< Jérémie 51 >
1 Ainsi parle Yahweh: Voici que je vais soulever contre Babel, et contre les habitants de la Chaldée l’esprit d’un destructeur.
१यहोवा यह कहता है, मैं बाबेल के और लेबकामै के रहनेवालों के विरुद्ध एक नाश करनेवाली वायु चलाऊँगा;
2 Et j’enverrai à Babel des vanneurs qui la vanneront; et ils videront son pays, car ils fondront de toutes parts sur elle, au jour du malheur.
२और मैं बाबेल के पास ऐसे लोगों को भेजूँगा जो उसको फटक-फटककर उड़ा देंगे, और इस रीति से उसके देश को सुनसान करेंगे; और विपत्ति के दिन चारों ओर से उसके विरुद्ध होंगे।
3 Que l’archer tende son arc contre l’archer et contre celui qui se pavane dans sa cuirasse! N’épargnez pas ses jeunes gens, exterminez toute son armée.
३धनुर्धारी के विरुद्ध और जो अपना झिलम पहने हैं धनुर्धारी धनुष चढ़ाए हुए उठे; उसके जवानों से कुछ कोमलता न करना; उसकी सारी सेना को सत्यानाश करो।
4 Que des blessés à mort tombent sur la terre des Chaldéens, et des transpercés dans les rues de Babel!
४कसदियों के देश में मरे हुए और उसकी सड़कों में छिदे हुए लोग गिरेंगे।
5 Car Israël et Juda ne sont pas veuves de leur Dieu, de Yahweh des armées, et le pays des Chaldéens est rempli d’iniquités contre le Saint d’Israël.
५क्योंकि, यद्यपि इस्राएल और यहूदा के देश, इस्राएल के पवित्र के विरुद्ध किए हुए पापों से भरपूर हो गए हैं, तो भी उनके परमेश्वर, सेनाओं के यहोवा ने उनको त्याग नहीं दिया।
6 Fuyez du milieu de Babylone, et que chacun de vous sauve sa vie! Ne périssez pas pour son crime; car c’est le temps de la vengeance pour Yahweh; il va lui rendre ce qu’elle a mérité.
६“बाबेल में से भागो, अपना-अपना प्राण बचाओ! उसके अधर्म में भागी होकर तुम भी न मिट जाओ; क्योंकि यह यहोवा के बदला लेने का समय है, वह उसको बदला देने पर है।
7 Babel était une coupe d’or dans la main de Yahweh; elle enivrait toute la terre; les nations ont bu de son vin, c’est pourquoi les nations sont en délire.
७बाबेल यहोवा के हाथ में सोने का कटोरा था, जिससे सारी पृथ्वी के लोग मतवाले होते थे; जाति-जाति के लोगों ने उसके दाखमधु में से पिया, इस कारण वे भी बावले हो गए।
8 Soudain Babel est tombée, et s’est brisée; hurlez sur elle; prenez du baume pour sa plaie; peut-être guérira-t-elle!
८बाबेल अचानक ले ली गई और नाश की गई है। उसके लिये हाय-हाय करो! उसके घावों के लिये बलसान औषधि लाओ; सम्भव है वह चंगी हो सके।
9 « Nous avons voulu guérir Babel, mais elle n’a pas guéri; laissez-la! allons chacun dans notre pays! Car son jugement atteint jusqu’aux cieux, et s’élève jusqu’aux nues. »
९हम बाबेल का इलाज करते तो थे, परन्तु वह चंगी नहीं हुई। इसलिए आओ, हम उसको तजकर अपने-अपने देश को चले जाएँ; क्योंकि उस पर किए हुए न्याय का निर्णय आकाश वरन् स्वर्ग तक भी पहुँच गया है।
10 Yahweh a manifesté la justice de notre cause; venez et racontons en Sion l’œuvre de Yahweh notre Dieu.
१०यहोवा ने हमारे धार्मिकता के काम प्रगट किए हैं; अतः आओ, हम सिय्योन में अपने परमेश्वर यहोवा के काम का वर्णन करें।
11 Aiguisez les flèches, couvrez-vous de vos boucliers! Yahweh a excité l’esprit des rois de Médie; car son dessein sur Babel est de la détruire. Car c’est là la vengeance de Yahweh, la vengeance de son temple.
