< Ezekiel 32 >
1 And it came to pass in the twelfth year, in the twelfth month, in the first [day] of the month, [that] the word of the LORD came to me, saying,
बारहवें बरस के बारहवें महीने की पहली तारीख़ को, ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ:
2 Son of man, take up a lamentation for Pharaoh king of Egypt, and say to him, Thou art like a young lion of the nations, and thou [art] as a whale in the seas: and thou didst come forth with thy rivers, and disturb the waters with thy feet, and render their rivers foul.
कि 'ऐ आदमज़ाद, शाह — ए — मिस्र फ़िर'औन पर नोहा उठा और उसे कह: “तू क़ौमों के बीच जवान शेर — ए — बबर की तरह था, और तू दरियाओं के घड़ियाल जैसा है; तू अपनी नहरों में से नागाह निकल आता है, तूने अपने पाँव से पानी को तह — बाला किया और उनकी नहरों को गदला कर दिया।
3 Thus saith the Lord GOD; I will therefore spread out my net over thee with a company of many people; and they shall bring thee up in my net.
ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि मैं उम्मतों के गिरोह के साथ तुझ पर अपना जाल डालूँगा और वह तुझे मेरे ही जाल में बाहर निकालेंगे।
4 Then will I leave thee upon the land, and I will cast thee forth upon the open field, and will cause all the fowls of the heaven to remain upon thee, and I will fill the beasts of the whole earth with thee.
तब मैं तुझे खु़श्की में छोड़ दूँगा और खुले मैदान पर तुझे फेकूँगा, और हवा के सब परिन्दों को तुझ पर बिठाऊँगा और तमाम इस ज़मीन के दरिन्दों को तुझ से सेर करूँगा।
5 And I will lay thy flesh upon the mountains, and fill the valleys with thy hight.
और तेरा गोश्त पहाड़ों पर डालूँगा, और वादियों को तेरी बुलन्दी से भर दूँगा।
6 I will also water with thy blood the land in which thou swimmest, [even] to the mountains; and the rivers shall be full of thee.
और मैं उस सरज़मीन को जिसे पानी में तू तैरता था, पहाड़ों तक तेरे ख़ून से तर करूँगा और नहरें तुझ से लबरेज़ होंगी।
7 And when I shall extinguish thee, I will cover the heaven, and make the stars thereof dark; I will cover the sun with a cloud, and the moon shall not give her light.
और जब मैं तुझे हलाक करूँगा, तो आसमान को तारीक और उसके सितारों को बे — नूर करूँगा सूरज को बादल से छिपाऊँगा और चाँद अपनी रोशनी न देगा।
8 All the bright lights of heaven will I make dark over thee, and set darkness upon thy land, saith the Lord GOD.
और मैं तमाम नूरानी अजराम — ए — फ़लक को तुझपर तारीक करूँगा और मेरी तरफ़ से तेरी ज़मीन पर तारीकी छा जायेगी ख़ुदावन्द खुदा फ़रमाता।
9 I will also vex the hearts of many people, when I shall bring thy destruction among the nations, into the countries which thou hast not known.
और जब मैं तेरी शिकस्ता हाली की ख़बर को क़ौमों के बीच उन मुल्कों में जिनसे तू ना वाक़िफ़ है पहुँचाऊँगा तो उम्मतों का दिल आज़ुर्दा करूँगा
10 Yes, I will make many people amazed at thee, and their kings shall be horribly afraid for thee, when I shall brandish my sword before them; and they shall tremble at [every] moment, every man for his own life, in the day of thy fall.
बल्कि बहुत सी उम्मतों को तेरे हाल से हैरान करूँगा, और उनके बादशाह तेरी वजह से सख़्त परेशान होंगे; जब मैं उनके सामने अपनी तलवार चमकाऊँगा, तो उनमें से हर एक अपनी जान की ख़ातिर तेरे गिरने के दिन हर दम थरथराएगा
11 For thus saith the Lord God; The sword of the king of Babylon shall come upon thee.
क्यूँकि ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि शाह — ए — बाबुल की तलवार तुझ पर चलेगी।
12 By the swords of the mighty will I cause thy multitude to fall, the terrible of the nations, all of them: and they shall lay waste the pomp of Egypt, and all its multitude shall be destroyed.
