< 2 Chroniques 28 >
1 Achaz avait vingt-cinq ans lorsqu'il monta sur le trône, et il régna seize ans à Jérusalem; et il ne fit point ce qui est droit devant le Seigneur, comme David, son aïeul.
शासन शुरू करते समय आहाज़ की उम्र बीस साल थी. येरूशलेम में उसने सोलह साल शासन किया. उसने वह नहीं किया जो याहवेह की दृष्टि में सही था, जैसा उसके पूर्वज दावीद ने किया था.
2 Mais il marcha dans les voies des rois d'Israël, car il fit des sculptures,
वह इस्राएल के राजाओं की नीति का पालन करता रहा. उसने बाल देवताओं की मूर्तियां बनाईं.
3 Et il sacrifia à leurs idoles dans le val de Benennom, et il fit passer ses enfants à travers la flamme; selon les abominations des peuples que le Seigneur avait exterminés devant les fils d'Israël.
इनके अलावा; वह बेन-हिन्नोम घाटी में धूप जलाता था और उसने अपने पुत्रों की अग्निबलि चढ़ाई. यह उन जनताओं की घृणित प्रथाएं थी, जिन्हें याहवेह ने इस्राएल वंशजों के सामने से दूर भगाया था.
4 Et il brûla de l'encens sur les hauts lieux, et sur les terrasses des maisons, et sous les arbres touffus.
वह पूजा स्थलों पर, पहाड़ियों पर और हर एक हरे वृक्ष के नीचे धूप जलाकर बलि चढ़ाता रहा.
5 Alors le Seigneur Dieu le livra au roi de Syrie; il le frappa par ses mains, en permettant aux Syriens d'emmener à Damas une multitude de captifs; il le livra aussi au roi d'Israël, et de ses propres mains, il le frappa d'une grande plaie.
तब याहवेह उसके परमेश्वर ने उसे अराम के राजा के अधीन कर दिया. उन्होंने उसे हरा दिया और उनमें से बड़ी संख्या में बंदी बनाए और उन्हें दमेशेक ले गए. उसे इस्राएल के राजा के अधीन भी कर दिया गया. उसने उसे बुरी तरह से हराया.
6 Phacée, fils de Romélie, roi d'Israël, tua, en un seul jour, cent vingt mille hommes de Juda, forts et vaillants, parce qu'ils avaient abandonné le Seigneur Dieu de leurs pères.
इसलिये कि उन्होंने अपने पूर्वजों के परमेश्वर याहवेह को त्याग दिया था, रेमालियाह के पुत्र पेकाह ने एक ही दिन में यहूदिया के सभी एक लाख बीस हज़ार योद्धाओं को मार गिराया.
7 Et Zéchri, homme vaillant d'Ephraïm, tua Maasias, fils du roi; Esrican, son grand maître du palais, et Elcana, son lieutenant.
एफ्राईमी ज़ीकरी ने राजपुत्र मआसेइयाह और गृह प्रशासक अज़रीकाम का वध कर दिया और राजा के बाद के सर्वोच्च अधिकारी एलकाना का भी.
8 Et les fils d'Israël firent parmi leurs frères trois cent mille captifs: femmes, fils et filles; et ils leur enlevèrent un immense butin, et emportèrent les dépouilles à Samarie.
इस्राएली अपने ही भाइयों के राज्य में से दो लाख पत्नियां, पुत्र और पुत्रियां बंदी बनाकर अपने साथ ले गए. इनके अलावा वे वहां से बड़ी लूट इकट्ठा कर शमरिया ले गए.
9 Or, il y avait là un prophète du Seigneur nommé Obed, qui sortit à la rencontre de l'armée pendant qu'elle revenait à Samarie, et il leur dit: Voilà que la colère du Seigneur Dieu de vos pères est sur Juda; il vous les a livrés, et vous les avez massacrés avec fureur, et le bruit en est monté jusqu'au ciel.
मगर वहां याहवेह का एक भविष्यद्वक्ता था-ओदेद-वह शमरिया आई हुई सेना से भेंट करने चल पड़ा. उसने उन्हें कहा, “यह समझ लो: क्योंकि याहवेह, तुम्हारे पूर्वजों के परमेश्वर यहूदिया से गुस्सा थे, उन्होंने ही इन्हें तुम्हारे अधीन कर दिया है. तुमने क्रोध में उनका संहार ऐसी क्रूरता में किया है, कि यह बात परमेश्वर के ध्यान में आ गई है.
