< Isaïe 62 >
1 A cause de Sion, je ne me tairai point, et à cause de Jérusalem je ne prendrai pas de repos, jusqu’à ce que sa justice se lève comme l’aurore, et que son salut brille comme un flambeau.
१सिय्योन के निमित्त मैं चुप न रहूँगा, और यरूशलेम के निमित्त मैं चैन न लूँगा, जब तक कि उसकी धार्मिकता प्रकाश के समान और उसका उद्धार जलती हुई मशाल के समान दिखाई न दे।
2 Les nations verront ta justice, et tous les rois ta gloire, et l’on t’appellera d’un nouveau nom, que la bouche de Yahweh choisira.
२तब जाति-जाति के लोग तेरी धार्मिकता और सब राजा तेरी महिमा देखेंगे, और तेरा एक नया नाम रखा जाएगा जो यहोवा के मुख से निकलेगा।
3 Tu seras une couronne d’honneur dans la main de Yahweh, une tiare royale dans la main de notre Dieu.
३तू यहोवा के हाथ में एक शोभायमान मुकुट और अपने परमेश्वर की हथेली में राजमुकुट ठहरेगी।
4 On ne te nommera plus Délaissée, et on ne nommera plus ta terre Désolation. Mais on t’appellera Mon-plaisir-en-elle, et ta terre Epousée. Car Yahweh mettra son plaisir en toi, et ta terre aura un époux.
४तू फिर त्यागी हुई न कहलाएगी, और तेरी भूमि फिर उजड़ी हुई न कहलाएगी; परन्तु तू हेप्सीबा और तेरी भूमि ब्यूला कहलाएगी; क्योंकि यहोवा तुझ से प्रसन्न है, और तेरी भूमि सुहागिन होगी।
5 Comme un jeune homme épouse une vierge, tes fils t’épouseront; et comme la fiancée fait la joie du fiancé, ainsi tu seras la joie de ton Dieu.
५क्योंकि जिस प्रकार जवान पुरुष एक कुमारी को ब्याह लाता है, वैसे ही तेरे पुत्र तुझे ब्याह लेंगे; और जैसे दूल्हा अपनी दुल्हन के कारण हर्षित होता है, वैसे ही तेरा परमेश्वर तेरे कारण हर्षित होगा।
6 Sur tes murs, Jérusalem, j’ai placé des sentinelles; jamais ni le jour ni la nuit, elles ne se tairont. O vous qui faites souvenir Yahweh, ne prenez pas de repos,
६हे यरूशलेम, मैंने तेरी शहरपनाह पर पहरुए बैठाए हैं; वे दिन-रात कभी चुप न रहेंगे। हे यहोवा को स्मरण करनेवालों, चुप न रहो,
7 et ne lui laissez pas de repos, jusqu’à ce qu’il rétablisse Jérusalem, et qu’il fasse d’elle la louange de la terre.
७और जब तक वह यरूशलेम को स्थिर करके उसकी प्रशंसा पृथ्वी पर न फैला दे, तब तक उसे भी चैन न लेने दो।
8 Yahweh l’a juré par sa droite, et par son bras puissant: Je ne donnerai plus ton froment en nourriture à tes ennemis, et les fils de l’étranger ne boiront plus ton vin, fruit de tes labeurs.
८यहोवा ने अपने दाहिने हाथ की और अपनी बलवन्त भुजा की शपथ खाई है: निश्चय मैं भविष्य में तेरा अन्न अब फिर तेरे शत्रुओं को खाने के लिये न दूँगा, और परदेशियों के पुत्र तेरा नया दाखमधु जिसके लिये तूने परिश्रम किया है, नहीं पीने पाएँगे;
9 Mais ceux qui auront fait la moisson la mangeront, et ils loueront Yahweh; et ceux qui auront fait la vendange la boiront, dans les parvis de mon sanctuaire.
९केवल वे ही, जिन्होंने उसे खत्ते में रखा हो, उसमें से खाकर यहोवा की स्तुति करेंगे, और जिन्होंने दाखमधु भण्डारों में रखा हो, वे ही उसे मेरे पवित्रस्थान के आँगनों में पीने पाएँगे।
10 Passez, passez par les portes; aplanissez le chemin du peuple. Frayez, frayez la route, ôtez-en les pierres; élevez un étendard sur les peuples.
१०जाओ, फाटकों में से निकल जाओ, प्रजा के लिये मार्ग सुधारो; राजमार्ग सुधारकर ऊँचा करो, उसमें से पत्थर बीन-बीनकर फेंक दो, देश-देश के लोगों के लिये झण्डा खड़ा करो।
11 Voici ce que Yahweh a publié, jusqu’aux extrémités de la terre: Dites à la fille de Sion: « Voici que ton Sauveur vient; voici que sa récompense est avec lui, et ses rétributions le précèdent. »
११देखो, यहोवा ने पृथ्वी की छोर तक इस आज्ञा का प्रचार किया है: सिय्योन की बेटी से कहो, “देख, तेरा उद्धारकर्ता आता है, देख, जो मजदूरी उसको देनी है वह उसके पास है और उसका काम उसके सामने है।”
12 Et on les appellera Peuple saint, Rachetés de Yahweh; et toi, on t’appellera Recherchée, Ville-non-délaissée.
१२और लोग उनको पवित्र प्रजा और यहोवा के छुड़ाए हुए कहेंगे; और तेरा नाम ग्रहण की हुई अर्थात् न-त्यागी हुई नगरी पड़ेगा।