< Genesis 24 >
1 Abraham was old, and well advanced in age. Yahweh had blessed Abraham in all things.
और अब्रहाम ज़ईफ़ और उम्र दराज़ हुआ और ख़ुदावन्द ने सब बातों में अब्रहाम को बरकत बख़्शी थी।
2 Abraham said to his servant, the elder of his house, who ruled over all that he had, “Please put your hand under my thigh.
और अब्रहाम ने अपने घर के ख़ास नौकर से, जो उसकी सब चीज़ों का मुख़्तार था कहा, तू अपना हाथ ज़रा मेरी रान के नीचे रख कि।
3 I will make you swear by Yahweh, the God of heaven and the God of the earth, that you shall not take a wife for my son of the daughters of the Canaanites, among whom I live.
मैं तुझ से ख़ुदावन्द की जो ज़मीन — ओ — आसमान का ख़ुदा है क़सम लें, कि तू कना'नियों की बेटियों में से जिनमें मैं रहता हूँ, किसी को मेरे बेटे से नहीं ब्याहेगा।
4 But you shall go to my country, and to my relatives, and take a wife for my son Isaac.”
बल्कि तू मेरे वतन में मेरे रिश्तेदारों के पास जा कर मेरे बेटे इस्हाक़ के लिए बीवी लाएगा।
5 The servant said to him, “What if the woman isn’t willing to follow me to this land? Must I bring your son again to the land you came from?”
उस नौकर ने उससे कहा, “शायद वह 'औरत इस मुल्क में मेरे साथ आना न चाहे; तो क्या मैं तेरे बेटे को उस मुल्क में जहाँ से तू आया फिर ले जाऊँ?”
6 Abraham said to him, “Beware that you don’t bring my son there again.
तब अब्रहाम ने उससे कहा ख़बरदार तू मेरे बेटे को वहाँ हरगिज़ न ले जाना।
7 Yahweh, the God of heaven—who took me from my father’s house, and from the land of my birth, who spoke to me, and who swore to me, saying, ‘I will give this land to your offspring—he will send his angel before you, and you shall take a wife for my son from there.
ख़ुदावन्द, आसमान का ख़ुदा, जो मुझे मेरे बाप के घर और मेरी पैदाइशी जगह से निकाल लाया, और जिसने मुझ से बातें कीं और क़सम खाकर मुझ से कहा, कि मैं तेरी नसल को यह मुल्क दूँगा; वही तेरे आगे — आगे अपना फ़िरिश्ता भेजेगा कि तू वहाँ से मेरे बेटे के लिए बीवी लाए।
8 If the woman isn’t willing to follow you, then you shall be clear from this oath to me. Only you shall not bring my son there again.”
और अगर वह 'औरत तेरे साथ आना न चाहे, तो तू मेरी इस क़सम से छूटा, लेकिन मेरे बेटे को हरगिज़ वहाँ न ले जाना।
9 The servant put his hand under the thigh of Abraham his master, and swore to him concerning this matter.
उस नौकर ने अपना हाथ अपने आक़ा अब्रहाम की रान के नीचे रख कर उससे इस बात की क़सम खाई।
10 The servant took ten of his master’s camels, and departed, having a variety of good things of his master’s with him. He arose, and went to Mesopotamia, to the city of Nahor.
तब वह नौकर अपने आक़ा के ऊँटों में से दस ऊँट लेकर रवाना हुआ, और उसके आक़ा की अच्छी अच्छी चीज़ें उसके पास थीं, और वह उठकर मसोपतामिया में नहूर के शहर को गया।
11 He made the camels kneel down outside the city by the well of water at the time of evening, the time that women go out to draw water.
और शाम को जिस वक़्त 'औरतें पानी भरने आती है उस ने उस शहर के बाहर बावली के पास ऊँटों को बिठाया।
12 He said, “Yahweh, the God of my master Abraham, please give me success today, and show kindness to my master Abraham.
और कहा, “ऐ ख़ुदावन्द, मेरे आक़ा अब्रहाम के खुदा, मैं तेरी मिन्नत करता हूँ के आज तू मेरा काम बना दे, और मेरे आक़ा अब्रहाम पर करम कर।
13 Behold, I am standing by the spring of water. The daughters of the men of the city are coming out to draw water.
देख, मैं पानी के चश्मा पर खड़ा हूँ और इस शहर के लोगों की बेटियाँ पानी भरने को आती हैं;
14 Let it happen, that the young lady to whom I will say, ‘Please let down your pitcher, that I may drink,’ then she says, ‘Drink, and I will also give your camels a drink,’—let her be the one you have appointed for your servant Isaac. By this I will know that you have shown kindness to my master.”
