< Joshua 3 >

1 And Joshua rose early in the morning; and they removed from Shittim, and came to Jordan, he and all the children of Israel, and lodged there before they passed over.
यहोशू सवेरे उठा, और सब इस्राएलियों को साथ ले शित्तीम से कूच कर यरदन के किनारे आया; और वे पार उतरने से पहले वहीं टिक गए।
2 And it came to pass after three days, that the officers went through the host;
और तीन दिन के बाद सरदारों ने छावनी के बीच जाकर
3 And they commanded the people, saying, When ye see the ark of the covenant of the LORD your God, and the priests the Levites bearing it, then ye shall remove from your place, and go after it.
प्रजा के लोगों को यह आज्ञा दी, “जब तुम को अपने परमेश्वर यहोवा की वाचा का सन्दूक और उसे उठाए हुए लेवीय याजक भी दिखाई दें, तब अपने स्थान से कूच करके उसके पीछे-पीछे चलना,
4 Yet there shall be a space between you and it, about two thousand cubits by measure: come not near to it, that ye may know the way by which ye must go: for ye have not passed [this] way heretofore.
परन्तु उसके और तुम्हारे बीच में दो हजार हाथ के लगभग अन्तर रहे; तुम सन्दूक के निकट न जाना। ताकि तुम देख सको, कि किस मार्ग से तुम को चलना है, क्योंकि अब तक तुम इस मार्ग पर होकर नहीं चले।”
5 And Joshua said to the people, Sanctify yourselves: for to-morrow the LORD will do wonders among you.
फिर यहोशू ने प्रजा के लोगों से कहा, “तुम अपने आपको पवित्र करो; क्योंकि कल के दिन यहोवा तुम्हारे मध्य में आश्चर्यकर्म करेगा।”
6 And Joshua spoke to the priests, saying, Take up the ark of the covenant, and pass over before the people. And they took up the ark of the covenant, and went before the people.
तब यहोशू ने याजकों से कहा, “वाचा का सन्दूक उठाकर प्रजा के आगे-आगे चलो।” तब वे वाचा का सन्दूक उठाकर आगे-आगे चले।
7 And the LORD said to Joshua, This day will I begin to magnify thee in the sight of all Israel, that they may know that as I was with Moses, [so] I will be with thee.
तब यहोवा ने यहोशू से कहा, “आज के दिन से मैं सब इस्राएलियों के सम्मुख तेरी प्रशंसा करना आरम्भ करूँगा, जिससे वे जान लें कि जैसे मैं मूसा के संग रहता था वैसे ही मैं तेरे संग भी हूँ।
8 And thou shalt command the priests that bear the ark of the covenant, saying, When ye have come to the brink of the water of Jordan, ye shall stand still in Jordan.
और तू वाचा के सन्दूक के उठानेवाले याजकों को यह आज्ञा दे, ‘जब तुम यरदन के जल के किनारे पहुँचो, तब यरदन में खड़े रहना।’”
9 And Joshua said to the children of Israel, Come hither, and hear the words of the LORD your God.
तब यहोशू ने इस्राएलियों से कहा, “पास आकर अपने परमेश्वर यहोवा के वचन सुनो।”
10 And Joshua said, By this ye shall know that the living God [is] among you, and [that] he will without fail drive out from before you the Canaanites, and the Hittites, and the Hivites, and the Perizzites, and the Girgashites, and the Amorites, and the Jebusites.
१०और यहोशू कहने लगा, “इससे तुम जान लोगे कि जीवित परमेश्वर तुम्हारे मध्य में है, और वह तुम्हारे सामने से निःसन्देह कनानियों, हित्तियों, हिब्बियों, परिज्जियों, गिर्गाशियों, एमोरियों, और यबूसियों को उनके देश में से निकाल देगा।
11 Behold, the ark of the covenant of the LORD of all the earth passeth over before you into Jordan.
११सुनो, पृथ्वी भर के प्रभु की वाचा का सन्दूक तुम्हारे आगे-आगे यरदन में जाने को है।
12 Now therefore take you twelve men out of the tribes of Israel, out of every tribe a man.
१२इसलिए अब इस्राएल के गोत्रों में से बारह पुरुषों को चुन लो, वे एक-एक गोत्र में से एक पुरुष हो।
13 And it shall come to pass, as soon as the soles of the feet of the priests that bear the ark of the LORD, the Lord of all the earth, shall rest in the waters of Jordan, [that] the waters of Jordan shall be cut off [from] the waters that come down from above; and they shall stand in a heap.
१३और जिस समय पृथ्वी भर के प्रभु यहोवा की वाचा का सन्दूक उठानेवाले याजकों के पाँव यरदन के जल में पड़ेंगे, उस समय यरदन का ऊपर से बहता हुआ जल थम जाएगा, और ढेर होकर ठहरा रहेगा।”
14 And it came to pass, when the people removed from their tents to pass over Jordan, and the priests bearing the ark of the covenant before the people;
१४इसलिए जब प्रजा के लोगों ने अपने डेरों से यरदन पार जाने को कूच किया, और याजक वाचा का सन्दूक उठाए हुए प्रजा के आगे-आगे चले,
15 And as they that bore the ark had come to Jordan, and the feet of the priests that bore the ark were dipped in the brim of the water, (for Jordan overfloweth all its banks all the time of harvest, )
१५और सन्दूक के उठानेवाले यरदन पर पहुँचे, और सन्दूक के उठानेवाले याजकों के पाँव यरदन के तट के जल में पड़े (यरदन का जल तो कटनी के समय के सब दिन अपने तट के ऊपर-ऊपर बहा करता है),
16 That the waters which came down from above stood [and] rose up in a heap very far from the city Adam, that [is] beside Zaretan; and those that came down towards the sea of the plain, [even] the salt sea, failed, [and] were cut off: and the people passed over right against Jericho.
१६तब जो जल ऊपर की ओर से बहा आता था वह बहुत दूर, अर्थात् आदाम नगर के पास जो सारतान के निकट है रुककर एक ढेर हो गया, और दीवार सा उठा रहा, और जो जल अराबा का ताल, जो खारा ताल भी कहलाता है उसकी ओर बहा जाता था, वह पूरी रीति से सूख गया; और प्रजा के लोग यरीहो के सामने पार उतर गए।
17 And the priests that bore the ark of the covenant of the LORD stood firm on dry ground in the midst of Jordan, and all the Israelites passed over on dry ground, until all the people had passed quite over Jordan.
१७और याजक यहोवा की वाचा का सन्दूक उठाए हुए यरदन के बीचों बीच पहुँचकर स्थल पर स्थिर खड़े रहे, और सब इस्राएली स्थल ही स्थल पार उतरते रहे, अन्त में उस सारी जाति के लोग यरदन पार हो गए।

< Joshua 3 >