< 2 Kings 24 >

1 In his days Nebuchadnezzar king of Babylon came up, and Jehoiakim became his servant three years. Then he turned and rebelled against him.
उसके दिनों में बाबेल के राजा नबूकदनेस्सर ने चढ़ाई की और यहोयाकीम तीन वर्ष तक उसके अधीन रहा; तब उसने फिरकर उससे विद्रोह किया।
2 Yahweh sent against him bands of the Chaldeans, bands of the Syrians, bands of the Moabites, and bands of the children of Ammon, and sent them against Judah to destroy it, according to Yahweh’s word which he spoke by his servants the prophets.
तब यहोवा ने उसके विरुद्ध और यहूदा को नाश करने के लिये कसदियों, अरामियों, मोआबियों और अम्मोनियों के दल भेजे, यह यहोवा के उस वचन के अनुसार हुआ, जो उसने अपने दास भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा कहा था।
3 Surely at the commandment of Yahweh this came on Judah, to remove them out of his sight for the sins of Manasseh, according to all that he did,
निःसन्देह यह यहूदा पर यहोवा की आज्ञा से हुआ, ताकि वह उनको अपने सामने से दूर करे। यह मनश्शे के सब पापों के कारण हुआ।
4 and also for the innocent blood that he shed; for he filled Jerusalem with innocent blood, and Yahweh would not pardon.
और निर्दोष के उस खून के कारण जो उसने किया था; क्योंकि उसने यरूशलेम को निर्दोषों के खून से भर दिया था, जिसको यहोवा ने क्षमा करना न चाहा।
5 Now the rest of the acts of Jehoiakim, and all that he did, aren’t they written in the book of the chronicles of the kings of Judah?
यहोयाकीम के और सब काम जो उसने किए, वह क्या यहूदा के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखे हैं?
6 So Jehoiakim slept with his fathers, and Jehoiachin his son reigned in his place.
अन्त में यहोयाकीम मरकर अपने पुरखाओं के संग जा मिला और उसका पुत्र यहोयाकीन उसके स्थान पर राजा हुआ।
7 The king of Egypt didn’t come out of his land any more; for the king of Babylon had taken, from the brook of Egypt to the river Euphrates, all that belonged to the king of Egypt.
और मिस्र का राजा अपने देश से बाहर फिर कभी न आया, क्योंकि बाबेल के राजा ने मिस्र के नाले से लेकर फरात महानद तक जितना देश मिस्र के राजा का था, सब को अपने वश में कर लिया था।
8 Jehoiachin was eighteen years old when he began to reign, and he reigned in Jerusalem three months. His mother’s name was Nehushta the daughter of Elnathan of Jerusalem.
जब यहोयाकीन राज्य करने लगा, तब वह अठारह वर्ष का था, और तीन महीने तक यरूशलेम में राज्य करता रहा; और उसकी माता का नाम नहुश्ता था, जो यरूशलेम के एलनातान की बेटी थी।
9 He did that which was evil in Yahweh’s sight, according to all that his father had done.
उसने ठीक अपने पिता के समान वह किया, जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है।
10 At that time the servants of Nebuchadnezzar king of Babylon came up to Jerusalem, and the city was besieged.
१०उसके दिनों में बाबेल के राजा नबूकदनेस्सर के कर्मचारियों ने यरूशलेम पर चढ़ाई करके नगर को घेर लिया।
11 Nebuchadnezzar king of Babylon came to the city while his servants were besieging it,
११जब बाबेल के राजा नबूकदनेस्सर के कर्मचारी नगर को घेरे हुए थे, तब वह आप वहाँ आ गया।
12 and Jehoiachin the king of Judah went out to the king of Babylon—he, his mother, his servants, his princes, and his officers; and the king of Babylon captured him in the eighth year of his reign.
१२तब यहूदा का राजा यहोयाकीन अपनी माता और कर्मचारियों, हाकिमों और खोजों को संग लेकर बाबेल के राजा के पास गया, और बाबेल के राजा ने अपने राज्य के आठवें वर्ष में उनको पकड़ लिया।
13 He carried out from there all the treasures of Yahweh’s house and the treasures of the king’s house, and cut in pieces all the vessels of gold which Solomon king of Israel had made in Yahweh’s temple, as Yahweh had said.
१३तब उसने यहोवा के भवन में और राजभवन में रखा हुआ पूरा धन वहाँ से निकाल लिया और सोने के जो पात्र इस्राएल के राजा सुलैमान ने बनाकर यहोवा के मन्दिर में रखे थे, उन सभी को उसने टुकड़े-टुकड़े कर डाला, जैसा कि यहोवा ने कहा था।
14 He carried away all Jerusalem, and all the princes, and all the mighty men of valor, even ten thousand captives, and all the craftsmen and the smiths. No one remained except the poorest people of the land.
१४फिर वह पूरे यरूशलेम को अर्थात् सब हाकिमों और सब धनवानों को जो मिलकर दस हजार थे, और सब कारीगरों और लोहारों को बन्दी बनाकर ले गया, यहाँ तक कि साधारण लोगों में से कंगालों को छोड़ और कोई न रह गया।
15 He carried away Jehoiachin to Babylon, with the king’s mother, the king’s wives, his officers, and the chief men of the land. He carried them into captivity from Jerusalem to Babylon.
१५वह यहोयाकीन को बाबेल में ले गया और उसकी माता और स्त्रियों और खोजों को और देश के बड़े लोगों को वह बन्दी बनाकर यरूशलेम से बाबेल को ले गया।
16 All the men of might, even seven thousand, and the craftsmen and the smiths one thousand, all of them strong and fit for war, even them the king of Babylon brought captive to Babylon.
१६और सब धनवान जो सात हजार थे, और कारीगर और लोहार जो मिलकर एक हजार थे, और वे सब वीर और युद्ध के योग्य थे, उन्हें बाबेल का राजा बन्दी बनाकर बाबेल को ले गया।
17 The king of Babylon made Mattaniah, Jehoiachin’s father’s brother, king in his place, and changed his name to Zedekiah.
१७बाबेल के राजा ने उसके स्थान पर उसके चाचा मत्तन्याह को राजा नियुक्त किया और उसका नाम बदलकर सिदकिय्याह रखा।
18 Zedekiah was twenty-one years old when he began to reign, and he reigned eleven years in Jerusalem. His mother’s name was Hamutal the daughter of Jeremiah of Libnah.
१८जब सिदकिय्याह राज्य करने लगा, तब वह इक्कीस वर्ष का था, और यरूशलेम में ग्यारह वर्ष तक राज्य करता रहा; उसकी माता का नाम हमूतल था, जो लिब्नावासी यिर्मयाह की बेटी थी।
19 He did that which was evil in Yahweh’s sight, according to all that Jehoiakim had done.
१९उसने ठीक यहोयाकीम की लीक पर चलकर वही किया जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है।
20 For through the anger of Yahweh, this happened in Jerusalem and Judah, until he had cast them out from his presence. Then Zedekiah rebelled against the king of Babylon.
२०क्योंकि यहोवा के कोप के कारण यरूशलेम और यहूदा की ऐसी दशा हुई, कि अन्त में उसने उनको अपने सामने से दूर किया।

< 2 Kings 24 >