< Psalms 103 >
1 By David. Bless, O my soul, Jehovah, And all my inward parts — His Holy Name.
१दाऊद का भजन हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह; और जो कुछ मुझ में है, वह उसके पवित्र नाम को धन्य कहे!
2 Bless, O my soul, Jehovah, And forget not all His benefits,
२हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह, और उसके किसी उपकार को न भूलना।
3 Who is forgiving all thine iniquities, Who is healing all thy diseases,
३वही तो तेरे सब अधर्म को क्षमा करता, और तेरे सब रोगों को चंगा करता है,
4 Who is redeeming from destruction thy life, Who is crowning thee — kindness and mercies,
४वही तो तेरे प्राण को नाश होने से बचा लेता है, और तेरे सिर पर करुणा और दया का मुकुट बाँधता है,
5 Who is satisfying with good thy desire, Renew itself as an eagle doth thy youth.
५वही तो तेरी लालसा को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है, जिससे तेरी जवानी उकाब के समान नई हो जाती है।
6 Jehovah is doing righteousness and judgments For all the oppressed.
६यहोवा सब पिसे हुओं के लिये धर्म और न्याय के काम करता है।
7 He maketh known His ways to Moses, To the sons of Israel His acts.
७उसने मूसा को अपनी गति, और इस्राएलियों पर अपने काम प्रगट किए।
8 Merciful and gracious [is] Jehovah, Slow to anger, and abundant in mercy.
८यहोवा दयालु और अनुग्रहकारी, विलम्ब से कोप करनेवाला और अति करुणामय है
9 Not for ever doth He strive, Nor to the age doth He watch.
९वह सर्वदा वाद-विवाद करता न रहेगा, न उसका क्रोध सदा के लिये भड़का रहेगा।
10 Not according to our sins hath He done to us, Nor according to our iniquities Hath He conferred benefits upon us.
१०उसने हमारे पापों के अनुसार हम से व्यवहार नहीं किया, और न हमारे अधर्म के कामों के अनुसार हमको बदला दिया है।
11 For, as the height of the heavens [is] above the earth, His kindness hath been mighty over those fearing Him.
११जैसे आकाश पृथ्वी के ऊपर ऊँचा है, वैसे ही उसकी करुणा उसके डरवैयों के ऊपर प्रबल है।
12 As the distance of east from west He hath put far from us our transgressions.
१२उदयाचल अस्ताचल से जितनी दूर है, उसने हमारे अपराधों को हम से उतनी ही दूर कर दिया है।
13 As a father hath mercy on sons, Jehovah hath mercy on those fearing Him.
१३जैसे पिता अपने बालकों पर दया करता है, वैसे ही यहोवा अपने डरवैयों पर दया करता है।
14 For He hath known our frame, Remembering that we [are] dust.
१४क्योंकि वह हमारी सृष्टि जानता है; और उसको स्मरण रहता है कि मनुष्य मिट्टी ही है।
15 Mortal man! as grass [are] his days, As a flower of the field so he flourisheth;
१५मनुष्य की आयु घास के समान होती है, वह मैदान के फूल के समान फूलता है,
16 For a wind hath passed over it, and it is not, And its place doth not discern it any more.
१६जो पवन लगते ही ठहर नहीं सकता, और न वह अपने स्थान में फिर मिलता है।
17 And the kindness of Jehovah [Is] from age even unto age on those fearing Him, And His righteousness to sons' sons,
१७परन्तु यहोवा की करुणा उसके डरवैयों पर युग-युग, और उसका धर्म उनके नाती-पोतों पर भी प्रगट होता रहता है,
18 To those keeping His covenant, And to those remembering His precepts to do them.
१८अर्थात् उन पर जो उसकी वाचा का पालन करते और उसके उपदेशों को स्मरण करके उन पर चलते हैं।
19 Jehovah in the heavens Hath established His throne, And His kingdom over all hath ruled.
१९यहोवा ने तो अपना सिंहासन स्वर्ग में स्थिर किया है, और उसका राज्य पूरी सृष्टि पर है।
20 Bless Jehovah, ye His messengers, Mighty in power — doing His word, To hearken to the voice of His Word.
२०हे यहोवा के दूतों, तुम जो बड़े वीर हो, और उसके वचन को मानते और पूरा करते हो, उसको धन्य कहो!
21 Bless Jehovah, all ye His hosts, His ministers — doing His pleasure.
२१हे यहोवा की सारी सेनाओं, हे उसके सेवकों, तुम जो उसकी इच्छा पूरी करते हो, उसको धन्य कहो!
22 Bless Jehovah, all ye His works, In all places of His dominion. Bless, O my soul, Jehovah!
२२हे यहोवा की सारी सृष्टि, उसके राज्य के सब स्थानों में उसको धन्य कहो। हे मेरे मन, तू यहोवा को धन्य कह!