< Ezekiel 38 >
1 And the word of the LORD came to me, saying,
१फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा:
2 Son of man, set thy face against Gog, the land of Magog, the chief prince of Meshech and Tubal, and prophesy against him.
२“हे मनुष्य के सन्तान, अपना मुँह मागोग देश के गोग की ओर करके, जो रोश, मेशेक और तूबल का प्रधान है, उसके विरुद्ध भविष्यद्वाणी कर।
3 And say, Thus saith the Lord GOD: Behold, I [am] against thee, O Gog, the chief prince of Meshech and Tubal:
३और यह कह, हे गोग, हे रोश, मेशेक, और तूबल के प्रधान, परमेश्वर यहोवा यह कहता है: देख, मैं तेरे विरुद्ध हूँ।
4 And I will turn thee back, and put hooks into thy jaws, and I will bring thee forth, and all thy army, horses and horsemen, all of them clothed with all sorts [of armor], [even] a great company [with] bucklers and shields, all of them handling swords:
४मैं तुझे घुमा ले आऊँगा, और तेरे जबड़ों में नकेल डालकर तुझे निकालूँगा; और तेरी सारी सेना को भी अर्थात् घोड़ों और सवारों को जो सब के सब कवच पहने हुए एक बड़ी भीड़ हैं, जो फरी और ढाल लिए हुए सब के सब तलवार चलानेवाले होंगे;
5 Persia, Cush, and Phut with them; all of them with shield and helmet:
५और उनके संग फारस, कूश और पूत को, जो सब के सब ढाल लिए और टोप लगाए होंगे;
6 Gomer, and all his bands; the house of Togarmah of the north quarters, and all his bands: [and] many people with thee.
६और गोमेर और उसके सारे दलों को, और उत्तर दिशा के दूर-दूर देशों के तोगर्मा के घराने, और उसके सारे दलों को निकालूँगा; तेरे संग बहुत से देशों के लोग होंगे।
7 Be thou prepared, and prepare for thyself, thou, and all thy company that are assembled to thee, and be thou a guard to them.
७“इसलिए तू तैयार हो जा; तू और जितनी भीड़ तेरे पास इकट्ठी हों, तैयार रहना, और तू उनका अगुआ बनना।
8 After many days thou shalt be visited: in the latter years thou shalt come into the land [that is] brought back from the sword, [and is] gathered out of many people, against the mountains of Israel, which have been always waste: but it is brought forth out of the nations, and they shall all dwell in safety.
८बहुत दिनों के बीतने पर तेरी सुधि ली जाएगी; और अन्त के वर्षों में तू उस देश में आएगा, जो तलवार के वश से छूटा हुआ होगा, और जिसके निवासी बहुत सी जातियों में से इकट्ठे होंगे; अर्थात् तू इस्राएल के पहाड़ों पर आएगा जो निरन्तर उजाड़ रहे हैं; परन्तु वे देश-देश के लोगों के वश से छुड़ाए जाकर सब के सब निडर रहेंगे।
9 Thou shalt ascend and come like a storm, thou shalt be like a cloud to cover the land, thou, and all thy bands, and many people with thee.
९तू चढ़ाई करेगा, और आँधी के समान आएगा, और अपने सारे दलों और बहुत देशों के लोगों समेत मेघ के समान देश पर छा जाएगा।
10 Thus saith the Lord GOD; It shall also come to pass, [that] at the same time shall things come into thy mind, and thou shalt think an evil thought:
१०“परमेश्वर यहोवा यह कहता है, उस दिन तेरे मन में ऐसी-ऐसी बातें आएँगी कि तू एक बुरी युक्ति भी निकालेगा;
11 And thou shalt say, I will go up to the land of unwalled villages; I will go to them that are at rest, that dwell safely, all of them dwelling without walls, and having neither bars nor gates,
११और तू कहेगा कि मैं बिन शहरपनाह के गाँवों के देश पर चढ़ाई करूँगा; मैं उन लोगों के पास जाऊँगा जो चैन से निडर रहते हैं; जो सब के सब बिना शहरपनाह और बिना बेड़ों और पल्लों के बसे हुए हैं;
12 To take a spoil, and to take a prey; to turn thy hand upon the desolate places [that are now] inhabited, and upon the people [that are] gathered out of the nations, which have gotten cattle and goods, that dwell in the midst of the land.
१२ताकि छीनकर तू उन्हें लूटे और अपना हाथ उन खण्डहरों पर बढ़ाए जो फिर बसाए गए, और उन लोगों के विरुद्ध जाए जो जातियों में से इकट्ठे हुए थे और पृथ्वी की नाभि पर बसे हुए पशु और अन्य सम्पत्ति रखते हैं।
13 Sheba, and Dedan, and the merchants of Tarshish, with all its young lions, shall say to thee, Art thou come to take a spoil? hast thou gathered thy company to take a prey? to carry away silver and gold, to take away cattle and goods, to take a great spoil?
