< Judges 7 >
1 And Jerubbaal (he [is] Gideon) riseth early, and all the people who [are] with him, and they encamp by the well of Harod, and the camp of Midian hath been on the south of him, on the height of Moreh, in the valley.
१तब गिदोन जो यरूब्बाल भी कहलाता है और सब लोग जो उसके संग थे सवेरे उठे, और हरोद नामक सोते के पास अपने डेरे खड़े किए; और मिद्यानियों की छावनी उनके उत्तरी ओर मोरे नामक पहाड़ी के पास तराई में पड़ी थी।
2 And Jehovah saith unto Gideon, 'Too many [are] the people who [are] with thee for My giving Midian into their hand, lest Israel beautify itself against Me, saying, My hand hath given salvation to me;
२तब यहोवा ने गिदोन से कहा, “जो लोग तेरे संग हैं वे इतने हैं कि मैं मिद्यानियों को उनके हाथ नहीं कर सकता, नहीं तो इस्राएल यह कहकर मेरे विरुद्ध अपनी बड़ाई मारने लगेंगे, कि हम अपने ही भुजबल के द्वारा बचे हैं।
3 and now, call, I pray thee, in the ears of the people, saying, Whoso [is] afraid and trembling, let him turn back and go early from mount Gilead;' and there turn back of the people twenty and two thousand, and ten thousand have been left.
३इसलिए तू जाकर लोगों में यह प्रचार करके सुना दे, ‘जो कोई डर के मारे थरथराता हो, वह गिलाद पहाड़ से लौटकर चला जाए।’” तब बाईस हजार लोग लौट गए, और केवल दस हजार रह गए।
4 And Jehovah saith unto Gideon, 'Yet [are] the people too many; bring them down unto the water, and I refine it for thee there; and it hath been, he of whom I say unto thee, This doth go with thee — he doth go with thee; and any of whom I say unto thee, This doth not go with thee — he doth not go.'
४फिर यहोवा ने गिदोन से कहा, “अब भी लोग अधिक हैं; उन्हें सोते के पास नीचे ले चल, वहाँ मैं उन्हें तेरे लिये परखूँगा; और जिस जिसके विषय में मैं तुझ से कहूँ, ‘यह तेरे संग चले,’ वह तो तेरे संग चले; और जिस जिसके विषय में मैं कहूँ, ‘यह तेरे संग न जाए,’ वह न जाए।”
5 And he bringeth down the people unto the water, and Jehovah saith unto Gideon, 'Every one who lappeth with his tongue of the water as the dog lappeth — thou dost set him apart; also every one who boweth on his knees to drink.'
५तब वह उनको सोते के पास नीचे ले गया; वहाँ यहोवा ने गिदोन से कहा, “जितने कुत्ते की समान जीभ से पानी चपड़-चपड़ करके पीएँ उनको अलग रख; और वैसा ही उन्हें भी जो घुटने टेककर पीएँ।”
6 And the number of those lapping with their hand unto their mouth is three hundred men, and all the rest of the people have bowed down on their knees to drink water.
६जिन्होंने मुँह में हाथ लगाकर चपड़-चपड़ करके पानी पिया उनकी तो गिनती तीन सौ ठहरी; और बाकी सब लोगों ने घुटने टेककर पानी पिया।
7 And Jehovah saith unto Gideon, 'By the three hundred men who are lapping I save you, and have given Midian into thy hand, and all the people go, each to his place.'
७तब यहोवा ने गिदोन से कहा, “इन तीन सौ चपड़-चपड़ करके पीनेवालों के द्वारा मैं तुम को छुड़ाऊँगा, और मिद्यानियों को तेरे हाथ में कर दूँगा; और अन्य लोग अपने-अपने स्थान को लौट जाए।”
8 And the people take the provision in their hand, and their trumpets, and every man of Israel he hath sent away, each to his tents; and on the three hundred men he hath kept hold, and the camp of Midian hath been by him at the lower part of the valley.
