< 1 Kings 13 >

1 Behold, a man of God came out of Judah by the LORD’s word to Bethel; and Jeroboam was standing by the altar to burn incense.
और देखो, ख़ुदावन्द के हुक्म से एक नबी यहूदाह से बैतएल में आया, और युरब'आम ख़ुशबू जलाने को मज़बह के पास खड़ा था।
2 He cried against the altar by the LORD’s word, and said, “Altar! Altar! The LORD says: ‘Behold, a son will be born to David’s house, Josiah by name. On you he will sacrifice the priests of the high places who burn incense on you, and they will burn men’s bones on you.’”
और वह ख़ुदावन्द के हुक्म से मज़बह के ख़िलाफ़ चिल्लाकर कहने लगा, ऐ मज़बह, ऐ मज़बह! ख़ुदावन्द ऐसा फ़रमाता है कि “देख, दाऊद के घराने से एक लड़का बनाम यूसियाह पैदा होगा। तब वह ऊँचे मक़ामों के काहिनों की, जो तुझ पर ख़ुशबू जलाते हैं, तुझ पर क़ुर्बानी करेगा और वह आदमियों की हड्डियाँ तुझ पर जलाएँगे।”
3 He gave a sign the same day, saying, “This is the sign which the LORD has spoken: Behold, the altar will be split apart, and the ashes that are on it will be poured out.”
और उसने उसी दिन एक निशान दिया और कहा, वह निशान जो ख़ुदावन्द ने बताया है, “यह है कि देखो, मज़बह फट जाएगा और वह राख जो उस पर है गिर जाएगी।”
4 When the king heard the saying of the man of God, which he cried against the altar in Bethel, Jeroboam put out his hand from the altar, saying, “Seize him!” His hand, which he put out against him, dried up, so that he could not draw it back again to himself.
और ऐसा हुआ कि जब बादशाह ने उस नबी का कलाम, जो उसने बैतएल में मज़बह के ख़िलाफ़ चिल्ला कर कहा था, सुना तो युरब'आम ने मज़बह पर से पकड़ लो! और उसका वह हाथ जो उसने उसकी तरफ़ बढ़ाया था ख़ुश्क हो गया, ऐसा कि वह उसे फिर अपनी तरफ़ खींच न सका।
5 The altar was also split apart, and the ashes poured out from the altar, according to the sign which the man of God had given by the LORD’s word.
और उस निशान के मुताबिक़ जो उस नबी ने ख़ुदावन्द के हुक्म से दिया था, वह मज़बह भी फट गया और राख मज़बह पर से गिर गई।
6 The king answered the man of God, “Now intercede for the favour of the LORD your God, and pray for me, that my hand may be restored me again.” The man of God interceded with the LORD, and the king’s hand was restored to him again, and became as it was before.
तब बादशाह ने उस नबी से कहा कि “अब ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा से इल्तिजा कर और मेरे लिए दुआ कर, ताकि मेरा हाथ मेरे लिए फिर बहाल हो जाए।” तब उस नबी ने ख़ुदावन्द से इल्तिजा की और बादशाह का हाथ उसके लिए बहाल हुआ, और जैसा पहले था वैसा ही हो गया।
7 The king said to the man of God, “Come home with me and refresh yourself, and I will give you a reward.”
और बादशाह ने उस नबी से कहा कि “मेरे साथ घर चल और ताज़ा दम हो, और मैं तुझे इनाम दूँगा।”
8 The man of God said to the king, “Even if you gave me half of your house, I would not go in with you, neither would I eat bread nor drink water in this place;
उस नबी ने बादशाह को जवाब दिया कि “अगर तू अपना आधा घर भी मुझे दे, तोभी मैं तेरे साथ नहीं जाने का और न मैं इस जगह रोटी खाऊँ और न पानी पियूँ।
9 for so was it commanded me by the LORD’s word, saying, ‘You shall eat no bread, drink no water, and don’t return by the way that you came.’”
क्यूँकि ख़ुदावन्द का हुक्म मुझे ताकीद के साथ यह हुआ है कि तू न रोटी खाना न पानी पीना, न उस रास्ते से लौटना जिससे तू जाए।”
10 So he went another way, and didn’t return by the way that he came to Bethel.
तब वह दूसरे रास्ते से गया और जिस रास्ते से बैतएल में आया था उससे न लौटा।
11 Now an old prophet lived in Bethel, and one of his sons came and told him all the works that the man of God had done that day in Bethel. They also told their father the words which he had spoken to the king.
