< Joshua 19 >
1 And the second lot goeth out for Simeon, for the tribe of the sons of Simeon, for their families; and their inheritance is in the midst of the inheritance of the sons of Judah,
१दूसरी चिट्ठी शिमोन के नाम पर, अर्थात् शिमोनियों के कुलों के अनुसार उनके गोत्र के नाम पर निकली; और उनका भाग यहूदियों के भाग के बीच में ठहरा।
2 and they have in their inheritance Beer-Sheba, and Sheba, and Moladah,
२उनके भाग में ये नगर हैं, अर्थात् बेर्शेबा, शेबा, मोलादा,
3 and Hazar-Shual, and Balah, and Azem,
३हसर्शूआल, बाला, एसेम,
4 and Eltolad, and Bethul, and Hormah,
४एलतोलद, बतूल, होर्मा,
5 and Ziklag, and Beth-Marcaboth, and Hazar-Susah,
५सिकलग, बेत्मर्काबोत, हसर्शूसा,
6 and Beth-Lebaoth, and Sharuhen; thirteen cities and their villages.
६बेतलबाओत, और शारूहेन; ये तेरह नगर और इनके गाँव उन्हें मिले।
7 Ain, Remmon, and Ether, and Ashan; four cities and their villages;
७फिर ऐन, रिम्मोन, एतेर, और आशान, ये चार नगर गाँवों समेत;
8 also all the villages which [are] round about these cities, unto Baalath-Beer, Ramoth of the south. This [is] the inheritance of the tribe of the sons of Simeon, for their families;
८और बालत्बेर जो दक्षिण देश का रामाह भी कहलाता है, वहाँ तक इन नगरों के चारों ओर के सब गाँव भी उन्हें मिले। शिमोनियों के गोत्र का भाग उनके कुलों के अनुसार यही ठहरा।
9 out of the portion of the sons of Judah [is] the inheritance of the sons of Simeon, for the portion of the sons of Judah hath been too much for them, and the sons of Simeon inherit in the midst of their inheritance.
९शिमोनियों का भाग तो यहूदियों के अंश में से दिया गया; क्योंकि यहूदियों का भाग उनके लिये बहुत था, इस कारण शिमोनियों का भाग उन्हीं के भाग के बीच ठहरा।
10 And the third lot goeth up for the sons of Zebulun, for their families; and the border of their inheritance is unto Sarid,
१०तीसरी चिट्ठी जबूलूनियों के कुलों के अनुसार उनके नाम पर निकली। और उनके भाग की सीमा सारीद तक पहुँची;
11 and their border hath gone up towards the sea, and Maralah, and come against Dabbasheth, and come unto the brook which [is] on the front of Jokneam,
११और उनकी सीमा पश्चिम की ओर मरला को चढ़कर दब्बेशेत को पहुँची; और योकनाम के सामने के नाले तक पहुँच गई;
12 and turned back from Sarid eastward, at the sun-rising, by the border of Chisloth-Tabor, and gone out unto Daberath, and gone up to Japhia,
१२फिर सारीद से वह सूर्योदय की ओर मुड़कर किसलोत्ताबोर की सीमा तक पहुँची, और वहाँ से बढ़ते-बढ़ते दाबरात में निकली, और यापी की ओर जा निकली;
13 and thence it hath passed over eastward, to the east, to Gittah-Hepher, [to] Ittah-Kazin, and gone out [to] Rimmon-Methoar to Neah;
१३वहाँ से वह पूर्व की ओर आगे बढ़कर गथेपेर और इत्कासीन को गई, और उस रिम्मोन में निकली जो नेआ तक फैला हुआ है;
14 and the border hath gone round about it, from the north to Hannathon; and its outgoings have been [in] the valley of Jiphthah-El,
१४वहाँ से वह सीमा उसके उत्तर की ओर से मुड़कर हन्नातोन पर पहुँची, और यिप्तहेल की तराई में जा निकली;
15 and Kattath, and Nahallal, and Shimron, and Idalah, and Beth-Lehem; twelve cities and their villages.