10 Et maintenant vous pensez garder comme esclaves les fils de Juda et de Jérusalem; mais ne suis-je point parmi vous pour prendre à témoin le Seigneur votre Dieu?
अब तुम यह विचार कर रहे हो, कि इनका दमन कर यहूदिया और येरूशलेम वासियों के पुरुष और स्त्री को दास बनाओ, क्या यह सच नहीं कि तुम भी याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर के सामने अपराधी हो?
11 Écoutez-moi donc, et délivrez les captifs que vous avez enlevés chez vos frères; car la colère du Dieu terrible est sur vous.
इसलिये अब मेरी सुनो और इन बंदियों को, जिन्हें तुम अपने ही भाइयों में से पकड़कर ले आए हो, लौट जाने दो; क्योंकि अब याहवेह का तेज क्रोध तुम्हारे विरुद्ध भड़क रहा है.”
12 Et les chefs des fils d'Ephraïm: Udie, fils de Jean; Barachias, fils de Mosolmoth; Ezéchias, fils de Sellem; et Amasias, fils d'Eldaï, s'élevèrent pareillement contre ceux qui revenaient du combat.
तब एफ्राईम के वंशजों में के कुछ प्रमुख—येहोहानन का पुत्र अज़रियाह, मेशिल्लेमोथ का पुत्र बेरेखियाह, शल्लूम का पुत्र येहिज़किय्याह और हादलाई का पुत्र अमासा-उनके विरुद्ध हो गए, जो युद्ध से लौट रहे थे.
13 Et ils leur dirent: Vous n'introduirez point ici, chez nous, ces captifs; car, lorsque vous péchez contre le Seigneur, votre péché retombe sur nous; et vous entendez ajouter à vos péchés et à vos délits par ignorance, quand déjà vos fautes sont nombreuses, et quand une terrible colère du Seigneur est sur Israël?
इन्होंने उनसे कहा, “सही नहीं कि तुम बंदियों को यहां लाओ. इसके द्वारा तुम याहवेह के विरुद्ध हमारे पापों को बढ़ाना चाह रहे हो. हमारा दोष इतना बड़ा है कि इस्राएल के विरुद्ध याहवेह का क्रोध दहक रहा है.”
14 Et les guerriers mirent en liberté les captifs, et ils leur rendirent les dépouilles, devant les chefs de toute l'Église.
तब योद्धाओं ने लूट की सामग्री और बंदियों को अधिकारियों और सारी सभा के सामने लाकर छोड़ दिया.
15 Et les hommes qui viennent d'être nominativement désignés, se levèrent, prirent soin des captifs, les vêtirent d'objets compris dans les dépouilles, les habillèrent, les chaussèrent, leur donnèrent des vivres pour manger, de l'huile pour se parfumer, firent monter les infirmes sur des ânes, les menèrent avec leurs frères jusqu'à Jéricho, ville des palmiers, et retournèrent à Samarie.
तब वे लोग, जिन्हें चुना गया था, उठे, नंगे बंदियों को लूट सामग्री से निकालकर कपड़े पहनाए उन्हें जूतियां दी, उन्हें वस्त्र पहनाकर उन्हें भोजन और पानी दिया, तेल से उनका अभिषेक किया, उनके दुर्बलों को गधों पर चढ़ाया और उन्हें खजूर नगर यानी येरीख़ो तक उनके भाइयों के पास छोड़ आए फिर वे शमरिया लौट गए.
16 En ce temps-là, le roi Achaz envoya chez le roi assyrien demander son secours,
तब राजा आहाज़ ने अश्शूर के राजा से सहायता की विनती की.
17 Et voici pourquoi: les Sidoniens faisaient des irruptions; ils frappaient Juda, et lui enlevaient des captifs.
एक बार फिर एदोमियों ने यहूदिया पर हमला किया और बहुतों को बंदी बना लिया.
18 Les Philistins aussi avaient pris les armes contre les villes de la plaine, au midi de Juda, et s'étaient emparés de Bethsamys, de Galero, de Socho et de ses bourgs, de Thamna et de ses bourgs, de Gamzo et de ses bourgs, et ils s'y étaient établis.