इसलिए ऐ ख़ुदावन्द ऐसा हो कि जिस लड़की से मैं कहूँ, कि तू ज़रा अपना घड़ा झुका दे तो मैं पानी पी लूँ और वह कहे, कि ले पी, और मैं तेरे ऊँटों को भी पिला दूँगी'; तो वह वही हो जिसे तूने अपने बन्दे इस्हाक़ के लिए ठहराया है; और इसी से मैं समझ लूँगा कि तूने मेरे आक़ा पर करम किया है।”
15 Before he had finished speaking, behold, Rebekah came out, who was born to Bethuel the son of Milcah, the wife of Nahor, Abraham’s brother, with her pitcher on her shoulder.
वह यह कह ही रहा था कि रिब्क़ा, जो अब्रहाम के भाई नहूर की बीवी मिल्काह के बेटे बैतूएल से पैदा हुई थी, अपना घड़ा कंधे पर लिए हुए निकली।
16 The young lady was very beautiful to look at, a virgin. No man had known her. She went down to the spring, filled her pitcher, and came up.
वह लड़की निहायत ख़ूबसूरत और कुंवारी, और मर्द से नवाक़िफ़ थी। वह नीचे पानी के चश्मा के पास गई और अपना घड़ा भर कर ऊपर आई।
17 The servant ran to meet her, and said, “Please give me a drink, a little water from your pitcher.”
तब वह नौकर उससे मिलने को दौड़ा और कहा कि ज़रा अपने घड़े से थोड़ा सा पानी मुझे पिला दे।
18 She said, “Drink, my lord.” She hurried, and let down her pitcher on her hand, and gave him a drink.
उसने कहा, पीजिए साहब; “और फ़ौरन घड़े को हाथ पर उतार उसे पानी पिलाया।
19 When she had finished giving him a drink, she said, “I will also draw for your camels, until they have finished drinking.”
जब उसे पिला चुकी तो कहने लगी, कि मैं तेरे ऊँटों के लिए भी पानी भर — भर लाऊँगी, जब तक वह पी न चुकें।”
20 She hurried, and emptied her pitcher into the trough, and ran again to the well to draw, and drew for all his camels.
और फ़ौरन अपने घड़े को हौज़ में ख़ाली करके फिर बावली की तरफ़ पानी भरने दौड़ी गई, और उसके सब ऊँटों के लिए भरा।
21 The man looked steadfastly at her, remaining silent, to know whether Yahweh had made his journey prosperous or not.
वह आदमी चुप — चाप उसे ग़ौर से देखता रहा, ताकि मा'लूम करे कि ख़ुदावन्द ने उसका सफ़र मुबारक किया है या नहीं।
22 As the camels had done drinking, the man took a golden ring of half a shekel weight, and two bracelets for her hands of ten shekels weight of gold,
और जब ऊँट पी चुके तो उस शख़्स ने आधे मिस्काल सोने की एक नथ, और दस मिस्काल सोने के दो कड़े उसके हाथों के लिए निकाले।
23 and said, “Whose daughter are you? Please tell me. Is there room in your father’s house for us to stay?”
और कहा कि ज़रा मुझे बता कि तू किसकी बेटी है? और क्या तेरे बाप के घर में हमारे टिकने की जगह है?
24 She said to him, “I am the daughter of Bethuel the son of Milcah, whom she bore to Nahor.”
उसने उससे कहा कि मैं बैतूएल की बेटी हूँ। वह मिल्काह का बेटा है जो नहूर से उसके हुआ।
25 She said moreover to him, “We have both straw and feed enough, and room to lodge in.”
और यह भी उससे कहा कि हमारे पास भूसा और चारा बहुत है, और टिकने की जगह भी है।
26 The man bowed his head, and worshiped Yahweh.
तब उस आदमी ने झुक कर ख़ुदावन्द को सिज्दा किया,
27 He said, “Blessed be Yahweh, the God of my master Abraham, who has not forsaken his loving kindness and his truth toward my master. As for me, Yahweh has led me on the way to the house of my master’s relatives.”