११“तीरों को पैना करो! ढालें थामे रहो! क्योंकि यहोवा ने मादी राजाओं के मन को उभारा है, उसने बाबेल को नाश करने की कल्पना की है, क्योंकि यहोवा अर्थात् उसके मन्दिर का यही बदला है
12 Elevez l’étendard contre les murs de Babylone; renforcez le blocus, posez des sentinelles, dressez des embuscades! Car Yahweh a formé un dessein, il exécute ce qu’il a dit contre les habitants de Babel.
१२बाबेल की शहरपनाह के विरुद्ध झण्डा खड़ा करो; बहुत पहरुए बैठाओ; घात लगाने वालों को बैठाओ; क्योंकि यहोवा ने बाबेल के रहनेवालों के विरुद्ध जो कुछ कहा था, वह अब करने पर है वरन् किया भी है।
13 Toi qui habites au bord des grandes eaux, riche en trésors, ta fin est venue, le terme de tes rapines!
१३हे बहुत जलाशयों के बीच बसी हुई और बहुत भण्डार रखनेवाली, तेरा अन्त आ गया, तेरे लोभ की सीमा पहुँच गई है।
14 Yahweh des armées l’a juré par lui-même: Je te remplirai d’hommes, comme de sauterelles, et ils pousseront sur toi le cri du triomphe.
१४सेनाओं के यहोवा ने अपनी ही शपथ खाई है, कि निश्चय मैं तुझको टिड्डियों के समान अनगिनत मनुष्यों से भर दूँगा, और वे तेरे विरुद्ध ललकारेंगे।
15 Il a fait la terre par sa force, affermi le monde par sa sagesse, et par son intelligence il a étendu les cieux.
१५“उसी ने पृथ्वी को अपने सामर्थ्य से बनाया, और जगत को अपनी बुद्धि से स्थिर किया; और आकाश को अपनी प्रवीणता से तान दिया है।
16 A sa voix, les eaux s’amassent dans les cieux; il fait monter les nuages des extrémités de la terre; il fait briller les éclairs d’où jaillit l’averse, et tire le vent de ses réservoirs.
१६जब वह बोलता है तब आकाश में जल का बड़ा शब्द होता है, वह पृथ्वी की छोर से कुहरा उठाता है। वह वर्षा के लिये बिजली बनाता, और अपने भण्डार में से पवन निकाल ले आता है।
17 Tout homme est stupide, hors de sens; tout artisan a honte de son idole, car ses idoles ne sont que mensonge; il n’y a pas de souffle en elles.
१७सब मनुष्य पशु सरीखे ज्ञानरहित है; सब सुनारों को अपनी खोदी हुई मूरतों के कारण लज्जित होना पड़ेगा; क्योंकि उनकी ढाली हुई मूरतें धोखा देनेवाली हैं, और उनके कुछ भी साँस नहीं चलती।
18 Elles sont une vanité, une œuvre de tromperie; au jour du châtiment, elles périront.
१८वे तो व्यर्थ और ठट्ठे ही के योग्य है; जब उनके नाश किए जाने का समय आएगा, तब वे नाश ही होंगी।
19 Telle n’est pas la part de Jacob; lui, il a formé l’univers; sa part d’héritage est celui qui se nomme Yahweh des armées.
१९परन्तु जो याकूब का निज भाग है, वह उनके समान नहीं, वह तो सब का बनानेवाला है, और इस्राएल उसका निज भाग है; उसका नाम सेनाओं का यहोवा है।
20 Tu me sers de marteau, d’arme de guerre: par toi je broie des peuples; par toi je détruis des royaumes;
२०“तू मेरा फरसा और युद्ध के लिये हथियार ठहराया गया है; तेरे द्वारा मैं जाति-जाति को तितर-बितर करूँगा; और तेरे ही द्वारा राज्य-राज्य को नाश करूँगा।
21 par toi je broie le cheval et son cavalier; par toi je broie le char et celui qui le monte;
२१तेरे ही द्वारा मैं सवार समेत घोड़ों को टुकड़े-टुकड़े करूँगा;
22 par toi je broie homme et femme; par toi je broie vieillard et enfant; par toi je broie jeune homme et jeune fille;
२२तेरे ही द्वारा रथी समेत रथ को भी टुकड़े-टुकड़े करूँगा; तेरे ही द्वारा मैं स्त्री पुरुष दोनों को टुकड़े-टुकड़े करूँगा; तेरे ही द्वारा मैं बूढ़े और लड़के दोनों को टुकड़े-टुकड़े करूँगा, और जवान पुरुष और जवान स्त्री दोनों को मैं तेरे ही द्वारा टुकड़े-टुकड़े करूँगा;
23 par toi je broie le berger et son troupeau; par toi je broie le laboureur et son attelage; par toi je broie les gouverneurs et les chefs.
