< 1 Samuel 24 >

1 Lorsque Saül revint, après avoir poursuivi les Philistins, on lui dit: David est dans le désert d'Engaddi.
जब शाऊल फिलिस्तीनियों से युद्ध करने के बाद लौटे, उन्हें सूचना दी गई, “दावीद एन-गेदी के निकटवर्ती मरुभूमि में छिपे हुए हैं.”
2 Il prit avec lui trois mille hommes, choisis parmi tout Israël, et il alla chercher David et les siens en face de Saddéem.
शाऊल ने इस्राएली सेना में से तीन हज़ार सर्वोत्तम सैनिक लेकर पहाड़ी बकरों की चट्टानों के पूर्व में दावीद की खोज करनी शुरू कर दी.
3 Il arriva vers les troupeaux de brebis que l'on fait paître sur cette route, et il y avait là une caverne. Saül y entra pour décharger son ventre, tandis que David et les siens étaient assis au fond de la caverne.
खोज करते हुए वे सब मार्ग के किनारे स्थित उन भेड़ के बाड़ों के निकट पहुंचे, जिनके निकट एक कंदरा थी. शाऊल उस गुफा के भीतर शौच के लिए चले गए. दावीद और उनके साथी गुफा के भीतरी गुप्‍त स्थानों में छिपे बैठे थे.
4 Et les hommes de David lui dirent: Voici le jour qu'a dit le Seigneur, où il va te livrer ton ennemi; fais-en donc ce que bon te semble. Mais David se leva, et il enleva furtivement un pan du manteau double de Saül.
दावीद के साथियों ने उससे कहा, “आज ही वह दिन है, जिसके विषय में याहवेह ने आपसे कहा था, ‘मैं तुम्हारे शत्रु को तुम्हारे अधीन कर दूंगा और तुम उसके साथ वह सब कर सकोगे, जो तुम्हें सही लगेगा.’” यह सुन दावीद उठे और चुपचाप जाकर शाऊल के बाहरी वस्त्र की किनारी काट ली.
5 Et le cœur de David le fit souffrir, parce qu'il avait enlevé le pan du manteau de Saül.
मगर कुछ समय बाद दावीद के मन के दोष भाव ने उन्हें व्याकुल कर दिया,
6 Et David dit à ses hommes: Dieu me garde de rien faire à mon maître, à l'oint du Seigneur; je ne porterai point la main sur lui, parce qu'il est l'oint du Seigneur.
और उन्होंने अपने साथियों से कहा, “याहवेह यह कभी न होने दें कि मैं याहवेह के अभिषिक्त, मेरे स्वामी पर हाथ उठाने का दुस्साहस करूं, यह जानते हुए भी कि वह याहवेह द्वारा अभिषिक्त हैं.”
7 Par ces paroles, David persuada ses gens, et il ne leur permit point de se lever pour tuer Saül.
इन शब्दों के द्वारा दावीद ने अपने साथियों को शाऊल पर वार करने से रोक दिया. तब शाऊल उठे, गुफा से बाहर निकलकर अपने मार्ग पर आगे बढ़ गए.
8 Saül se leva et reprit sa route. Et David sortit après lui de la caverne, et lui cria ces mots: Seigneur roi; celui-ci se retourna pour regarder, quand David, se courbant jusqu'à terre, l'adora,
तब दावीद भी गुफा से बाहर आ गए. वहां से उन्होंने शाऊल को पुकारा, “महाराज, मेरे स्वामी!” दावीद का स्वर सुनकर शाऊल ने मुड़कर पीछे देखा. दावीद ने घुटने टेककर भूमि तक सिर झुकाकर उनका अभिवंदन किया,
9 Et lui dit: Pourquoi donc as-tu écouté les propos de gens qui disaient: Vois, David en veut à ta vie?
और उन्होंने शाऊल को कहा, “महाराज, लोगों की बात का विश्वास क्यों करते हैं, जब वे कहते हैं, ‘दावीद आपके बुरा की युक्ति कर रहा है’?
10 Tes yeux aujourd'hui ont vu comment, dans la caverne, le Seigneur t'avait livré à mes mains; je n'ai point voulu te faire périr; je t'ai épargné, et j'ai dit: Je ne porterai point la main sur mon maître, parce qu'il est l'oint du Seigneur.
आप स्वयं यह देखिए, आज गुफा में याहवेह ने आपको मेरे हाथों में सौंप दिया था. मेरे कुछ साथी मुझसे कह भी रहे थे कि मैं आपकी हत्या कर दूं, मगर मैंने यह नहीं किया; मैंने विचार किया, ‘मैं अपने स्वामी पर कभी हाथ न उठाऊंगा, क्योंकि उनका अभिषेक याहवेह ने किया है.’
11 Voici, dans ma main, le pan de ton manteau; c'est moi qui l'ai coupé, et je ne t'ai point tué. Reconnais donc aujourd'hui que de ma part il n'y a ni méchanceté, ni impiété, ni rébellion; je n'ai point péché envers toi, et cependant tu tends des pièges à ma vie pour me la prendre.