और कहा, “ख़ुदावन्द मेरे आक़ा अब्रहाम का ख़ुदा मुबारक हो, जिसने मेरे आक़ा को अपने करम और सच्चाई से महरूम नहीं रख्खा और मुझे तो ख़ुदावन्द ठीक राह पर चलाकर मेरे आक़ा के भाइयों के घर लाया।”
28 The young lady ran, and told her mother’s house about these words.
तब उस लड़की ने दौड़ कर अपनी माँ के घर में यह सब हाल कह सुनाया।
29 Rebekah had a brother, and his name was Laban. Laban ran out to the man, to the spring.
और रिब्क़ा का एक भाई था जिसका नाम लाबन था; वह बाहर पानी के चश्मा पर उस आदमी के पास दौड़ा गया।
30 When he saw the ring, and the bracelets on his sister’s hands, and when he heard the words of Rebekah his sister, saying, “This is what the man said to me,” he came to the man. Behold, he was standing by the camels at the spring.
और ऐसा हुआ कि जब उसने वह नथ देखी, और वह कड़े भी जो उसकी बहन के हाथों में थे, और अपनी बहन रिब्क़ा का बयान भी सुन लिया कि उस शख़्स ने मुझ से ऐसी — ऐसी बातें कहीं, तो वह उस आदमी के पास आया और देखा कि वह चश्मा के नज़दीक ऊँटों के पास खड़ा है।
31 He said, “Come in, you blessed of Yahweh. Why do you stand outside? For I have prepared the house, and room for the camels.”
तब उससे कहा, “ऐ, तू जो ख़ुदावन्द की तरफ़ से मुबारक है। अन्दर चल, बाहर क्यूँ खड़ा है? मैंने घर को और ऊँटों के लिए भी जगह को तैयार कर लिया है।”
32 The man came into the house, and he unloaded the camels. He gave straw and feed for the camels, and water to wash his feet and the feet of the men who were with him.
तब वह आदमी घर में आया, और उसने उसके ऊँटों को खोला और ऊँटों के लिए भूसा और चारा, और उसके और उसके साथ के आदमियों के पॉव धोने को पानी दिया।
33 Food was set before him to eat, but he said, “I will not eat until I have told my message.” Laban said, “Speak on.”
और खाना उसके आगे रख्खा गया, लेकिन उसने कहा कि मैं जब तक अपना मतलब बयान न कर लूँ नहीं खाऊँगा। उसने कहा, अच्छा, कह।
34 He said, “I am Abraham’s servant.
तब उसने कहा कि मैं अब्रहाम का नौकर हूँ।
35 Yahweh has blessed my master greatly. He has become great. Yahweh has given him flocks and herds, silver and gold, male servants and female servants, and camels and donkeys.
और ख़ुदावन्द ने मेरे आक़ा को बड़ी बरकत दी है, और वह बहुत बड़ा आदमी हो गया है; और उसने उसे भेड़ — बकरियाँ, और गाय बैल और सोना चाँदी और लौंडिया और ग़ुलाम और ऊँट और गधे बख़्शे हैं।
36 Sarah, my master’s wife, bore a son to my master when she was old. He has given all that he has to him.
और मेरे आक़ा की बीवी सारा के जब वह बुढ़िया हो गई, उससे एक बेटा हुआ। उसी को उसने अपना सब कुछ दे दिया है।
37 My master made me swear, saying, ‘You shall not take a wife for my son from the daughters of the Canaanites, in whose land I live,
और मेरे आक़ा ने मुझे क़सम दे कर कहा है, कि तू कना'नियों की बेटियों में से, जिनके मुल्क में मैं रहता हूँ किसी को मेरे बेटे से न ब्याहना।
38 but you shall go to my father’s house, and to my relatives, and take a wife for my son.’
बल्कि तू मेरे बाप के घर और मेरे रिश्तेदारों में जाना और मेरे बेटे के लिए बीवी लाना।
39 I asked my master, ‘What if the woman will not follow me?’
तब मैंने अपने आक़ा से कहा, 'शायद वह 'औरत मेरे साथ आना न चाहे।
40 He said to me, ‘Yahweh, before whom I walk, will send his angel with you, and prosper your way. You shall take a wife for my son from my relatives, and of my father’s house.
तब उसने मुझ से कहा, 'ख़ुदावन्द, जिसके सामने मैं चलता रहा हूँ, अपना फ़रिश्ता तेरे साथ भेजेगा और तेरा सफ़र मुबारक करेगा; तू मेरे रिश्तेदारों और मेरे बाप के ख़ान्दान में से मेरे बेटे के लिए बीवी लाना।
41 Then you will be clear from my oath, when you come to my relatives. If they don’t give her to you, you shall be clear from my oath.’
