< Isaïe 49 >

1 Écoutez-moi, îles, et soyez attentives, peuplades lointaines! L’Éternel m’a appelé dès le ventre; dès les entrailles de ma mère il a fait mention de mon nom.
ऐ जज़ीरों मेरी सुनों ऐ उम्मतों जो दो हो कान लगाओ ख़ुदावन्द ने मुझे रहम ही से बुलाया, बत्न — ए — मादर ही से उसने मेरे नाम का ज़िक्र किया।
2 Et il a rendu ma bouche semblable à une épée aiguë; il m’a caché sous l’ombre de sa main, et il a fait de moi une flèche polie; il m’a caché dans son carquois.
और उसने मेरे मुँह को तेज़ तलवार की तरह बनाया, और मुझ को अपने हाथ के साये तले छिपाया; उसने मुझे तीर — ए — आबदार किया और अपने तरकश में मुझे छिपा रख्खा;
3 Et il m’a dit: Tu es mon serviteur, Israël, en qui je me glorifierai.
और उसने मुझ से कहा, “तू मेरा ख़ादिम है, तुझ में ऐ इस्राईल, मैं अपना जलाल ज़ाहिर करूँगा।”
4 – Et moi j’ai dit: J’ai travaillé en vain, j’ai consumé ma force pour le néant et en vain; toutefois mon jugement est par-devers l’Éternel, et mon œuvre par-devers mon Dieu.
तब मैंने कहा, मैंने बेफ़ाइदा मशक्क़त उठाई मैंने अपनी क़ुव्वत बेफ़ाइदा बतालत में सर्फ़ की; तोभी यक़ीनन मेरा हक़ ख़ुदावन्द के साथ और मेरा 'अज्र मेरे ख़ुदा के पास है।
5 Et maintenant, dit l’Éternel, qui m’a formé dès le ventre pour lui être serviteur afin de lui ramener Jacob…; quoique Israël ne soit pas rassemblé, je serai glorifié aux yeux de l’Éternel, et mon Dieu sera ma force…
चूँकि मैं ख़ुदावन्द की नज़र में जलील — उल — क़द्र हूँ और वह मेरी तवानाई है, इसलिए वह जिसने मुझे रहम ही से बनाया, ताकि उसका ख़ादिम होकर या'क़ूब को उसके पास वापस लाऊँ और इस्राईल को उसके पास जमा' करूँ, यूँ फ़रमाता है।
6 Et il [me] dit: C’est peu de chose que tu me sois serviteur pour rétablir les tribus de Jacob et pour ramener les préservés d’Israël; je te donnerai aussi pour [être] une lumière des nations, pour être mon salut jusqu’au bout de la terre.
हाँ, ख़ुदावन्द फ़रमाता है, कि “ये तो हल्की सी बात है कि तू या'क़ूब के क़बाइल को खड़ा करने और महफ़ूज़ इस्राईलियों को वापस लाने के लिए मेरा ख़ादिम हो, बल्कि मैं तुझ को क़ौमों के लिए नूर बनाऊँगा कि तुझ से मेरी नजात ज़मीन के किनारों तक पहुँचे।”
7 Ainsi dit l’Éternel, le rédempteur d’Israël, son Saint, à celui que l’homme méprise, à celui que la nation abhorre, au serviteur de ceux qui dominent: Des rois verront, et se lèveront, – des princes, et ils se prosterneront, à cause de l’Éternel qui est fidèle, du Saint d’Israël qui te choisira.
ख़ुदावन्द इस्राईल का फ़िदिया देने वाला और उसका क़ुददूस उसको जिसे इंसान हक़ीर जानता है और जिससे क़ौम को नफ़रत है और जो हाकिमों का चाकर है, यूँ फ़रमाता है, कि 'बादशाह देखेंगे और उठ खड़े होंगे, और उमरा सिज्दा करेंगे; ख़ुदावन्द के लिए जो सादिक़ — उल — क़ौल और इस्राईल का क़ुददूस है, जिसने तुझे बरगुज़ीदा किया है।
8 Ainsi dit l’Éternel: En un temps agréé je t’ai répondu, et au jour du salut je t’ai secouru; et je te garderai, et je te donnerai pour [être] une alliance du peuple, pour rétablir le pays, pour faire hériter les héritages dévastés,
ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है, कि “मैंने क़ुबूलियत के वक़्त तेरी सुनी, और नजात के दिन तेरी मदद की; और मैं तेरी हिफ़ाज़त करूँगा और लोगों के लिए तुझे एक 'अहद ठहराऊँगा, ताकि मुल्क को बहाल करे और वीरान मीरास वारिसों को दे;
9 disant aux prisonniers: Sortez! à ceux qui sont dans les ténèbres: Paraissez! Ils paîtront sur les chemins, et sur toutes les hauteurs seront leurs pâturages.