८तब उन तीन सौ लोगों ने अपने साथ भोजन सामग्री ली और अपने-अपने नरसिंगे लिए; और उसने इस्राएल के अन्य सब पुरुषों को अपने-अपने डेरे की ओर भेज दिया, परन्तु उन तीन सौ पुरुषों को अपने पास रख छोड़ा; और मिद्यान की छावनी उसके नीचे तराई में पड़ी थी।
9 And it cometh to pass, on that night, that Jehovah saith unto him, 'Rise, go down into the camp, for I have given it into thy hand;
९उसी रात को यहोवा ने उससे कहा, “उठ, छावनी पर चढ़ाई कर; क्योंकि मैं उसे तेरे हाथ कर देता हूँ।
10 and if thou art afraid to go down — go down, thou and Phurah thy young man, unto the camp,
१०परन्तु यदि तू चढ़ाई करते डरता हो, तो अपने सेवक फूरा को संग लेकर छावनी के पास जाकर सुन,
11 and thou hast heard what they speak, and afterwards are thy hands strengthened, and thou hast gone down against the camp.' And he goeth down, he and Phurah his young man, unto the extremity of the fifties who [are] in the camp;
११कि वे क्या कह रहे हैं; उसके बाद तुझे उस छावनी पर चढ़ाई करने का हियाव होगा।” तब वह अपने सेवक फूरा को संग ले उन हथियार-बन्दों के पास जो छावनी के छोर पर थे उतर गया।
12 and Midian and Amalek, and all the sons of the east are lying in the valley, as the locust for multitude, and of their camels there is no number, as sand which [is] on the sea-shore for multitude.
१२मिद्यानी और अमालेकी और सब पूर्वी लोग तो टिड्डियों के समान बहुत से तराई में फैले पड़े थे; और उनके ऊँट समुद्र तट के रेतकणों के समान गिनती से बाहर थे।
13 And Gideon cometh in, and lo, a man is recounting to his companion a dream, and saith, 'Lo, a dream I have dreamed, and lo, a cake of barley-bread is turning itself over into the camp of Midian, and it cometh in unto the tent, and smiteth it, and it falleth, and turneth it upwards, and the tent hath fallen.'
१३जब गिदोन वहाँ आया, तब एक जन अपने किसी संगी को अपना स्वप्न बता रहा था, “सुन, मैंने स्वप्न में क्या देखा है कि जौ की एक रोटी लुढ़कते-लुढ़कते मिद्यान की छावनी में आई, और डेरे को ऐसी टक्कर मारी कि वह गिर गया, और उसको ऐसा उलट दिया, कि डेरा गिरा पड़ा रहा।”
14 And his companion answereth and saith, 'This is nothing save the sword of Gideon son of Joash, a man of Israel; God hath given into his hand Midian and all the camp.'
१४उसके संगी ने उत्तर दिया, “यह योआश के पुत्र गिदोन नामक एक इस्राएली पुरुष की तलवार को छोड़ कुछ नहीं है; उसी के हाथ में परमेश्वर ने मिद्यान को सारी छावनी समेत कर दिया है।”
15 And it cometh to pass, when Gideon heareth the narration of the dream and its interpretation, that he boweth himself, and turneth back unto the camp of Israel, and saith, 'Rise ye, for Jehovah hath given into your hand the camp of Midian.'
१५उस स्वप्न का वर्णन और फल सुनकर गिदोन ने दण्डवत् किया; और इस्राएल की छावनी में लौटकर कहा, “उठो, यहोवा ने मिद्यानी सेना को तुम्हारे वश में कर दिया है।”
16 And he divideth the three hundred men [into] three detachments, and putteth trumpets into the hand of all of them, and empty pitchers, and lamps within the pitchers.
१६तब उसने उन तीन सौ पुरुषों के तीन झुण्ड किए, और एक-एक पुरुष के हाथ में एक नरसिंगा और खाली घड़ा दिया, और घड़ों के भीतर एक मशाल थी।
17 And he saith unto them, 'Look at me, and thus do; and lo, I am coming into the extremity of the camp — and it hath been — as I do so ye do;
१७फिर उसने उनसे कहा, “मुझे देखो, और वैसा ही करो; सुनो, जब मैं उस छावनी की छोर पर पहुँचूँ, तब जैसा मैं करूँ वैसा ही तुम भी करना।
18 and I have blown with a trumpet — I and all who [are] with me, and ye have blown with trumpets, even ye, round about all the camp, and have said, For Jehovah and for Gideon.'
