< Job 25 >
1 And Bildad the Shuhite answereth and saith: —
तब बिलदद ने, जो शूही था, अपना मत देना प्रारंभ किया:
2 The rule and fear [are] with Him, Making peace in His high places.
“प्रभुत्व एवं अतिशय सम्मान के अधिकारी परमेश्वर ही हैं; वही सर्वोच्च स्वर्ग में व्यवस्था की स्थापना करते हैं.
3 Is their [any] number to His troops? And on whom ariseth not His light?
क्या परमेश्वर की सेना गण्य है? कौन है, जो उनके प्रकाश से अछूता रह सका है?
4 And what? is man righteous with God? And what? is he pure — born of a woman?
तब क्या मनुष्य परमेश्वर के सामने युक्त प्रमाणित हो सकता है? अथवा नारी से जन्मे किसी को भी शुद्ध कहा जा सकता है?
5 Lo — unto the moon, and it shineth not, And stars have not been pure in His eyes.
यदि परमेश्वर के सामने चंद्रमा प्रकाशमान नहीं है तथा तारों में कोई शुद्धता नहीं है,
6 How much less man — a grub, And the son of man — a worm!
तब मनुष्य क्या है, जो मात्र एक कीड़ा है, मानव प्राणी, जो मात्र एक केंचुआ ही है!”