मैं तेरी जमियत को ज़बरदस्तों की तलवार से, जो सब के सब क़ौमों में हैबतनाक हैं हलाक करूँगा, वह मिस्र की शौकत को ख़त्म और उसकी तमाम जमियत को मिटा देंगे।
13 I will destroy also all its beasts from beside the great waters; neither shall the foot of man disturb them any more, nor the hoofs of beasts disturb them.
और मैं उसके सब जानवरों को आब — ए — कसीर के पास से हलाक करूँगा, और आगे को न इंसान के पाँव उसे गदला करेंगे न हैवान के खुर।
14 Then will I make their waters deep, and cause their rivers to run like oil, saith the Lord GOD.
तब मैं उनका पानी साफ़ कर दूँगा, और उनकी नदियाँ रौग़न की तरह जारी होंगी, ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है।
15 When I shall make the land of Egypt desolate, and the country shall be destitute of that of which it was full, when I shall smite all them that dwell in it, then shall they know that I [am] the LORD.
जब मैं मुल्क — ए — मिस्र को वीरान और सूनसान करूँगा और वह अपनी मा'मूरी से ख़ाली हो जाएगा, जब मैं उसके तमाम बाशिन्दों को हलाक करूँगा तब वह जानेंगे कि ख़ुदावन्द मैं हूँ।
16 This [is] the lamentation with which they shall lament her: the daughters of the nations shall lament her: they shall lament for her, [even] for Egypt, and for all her multitude, saith the Lord GOD.
ये वह नोहा है जिससे उस पर मातम करेंगे क़ौमों की बेटियाँ इससे मातम करेंगी वह मिस्र और उसकी तमाम जमियत पर इसी से मातम करेंगी, ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है।”
17 It came to pass also in the twelfth year, in the fifteenth [day] of the month, [that] the word of the LORD came to me, saying,
फिर बारहवें बरस में महीने के पन्द्रहवें दिन, ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ:
18 Son of man, wail for the multitude of Egypt, and cast them down, [even] her, and the daughters of the famous nations, to the nether parts of the earth, with them that go down into the pit.
कि 'ऐ आदमज़ाद, मिस्र की जमियत पर वावैला कर, और उसको और नामदार क़ौमों की बेटियों को पाताल में उतरने वालों के साथ ज़मीन की तह में गिरा दे
19 Whom dost thou pass in beauty? go down, and be thou laid with the uncircumcised.
तू हुस्न में किस से बढ़कर था? उतर और नामख़्तूनों के साथ पड़ा रह।
20 They shall fall in the midst of [them that are] slain by the sword: she is delivered to the sword: draw her and all her multitudes.
वह उनके बीच गिरेंगे जो तलवार से क़त्ल हुए, वह तलवार के हवाले किया गया है, उसे और उसकी तमाम जमियत को घसीट ले जा।
21 The strong among the mighty shall speak to him out of the midst of the grave with them that help him: they are gone down, they lie uncircumcised, slain by the sword. (Sheol )
वह जो उहदे दारों में सब से तवाना हैं, पाताल में उस से और उसके मददगारों से मुख़ातिब होंगे:'वह पाताल में उतर गए, वह बे हिस पड़े हैं, या'नी वह नामख़्तून जो तलवार से क़त्ल हुए। (Sheol )
22 Asshur [is] there and all her company: his graves [are] about him: all of them slain, fallen by the sword:
असूर और उसकी तमाम जमियत वहाँ हैं उसकी चारों तरफ़ उनकी क़ब्रें हैं सब के सब तलवार से क़त्ल हुए हैं,
23 Whose graves are set in the sides of the pit, and her company is around her grave: all of them slain, fallen by the sword, who caused terror in the land of the living.
जिनकी क़ब्रें पाताल की तह में हैं और उसकी तमाम जमियत उसकी क़ब्र के चारो तरफ़ है; सब के सब तलवार से क़त्ल हुए, जो ज़िन्दों की ज़मीन में हैबत का ज़रि'अ थे।
24 There [is] Elam and all her multitude around her grave, all of them slain, fallen by the sword, who are gone down uncircumcised into the nether parts of the earth, who caused their terror in the land of the living; yet have they borne their shame with them that go down to the pit.