यह देखिए, मेरे पिताजी, मेरे हाथ में आपके कपड़े का यह छोर है. मैंने इसे तो क़तर लिया है, मगर मैंने आप पर वार नहीं किया. तब आपका यह समझ लेना सही होगा कि मैं न तो किसी बुरे की योजना गढ़ रहा हूं, और न ही किसी विद्रोह की. आपके विरुद्ध मैं कोई पाप नहीं कर रहा हूं, फिर भी आप मेरे रास्ते में आ रहे हैं.
12 Que le Seigneur juge entre moi et toi, et le Seigneur me vengera sur toi- même; mais je ne lèverai jamais la main sur toi.
स्वयं याहवेह आपके और मेरे बीच निर्णय करें. यह संभव है कि वही आपसे उन कामों के लिए बदला लें, जो आपने मेरे विरुद्ध किए हैं, मगर स्वयं मैं आपकी कोई हानि न करूंगा.
13 Comme dit l'ancien proverbe: C'est de l'homme sans loi que viendra le péché. Je ne lèverai donc jamais la main sur toi.
जैसा पुरानी कहावत है, ‘बुराई करनेवालों से बुरे काम आते हैं!’ तो मेरा हाथ आपको नहीं छुएगा.
14 Maintenant, roi d'Israël, à qui en as-tu? Qui poursuis-tu? Tu poursuis un chien mort, tu poursuis un puceron.
“आप ही विचार कीजिए आप कर क्या रहे हैं? इस्राएल का राजा एक मरे हुए कुत्ते का पीछा करने में जुटा है, कि उसकी हत्या कर दे? एक कुत्ता, एक पिस्सू?
15 Que le Seigneur soit arbitre et juge entre moi et toi; que le Seigneur voie, qu'il prononce sur ma cause, qu'il me délivre de tes mains.
तब अब निर्णय याहवेह के द्वारा किया जाए. वही आपके और मेरी स्थिति का आंकलन करें. वही मुझे आपसे सुरक्षा प्रदान करें.”
16 Or, quand David eut cessé de parler à Saül, ceci advint: Saül s'écria: Est-ce toi que j'entends, mon fils David? Et Saül éleva la voix, et il pleura.
जब दावीद शाऊल के सामने अपनी यह बातें समाप्‍त कर चुके, शाऊल ने प्रश्न किया, “क्या यह तुम्हारा स्वर है, मेरे पुत्र, दावीद?” और तब शाऊल ऊंची आवाज में रोने लगे.
17 Et Saül dit à David: Tu es plus juste que moi; tu m'as rendu le bien pour le mal.
उन्होंने दावीद से कहा, “तुम मुझसे अधिक धर्मी व्यक्ति हो, क्योंकि तुमने मेरे दुराचार का प्रतिफल सदाचार में दिया, जबकि मैंने सदैव तुम्हारा बुरा ही करना चाहा है.
18 Tu viens de m'apprendre quelle bonne action tu as faite aujourd'hui envers moi, quand le Seigneur m'avait livré à tes mains, et que tu ne m'as point tué.
आज तो तुमने यह घोषणा ही कर दी है कि तुमने सदैव ही मेरे हित की ही कामना की है. याहवेह ने मुझे तुम्हारे हाथों में सौंप ही दिया था, फिर भी तुमने मेरी हत्या नहीं की.
19 Or, si un homme trouve son ennemi dans la détresse, et qu'il le remette dans le bon chemin, comme tu as fait aujourd'hui pour moi, le Seigneur lui rend le bien pour le bien.
क्या कभी ऐसा सुना गया है कि कोई व्यक्ति अपने हाथों में आए शत्रु को सुरक्षित छोड़ दे? आज तुमने मेरे साथ जो उदारतापूर्ण अभिवृत्ति प्रदर्शित की है, उसके लिए याहवेह तुम्हें भला करें.
20 Je reconnais donc maintenant que tu règneras, et que la royauté d'Israël s'affermira en tes mains.
अब सुनो: मुझे यह पता हो गया है कि निश्चित राजा तुम ही बनोगे, और इस्राएल का राज्य तुम्हारे शासन में प्रतिष्ठित हो जाएगा.
21 Jure-moi à l'instant, au nom du Seigneur, qu'après moi tu ne détruiras pas ma race, et que tu n'effaceras pas mon nom de la maison de mon père.
तब यहां याहवेह के सामने शपथ लो, कि मेरी मृत्यु के बाद तुम मेरे वंशजों को नहीं मिटाओगे और न ही मेरे नाम को और न मेरे पिता के परिवार की प्रतिष्ठा नष्ट करोगे.”
22 David le jura à Saül; celui-ci retourna en sa demeure, et David, avec les siens, remonta au défilé de Massera.
दावीद ने शाऊल से इसकी शपथ खाई. इसके बाद शाऊल अपने घर लौट गए और दावीद और उनके साथी अपने गढ़ में.

< 1 Samuel 24 >