< Isaiah 48 >
1 Hear ye this, O house of Jacob, who are called by the name of Israel, and have come forth out of the waters of Judah, who swear by the name of the LORD, and make mention of the God of Israel, [but] not in truth, nor in righteousness.
ये बात सुनो ऐ या'क़ूब के घराने जो इस्राईल के नाम से कहलाते हो और यहूदाह के चश्मे से निकले हो, जो ख़ुदावन्द का नाम लेकर क़सम खाते हो, और इस्राईल के ख़ुदा का इक़रार करते हो, बल्कि अमानत और सदाक़त से नहीं।
2 For they call themselves of the holy city, and stay themselves upon the God of Israel; The LORD of hosts [is] his name.
क्यूँकि वह शहर — ए — क़ुददूस के लोग कहलाते हैं और इस्राईल के ख़ुदा पर तवक्कुल करते हैं जिसका नाम रब्ब — उल — अफ़वाज है।
3 I have declared the former things from the beginning; and they went forth from my mouth, and I showed them; I did [them] suddenly, and they came to pass.
'मैंने पहले से होने वाली बातों की ख़बर दी है हाँ वह मेरे मुंह से निकली मैंने उनको ज़ाहिर किया मैं नागहा उनको 'अमल में लाया और वह ज़हूर में आईं।
4 Because I knew that thou [art] obstinate, and thy neck [is] an iron sinew, and thy brow brass;
चूँकि मैं जानता था कि तू ज़िद्दी है और तेरी गर्दन का पट्ठा लोहे का है और तेरी पेशानी पीतल की है।
5 I have even from the beginning declared [it] to thee; before it came to pass I showed [it] thee: lest thou shouldst say, My idol hath done them, and my graven image, and my molten image, hath commanded them.
इसलिए मैंने पहले ही से ये बातें तुझे कह सुनाई, और उनके बयान “होने से पहले तुझ पर ज़ाहिर कर दिया; ता न हो कि तू कहे, 'मेरे बुत ने ये काम किया, और मेरे खोदे हुए सनम ने और मेरी ढाली हुई मूरत ने ये बातें फ़रमाईं।”
6 Thou hast heard, see all this; and will not ye declare [it]? I have showed ye new things from this time, even hidden things, and thou didst not know them.
तूने ये सुना है, इसलिए इस सब पर तवज्जुह कर; क्या तुम इसका इक़रार न करोगे? अब मैं तुझे नई चीजें और छिपी बातें, जिनसे तू वाक़िफ़ न था दिखाता हूँ।
7 They are created now, and not from the beginning; even before the day when thou heardst them not; lest thou shouldst say, Behold, I knew them.
वह अभी ख़ल्क की गई हैं, पहले से नहीं; बल्कि आज से पहले तूने उनको सुना भी न था; ता न हो कि तू कहे, 'देख, मैं जानता था।
8 Yes, thou heardst not; yes, thou knewest not; yes, from that time [that] thy ear was not opened: for I knew that thou wouldst deal very treacherously, and wast called a transgressor from the womb.
हाँ, तूने न सुना न जाना; हाँ, पहले ही से तेरे कान खुले न थे। क्यूँकि मैं जानता था कि तू भी बिल्कुल बेवफ़ा है, और रहम ही से ख़ताकार कहलाता है।
9 For my name's sake will I defer my anger, and for my praise will I refrain for thee, that I cut thee not off.
'मैं अपने नाम की ख़ातिर अपने ग़ज़ब में ताख़ीर करूँगा, और अपने जलाल की ख़ातिर तुझ से बाज़ रहूँगा, कि तुझे काट न डालूँ।
10 Behold, I have refined thee, but not with silver; I have chosen thee in the furnace of affliction.
देख, मैंने तुझे साफ़ किया, लेकिन चाँदी की तरह नहीं; मैंने मुसीबत की कुठाली से तुझे साफ़ किया।
11 For my own sake, [even] for my own sake, will I do [it]: for how should [my name] be profaned? and I will not give my glory to another.
