< Jérémie 16 >

1 Et tu ne prendras point femme, dit le Seigneur Dieu d'Israël,
मुझे पुनः याहवेह का संदेश इस प्रकार प्राप्‍त हुआ:
2 Et il ne te naîtra ni fils ni fille en ce lieu.
“इस स्थान में न तो तुम पत्नी लाना और न ही पुत्र उत्पन्‍न करना और न ही पुत्रियां.”
3 Car voici ce que dit le Seigneur sur les fils et les filles nés en ce lieu, et sur leurs mères qui les auront mis au monde, et sur leurs pères qui les auront engendrés en cette terre:
इस स्थान में उत्पन्‍न पुत्र-पुत्रियों के विषय में, उनकी माताओं एवं उन पिताओं के विषय में, जिन्होंने इन्हें पैदा किया है, याहवेह की यह पूर्ववाणी है.
4 Ils mourront d'une mort cruelle; on ne pleurera pas sur eux; ils ne seront pas ensevelis; ils resteront en exemple sur la face de la terre; ils seront pour les bêtes de la terre et les oiseaux du ciel; ils périront par le glaive ou seront consumés par la faim.
“घातक व्याधियों से उनकी मृत्यु हो जाएगी. न उनके लिए विलाप किया जाएगा और न उन्हें गाड़ा जाएगा. उनकी मृत्यु तलवार एवं अकाल से हो जाएगी, वे भूमि पर गोबर सदृश पड़े रहेंगे, उनके शव आकाश के पक्षी एवं वन्य पशुओं का आहार हो जाएंगे.”
5 Voici ce que dit le Seigneur: N'entre pas dans leurs festins funèbres; ne va pas te frapper la poitrine et ne pleure pas sur eux; car j'ai retiré ma paix de ce peuple.
याहवेह का आदेश यह है: “उस घर में प्रवेश न करना जिसमें विलाप हो रहा है; न वहां शोक प्रकट करने जाना और न सांत्वना देने, क्योंकि मैंने उन पर से अपनी आशीष, अपना प्रेम तथा अपनी दया हटा ली है,” यह याहवेह की वाणी है.
6 On ne pleurera point sur eux; on ne se fera pas d'incisions; on ne se rasera pas la tête;
“इस देश में दोनों ही, सामान्य तथा विशिष्ट, मृत्यु की भेंट हो जाएंगे. उन्हें न गाड़ा जाएगा, न उनके लिए विलाप किया जाएगा और न कोई उनके शोक में अपने शरीर को निराश करेगा ओर न अपना सिर मुंड़ाएगा.
7 On ne rompra point dans leur deuil les pains de la consolation sur un mort; on ne fera pas boire le fils dans le calice de consolation, sur son père ou sa mère.
कोई भी उनके सुविधा के लिये भोजन की पूर्ति नहीं करेगा जो शोक मृतकों के लिये शोक प्रकट करते हैं, न कोई किसी के पिता अथवा माता के लिए सांत्वना का एक प्याला ही प्रस्तुत करेगा.
8 Et toi, tu n'entreras pas dans la maison du banquet pour t'y asseoir, et manger et boire avec eux.
“इसके सिवा तुममें से कोई भी ऐसे घर में जाकर न बैठ जाए जहां भोज आयोजित है, कि तुममें से वहां कोई भी भोज में सम्मिलित हो.
9 Car ainsi parle le Seigneur Dieu d'Israël: Voilà qu'en ce lieu, devant vous et de vos jours, je ferai taire la voix des réjouissances et la voix des fêtes, la voix du jeune époux et la voix de l'épousée.
क्योंकि सेनाओं के याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का संदेश यह है: तुम यह देखोगे कि मैं इस स्थान से तुम्हारे देखते-देखते, तुम्हारे ही जीवनकाल में हर्षोल्लास का स्वर, आनंद की ध्वनि, वर तथा वधू के वार्तालाप की वाणी बंद करने पर हूं.
10 Et ceci arrivera lorsque tu feras connaître à ce peuple toutes ces paroles, et qu'il te dira: Pourquoi le Seigneur a-t-il dit tant de mal sur nous? Quelle est notre iniquité? quel péché avons-nous commis devant le Seigneur notre Dieu?
“ऐसा होगा कि जब तुम इन लोगों को यह संपूर्ण संदेश दोगे, तो वे तुमसे प्रश्न करेंगे, ‘याहवेह द्वारा हमारे ऊपर इस महा संकट की वाणी का कारण क्या है? क्या है हमारी अधार्मिकता अथवा हमसे क्या पाप हुआ है? हमसे, जो हम याहवेह हमारे परमेश्वर के विरुद्ध कर बैठे हैं?’
11 Tu leur diras: C'est en punition de ce que vos pères m'ont abandonné, dit le Seigneur, et ils ont marché à la suite des dieux étrangers; ils les ont servis, et les ont adorés; ils m'ont abandonné, et n'ont point gardé ma loi.
तब तुम्हें उनसे यह कहना होगा, ‘कारण यह है कि तुम्हारे पूर्वजों ने मेरा परित्याग कर दिया,’ यह याहवेह की वाणी है, ‘परकीय देवताओं का अनुसरण करना तथा उनकी उपासना करना, उनको नमन करना तुम्हारे पूर्वजों ने उपयुक्त समझा. किंतु मुझे भूलना उन्होंने पसंद किया और मेरे व्यवस्था-विधान का अनुकरण नहीं किया.