ताकि तू कै़दियों को कहे, कि 'निकल चलो,' और उनको जो अन्धेरे में हैं, कि 'अपने आपको दिखलाओ।” वह रास्तों में चरेंगे और सब नंगे टीले उनकी चरागाहें होंगे।
10 Ils n’auront pas faim, et ils n’auront pas soif, la chaleur et le soleil ne les frapperont pas; car celui qui a compassion d’eux les conduira et les mènera à des sources d’eau.
वह न भूके होंगे न प्यासे, और न गर्मी और धूप से उनको ज़रर पहुँचेगा; क्यूँकि वह जिसकी रहमत उन पर है उनका रहनुमा होगा, और पानी के सोतों की तरफ़ उनकी रहबरी करेगा।
11 Et je ferai de toutes mes montagnes un chemin, et mes grandes routes seront élevées.
और मैं अपने सारे पहाड़ों को एक रास्ता बना दूँगा, और मेरी शाहराहें ऊँची की जाएँगी।
12 Voici, ceux-ci viendront de loin; et voici, ceux-là, du nord et de l’ouest, et ceux-ci, du pays de Sinim.
“देख, ये दूर से और ये उत्तर और मग़रिब से, और ये सिनीम के मुल्क से आएँगे।”
13 Exultez, cieux, et égaie-toi, terre! Montagnes, éclatez en chants de triomphe! Car l’Éternel console son peuple et fera miséricorde à ses affligés.
ऐ आसमानो, गाओ; ऐ ज़मीन, ख़ुश हो; ऐ पहाड़ो, नग़मा परदाज़ी करो! क्यूँकि ख़ुदावन्द ने अपने लोगों को तसल्ली बख़्शी है और अपने रंजूरों पर रहम फ़रमाएगा।
14 Mais Sion a dit: L’Éternel m’a abandonnée, et le Seigneur m’a oubliée!
लेकिन सिय्यून कहती है, यहोवाह ने मुझे छोड़ दिया है, और ख़ुदावन्द मुझे भूल गया है।
15 Une femme oubliera-t-elle son nourrisson, pour ne pas avoir compassion du fruit de son ventre? Même celles-là oublieront; … mais moi, je ne t’oublierai pas.
'क्या ये मुम्किन है कि कोई माँ अपने शीरख़्वार बच्चे को भूल जाए, और अपने रहम के फ़र्ज़न्द पर तरस न खाए? हाँ, वह शायद भूल जाए, पर मैं तुझे न भूलूँगा।
16 Voici, je t’ai gravée sur les paumes de mes mains; tes murs sont continuellement devant moi.
देख, मैंने तेरी सूरत अपनी हथेलियों पर खोद रख्खी है; और तेरी शहरपनाह हमेशा मेरे सामने है।
17 Tes fils se hâteront; ceux qui te détruisaient et ceux qui te dévastaient sortiront d’avec toi.
तेरे फ़र्ज़न्द जल्दी करते हैं, और वह जो तुझे बर्बाद करने और उजाड़ने वाले थे, तुझ से निकल जाएँगे।
18 Lève autour de toi tes yeux, et regarde: ils se rassemblent tous, ils viennent vers toi. Je suis vivant, dit l’Éternel, que tu te revêtiras d’eux tous comme d’un ornement, et que tu t’en ceindras comme une fiancée.
अपनी आँखें उठा कर चारों तरफ़ नज़र कर, ये सब के सब मिलकर इकट्ठे होते हैं और तेरे पास आते हैं। ख़ुदावन्द फ़रमाता है, मुझे अपनी हयात की क़सम कि तू यक़ीनन इन सबको ज़ेवर की तरह पहन लेगी, और इनसे दुल्हन की तरह आरास्ता होगी।
19 Car [dans] tes lieux déserts et tes contrées désolées et ton pays détruit, tu seras maintenant à l’étroit à cause des habitants, et ceux qui te dévoraient seront loin.
