< Isaiah 50 >

1 The LORD says, “Where is the bill of your mother’s divorce, with which I have put her away? Or to which of my creditors have I sold you? Behold, you were sold for your iniquities, and your mother was put away for your transgressions.
“तुम्हारी माता का त्यागपत्र कहाँ है, जिसे मैंने उसे त्यागते समय दिया था? या मैंने किस व्यापारी के हाथ तुम्हें बेचा?” यहोवा यह कहता है, “सुनो, तुम अपने ही अधर्म के कामों के कारण बिक गए, और तुम्हारे ही अपराधों के कारण तुम्हारी माता छोड़ दी गई।
2 Why, when I came, was there no one? When I called, why was there no one to answer? Is my hand shortened at all, that it can’t redeem? Or have I no power to deliver? Behold, at my rebuke I dry up the sea. I make the rivers a wilderness. Their fish stink because there is no water, and die of thirst.
इसका क्या कारण है कि जब मैं आया तब कोई न मिला? और जब मैंने पुकारा, तब कोई न बोला? क्या मेरा हाथ ऐसा छोटा हो गया है कि छुड़ा नहीं सकता? क्या मुझ में उद्धार करने की शक्ति नहीं? देखो, मैं एक धमकी से समुद्र को सूखा देता हूँ, मैं महानदों को रेगिस्तान बना देता हूँ; उनकी मछलियाँ जल बिना मर जाती और बसाती हैं।
3 I clothe the heavens with blackness. I make sackcloth their covering.”
मैं आकाश को मानो शोक का काला कपड़ा पहनाता, और टाट को उनका ओढ़ना बना देता हूँ।”
4 The Lord GOD has given me the tongue of those who are taught, that I may know how to sustain with words him who is weary. He awakens morning by morning, he awakens my ear to hear as those who are taught.
प्रभु यहोवा ने मुझे सीखनेवालों की जीभ दी है कि मैं थके हुए को अपने वचन के द्वारा सम्भालना जानूँ। भोर को वह नित मुझे जगाता और मेरा कान खोलता है कि मैं शिष्य के समान सुनूँ।
5 The Lord GOD has opened my ear. I was not rebellious. I have not turned back.
प्रभु यहोवा ने मेरा कान खोला है, और मैंने विरोध न किया, न पीछे हटा।
6 I gave my back to those who beat me, and my cheeks to those who plucked off the hair. I didn’t hide my face from shame and spitting.
मैंने मारनेवालों को अपनी पीठ और गलमोछ नोचनेवालों की ओर अपने गाल किए; अपमानित होने और उनके थूकने से मैंने मुँह न छिपाया।
7 For the Lord GOD will help me. Therefore I have not been confounded. Therefore I have set my face like a flint, and I know that I won’t be disappointed.
क्योंकि प्रभु यहोवा मेरी सहायता करता है, इस कारण मैंने संकोच नहीं किया; वरन् अपना माथा चकमक के समान कड़ा किया क्योंकि मुझे निश्चय था कि मुझे लज्जित होना न पड़ेगा।
8 He who justifies me is near. Who will bring charges against me? Let us stand up together. Who is my adversary? Let him come near to me.
जो मुझे धर्मी ठहराता है वह मेरे निकट है। मेरे साथ कौन मुकद्दमा करेगा? हम आमने-सामने खड़े हों। मेरा विरोधी कौन है? वह मेरे निकट आए।
9 Behold, the Lord GOD will help me! Who is he who will condemn me? Behold, they will all grow old like a garment. The moths will eat them up.
सुनो, प्रभु यहोवा मेरी सहायता करता है; मुझे कौन दोषी ठहरा सकेगा? देखो, वे सब कपड़े के समान पुराने हो जाएँगे; उनको कीड़े खा जाएँगे।
10 Who among you fears the LORD and obeys the voice of his servant? He who walks in darkness and has no light, let him trust in the LORD’s name, and rely on his God.
१०तुम में से कौन है जो यहोवा का भय मानता और उसके दास की बातें सुनता है, जो अंधियारे में चलता हो और उसके पास ज्योति न हो? वह यहोवा के नाम का भरोसा रखे, और अपने परमेश्वर पर आशा लगाए रहे।
11 Behold, all you who kindle a fire, who adorn yourselves with torches around yourselves, walk in the flame of your fire, and among the torches that you have kindled. You will have this from my hand: you will lie down in sorrow.
११देखो, तुम सब जो आग जलाते और अग्निबाणों को कमर में बाँधते हो! तुम सब अपनी जलाई हुई आग में और अपने जलाए हुए अग्निबाणों के बीच आप ही चलो। तुम्हारी यह दशा मेरी ही ओर से होगी, तुम सन्ताप में पड़े रहोगे।

< Isaiah 50 >