12 Et vous-mêmes vous avez fait le mal plus que vos pères; et voilà que chacun de vous court après ce qui plaît à son cœur perverti, si bien qu'on ne m'obéit plus.
स्वयं तुमने भी तो वही किया है जो ठीक नहीं है, हां, अपने पूर्वजों से भी अधिक; क्योंकि ध्यान दो तुममें से हर एक अपने पतित हृदय के दुराग्रह में मेरी अवज्ञा कर रहा है.
13 Et je vous rejetterai de cette terre, et je vous enverrai en une terre que vous n'avez connue ni vous ni vos pères, où vous servirez d'autres dieux, et de ceux-là n'attendez aucune miséricorde.
इसलिये मैं तुम्हें इस देश में से एक ऐसे देश में प्रक्षेपित कर दूंगा, जिस देश को तुम जानते भी नहीं हो, न तुम, न तुम्हारे पूर्वज; तब तुम वहां दिन-रात परकीय देवताओं की उपासना करते रहोगे, क्योंकि मैं तुम पर किसी भी रीति से कोई कृपा न करूंगा.’
14 A cause de cela, voilà que viennent les jours, dit le Seigneur, où ils ne diront plus: Vive le Seigneur, qui a ramené de la terre d'Égypte les fils d'Israël!
“यद्यपि इस बात को स्मरण रखना: वे दिन बड़े हैं,” यह याहवेह की वाणी है, “जब यह सूक्ति फिर कभी सुनी न जाएगी, ‘जीवित याहवेह की शपथ, जिन्होंने इस्राएल वंशजों को मिस्र देश से निकाल लाया था,’
15 Mais, vive le Seigneur, qui a ramené la maison d'Israël de la terre du nord et de toutes les contrées où ils avaient été transportés! et je les rétablirai dans l'héritage que j'ai donné à leurs pères.
किंतु यह, ‘जीवित याहवेह की शपथ, जो इस्राएल वंशजों को उत्तर दिशा के देशों से तथा उन सभी देशों से निकालकर लाए हैं, जहां उन्हें बंदी किया गया था.’ क्योंकि मैं उन्हें उन्हीं के देश में पुनःस्थापित कर दूंगा, जिसे मैंने उनके पूर्वजों को दिया था.
16 Voilà que je vais envoyer maints pêcheurs, dit le Seigneur Dieu, et ils les pêcheront, et après cela j'enverrai maints chasseurs, et ils leur feront la chasse sur toutes les montagnes, sur toutes les collines, dans toutes les crevasses des rochers.
“तुम देखोगे कि मैं अनेक मछुवारे बुलवाऊंगा,” यह याहवेह की वाणी है, “ये मछुवारे उन्हें पकड़ लेंगे. तत्पश्चात मैं अनेक शिकारियों को बुलवाऊंगा, वे हर एक पर्वत, हर एक पहाड़ी तथा चट्टानों के दरार में से उनको निकाल डालेंगे.
17 Car j'ai les yeux sur toutes leurs voies; et leurs iniquités n'ont point été cachées à mes yeux.
उनकी सारी गतिविधियों पर मेरी दृष्टि बनी हुई है; वे मेरे नेत्रों की ओट में नहीं हैं और न उनकी पापिष्ठता मेरी दृष्टि से छिप सकी है.
18 Et je donnerai une double rétribution à leurs méchancetés et aux péchés dont ils ont souillé celte terre, avec les cadavres mêmes de leurs abominations et avec les iniquités qu'ils ont faites en mon héritage.
मैं उनकी अधर्मिता तथा पापिष्ठता का दूना दंड उन्हें दूंगा, क्योंकि उन्होंने मेरे देश को अशुद्ध कर छोड़ा है; मेरे इस निज भाग को उन्होंने उनकी घृणास्पद प्रतिमाओं के शवों एवं उनकी तिरस्कार कृतियों से भर रखा है.”
19 Seigneur, dans les jours de calamités, vous êtes ma force, mon appui, mon refuge. Les gentils viendront à vous des extrémités de la terre, et ils diront: Quelles idoles trompeuses ont possédées nos pères! Il n'y avait en elles aucun secours.
याहवेह, मेरे बल तथा मेरे अजेयगढ़, संकट की स्थिति में मेरे आश्रय, पृथ्वी के चारों ओर से चलकर राष्ट्र आपके निकट आकर यह स्वीकार करेंगे, “हमारे पूर्वजों ने इस निज भाग में असत्य, व्यर्थ तथा निरर्थकता के सिवा और कुछ भी प्राप्‍त नहीं किया है.
20 Est-ce que des dieux peuvent être faits par l'homme? et encore ce ne sont pas des dieux.
क्या मनुष्य के लिए यह संभव है कि वह अपने लिए देवताओं को निर्माण कर ले? फिर भी ये देवता नहीं होते!”
21 A cause de cela, en ce temps-là, je leur montrerai ma main, et je leur ferai connaître ma puissance, et ils sauront que mon nom est le Seigneur.
“इसलिये यह देख लेना मैं उन्हें यह बोध करा ही दूंगा, अब तो वे अवश्य ही मेरे अधिकार एवं सामर्थ्य से परिचित हो जाएंगे. तब उन्हें यह ज्ञात हो जाएगा कि मेरा ही नाम याहवेह है.

< Jérémie 16 >