< 2 Samuel 4 >
1 And when Saul's son heard that Abner was dead in Hebron, his hands were feeble, and all the Israelites were troubled.
१जब शाऊल के पुत्र ने सुना, कि अब्नेर हेब्रोन में मारा गया, तब उसके हाथ ढीले पड़ गए, और सब इस्राएली भी घबरा गए।
2 And Saul's son had two men [that were] captains of bands: the name of the one [was] Baanah, and the name of the other Rechab, the sons of Rimmon a Beerothite, of the children of Benjamin: (For Beeroth also was reckoned to Benjamin:
२शाऊल के पुत्र के दो जन थे जो दलों के प्रधान थे; एक का नाम बानाह, और दूसरे का नाम रेकाब था, ये दोनों बेरोतवासी बिन्यामीनी रिम्मोन के पुत्र थे, (क्योंकि बेरोत भी बिन्यामीन के भाग में गिना जाता है;
3 And the Beerothites fled to Gittaim, and have been sojourners there until this day.)
३और बेरोती लोग गित्तैम को भाग गए, और आज के दिन तक वहीं परदेशी होकर रहते हैं।)
4 And Jonathan, Saul's son, had a son [that was] lame of [his] feet: he was five years old when the tidings came of Saul and Jonathan out of Jezreel, and his nurse took him up, and fled: and it came to pass, as she made haste to flee, that he fell, and became lame. And his name [was] Mephibosheth.
४शाऊल के पुत्र योनातान के एक लँगड़ा बेटा था। जब यिज्रेल से शाऊल और योनातान का समाचार आया तब वह पाँच वर्ष का था; उस समय उसकी दाई उसे उठाकर भागी; और उसके उतावली से भागने के कारण वह गिरकर लँगड़ा हो गया। उसका नाम मपीबोशेत था।
5 And the sons of Rimmon the Beerothite, Rechab and Baanah, went, and came about the heat of the day to the house of Ish-bosheth, who lay on a bed at noon.
५उस बेरोती रिम्मोन के पुत्र रेकाब और बानाह कड़ी धूप के समय ईशबोशेत के घर में जब वह दोपहर को विश्राम कर रहा था आए।
6 And they came thither into the midst of the house, [as though] they would have fetched wheat; and they smote him under the fifth [rib]: and Rechab and Baanah his brother escaped.
६और गेहूँ ले जाने के बहाने घर में घुस गए; और उसके पेट में मारा; तब रेकाब और उसका भाई बानाह भाग निकले।
7 For when they came into the house, he lay on his bed in his bed-chamber, and they smote him, and slew him, and beheaded him, and took his head, and went away through the plain all night.
७जब वे घर में घुसे, और वह सोने की कोठरी में चारपाई पर सो रहा था, तब उन्होंने उसे मार डाला, और उसका सिर काट लिया, और उसका सिर लेकर रातों-रात अराबा के मार्ग से चले।
8 And they brought the head of Ish-bosheth to David to Hebron, and said to the king, Behold the head of Ish-bosheth the son of Saul thy enemy, who sought thy life; and the LORD hath avenged my lord the king this day of Saul and of his seed.
८वे ईशबोशेत का सिर हेब्रोन में दाऊद के पास ले जाकर राजा से कहने लगे, “देख, शाऊल जो तेरा शत्रु और तेरे प्राणों का ग्राहक था, उसके पुत्र ईशबोशेत का यह सिर है; तो आज के दिन यहोवा ने शाऊल और उसके वंश से मेरे प्रभु राजा का बदला लिया है।”
9 And David answered Rechab and Baanah his brother, the sons of Rimmon the Beerothite, and said to them, [As] the LORD liveth, who hath redeemed my soul out of all adversity,
९दाऊद ने बेरोती रिम्मोन के पुत्र रेकाब और उसके भाई बानाह को उत्तर देकर उनसे कहा, “यहोवा जो मेरे प्राण को सब विपत्तियों से छुड़ाता आया है, उसके जीवन की शपथ,
10 When one told me, saying, Behold, Saul is dead, (thinking to have brought good tidings, ) I took hold of him, and slew him in Ziklag, who [thought] that I would have given him a reward for his tidings:
१०जब किसी ने यह जानकर, कि मैं शुभ समाचार देता हूँ, सिकलग में मुझ को शाऊल के मरने का समाचार दिया, तब मैंने उसको पकड़कर घात कराया; अर्थात् उसको समाचार का यही बदला मिला।
11 How much more, when wicked men have slain a righteous person in his own house upon his bed? shall I not therefore now require his blood of your hand, and take you away from the earth?
११फिर जब दुष्ट मनुष्यों ने एक निर्दोष मनुष्य को उसी के घर में, वरन् उसकी चारपाई ही पर घात किया, तो मैं अब अवश्य ही उसके खून का बदला तुम से लूँगा, और तुम्हें धरती पर से नष्ट कर डालूँगा।”
12 And David commanded his young men, and they slew them, and cut off their hands and their feet, and hanged [them] over the pool in Hebron. But they took the head of Ish-bosheth, and buried [it] in the sepulcher of Abner in Hebron.
१२तब दाऊद ने जवानों को आज्ञा दी, और उन्होंने उनको घात करके उनके हाथ पाँव काट दिए, और उनके शव को हेब्रोन के जलकुण्ड के पास टाँग दिया। तब ईशबोशेत के सिर को उठाकर हेब्रोन में अब्नेर की कब्र में गाड़ दिया।