१३शेबा और ददान के लोग और तर्शीश के व्यापारी अपने देश के सब जवान सिंहों समेत तुझ से कहेंगे, ‘क्या तू लूटने को आता है? क्या तूने धन छीनने, सोना-चाँदी उठाने, पशु और सम्पत्ति ले जाने, और बड़ी लूट अपना लेने को अपनी भीड़ इकट्ठी की है?’
14 Therefore, son of man, prophesy and say to Gog, Thus saith the Lord GOD; In that day when my people of Israel dwelleth safely, shalt thou not know [it]?
१४“इस कारण, हे मनुष्य के सन्तान, भविष्यद्वाणी करके गोग से कह, परमेश्वर यहोवा यह कहता है, जिस समय मेरी प्रजा इस्राएल निडर बसी रहेगी, क्या तुझे इसका समाचार न मिलेगा?
15 And thou shalt come from thy place out of the north parts, thou, and many people with thee, all of them riding upon horses, a great company, and a mighty army:
१५तू उत्तर दिशा के दूर-दूर स्थानों से आएगा; तू और तेरे साथ बहुत सी जातियों के लोग, जो सब के सब घोड़ों पर चढ़े हुए होंगे, अर्थात् एक बड़ी भीड़ और बलवन्त सेना।
16 And thou shalt come against my people of Israel, as a cloud to cover the land; it shall be in the latter days, and I will bring thee against my land, that the heathen may know me, when I shall be sanctified in thee, O Gog, before their eyes.
१६जैसे बादल भूमि पर छा जाता है, वैसे ही तू मेरी प्रजा इस्राएल के देश पर ऐसे चढ़ाई करेगा। इसलिए हे गोग, अन्त के दिनों में ऐसा ही होगा, कि मैं तुझ से अपने देश पर इसलिए चढ़ाई कराऊँगा, कि जब मैं जातियों के देखते तेरे द्वारा अपने को पवित्र ठहराऊँ, तब वे मुझे पहचान लेंगे।
17 Thus saith the Lord GOD; [Art] thou he of whom I have spoken in old time by my servants the prophets of Israel, who prophesied in those days [many] years, that I would bring thee against them?
१७“परमेश्वर यहोवा यह कहता है, क्या तू वही नहीं जिसकी चर्चा मैंने प्राचीनकाल में अपने दासों के, अर्थात् इस्राएल के उन भविष्यद्वक्ताओं द्वारा की थी, जो उन दिनों में वर्षों तक यह भविष्यद्वाणी करते गए, कि यहोवा गोग से इस्राएलियों पर चढ़ाई कराएगा?
18 And it shall come to pass at the same time when Gog shall come against the land of Israel, saith the Lord God, [that] my fury shall come up in my face.
१८जिस दिन इस्राएल के देश पर गोग चढ़ाई करेगा, उसी दिन मेरी जलजलाहट मेरे मुख से प्रगट होगी, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।
19 For in my jealousy [and] in the fire of my wrath have I spoken, Surely in that day there shall be a great shaking in the land of Israel.
१९मैंने जलजलाहट और क्रोध की आग में कहा कि निःसन्देह उस दिन इस्राएल के देश में बड़ा भूकम्प होगा।
20 So that the fishes of the sea, and the fowls of the heaven, and the beasts of the field, and all creeping animals that creep upon the earth, and all the men that [are] upon the face of the earth, shall shake at my presence, and the mountains shall be overturned, and the steep places shall fall, and every wall shall fall to the ground.
२०और मेरे दर्शन से समुद्र की मछलियाँ और आकाश के पक्षी, मैदान के पशु और भूमि पर जितने जीव-जन्तु रेंगते हैं, और भूमि के ऊपर जितने मनुष्य रहते हैं, सब काँप उठेंगे; और पहाड़ गिराए जाएँगे; और चढ़ाइयाँ नाश होंगी, और सब दीवारें गिरकर मिट्टी में मिल जाएँगी।
21 And I will call for a sword against him throughout all my mountains, saith the Lord GOD: every man's sword shall be against his brother.
२१परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है कि मैं उसके विरुद्ध तलवार चलाने के लिये अपने सब पहाड़ों को पुकारूँगा और हर एक की तलवार उसके भाई के विरुद्ध उठेगी।
22 And I will plead against him with pestilence and with blood; and I will rain upon him, and upon his bands, and upon the many people that [are] with him, an overflowing rain, and great hailstones, fire, and brimstone.
२२मैं मरी और खून के द्वारा उससे मुकद्दमा लड़ूँगा; और उस पर और उसके दलों पर, और उन बहुत सी जातियों पर जो उसके पास होंगी, मैं बड़ी झड़ी लगाऊँगा, और ओले और आग और गन्धक बरसाऊँगा।
23 Thus will I magnify myself, and sanctify myself; and I will be known in the eyes of many nations, and they shall know that I [am] the LORD.
२३इस प्रकार मैं अपने को महान और पवित्र ठहराऊँगा और बहुत सी जातियों के सामने अपने को प्रगट करूँगा। तब वे जान लेंगी कि मैं यहोवा हूँ।”