२३तेरे ही द्वारा मैं भेड़-बकरियों समेत चरवाहे को टुकड़े-टुकड़े करूँगा; तेरे ही द्वारा मैं किसान और उसके जोड़े बैलों को भी टुकड़े-टुकड़े करूँगा; अधिपतियों और हाकिमों को भी मैं तेरे ही द्वारा टुकड़े-टुकड़े करूँगा।
24 Mais je rendrai à Babylone et à tous les habitants de la Chaldée tout le mal qu’ils ont fait dans Sion, sous vos yeux, — oracle de Yahweh.
२४“मैं बाबेल को और सारे कसदियों को भी उन सब बुराइयों का बदला दूँगा, जो उन्होंने तुम लोगों के सामने सिय्योन में की है; यहोवा की यही वाणी है।
25 Me voici contre toi, montagne de destruction, — oracle de Yahweh qui détruis toute la terre; j’étends ma main sur toi, je te roule du haut des rochers et je fais de toi une montagne brûlée.
२५“हे नाश करनेवाले पहाड़ जिसके द्वारा सारी पृथ्वी नाश हुई है, यहोवा की यह वाणी है कि मैं तेरे विरुद्ध हूँ और हाथ बढ़ाकर तुझे ढाँगों पर से लुढ़का दूँगा और जला हुआ पहाड़ बनाऊँगा।
26 On ne tirera de toi ni pierres d’angle, ni pierres pour les fondements, car tu seras à jamais une ruine, — oracle de Yahweh.
२६लोग तुझ से न तो घर के कोने के लिये पत्थर लेंगे, और न नींव के लिये, क्योंकि तू सदा उजाड़ रहेगा, यहोवा की यही वाणी है।
27 Elevez un étendard sur la terre; sonnez de la trompette parmi les nations, consacrez les nations contre elle; appelez contre elle les royaumes d’Ararat, de Menni et d’Ascenez! Etablissez contre elle un chef d’armée; lancez les chevaux comme des sauterelles hérissées.
२७“देश में झण्डा खड़ा करो, जाति-जाति में नरसिंगा फूँको; उसके विरुद्ध जाति-जाति को तैयार करो; अरारात, मिन्नी और अश्कनज नामक राज्यों को उसके विरुद्ध बुलाओ, उसके विरुद्ध सेनापति भी ठहराओ; घोड़ों को शिखरवाली टिड्डियों के समान अनगिनत चढ़ा ले आओ।
28 Consacrez contre elle les nations, les rois de Médie, ses capitaines et ses chefs, et tout le pays sur lequel ils commandent.
२८उसके विरुद्ध जातियों को तैयार करो; मादी राजाओं को उनके अधिपतियों सब हाकिमों सहित और उस राज्य के सारे देश को तैयार करो।
29 La terre tremble, elle s’agite; car le dessein de Yahweh s’accomplit contre Babel, pour changer le pays de Babel en un lieu de terreur, sans habitants.
२९यहोवा ने विचारा है कि वह बाबेल के देश को ऐसा उजाड़ करे कि उसमें कोई भी न रहे; इसलिए पृथ्वी काँपती है और दुःखित होती है
30 Les vaillants de Babel ont cessé de combattre; ils se tiennent dans les forteresses; leur vigueur est à bout, ils sont devenus comme des femmes. On a mis le feu à ses habitations, on a brisé les barres de ses portes.
३०बाबेल के शूरवीर गढ़ों में रहकर लड़ने से इन्कार करते हैं, उनकी वीरता जाती रही है; और यह देखकर कि उनके वासस्थानों में आग लग गई वे स्त्री बन गए हैं; उसके फाटकों के बेंड़े तोड़े गए हैं।
31 Les courriers courrent à la rencontre des courriers, les messagers à la rencontre des messagers, pour annonçer au roi de Babel que sa ville est prise de tous côtés.
३१एक हरकारा दूसरे हरकारे से और एक समाचार देनेवाला दूसरे समाचार देनेवाले से मिलने और बाबेल के राजा को यह समाचार देने के लिये दौड़ेगा कि तेरा नगर चारों ओर से ले लिया गया है;
32 Les passages sont occupés, on brûle au feu les marais, et les hommes de guerre sont consternés!
३२और घाट शत्रुओं के वश में हो गए हैं, ताल भी सुखाए गए, और योद्धा घबरा उठे हैं।
33 Car ainsi parle Yahweh des armées, Dieu d’Israël: La fille de Babel est comme une aire, au temps où on la foule; encore un peu, et viendra pour elle le temps de la moisson.
