर लुबान रखना, तो वह नज़्र की क़ुर्बानी होगी।
16 Et le prêtre en prendra le mémorial, qui sera une part des épis, et l'huile et tout l'encens; c'est le sacrifice au Seigneur.
और काहिन उसकी यादगारी के हिस्से को, या'नी थोड़े से मल कर निकाले हुए दानों को और थोड़े से तेल को और सारे लुबान को जला दे; यह ख़ुदावन्द के लिए आतिशी क़ुर्बानी होगी।

< Lévitique 2 >