और बैतएल में एक बुड्ढा नबी रहता था, तब उसके बेटों में से एक ने आकर वह सब काम जो उस नबी ने उस दिन बैतएल में किए उसे बताए, और जो बातें उसने बादशाह से कहीं थीं उनको भी अपने बाप से बयान किया।
12 Their father said to them, “Which way did he go?” Now his sons had seen which way the man of God went, who came from Judah.
और उनके बाप ने उनसे कहा, “वह किस रास्ते से गया?” उसके बेटों ने देख लिया था कि वह नबी जो यहूदाह से आया था, किस रास्ते से गया है।
13 He said to his sons, “Saddle the donkey for me.” So they saddled the donkey for him; and he rode on it.
तब उसने अपने बेटों से कहा, “मेरे लिए गधे पर ज़ीन कस दो।” तब उन्होंने उसके लिए गधे पर ज़ीन कस दिया और वह उस पर सवार हुआ,
14 He went after the man of God, and found him sitting under an oak. He said to him, “Are you the man of God who came from Judah?” He said, “I am.”
और उस नबी के पीछे चला और उसे बलूत के एक दरख़्त के नीचे बैठे पाया। तब उसने उससे कहा, “क्या तू वही नबी है जो यहूदाह से आया था?” उसने कहा, “हाँ।”
15 Then he said to him, “Come home with me and eat bread.”
तब उसने उससे कहा, “मेरे साथ घर चल और रोटी खा।”
16 He said, “I may not return with you, nor go in with you. I will not eat bread or drink water with you in this place.
उसने कहा, मैं तेरे साथ लौट नहीं सकता और न तेरे घर जा सकता हूँ, और मैं तेरे साथ इस जगह न रोटी खाऊँ न पानी पियूँ।
17 For it was said to me by the LORD’s word, ‘You shall eat no bread or drink water there, and don’t turn again to go by the way that you came.’”
क्यूँकि ख़ुदावन्द का मुझ को यूँ हुक्म हुआ है कि “तू वहाँ न रोटी खाना न पानी पीना, और न उस रास्ते से होकर लौटना जिससे तू जाए।”
18 He said to him, “I also am a prophet as you are; and an angel spoke to me by the LORD’s word, saying, ‘Bring him back with you into your house, that he may eat bread and drink water.’” He lied to him.
तब उसने उससे कहा, “मैं भी तेरी तरह नबी हूँ, और ख़ुदावन्द के हुक्म से एक फ़रिश्ते ने मुझ से यह कहा कि उसे अपने साथ अपने घर में लौटा कर ले आ, ताकि वह रोटी खाए और पानी पिए।” लेकिन उसने उससे झूठ कहा।
19 So he went back with him, ate bread in his house, and drank water.
इसलिए वह उसके साथ लौट गया और उसके घर में रोटी खाई और पानी पिया।
20 As they sat at the table, the LORD’s word came to the prophet who brought him back;
जब वह दस्तरख़्वान पर बैठे थे तो ख़ुदावन्द का कलाम उस नबी पर, जो उसे लौटा लाया था, नाज़िल हुआ।
21 and he cried out to the man of God who came from Judah, saying, “The LORD says, ‘Because you have been disobedient to the LORD’s word, and have not kept the commandment which the LORD your God commanded you,
और उसने उस नबी से, जो यहूदाह से आया था, चिल्ला कर कहा, ख़ुदावन्द ऐसा फ़रमाता है, “इसलिए कि तू ने ख़ुदावन्द के कलाम से नाफ़रमानी की, और उस हुक्म को नहीं माना जो ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा ने तुझे दिया था।
22 but came back, and have eaten bread and drank water in the place of which he said to you, “Eat no bread, and drink no water,” your body will not come to the tomb of your fathers.’”
बल्कि तू लौट आया और तू ने उसी जगह जिसके ज़रिए' ख़ुदावन्द ने तुझे फ़रमाया था कि न रोटी खाना, न पानी पीना, रोटी भी खाई और पानी भी पिया; इसलिए तेरी लाश तेरे बाप दादा की क़ब्र तक नहीं पहुँचेगी।”
23 After he had eaten bread and after he drank, he saddled the donkey for the prophet whom he had brought back.
जब वह रोटी खा चुका और पानी पी चुका, तो उसने उसके लिए या'नी उस नबी के लिए जिसे वह लौटा लाया था, गधे पर ज़ीन कस दिया।
24 When he had gone, a lion met him by the way and killed him. His body was thrown on the path, and the donkey stood by it. The lion also stood by the body.