३३क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर, सेनाओं का यहोवा यह कहता है: बाबेल की बेटी दाँवते समय के खलिहान के समान है, थोड़े ही दिनों में उसकी कटनी का समय आएगा।”
34 Il m’a dévorée, il m’a consumée, Nabuchodonosor, roi de Babel; il m’a posée là comme un vase vide; tel qu’un dragon, il m’a engloutie; il a rempli son ventre de mes meilleurs mets: il m’a chassée.
३४“बाबेल के राजा नबूकदनेस्सर ने मुझ को खा लिया, मुझ को पीस डाला; उसने मुझे खाली बर्तन के समान कर दिया, उसने मगरमच्छ के समान मुझ को निगल लिया है; और मुझ को स्वादिष्ट भोजन जानकर अपना पेट मुझसे भर लिया है, उसने मुझ को जबरन निकाल दिया है।”
35 Que ma chair déchirée soit sur Babel! dira le peuple de Sion; et mon sang sur les habitants de la Chaldée! dira Jérusalem.
३५सिय्योन की रहनेवाली कहेगी, “जो उपद्रव मुझ पर और मेरे शरीर पर हुआ है, वह बाबेल पर पलट जाए।” और यरूशलेम कहेगी, “मुझ में की हुई हत्याओं का दोष कसदियों के देश के रहनेवालों पर लगे।”
36 C’est pourquoi ainsi parle Yahweh: Voici que je prends en main ta cause, et que j’exécute ta vengeance; je dessécherai sa mer et ferai tarir sa source.
३६इसलिए यहोवा कहता है, “मैं तेरा मुकद्दमा लड़ूँगा और तेरा बदला लूँगा। मैं उसके ताल को और उसके सोतों को सूखा दूँगा;
37 Et Babel sera un monceau de pierres, un repaire de chacals, un sujet de terreur et de moquerie, sans habitants.
३७और बाबेल खण्डहर, और गीदड़ों का वासस्थान होगा; और लोग उसे देखकर चकित होंगे और ताली बजाएँगे, और उसमें कोई न रहेगा।
38 Ils rugissent tous ensemble comme des lions; ils grondent comme les petits des lionnes.
३८“लोग एक संग ऐसे गरजेंगे और गुर्राएँगे, जैसे युवा सिंह व सिंह के बच्चे आहेर पर करते हैं।
39 Tandis qu’ils sont en fièvre, je leur verserai un breuvage, et je les enivrerai pour qu’ils se livrent à la joie; et ils s’endormiront d’un sommeil éternel et ils ne se réveilleront plus, — oracle de Yahweh.
३९परन्तु जब जब वे उत्तेजित हों, तब मैं भोज तैयार करके उन्हें ऐसा मतवाला करूँगा, कि वे हुलसकर सदा की नींद में पड़ेंगे और कभी न जागेंगे, यहोवा की यही वाणी है।
40 Je les ferai descendre comme des agneaux à la boucherie, comme des béliers et des boucs.
४०मैं उनको, भेड़ों के बच्चों, और मेढ़ों और बकरों के समान घात करा दूँगा।
41 Comment a été prise Sésac, a été conquise la gloire de toute la terre? Comment est-elle devenue un objet de terreur, Babel, parmi les nations?
४१“शेशक, जिसकी प्रशंसा सारे पृथ्वी पर होती थी कैसे ले लिया गया? वह कैसे पकड़ा गया? बाबेल जातियों के बीच कैसे सुनसान हो गया है?
42 La mer est montée sur Babel, elle l’a couverte du bruit de ses flots.
४२बाबेल के ऊपर समुद्र चढ़ आया है, वह उसकी बहुत सी लहरों में डूब गया है।
43 Ses villes sont devenues un objet de terreur, une terre désolée et déserte, une terre où personne ne demeure, où ne passe aucun fils d’homme.
४३उसके नगर उजड़ गए, उसका देश निर्जन और निर्जल हो गया है, उसमें कोई मनुष्य नहीं रहता, और उससे होकर कोई आदमी नहीं चलता।
44 Je visiterai Bel à Babel; et je tirerai de sa bouche ce qu’il a englouti; et les nations n’afflueront plus vers lui. La muraille même de Babel est tombée:
४४मैं बाबेल में बेल को दण्ड दूँगा, और उसने जो कुछ निगल लिया है, वह उसके मुँह से उगलवाऊँगा। जातियों के लोग फिर उसकी ओर ताँता बाँधे हुए न चलेंगे; बाबेल की शहरपनाह गिराई जाएगी।
45 Sortez du milieu d’elle, ô mon peuple; et que chacun de vous sauve sa vie, devant l’ardente colère de Yahweh.
४५हे मेरी प्रजा, उसमें से निकल आओ! अपने-अपने प्राण को यहोवा के भड़के हुए कोप से बचाओ!