१५कत्तात, नहलाल, शिम्रोन, यिदला, और बैतलहम; ये बारह नगर उनके गाँवों समेत उसी भाग के ठहरे।
16 This [is] the inheritance of the sons of Zebulun, for their families, these cities and their villages.
१६जबूलूनियों का भाग उनके कुलों के अनुसार यही ठहरा; और उसमें अपने-अपने गाँवों समेत ये ही नगर हैं।
17 For Issachar hath the fourth lot gone out, for the sons of Issachar, for their families;
१७चौथी चिट्ठी इस्साकारियों के कुलों के अनुसार उनके नाम पर निकली।
18 and their border is [at] Jezreel, and Chesulloth, and Shunem,
१८और उनकी सीमा यिज्रेल, कसुल्लोत, शूनेम
19 and Haphraim, and Shihon, and Anaharath,
१९हपारैम, शीओन, अनाहरत,
20 and Rabbith, and Kishion, and Abez,
२०रब्बीत, किश्योन, एबेस,
21 and Remeth, and En-Gannim, and En-Haddah, and Beth-Pazzez;
२१रेमेत, एनगन्नीम, एनहद्दा, और बेत्पस्सेस तक पहुँची।
22 and the border hath touched against Tabor, and Shahazimah, and Beth-Shemesh, and the outgoings of their border have been [at] the Jordan; sixteen cities and their villages.
२२फिर वह सीमा ताबोर, शहसूमा और बेतशेमेश तक पहुँची, और उनकी सीमा यरदन नदी पर जा निकली; इस प्रकार उनको सोलह नगर अपने-अपने गाँवों समेत मिले।
23 This [is] the inheritance of the tribe of the sons of Issachar, for their families, the cities and their villages.
२३कुलों के अनुसार इस्साकारियों के गोत्र का भाग नगरों और गाँवों समेत यही ठहरा।
24 And the fifth lot goeth out for the tribe of the sons of Asher, for their families;
२४पाँचवीं चिट्ठी आशेरियों के गोत्र के कुलों के अनुसार उनके नाम पर निकली।
25 and their border is Helkath, and Hali, and Beten, and Achshaph,
२५उनकी सीमा में हेल्कात, हली, बेतेन, अक्षाप,
26 and Alammelech, and Amad, and Misheal; and it toucheth against Carmel westward, and against Shihor-Libnath;
२६अलाम्मेल्लेक, अमाद, और मिशाल थे; और वह पश्चिम की ओर कर्मेल तक और शीहोर्लिब्नात तक पहुँची;
27 and hath turned back, at the sun-rising, [to] Beth-Dagon, and come against Zebulun, and against the valley of Jiphthah-El toward the north of Beth-Emek, and Neiel, and hath gone out unto Cabul on the left,
२७फिर वह सूर्योदय की ओर मुड़कर बेतदागोन को गई, और जबूलून के भाग तक, और यिप्तहेल की तराई में उत्तर की ओर होकर बेतेमेक और नीएल तक पहुँची और उत्तर की ओर जाकर काबूल पर निकली,
28 and Hebron, and Rehob, and Hammon, and Kanah, unto great Zidon;
२८और वह एब्रोन, रहोब, हम्मोन, और काना से होकर बड़े सीदोन को पहुँची;
29 and the border hath turned back to Ramah, and unto the fenced city Tyre; and the border hath turned back to Hosah, and its outgoings are at the sea, from the coast to Achzib,
२९वहाँ से वह सीमा मुड़कर रामाह से होते हुए सोर नामक गढ़वाले नगर तक चली गई; फिर सीमा होसा की ओर मुड़कर और अकजीब के पास के देश में होकर समुद्र पर निकली,
30 and Ummah, and Aphek, and Rehob; twenty and two cities and their villages.
३०उम्मा, अपेक, और रहोब भी उनके भाग में ठहरे; इस प्रकार बाईस नगर अपने-अपने गाँवों समेत उनको मिले।
31 This [is] the inheritance of the tribe of the sons of Asher, for their families, these cities and their villages.
३१कुलों के अनुसार आशेरियों के गोत्र का भाग नगरों और गाँवों समेत यही ठहरा।
32 For the sons of Naphtali hath the sixth lot gone out, for the sons of Naphtali, for their families;
३२छठवीं चिट्ठी नप्तालियों के कुलों के अनुसार उनके नाम पर निकली।
33 and their border is from Heleph, from Allon in Zaanannim, and Adami, Nekeb, and Jabneel, unto Lakkum, and its outgoings are [at] the Jordan;
३३और उनकी सीमा हेलेप से, और सानन्नीम के बांज वृक्ष से, अदामीनेकेब और यब्नेल से होकर, और लक्कूम को जाकर यरदन पर निकली;
34 and the border hath turned back westward [to] Aznoth-Tabor, and gone out thence to Hukkok, and touched against Zebulun on the south, and against Asher it hath touched on the west, and against Judah [at] the Jordan, at the sun-rising;
३४वहाँ से वह सीमा पश्चिम की ओर मुड़कर अजनोत्ताबोर को गई, और वहाँ से हुक्कोक को गई, और दक्षिण, और जबूलून के भाग तक, और पश्चिम की ओर आशेर के भाग तक, और सूर्योदय की ओर यहूदा के भाग के पास की यरदन नदी पर पहुँची।
35 and the cities of defence [are] Ziddim, Zer, and Hammath, Rakkath, and Chinnereth,
३५और उनके गढ़वाले नगर ये हैं, अर्थात् सिद्दीम, सेर, हम्मत, रक्कत, किन्नेरेत,
36 and Adamah, and Ramah, and Hazor,
३६अदामा, रामाह, हासोर,
37 and Kedesh, and Edrei, and En-Hazor,
३७केदेश, एद्रेई, एन्हासोर,
38 and Iron, and Migdal-El, Horem, and Beth-Anath, and Beth-Shemesh; nineteen cities and their villages.