मैंने अपनी ख़ातिर, हाँ, अपनी ही ख़ातिर ये किया है; क्यूँकि मेरे नाम की तक्फ़ीर क्यूँ हो? मैं तो अपनी शौकत दूसरे को नहीं देने का।
12 Hearken to me, O Jacob and Israel, my called; I [am] he; I [am] the first, I also [am] the last.
ऐ या'क़ूब, आ मेरी सुन, और ऐ इस्राईल जो मेरा बुलाया हुआ है; मैं वही हूँ, मैं ही अव्वल और मैं ही आख़िर हूँ।
13 My hand also hath laid the foundation of the earth, and my right hand hath spanned the heavens: [when] I call to them, they stand up together.
यक़ीनन मेरे ही हाथ ने ज़मीन की बुनियाद डाली, और मेरे दहने हाथ ने आसमान को फैलाया; मैं उनको पुकारता हूँ और वह हाज़िर हो जाते हैं।
14 All ye, assemble yourselves and hear; who among them hath declared these [things]? The LORD hath loved him: he will do his pleasure on Babylon, and his arm [shall be on] the Chaldeans.
“तुम सब जमा' होकर सुनो। उनमें किसने इन बातों की ख़बर दी है? वह जिसे ख़ुदावन्द ने पसन्द किया है; उसकी ख़ुशी को बाबुल के मुताल्लिक 'अमल में लाएगा, और उसी का हाथ कसदियों की मुख़ालिफ़त में होगा।
15 I, [even] I, have spoken, yes, I have called him: I have brought him, and he shall make his way prosperous.
मैंने, हाँ मैं ही ने कहा; मैंने ही उसे बुलाया, मैं उसे लाया हूँ; और वह अपनी चाल चलन में बरोमन्द होगा।
16 Come ye near to me, hear ye this; I have not spoken in secret from the beginning; from the time that it was, there [am] I: and now the LORD God, and his Spirit, hath sent me.
मेरे नज़दीक आओ और ये सुनो, मैंने शुरू' ही से पोशीदगी में कलाम नहीं किया, जिस वक़्त से कि वह था मैं वहीं था।” और अब ख़ुदावन्द ख़ुदा ने और उसकी रूह ने मुझ को भेजा है।
17 Thus saith the LORD, thy Redeemer, the Holy One of Israel; I [am] the LORD thy God, who teacheth thee to profit, who leadeth thee by the way [that] thou shouldst go.
ख़ुदावन्द तेरा फ़िदिया देनेवाला, इस्राईल का क़ुददूस, यूँ फ़रमाता है, कि “मैं ही ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा हूँ। जो तुझे मुफ़ीद ता'लीम देता हूँ और तुझे उस राह में जिसमें तुझे जाना है, ले चलता हूँ।
18 O that thou hadst hearkened to my commandments! then had thy peace been as a river, and thy righteousness as the waves of the sea:
काश कि तू मेरे हुक्मों का सुनने वाला होता, और तेरी सलामती नहर की तरह और तेरी सदाक़त समन्दर की मौजों की तरह होती;
19 Thy seed also had been as the sand, and the offspring of thy bowels like its gravel; his name should not have been cut off nor destroyed from before me.
तेरी नस्ल रेत की तरह होती और तेरे सुल्बी फ़र्ज़न्द उसके ज़र्रों की तरह बा — कसरत होते; और उसका नाम मेरे सामने से काटा और मिटाया न जाता।”
20 Go ye forth from Babylon, flee ye from the Chaldeans, with a voice of singing declare ye, tell this, utter it [even] to the end of the earth; say ye, The LORD hath redeemed his servant Jacob.
तुम बाबुल से निकलो, कसदियों के बीच से भागो; नग़मे की आवाज़ से बयान करो इसे मशहूर करों हाँ इसकी ख़बर ज़मीन के किनारों तक पहुँचाओ; कहते जाओ, कि “ख़ुदावन्द ने अपने ख़ादिम या'क़ूब का फ़िदिया दिया।”
21 And they thirsted not, [when] he led them through the deserts: he caused the waters to flow out of the rock for them: he cleaved the rock also, and the waters gushed out.
और जब वह उनको वीराने में से ले गया, तो वह प्यासे न हुए; उसने उनके लिए चटटान में से पानी निकाला, उसने चटटान को चीरा और पानी फूट निकला।
22 [There is] no peace, saith the LORD, to the wicked.
ख़ुदावन्द फ़रमाता है, कि “शरीरों के लिए सलामती नहीं।”