'ऐलाम और उसकी तमाम गिरोह, जो उसकी क़ब्र के चारो तरफ़ हैं वहाँ हैं; सब के सब तलवार से क़त्ल हुए हैं, वह ज़मीन की तह में नामख़्तून उतर गए जो ज़िन्दों की ज़मीन में हैबत के ज़रिए' थे, और उन्होंने पाताल में उतरने वालों के साथ ख़जालत उठाई है।
25 They have set her a bed in the midst of the slain with all her multitude: her graves [are] around him: all of them uncircumcised, slain by the sword: though their terror was caused in the land of the living, yet have they borne their shame with them that go down to the pit: he is put in the midst of [them that are] slain.
उन्होंने उसके लिए और उसकी तमाम गिरोह के लिए मक़्तूलों के बीच बिस्तर लगाया है, उसकी क़ब्रें उसके चारों तरफ़ हैं, सब के सब नामख़्तून तलवार से क़त्ल हुए हैं; वह ज़िन्दों की ज़मीन में हैबत की वजह थे, और उन्होंने पाताल में उतरने वालों के साथ रुस्वाई उठाई, वह मक़्तूलों में रख्खे गए।
26 There [is] Meshech, Tubal, and all her multitude: her graves [are] around him: all of them uncircumcised, slain by the sword, though they caused their terror in the land of the living.
मस्क और तूबल और उसकी तमाम ज'मिय्यत वहाँ हैं, उसकी क़ब्रें उसके चारों तरफ़ हैं, सब के सब नामख़्तून और तलवार के मक़्तूल हैं; अगरचे ज़िन्दों की ज़मीन में हैबत के ज़रिए' थे।
27 And they shall not lie with the mighty [that are] fallen of the uncircumcised, who are gone down to the grave, with their weapons of war: and they have laid their swords under their heads, but their iniquities shall be upon their bones, though [they were] the terror of the mighty in the land of the living. (Sheol )
क्या वह उन बहादुरों के साथ जो नामख़्तूनों में से क़त्ल हुए, जो अपने जंग के हथियारों के साथ पाताल में उतर गए पड़े न रहेंगे? उनकी तलवारें उनके सिरों के नीचे रख्खी हैं, और उनकी बदकिरदारी उनकी हड्डियों पर है; क्यूँकि वह ज़िन्दों की ज़मीन में बहादुरों के लिए हैबत का ज़रि'अ थे। (Sheol )
28 Yes, thou shalt be broken in the midst of the uncircumcised, and shalt lie with [them that are] slain with the sword.
और तू नामख़्तूनों के बीच तोड़ा जाएगा, और तलवार के मक़्तूलों के साथ पड़ा रहेगा।
29 There [is] Edom, her kings, and all her princes, who with their might are laid by [them that were] slain by the sword: they shall lie with the uncircumcised, and with them that go down to the pit.
वहाँ अदोम भी है, उसके बादशाह और उसके सब 'उमरा जो बावजूद अपनी कुव्वत के तलवार के मक़्तूलोंमें रख्खे गए हैं; वह नामख़्तूनों और पाताल में उतरने वालों के साथ पड़े रहेंगे।
30 There [are] the princes of the north, all of them, and all the Zidonians, who are gone down with the slain; with their terror they are ashamed of their might; and they lie uncircumcised with [them that are] slain by the sword, and bear their shame with them that go down to the pit.
उत्तर के तमाम 'उमरा और तमाम सैदानी, जो मक़्तूलों के साथ पाताल में उतर गए, बावजूद अपने रौब के अपनी ताक़तवरों से शर्मिन्दा हुए; वह तलवार के मक़्तूलों के साथ नामख्तून पड़े रहेंगे और पाताल में उतरने वालों के साथ रुसवाई उठायेंगे
31 Pharaoh shall see them, and shall be comforted over all his multitude, [even] Pharaoh and all his army slain by the sword, saith the Lord GOD.
फ़िर'औन उनको देख कर अपनी तमाम जमियत के ज़रिए' तसल्ली पज़ीर होगा हाँ फ़िर'औन और तमाम लश्कर जो तलवार से क़त्ल हुए, ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है।
32 For I have caused my terror in the land of the living: and he shall be laid in the midst of the uncircumcised with [them that are] slain with the sword, [even] Pharaoh and all his multitude, saith the Lord GOD.
क्यूँकि मैंने ज़िन्दों की ज़मीन में उसकी हैबत क़ाईम की और वह तलवार के मक़्तूलों के साथ नामख़्तूनों में रख्खा जाएगा; हाँ, फ़िर'औन और उसकी जमियत, ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है।