< Psalms 121 >

1 A Song of the Ascents. I lift up mine eyes unto the hills, Whence doth my help come?
यात्रा का गीत मैं अपनी आँखें पर्वतों की ओर उठाऊँगा। मुझे सहायता कहाँ से मिलेगी?
2 My help [is] from Jehovah, maker of heaven and earth,
मुझे सहायता यहोवा की ओर से मिलती है, जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है।
3 He suffereth not thy foot to be moved, Thy preserver slumbereth not.
वह तेरे पाँव को टलने न देगा, तेरा रक्षक कभी न ऊँघेगा।
4 Lo, He slumbereth not, nor sleepeth, He who is preserving Israel.
सुन, इस्राएल का रक्षक, न ऊँघेगा और न सोएगा।
5 Jehovah [is] thy preserver, Jehovah [is] thy shade on thy right hand,
यहोवा तेरा रक्षक है; यहोवा तेरी दाहिनी ओर तेरी आड़ है।
6 By day the sun doth not smite thee, Nor the moon by night.
न तो दिन को धूप से, और न रात को चाँदनी से तेरी कुछ हानि होगी।
7 Jehovah preserveth thee from all evil, He doth preserve thy soul.
यहोवा सारी विपत्ति से तेरी रक्षा करेगा; वह तेरे प्राण की रक्षा करेगा।
8 Jehovah preserveth thy going out and thy coming in, From henceforth even unto the age!
यहोवा तेरे आने-जाने में तेरी रक्षा अब से लेकर सदा तक करता रहेगा।

< Psalms 121 >