और जब तू मेरे ख़ान्दान में जा पहुँचेगा, तब मेरी क़सम से छूटेगा; और अगर वह कोई लड़की न दें, तो भी तू मेरी क़सम से छूटा।
42 I came today to the spring, and said, ‘Yahweh, the God of my master Abraham, if now you do prosper my way which I go—
इसलिए मैं आज पानी के उस चश्मा पर आकर कहने लगा, 'ऐ ख़ुदावन्द, मेरे आक़ा अब्रहाम के ख़ुदा, अगर तू मेरे सफ़र को जो मैं कर रहा हूँ मुबारक करता है।
43 behold, I am standing by this spring of water. Let it happen, that the maiden who comes out to draw, to whom I will say, “Please give me a little water from your pitcher to drink,”
तो देख, मैं पानी के चश्मा के पास खड़ा होता हूँ, और ऐसा हो कि जो लड़की पानी भरने निकले और मैं उससे कहूँ, 'ज़रा अपने घड़े से थोड़ा पानी मुझे पिला दे,
44 then she tells me, “Drink, and I will also draw for your camels,”—let her be the woman whom Yahweh has appointed for my master’s son.’
और वह मुझे कहे कि तू भी पी और मैं तेरे ऊँटों के लिए भी भर दूँगी, तो वो वही 'औरत हो जिसे ख़ुदावन्द ने मेरे आक़ा के बेटे के लिए ठहराया है।
45 Before I had finished speaking in my heart, behold, Rebekah came out with her pitcher on her shoulder. She went down to the spring, and drew. I said to her, ‘Please let me drink.’
मैं दिल में यह कह ही रहा था कि रिब्क़ा अपना घड़ा कन्धे पर लिए हुए बाहर निकली, और नीचे चश्मा के पास गई, और पानी भरा। तब मैंने उससे कहा, 'ज़रा मुझे पानी पिला दे।
46 She hurried and let down her pitcher from her shoulder, and said, ‘Drink, and I will also give your camels a drink.’ So I drank, and she also gave the camels a drink.
उसने फ़ौरन अपना घड़ा कन्धे पर से उतारा और कहा, 'ले पी और मैं तेरे ऊँटों को भी पिला दूँगी। तब मैंने पिया और उसने मेरे ऊँटों को भी पिलाया।
47 I asked her, and said, ‘Whose daughter are you?’ She said, ‘The daughter of Bethuel, Nahor’s son, whom Milcah bore to him.’ I put the ring on her nose, and the bracelets on her hands.
फिर मैंने उससे पूछा, 'तू किसकी बेटी है?' उसने कहा, 'मैं बैतूएल की बेटी हूँ, वह नहूर का बेटा है जो मिल्काह से पैदा हुआ; फिर मैंने उसकी नाक में नथ और उसके हाथों में कड़े पहना दिए।
48 I bowed my head, and worshiped Yahweh, and blessed Yahweh, the God of my master Abraham, who had led me in the right way to take my master’s brother’s daughter for his son.
और मैंने झुक कर ख़ुदावन्द को सिज्दा किया और ख़ुदावन्द, अपने आक़ा अब्रहाम के ख़ुदा को मुबारक कहा, जिसने मुझे ठीक राह पर चलाया कि अपने आक़ा के भाई की बेटी उसके बेटे के लिए ले जाऊँ।
49 Now if you will deal kindly and truly with my master, tell me. If not, tell me, that I may turn to the right hand, or to the left.”
इसलिए अब अगर तुम करम और सच्चाई से मेरे आक़ा के साथ पेश आना चाहते हो तो मुझे बताओ, और अगर नहीं तो कह दो, ताकि मैं दहनी या बाएँ तरफ़ फिर जाऊँ।
50 Then Laban and Bethuel answered, “The thing proceeds from Yahweh. We can’t speak to you bad or good.
तब लाबन और बैतूएल ने जवाब दिया, कि यह बात ख़ुदावन्द की तरफ़ से हुई है, हम तुझे कुछ बुरा या भला नहीं कह सकते।
51 Behold, Rebekah is before you. Take her, and go, and let her be your master’s son’s wife, as Yahweh has spoken.”
देख, रिब्क़ा तेरे सामने मौजूद है, उसे ले और जा, और ख़ुदावन्द के क़ौल के मुताबिक़ अपने आक़ा के बेटे से उसे ब्याह दे।
52 When Abraham’s servant heard their words, he bowed himself down to the earth to Yahweh.
जब अब्रहाम के नौकर ने उनकी बातें सुनीं, तो ज़मीन तक झुक कर ख़ुदावन्द को सिज्दा किया।
53 The servant brought out jewels of silver, and jewels of gold, and clothing, and gave them to Rebekah. He also gave precious things to her brother and her mother.
