< Job 17 >

1 Mon âme est meurtrie, mes jours s’éteignent, la tombe m’attend.
“मेरा प्राण निकलने पर है, मेरे दिन पूरे हो चुके हैं; मेरे लिये कब्र तैयार है।
2 Ne suis-je pas en butte à des moqueries? Mes yeux ne sont-ils pas constamment témoins de leurs perfidies?
निश्चय जो मेरे संग हैं वह ठट्ठा करनेवाले हैं, और उनका झगड़ा-रगड़ा मुझे लगातार दिखाई देता है।
3 Ah! De grâce, accorde-moi ta caution! Sois toi-même mon garant vis-à-vis de toi qui voudrait s’engager pour moi?
“जमानत दे, अपने और मेरे बीच में तू ही जामिन हो; कौन है जो मेरे हाथ पर हाथ मारे?
4 Car tu as fermé leur cœur à la raison; aussi ne les laisseras-tu pas triompher.
तूने उनका मन समझने से रोका है, इस कारण तू उनको प्रबल न करेगा।
5 Pour une part de butin on trahit des amis, de sorte que les yeux de leurs enfants se consument de misère.
जो अपने मित्रों को चुगली खाकर लूटा देता, उसके बच्चों की आँखें अंधी हो जाएँगी।
6 On a fait de moi la fable des nations; je suis l’homme à qui on crache au visage.
“उसने ऐसा किया कि सब लोग मेरी उपमा देते हैं; और लोग मेरे मुँह पर थूकते हैं।
7 Mes yeux sont éteints par le chagrin, et tous mes organes sont comme une ombre.
खेद के मारे मेरी आँखों में धुंधलापन छा गया है, और मेरे सब अंग छाया के समान हो गए हैं।
8 Les gens de bien en sont stupéfaits, et l’innocent en est révolté contre l’impie.
इसे देखकर सीधे लोग चकित होते हैं, और जो निर्दोष हैं, वह भक्तिहीन के विरुद्ध भड़क उठते हैं।
9 Cependant le juste persiste dans sa conduite, et celui qui a les mains pures redouble d’énergie.
तो भी धर्मी लोग अपना मार्ग पकड़े रहेंगे, और शुद्ध काम करनेवाले सामर्थ्य पर सामर्थ्य पाते जाएँगे।
10 Quant à vous, retournez-vous donc tous contre moi, venez! Je ne trouverai pas un sage parmi vous.
१०तुम सब के सब मेरे पास आओ तो आओ, परन्तु मुझे तुम लोगों में एक भी बुद्धिमान न मिलेगा।
11 Mes jours ont fui, mes projets sont ruinés, ces trésors de mon cœur.
११मेरे दिन तो बीत चुके, और मेरी मनसाएँ मिट गई, और जो मेरे मन में था, वह नाश हुआ है।
12 De la nuit ils veulent faire le jour, ils disent la lumière plus proche que les ténèbres.
१२वे रात को दिन ठहराते; वे कहते हैं, अंधियारे के निकट उजियाला है।
13 Si je n’attends plus d’autre demeure que le Cheol, si j’ai étendu ma couche dans la région des ombres; (Sheol h7585)
१३यदि मेरी आशा यह हो कि अधोलोक मेरा धाम होगा, यदि मैंने अंधियारे में अपना बिछौना बिछा लिया है, (Sheol h7585)
14 si je dis au tombeau: "Tu es mon père!" et à la vermine: "Tu es ma mère et ma sœur"
१४यदि मैंने सड़ाहट से कहा, ‘तू मेरा पिता है,’ और कीड़े से, ‘तू मेरी माँ,’ और ‘मेरी बहन है,’
15 où donc est mon espérance? Mon espérance, qui peut la voir?
१५तो मेरी आशा कहाँ रही? और मेरी आशा किसके देखने में आएगी?
16 Elle a sombré jusqu’au fond du Cheol, si toutefois le repos est assuré dans la poussière. (Sheol h7585)
१६वह तो अधोलोक में उतर जाएगी, और उस समेत मुझे भी मिट्टी में विश्राम मिलेगा।” (Sheol h7585)

< Job 17 >