< Michée 6 >
1 Ecoutez donc ce que dit Yahweh: — Lève-toi et vide ta querelle devant les montagnes, et que les collines entendent ta voix!
१जो बात यहोवा कहता है, उसे सुनो उठकर, पहाड़ों के सामने वाद विवाद कर, और टीले भी तेरी सुनने पाएँ।
2 Ecoutez, montagnes, la querelle de Yahweh, et vous, immuables fondements de la terre! Car Yahweh a une querelle avec son peuple; et il va plaider contre Israël. —
२हे पहाड़ों, और हे पृथ्वी की अटल नींव, यहोवा का वाद विवाद सुनो, क्योंकि यहोवा का अपनी प्रजा के साथ मुकद्दमा है, और वह इस्राएल से वाद-विवाद करता है।
3 Mon peuple, que t'ai-je fait, en quoi t'ai-je causé de la peine? Réponds-moi.
३“हे मेरी प्रजा, मैंने तेरा क्या बिगाड़ा है? क्या करके मैंने तुझे थका दिया है?
4 Car je t'ai fait monter du pays d'Egypte, je t'ai racheté de la maison de servitude, et j'ai envoyé devant toi Moïse, Aaron et Marie.
४मेरे विरुद्ध साक्षी दे! मैं तो तुझे मिस्र देश से निकाल ले आया, और दासत्व के घर में से तुझे छुड़ा लाया; और तेरी अगुआई करने को मूसा, हारून और मिर्याम को भेज दिया।
5 Mon peuple, souviens-toi donc du conseil qu'avait donné Balac, roi de Moab, et de ce que lui répondit Balaam, fils de Beor; souviens-toi de Sétim jusqu'à Galgala, afin que tu connaisses les justices de Yahweh.
५हे मेरी प्रजा, स्मरण कर, कि मोआब के राजा बालाक ने तेरे विरुद्ध कौन सी युक्ति की? और बोर के पुत्र बिलाम ने उसको क्या सम्मति दी? और शित्तीम से गिलगाल तक की बातों का स्मरण कर, जिससे तू यहोवा के धार्मिकता के काम समझ सके।”
6 Avec quoi me présenterai-je devant Yahweh, me prosternerai-je devant le Dieu de là-haut? Me présenterai-je devant lui avec des holocaustes, avec des veaux d'un an?
६“मैं क्या लेकर यहोवा के सम्मुख आऊँ, और ऊपर रहनेवाले परमेश्वर के सामने झुकूँ? क्या मैं होमबलि के लिये एक-एक वर्ष के बछड़े लेकर उसके सम्मुख आऊँ?
7 Yahweh agréera-t-il des milliers de béliers, des myriades de torrents d'huile? Donnerai-je mon premier-né pour ma faute, le fruit de mes entrailles pour le péché de mon âme? —
७क्या यहोवा हजारों मेढ़ों से, या तेल की लाखों नदियों से प्रसन्न होगा? क्या मैं अपने अपराध के प्रायश्चित में अपने पहलौठे को या अपने पाप के बदले में अपने जन्माए हुए किसी को दूँ?”
8 On t'a fait connaître, ô homme, ce qui est bon, et ce que Yahweh demande de toi: c'est de pratiquer la justice, d'aimer la miséricorde, et de marcher humblement avec ton Dieu.
८हे मनुष्य, वह तुझे बता चुका है कि अच्छा क्या है; और यहोवा तुझ से इसे छोड़ और क्या चाहता है, कि तू न्याय से काम करे, और कृपा से प्रीति रखे, और अपने परमेश्वर के साथ नम्रता से चले?
9 La voix de Yahweh crie à la ville, — et c'est sagesse de prendre garde à votre nom: — Écoutez la verge, et celui qui l'a ordonnée!
९यहोवा की वाणी इस नगर को पुकार रही है, और सम्पूर्ण ज्ञान, तेरे नाम का भय मानना है: राजदण्ड की, और जो उसे देनेवाला है उसकी बात सुनो!
10 Y a-t-il encore dans la maison du méchant des trésors iniques, et un épha amoindri, abominable?
१०क्या अब तक दुष्ट के घर में दुष्टता से पाया हुआ धन और छोटा एपा घृणित नहीं है?
11 Serais-je pur avec des balances injustes, et de faux poids dans le sac?
११क्या मैं कपट का तराजू और घटबढ़ के बटखरों की थैली लेकर पवित्र ठहर सकता हूँ?
12 Les riches de cette ville sont pleins de violence, ses habitants profèrent le mensonge, et leur langue n'est que tromperie dans leur bouche.
१२यहाँ के धनवान लोग उपद्रव का काम देखा करते हैं; और यहाँ के सब रहनेवाले झूठ बोलते हैं और उनके मुँह से छल की बातें निकलती हैं।
13 Moi, à mon tour, je te frapperai de coups mortels, je te dévasterai à cause de tes péchés.
१३इस कारण मैं तुझे मारते-मारते बहुत ही घायल करता हूँ, और तेरे पापों के कारण तुझको उजाड़ डालता हूँ।
14 Tu mangeras, mais sans te rassasier, et ta faim sera au-dedans de toi; tu éloigneras, mais sans rien sauver, et ce que tu sauveras, je le livrerai à l'épée.
१४तू खाएगा, परन्तु तृप्त न होगा, तेरा पेट जलता ही रहेगा; और तू अपनी सम्पत्ति लेकर चलेगा, परन्तु न बचा सकेगा, और जो कुछ तू बचा भी ले, उसको मैं तलवार चलाकर लुटवा दूँगा।
15 Tu sèmeras, mais tu ne moissonneras pas; tu presseras l'olive, mais tu ne t'oindras pas d'huile; le moût, mais tu ne boiras pas de vin.
१५तू बोएगा, परन्तु लवने न पाएगा; तू जैतून का तेल निकालेगा, परन्तु लगाने न पाएगा; और दाख रौंदेगा, परन्तु दाखमधु पीने न पाएगा।
16 On observe les ordonnances d'Amri, et toutes les pratiques de la maison d'Achab, et vous marchez d'après leurs conseils, afin que je vous livre à la destruction, et les habitants du pays aux sifflets, et que vous portiez l'opprobre de mon peuple.
१६क्योंकि वे ओम्री की विधियों पर, और अहाब के घराने के सब कामों पर चलते हैं; और तुम उनकी युक्तियों के अनुसार चलते हो; इसलिए मैं तुझे उजाड़ दूँगा, और इस नगर के रहनेवालों पर ताली बजवाऊँगा, और तुम मेरी प्रजा की नामधराई सहोगे।