46 Que votre cœur ne défaille point, ne vous effrayez pas des bruits qu’on entendra dans le pays! Car une année surviendra un bruit, et une année après un autre bruit: il y aura violence dans le pays, tyran contre tyran.
४६जब उड़ती हुई बात उस देश में सुनी जाए, तब तुम्हारा मन न घबराए; और जो उड़ती हुई चर्चा पृथ्वी पर सुनी जाएगी तुम उससे न डरना: उसके एक वर्ष बाद एक और बात उड़ती हुई आएगी, तब उसके बाद दूसरे वर्ष में एक और बात उड़ती हुई आएगी, और उस देश में उपद्रव होगा, और एक हाकिम दूसरे के विरुद्ध होगा।
47 C’est pourquoi voici que des jours viennent où je visiterai les idoles de Babel, et tout son pays sera confus, et tous ses tués tomberont au milieu d’elle.
४७“इसलिए देख, वे दिन आते हैं जब मैं बाबेल की खुदी हुई मूरतों पर दण्ड की आज्ञा करूँगा; उस सारे देश के लोगों का मुँह काला हो जाएगा, और उसके सब मारे हुए लोग उसी में पड़े रहेंगे।
48 Le ciel et la terre et tout ce qu’ils renferment pousseront des cris de joie sur Babel; car du septentrion viendront sur elle les dévastateurs, — oracle de Yahweh.
४८तब स्वर्ग और पृथ्वी के सारे निवासी बाबेल पर जयजयकार करेंगे; क्योंकि उत्तर दिशा से नाश करनेवाले उस पर चढ़ाई करेंगे, यहोवा की यही वाणी है।
49 Babel doit tomber, ô tués d’Israël, comme pour Babel sont tombés les tués de toute la terre.
४९जैसे बाबेल ने इस्राएल के लोगों को मारा, वैसे ही सारे देश के लोग उसी में मार डाले जाएँगे।
50 Echappés du glaive, partez, ne vous arrêtez pas! De la terre lointaine souvenez-vous de Yahweh, et que Jérusalem soit présente à votre cœur!
५०“हे तलवार से बचे हुओं, भागो, खड़े मत रहो! यहोवा को दूर से स्मरण करो, और यरूशलेम की भी सुधि लो:
51 Nous étions confus, car nous avions appris l’outrage; la honte couvrait nos visages, car des étrangers étaient venus contre le sanctuaire de la maison de Yahweh.
५१‘हम व्याकुल हैं, क्योंकि हमने अपनी नामधराई सुनी है; यहोवा के पवित्र भवन में विधर्मी घुस आए हैं, इस कारण हम लज्जित हैं।’
52 C’est pourquoi voici que des jours viennent, — oracle de Yahweh, où je visiterai ses idoles, et dans tout son pays gémiront ceux qu’on égorge.
५२“इसलिए देखो, यहोवा की यह वाणी है, ऐसे दिन आनेवाले हैं कि मैं उसकी खुदी हुई मूरतों पर दण्ड भेजूँगा, और उसके सारे देश में लोग घायल होकर कराहते रहेंगे।
53 Quand Babel s’élèverait jusqu’aux cieux, quand elle rendrait inaccessible sa haute forteresse; par mon ordre lui viendraient des dévastateurs, — oracle de Yahweh.
५३चाहे बाबेल ऐसा ऊँचा बन जाए कि आकाश से बातें करे और उसके ऊँचे गढ़ और भी दृढ़ किए जाएँ, तो भी मैं उसे नाश करने के लिये, लोगों को भेजूँगा, यहोवा की यह वाणी है।
54 Une clameur retentit du côté de Babel: grand désastre au pays des Chaldéens!
५४“बाबेल से चिल्लाहट का शब्द सुनाई पड़ता है! कसदियों के देश से सत्यानाश का बड़ा कोलाहल सुनाई देता है।
55 Car Yahweh dévaste Babel, et il fait cesser son grand bruit; leurs flots mugissent comme les grandes eaux; et font entendre leur fracas.