१८अर्थात् जब मैं और मेरे सब संगी नरसिंगा फूँकें तब तुम भी छावनी के चारों ओर नरसिंगे फूँकना, और ललकारना, ‘यहोवा की और गिदोन की तलवार।’”
19 And Gideon cometh — and the hundred men who [are] with him — into the extremity of the camp, [at] the beginning of the middle watch (it hath only just confirmed the watchmen), and they blow with trumpets — dashing in pieces also the pitchers which [are] in their hand;
१९बीचवाले पहर के आरम्भ में जैसे ही पहरुओं की बदली हो गई थी वैसे ही गिदोन अपने संग के सौ पुरुषों समेत छावनी के छोर पर गया; और नरसिंगे को फूँक दिया और अपने हाथ के घड़ों को तोड़ डाला।
20 and the three detachments blow with trumpets, and break the pitchers, and keep hold with their left hand on the lamps, and with their right hand on the trumpets to blow, and they cry, 'The sword of Jehovah and of Gideon.'
२०तब तीनों झुण्डों ने नरसिंगों को फूँका और घड़ों को तोड़ डाला; और अपने-अपने बाएँ हाथ में मशाल और दाहिने हाथ में फूँकने को नरसिंगा लिए हुए चिल्ला उठे, ‘यहोवा की तलवार और गिदोन की तलवार।’
21 And they stand each in his place, round about the camp, and all the camp runneth, and they shout, and flee;
२१तब वे छावनी के चारों ओर अपने-अपने स्थान पर खड़े रहे, और सब सेना के लोग दौड़ने लगे; और उन्होंने चिल्ला चिल्लाकर उन्हें भगा दिया।
22 and the three hundred blow the trumpets, and Jehovah setteth the sword of each against his companion, even through all the camp; and the camp fleeth unto Beth-Shittah, at Zererath, unto the border of Abel-Meholah, by Tabbath.
२२और उन्होंने तीन सौ नरसिंगों को फूँका, और यहोवा ने एक-एक पुरुष की तलवार उसके संगी पर और सब सेना पर चलवाई; तो सेना के लोग सरेरा की ओर बेतशित्ता तक और तब्बात के पास के आबेल-महोला तक भाग गए।
23 And the men of Israel are called from Naphtali, and from Asher, and from all Manasseh, and pursue after Midian.
२३तब इस्राएली पुरुष नप्ताली और आशेर और मनश्शे के सारे देश से इकट्ठे होकर मिद्यानियों के पीछे पड़े।
24 And messengers hath sent Gideon into all the hill-country of Ephraim, saying, 'Come down to meet Midian, and capture before them the waters unto Beth-Barah, and the Jordan;' and every man of Ephraim is called, and they capture the waters unto Beth-Barah, and the Jordan,
२४और गिदोन ने एप्रैम के सब पहाड़ी देश में यह कहने को दूत भेज दिए, “मिद्यानियों से मुठभेड़ करने को चले आओ, और यरदन नदी के घाटों को बेतबारा तक उनसे पहले अपने वश में कर लो।” तब सब एप्रैमी पुरुषों ने इकट्ठे होकर यरदन नदी को बेतबारा तक अपने वश में कर लिया।
25 and they capture two of the heads of Midian, Oreb, and Zeeb, and slay Oreb at the rock of Oreb, and Zeeb they have slain at the wine-vat of Zeeb, and they pursue unto Midian; and the heads of Oreb and Zeeb they have brought in unto Gideon beyond the Jordan.
२५और उन्होंने ओरेब और जेब नाम मिद्यान के दो हाकिमों को पकड़ा; और ओरेब को ओरेब नामक चट्टान पर, और जेब को जेब नामक दाखरस के कुण्ड पर घात किया; और वे मिद्यानियों के पीछे पड़े; और ओरेब और जेब के सिर यरदन के पार गिदोन के पास ले गए।