जब वह रवाना हुआ तो रास्ते में उसे एक शेर मिला जिसने उसे मार डाला, इसलिए उसकी लाश रास्ते में पड़ी रही और गधा उसके पास खड़ा रहा, शेर भी उस लाश के पास खड़ा रहा।
25 Behold, men passed by and saw the body thrown on the path, and the lion standing by the body; and they came and told it in the city where the old prophet lived.
और लोग उधर से गुज़रे और देखा कि लाश रास्ते में पड़ी है और शेर लाश के पास खड़ा है, फिर उन्होंने उस शहर में जहाँ वह बुड्ढा नबी रहता था यह बताया।
26 When the prophet who brought him back from the way heard of it, he said, “It is the man of God who was disobedient to the LORD’s word. Therefore the LORD has delivered him to the lion, which has mauled him and slain him, according to the LORD’s word which he spoke to him.”
और जब उस नबी ने, जो उसे रास्ते से लौटा लाया था, यह सुना तो कहा, “यह वही नबी है जिसने ख़ुदावन्द के कलाम की नाफ़रमानी की, इसी लिए ख़ुदावन्द ने उसको शेर के हवाले कर दिया; और उसने ख़ुदावन्द के उस सुखन के मुताबिक़ जो उसने उससे कहा था, उसे फाड़ा और मार डाला।”
27 He said to his sons, saying, “Saddle the donkey for me,” and they saddled it.
फिर उसने अपने बेटों से कहा कि “मेरे लिए गधे पर ज़ीन कस दो।” इसलिए उन्होंने ज़ीन कस दिया।
28 He went and found his body thrown on the path, and the donkey and the lion standing by the body. The lion had not eaten the body nor mauled the donkey.
तब वह गया और उसने उसकी लाश रास्ते में पड़ी हुई, और गधे और शेर को लाश के पास खड़े पाया; क्यूँकि शेर ने न लाश को खाया और न गधे को फाड़ा था।
29 The prophet took up the body of the man of God, and laid it on the donkey, and brought it back. He came to the city of the old prophet to mourn, and to bury him.
तब उस नबी ने उस नबी की लाश उठाकर उसे गधे पर रखा और ले आया, और वह बुड्ढा नबी उस पर मातम करने और उसे दफ़्न करने को अपने शहर में आया।
30 He laid his body in his own grave; and they mourned over him, saying, “Alas, my brother!”
और उसने उसकी लाश को अपनी क़ब्र में रखा, और उन्होंने उस पर मातम किया और कहा, 'हाय, मेरे भाई!“
31 After he had buried him, he spoke to his sons, saying, “When I am dead, bury me in the tomb in which the man of God is buried. Lay my bones beside his bones.
और जब वह उसे दफ़्न कर चुका, तो उसने अपने बेटों से कहा कि “जब मैं मर जाऊँ, तो मुझ को उसी क़ब्र में दफ़्न करना जिसमें यह नबी दफ़्न हुआ है। मेरी हड्डियाँ उसकी हड्डियों के बराबर रखना।
32 For the saying which he cried by the LORD’s word against the altar in Bethel, and against all the houses of the high places which are in the cities of Samaria, will surely happen.”
इसलिए कि वह बात जो उसने ख़ुदावन्द के हुक्म से बैतएल के मज़बह के ख़िलाफ़ और उन सब ऊँचे मक़ामों के घरों के खिलाफ़, जो सामरिया के कस्बों में हैं, कही है ज़रूर पूरी होगी।”
33 After this thing, Jeroboam didn’t turn from his evil way, but again made priests of the high places from amongst all the people. Whoever wanted to, he consecrated him, that there might be priests of the high places.
इस माजरे के बाद भी युरब'आम अपनी बुरे रास्ते से बाज़ न आया, बल्कि उसने 'अवाम में से ऊँचे मक़ामों के काहिन ठहराए; जिस किसी ने चाहा उसे उसने मख़्सूस किया, ताकि ऊँचे मक़ामों के लिए काहिन हों।
34 This thing became sin to the house of Jeroboam, even to cut it off and to destroy it from off the surface of the earth.
और यह काम युरब'आम के घराने के लिए, उसे काट डालने और उसे रू — ए — ज़मीन पर से मिटाऔर बरबाद करने के लिए गुनाह ठहरा।

< 1 Kings 13 >