५५क्योंकि यहोवा बाबेल को नाश कर रहा है और उसके बड़े कोलाहल को बन्द कर रहा है। इससे उनका कोलाहल महासागर का सा सुनाई देता है।
56 Car il est venu contre elle, le dévastateur, — contre Babel; ses guerriers sont pris, leurs arcs sont brisés; car Yahweh est le Dieu des rétributions, il paiera sûrement!
५६बाबेल पर भी नाश करनेवाले चढ़ आए हैं, और उसके शूरवीर पकड़े गए हैं और उनके धनुष तोड़ डाले गए; क्योंकि यहोवा बदला देनेवाला परमेश्वर है, वह अवश्य ही बदला लेगा।
57 J’enivrerai ses princes et ses sages, ses gouverneurs, ses magistrats et ses guerriers, et ils s’endormiront d’un sommeil éternel, et ne se réveilleront plus, — oracle du Roi, dont le nom est Yahweh des armées.
५७मैं उसके हाकिमों, पंडितों, अधिपतियों, रईसों, और शूरवीरों को ऐसा मतवाला करूँगा कि वे सदा की नींद में पड़ेंगे और फिर न जागेंगे, सेनाओं के यहोवा, जिसका नाम राजाधिराज है, उसकी यही वाणी है।
58 Ainsi parle Yahweh des armées: Les murailles de Babel, si larges, seront complètement rasées, et ses hautes portes seront brûlées. Ainsi les peuples travaillent pour le néant; et les nations au profit du feu, et ils s’y épuisent.
५८“सेनाओं का यहोवा यह भी कहता है, बाबेल की चौड़ी शहरपनाह नींव से ढाई जाएगी, और उसके ऊँचे फाटक आग लगाकर जलाए जाएँगे। और उसमें राज्य-राज्य के लोगों का परिश्रम व्यर्थ ठहरेगा, और जातियों का परिश्रम आग का कौर हो जाएगा और वे थक जाएँगे।”
59 L’ordre que donna Jérémie, le prophète, à Saraïas, fils de Nérias, fils de Maasias, lorsqu’il se rendit à Babylone avec Sédécias, roi de Juda, la quatrième année de son règne. Saraïas était grand chambellan.
५९यहूदा के राजा सिदकिय्याह के राज्य के चौथे वर्ष में जब उसके साथ सरायाह भी बाबेल को गया था, जो नेरिय्याह का पुत्र और महसेयाह का पोता और राजभवन का अधिकारी भी था,
60 Jérémie écrivit dans un livre tous les malheurs qui devaient arriver à Babylone, toutes ces paroles écrites sur Babylone.
६०तब यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता ने उसको ये बातें बताई अर्थात् वे सब बातें जो बाबेल पर पड़नेवाली विपत्ति के विषय लिखी हुई हैं, उन्हें यिर्मयाह ने पुस्तक में लिख दिया।
61 Et Jérémie dit à Saraïas: « Quand tu seras arrivé à Babylone, tu auras soin de lire toutes ces paroles,
६१यिर्मयाह ने सरायाह से कहा, “जब तू बाबेल में पहुँचे, तब अवश्य ही ये सब वचन पढ़ना,
62 et tu diras: « Yahweh, toi-même tu as dit au sujet de ce lieu qu’on le détruirait, de telle sorte qu’il n’y aurait plus d’habitant, ni homme, ni bête, mais qu’il serait une solitude pour toujours. »
६२और यह कहना, ‘हे यहोवा तूने तो इस स्थान के विषय में यह कहा है कि मैं इसे ऐसा मिटा दूँगा कि इसमें क्या मनुष्य, क्या पशु, कोई भी न रहेगा, वरन् यह सदा उजाड़ पड़ा रहेगा।’
63 Et quand tu auras achevé de lire ce livre, tu y attacheras une pierre et tu le jetteras au milieu de l’Euphrate,
६३और जब तू इस पुस्तक को पढ़ चुके, तब इसे एक पत्थर के संग बाँधकर फरात महानद के बीच में फेंक देना,
64 et tu diras: Ainsi s’abîmera Babylone, et elle ne se relèvera pas du malheur que j’amènerai sur elle, et ils tomberont épuisés. » Jusqu’ici les paroles de Jérémie.
६४और यह कहना, ‘इस प्रकार बाबेल डूब जाएगा और मैं उस पर ऐसी विपत्ति डालूँगा कि वह फिर कभी न उठेगा और वे थके रहेंगे।’” यहाँ तक यिर्मयाह के वचन हैं।