“क्यूँकि तेरी वीरान और उजड़ी जगहों में, और तेरे बर्बाद मुल्क में अब यक़ीनन बसनेवाले गुंजाइश से ज़्यादा होंगे, और तुझ को ग़ारत करनेवाले दूर हो जाएँगे।
20 Les fils que tu as eus quand tu étais privée d’enfants diront encore à tes oreilles: Le lieu est trop étroit pour moi; fais-moi place, afin que j’y habite.
बल्कि तेरे वह बेटे जो तुझ से ले लिए गए थे, तेरे कानों में फिर कहेंगे, कि बसने की जगह बहुत तंग है, हम को बसने की जगह दे।
21 Et tu diras en ton cœur: Qui m’a enfanté ceux-ci? Et moi, j’étais privée d’enfants et abandonnée, captive et chassée; et ceux-ci, qui les a élevés? Voici, moi j’étais laissée seule, – ceux-ci, où étaient-ils?
तब तू अपने दिल में कहेगी, 'कौन मेरे लिए इनका बाप हुआ? कि मैं तो बेऔलाद हो गई और अकेली थी, मैं तो जिलावतनी और आवारगी में रही, सो किसने इनको पाला? देख, मैं तो अकेली रह गई थी; फिर ये कहाँ थे?”
22 Ainsi dit le Seigneur, l’Éternel: Voici, je lèverai ma main devant les nations, et j’élèverai mon étendard devant les peuples; et ils apporteront tes fils sur [leurs] bras, et tes filles seront portées sur [leurs] épaules;
ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है, कि “देख, मैं क़ौमों पर हाथ उठाऊँगा, और उम्मतों पर अपना झण्डा खड़ा करूँगा; और वह तेरे बेटों को अपनी गोद में लिए आएँगे, और तेरी बेटियों को अपने कंधों पर बिठाकर पहुँचाएँगे।
23 et des rois seront tes nourriciers, et leurs princesses, tes nourrices; ils se prosterneront devant toi le visage contre terre, et ils lécheront la poussière de tes pieds; et tu sauras que moi je suis l’Éternel: ceux qui s’attendent à moi ne seront pas confus.
और बादशाह तेरे मुरब्बी होंगे और उनकी बीवियाँ तेरी दाया होंगी। वह तेरे सामने मुँह के बल ज़मीन पर गिरेंगे, और तेरे पाँव की खाक चाटेंगे; और तू जानेगी कि मैं ही ख़ुदावन्द हूँ, जिसके मुन्तज़िर शर्मिन्दा न होंगे।”
24 Ce qu’il a pris sera-t-il enlevé à l’homme fort, et celui qui est justement captif sera-t-il délivré?
क्या ज़बरदस्त से शिकार छीन लिया जाएगा? और क्या रास्तबाज़ के कै़दी छुड़ा लिए जाएँगे?
25 Car ainsi dit l’Éternel: Même le captif de l’homme fort [lui] sera enlevé, et ce qui a été pris par l’[homme] puissant sera délivré; et moi je contesterai avec celui qui conteste avec toi, et je sauverai tes fils.
ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है, कि 'ताक़तवर के ग़ुलाम भी ले लिए जाएँगे, और मुहीब का शिकार छुड़ा लिया जाएगा; क्यूँकि मैं उससे जो तेरे साथ झगड़ता है, झगड़ा करूँगा और तेरे बच्चों को बचा लूँगा।
26 Et je donnerai à ceux qui t’oppriment leur propre chair à manger, et ils s’enivreront de leur sang comme avec du moût; et toute chair saura que je suis l’Éternel, ton sauveur, et ton rédempteur, le Puissant de Jacob.
और मैं तुम पर ज़ुल्म करनेवालों को उन ही का गोश्त खिलाऊँगा, और वह मीठी शराब की तरह अपना ही ख़ून पीकर बदमस्त हो जाएँगे; और हर फ़र्द — ए — बशर जानेगा कि मैं ख़ुदावन्द तेरा नजात देनेवाला, और या'क़ूब का क़ादिर तेरा फ़िदिया देनेवाला हूँ।

< Isaïe 49 >