फिलिस्तीनियों ने भी तराई और यहूदिया के नेगेव पर चढ़ाई करके बेथ-शेमेश, अय्जालोन, गदेरोथ और सोकोह का उसके आस-पास के गांवों सहित, तिमनाह को उसके गांवों सहित और गिमज़ो को उसके गांवों सहित कब्जे में कर लिया और वे वहीं बस भी गए.
19 Car le Seigneur avait humilié Juda, à cause du roi Achaz qui s'était détourné du Seigneur.
याहवेह द्वारा यहूदिया को इस दयनीय स्थिति में डाले जाने के पीछे कारण थे यहूदिया के राजा आहाज़ की याहवेह के प्रति बड़ी विश्वासहीनता और उसके द्वारा यहूदिया में लाई गई दुष्टता.
20 Alors, Thelgath-Phalnasar, roi des Assyriens, intervint, mais contre lui, et il l'opprima.
तब अश्शूर का राजा तिगलथ-पलेसेर वहां आया ज़रूर, मगर उसने आहाज़ की सहायता करने की बजाय उसे सताया.
21 Et Achaz prit les richesses du temple du Seigneur, celles du palais du roi, celles des demeures des princes, et il les donna au roi assyrien; or, celui-ci n'était pas venu pour le secourir,
यद्यपि आहाज़ ने याहवेह के भवन से, राजघराने से और प्रशासकों से धन लेकर अश्शूर के राजा को दे दी थी, इसका कोई लाभ न हुआ.
22 Mais pour l'écraser; cependant, le roi Achaz continua de se détourner du Seigneur, et il dit:
अपनी इस विपत्ति की स्थिति में यही राजा आहाज़ ने कई और बुरे पाप किये और याहवेह का और अधिक अविश्वासयोग्य बन गया.
23 Je chercherai les dieux de Damas qui me frappent. Puis, il ajouta: Ce sont les dieux du roi de Syrie qui lui donnent de la force; je leur sacrifierai donc, et ils me protégeront. Et ils furent une cause de chute pour lui et pour Israël.
क्योंकि अब वह दमेशेक के देवताओं को बलि चढ़ाने लगा था, जो वास्तव में उसकी हार के कारण थे. वह यह विचार करने लगा, “जब ये देवता अराम के राजा की सहायता कर सकते हैं तो, वे मेरी भी सहायता करेंगे.” मगर ये ही इस्राएल के पतन का कारण ठहरे.
24 Achaz retira donc les vases du temple du Seigneur, il les brisa, ferma les portes du temple, et se fit des autels dans tous les carrefours de Jérusalem.
इसके अलावा, आहाज़ ने परमेश्वर के भवन के सब बर्तनों को इकट्ठा करके उन पात्रों के टुकड़े-टुकड़े कर दिये और याहवेह के भवन का द्वार बंद करवा दिए. उसने येरूशलेम के कोने-कोने में अपने लिए वेदियां बनवा लीं.
25 Et il établit des hauts lieux dans toutes les villes de Juda pour que l'on y encensât des dieux étrangers; et les fils de Juda excitèrent le courroux du Seigneur Dieu de leurs pères.
उसने यहूदिया के हर एक नगर में वेदियों को बनवाया, कि इन पर अन्य देवताओं के लिए धूप जलाई जा सके. इसके द्वारा उसने अपने पूर्वजों के परमेश्वर, याहवेह के क्रोध को भड़का दिया.
26 Le reste de ses faits et gestes, les premiers et les derniers, sont écrits au livre des Rois de Juda et d'Israël.
आहाज़ के बाकी कामों और उसकी सारी नीतियों का वर्णन शुरू से अंत तक, यहूदिया और इस्राएल के राजा की पुस्तक में किया गया है.
27 Et Achaz s'endormit avec ses pères, et il fut enseveli en la ville de David; mais on ne le transporta pas dans le sépulcre des rois d'Israël, et son fils Ezéchias régna à sa place.
तब आहाज़ हमेशा के लिए अपने पूर्वजों से जा मिला. उन्होंने उसे येरूशलेम नगर में ही गाड़ दिया. उन्होंने उसे इस्राएल के राजाओं के लिए ठहराई गई कब्रों में जगह नहीं दी. उसके स्थान पर उसका पुत्र हिज़किय्याह राजा हुआ.