और नौकर ने चाँदी और सोने के ज़ेवर, और लिबास निकाल कर रिब्क़ा को दिए, और उसके भाई और उसकी माँ को भी क़ीमती चीजें दीं।
54 They ate and drank, he and the men who were with him, and stayed all night. They rose up in the morning, and he said, “Send me away to my master.”
और उसने और उसके साथ के आदमियों ने खाया पिया और रात भर वहीं रहे; सुबह को वह उठे और उसने कहा, कि मुझे मेरे आक़ा के पास रवाना कर दो।
55 Her brother and her mother said, “Let the young lady stay with us a few days, at least ten. After that she will go.”
रिब्क़ा के भाई और माँ ने कहा, कि लड़की को कुछ दिन, कम से कम दस दिन, हमारे पास रहने दे; इसके बाद वह चली जाएगी।
56 He said to them, “Don’t hinder me, since Yahweh has prospered my way. Send me away that I may go to my master.”
उसने उनसे कहा, कि मुझे न रोको क्यूँकि ख़ुदावन्द ने मेरा सफ़र मुबारक किया है, मुझे रुख़्सत कर दो ताकि मैं अपने आक़ा के पास जाऊँ।
57 They said, “We will call the young lady, and ask her.”
उन्होंने कहा, “हम लड़की को बुलाकर पूछते हैं कि वह क्या कहती है।”
58 They called Rebekah, and said to her, “Will you go with this man?” She said, “I will go.”
तब उन्होंने रिब्क़ा को बुला कर उससे पूछा, “क्या तू इस आदमी के साथ जाएगी?” उसने कहा, “जाऊँगी।”
59 They sent away Rebekah, their sister, with her nurse, Abraham’s servant, and his men.
तब उन्होंने अपनी बहन रिब्क़ा और उसकी दाया और अब्रहाम के नौकर और उसके आदमियों को रुख़सत किया।
60 They blessed Rebekah, and said to her, “Our sister, may you be the mother of thousands of ten thousands, and let your offspring possess the gate of those who hate them.”
और उन्होंने रिब्क़ा को दुआ दी और उससे कहा, “ऐ हमारी बहन, तू लाखों की माँ हो और तेरी नसल अपने कीना रखने वालों के फाटक की मालिक हो।”
61 Rebekah arose with her ladies. They rode on the camels, and followed the man. The servant took Rebekah, and went his way.
और रिब्क़ा और उसकी सहेलियाँ उठकर ऊँटों पर सवार हुई, और उस आदमी के पीछे हो लीं। तब वह आदमी रिब्क़ा को साथ लेकर रवाना हुआ।
62 Isaac came from the way of Beer Lahai Roi, for he lived in the land of the South.
और इस्हाक़ बेरलही — रोई से होकर चला आ रहा था, क्यूँकि वह दख्खिन के मुल्क में रहता था।
63 Isaac went out to meditate in the field at the evening. He lifted up his eyes and looked. Behold, there were camels coming.
और शाम के वक़्त इस्हाक़ बैतुलख़ला को मैदान में गया, और उसने जो अपनी आँखें उठाई और नज़र की तो क्या देखता है कि ऊँट चले आ रहे हैं।
64 Rebekah lifted up her eyes, and when she saw Isaac, she got off the camel.
और रिब्क़ा ने निगाह की और इस्हाक़ को देख कर ऊँट पर से उतर पड़ी।
65 She said to the servant, “Who is the man who is walking in the field to meet us?” The servant said, “It is my master.” She took her veil, and covered herself.
और उसने नौकर से पूछा, “यह शख़्स कौन है जो हम से मिलने की मैदान में चला आ रहा है?” उस नौकर ने कहा, “यह मेरा आक़ा है।” तब उसने बुरक़ा लेकर अपने ऊपर डाल लिया।
66 The servant told Isaac all the things that he had done.
नौकर ने जो — जो किया था सब इस्हाक़ को बताया।
67 Isaac brought her into his mother Sarah’s tent, and took Rebekah, and she became his wife. He loved her. So Isaac was comforted after his mother’s death.
और इस्हाक़ रिब्क़ा को अपनी माँ सारा के डेरे में ले गया। तब उसने रिब्क़ा से ब्याह कर लिया और उससे मुहब्बत की, और इस्हाक़ ने अपनी माँ के मरने के बाद तसल्ली पाई।