< Psalms 124 >

1 A Song of degrees of David. If [it had not been] the LORD who was on our side, now may Israel say;
दाऊद की यात्रा का गीत इस्राएल यह कहे, कि यदि हमारी ओर यहोवा न होता,
2 If [it had not been] the LORD who was on our side, when men rose up against us:
यदि यहोवा उस समय हमारी ओर न होता जब मनुष्यों ने हम पर चढ़ाई की,
3 Then they had swallowed us up quick, when their wrath was kindled against us:
तो वे हमको उसी समय जीवित निगल जाते, जब उनका क्रोध हम पर भड़का था,
4 Then the waters had overwhelmed us, the stream had gone over our soul:
हम उसी समय जल में डूब जाते और धारा में बह जाते;
5 Then the proud waters had gone over our soul.
उमड़ते जल में हम उसी समय ही बह जाते।
6 Blessed [be] the LORD, who hath not given us [as] a prey to their teeth.
धन्य है यहोवा, जिसने हमको उनके दाँतों तले जाने न दिया!
7 Our soul hath escaped as a bird out of the snare of the fowlers: the snare [is] broken, and we have escaped.
हमारा जीव पक्षी के समान चिड़ीमार के जाल से छूट गया; जाल फट गया और हम बच निकले!
8 Our help [is] in the name of the LORD, who made heaven and earth.
यहोवा जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है, हमारी सहायता उसी के नाम से होती है।

< Psalms 124 >