३८यिरोन, मिगदलेल, होरेम, बेतनात, और बेतशेमेश; ये उन्नीस नगर गाँवों समेत उनको मिले।
39 This [is] the inheritance of the tribe of the sons of Naphtali, for their families, the cities and their villages.
३९कुलों के अनुसार नप्तालियों के गोत्र का भाग नगरों और उनके गाँवों समेत यही ठहरा।
40 For the tribe of the sons of Dan, for their families, hath the seventh lot gone out;
४०सातवीं चिट्ठी कुलों के अनुसार दान के गोत्र के नाम पर निकली।
41 and the border of their inheritance is Zorah, and Eshtaol, and Ir-Shemesh,
४१और उनके भाग की सीमा में सोरा, एश्ताओल, ईरशेमेश,
42 and Shalabbin, and Aijalon, and Jethlah,
४२शालब्बीन, अय्यालोन, यितला,
43 and Elon, and Thimnathah, and Ekron,
४३एलोन, तिम्नाह, एक्रोन,
44 and Eltekeh, and Gibbethon, and Baalath,
४४एलतके, गिब्बतोन, बालात,
45 and Jehud, and Bene-Barak, and Gath-Rimmon,
४५यहूद, बनेबराक, गत्रिम्मोन,
46 and Me-Jarkon, and Rakkon, with the border over-against Japho.
४६मेयर्कोन, और रक्कोन ठहरे, और याफा के सामने की सीमा भी उनकी थी।
47 And the border of the sons of Dan goeth out from them, and the sons of Dan go up and fight with Leshem, and capture it, and smite it by the mouth of the sword, and possess it, and dwell in it, and call Leshem, Dan, according to the name of Dan their father.
४७और दानियों का भाग इससे अधिक हो गया, अर्थात् दानी लेशेम पर चढ़कर उससे लड़े, और उसे लेकर तलवार से मार डाला, और उसको अपने अधिकार में करके उसमें बस गए, और अपने मूलपुरुष के नाम पर लेशेम का नाम दान रखा।
48 This [is] the inheritance of the tribe of the sons of Dan, for their families, these cities and their villages.
४८कुलों के अनुसार दान के गोत्र का भाग नगरों और गाँवों समेत यही ठहरा।
49 And they finish to give the land in inheritance, by its borders, and the sons of Israel give an inheritance to Joshua son of Nun in their midst;
४९जब देश का बाँटा जाना सीमाओं के अनुसार पूरा हो गया, तब इस्राएलियों ने नून के पुत्र यहोशू को भी अपने बीच में एक भाग दिया।
50 by the command of Jehovah they have given to him the city which he asked, Timnath-Serah, in the hill-country of Ephraim, and he buildeth the city and dwelleth in it.
५०यहोवा के कहने के अनुसार उन्होंने उसको उसका माँगा हुआ नगर दिया, यह एप्रैम के पहाड़ी देश में का तिम्नत्सेरह है; और वह उस नगर को बसाकर उसमें रहने लगा।
51 These [are] the inheritances which Eleazar the priest, and Joshua son of Nun, and the heads of the fathers of the tribes of the sons of Israel, have caused to inherit by lot, in Shiloh, before Jehovah, at the opening of the tent of meeting; and they finish to apportion the land.
५१जो-जो भाग एलीआजर याजक, और नून के पुत्र यहोशू, और इस्राएलियों के गोत्रों के घरानों के पूर्वजों के मुख्य-मुख्य पुरुषों ने शीलो में, मिलापवाले तम्बू के द्वार पर, यहोवा के सामने चिट्ठी डाल डालके बाँट दिए वे ये ही हैं। इस प्रकार उन्होंने देश विभाजन का काम पूरा किया।