< 2 Chronicles 2 >
1 And Solomon determined to build a house for the name of the LORD, and a house for his kingdom.
१अब सुलैमान ने यहोवा के नाम का एक भवन और अपना राजभवन बनाने का विचार किया।
2 And Solomon numbered out seventy thousand men to bear burdens, and eighty thousand to hew in the mountain, and three thousand and six hundred to oversee them.
२इसलिए सुलैमान ने सत्तर हजार बोझा ढोनेवाले और अस्सी हजार पहाड़ से पत्थर काटनेवाले और वृक्ष काटनेवाले, और इन पर तीन हजार छः सौ मुखिए गिनती करके ठहराए।
3 And Solomon sent to Huram the king of Tyre, saying, As thou didst deal with David my father, and didst send him cedars to build him a house to dwell in it, [even so deal with me].
३तब सुलैमान ने सोर के राजा हीराम के पास कहला भेजा, “जैसा तूने मेरे पिता दाऊद से बर्ताव किया, अर्थात् उसके रहने का भवन बनाने को देवदार भेजे थे, वैसा ही अब मुझसे भी बर्ताव कर।
4 Behold, I build a house to the name of the LORD my God, to dedicate [it] to him, [and] to burn before him sweet incense, and for the continual show-bread, and for the burnt-offerings morning and evening, on the sabbaths, and on the new moons, and on the solemn feasts of the LORD our God. This [is an ordinance] for ever to Israel.
४देख, मैं अपने परमेश्वर यहोवा के नाम का एक भवन बनाने पर हूँ, कि उसे उसके लिये पवित्र करूँ और उसके सम्मुख सुगन्धित धूप जलाऊँ, और नित्य भेंट की रोटी उसमें रखी जाए; और प्रतिदिन सवेरे और साँझ को, और विश्राम और नये चाँद के दिनों में और हमारे परमेश्वर यहोवा के सब नियत पर्वों में होमबलि चढ़ाया जाए। इस्राएल के लिये ऐसी ही सदा की विधि है।
5 And the house which I build [is] great: for great [is] our God above all gods.
५जो भवन मैं बनाने पर हूँ, वह महान होगा; क्योंकि हमारा परमेश्वर सब देवताओं में महान है।
6 But who is able to build him a house, seeing the heaven and heaven of heavens cannot contain him? who [am] I then that I should build him a house, save only to burn sacrifice before him?
६परन्तु किस में इतनी शक्ति है, कि उसके लिये भवन बनाए, वह तो स्वर्ग में वरन् सबसे ऊँचे स्वर्ग में भी नहीं समाता? मैं क्या हूँ कि उसके सामने धूप जलाने को छोड़ और किसी विचार से उसका भवन बनाऊँ?
7 Send me now therefore a man skillful to work in gold, and in silver, and in brass, and in iron, and in purple, and crimson, and blue, and that hath skill to grave with the skillful men that [are] with me in Judah and in Jerusalem, whom David my father provided.
७इसलिए अब तू मेरे पास एक ऐसा मनुष्य भेज दे, जो सोने, चाँदी, पीतल, लोहे और बैंगनी, लाल और नीले कपड़े की कारीगरी में निपुण हो और नक्काशी भी जानता हो, कि वह मेरे पिता दाऊद के ठहराए हुए निपुण मनुष्यों के साथ होकर जो मेरे पास यहूदा और यरूशलेम में रहते हैं, काम करे।
8 Send me also cedar trees, fir trees, and algum trees out of Lebanon: for I know that thy servants have skill to cut timber in Lebanon; and behold, my servants [shall be] with thy servants,
८फिर लबानोन से मेरे पास देवदार, सनोवर और चन्दन की लकड़ी भेजना, क्योंकि मैं जानता हूँ कि तेरे दास लबानोन में वृक्ष काटना जानते हैं, और तेरे दासों के संग मेरे दास भी रहकर,
9 Even to prepare me timber in abundance: for the house which I am about to build [shall be] wonderfully great.
९मेरे लिये बहुत सी लकड़ी तैयार करेंगे, क्योंकि जो भवन मैं बनाना चाहता हूँ, वह बड़ा और अचम्भे के योग्य होगा।
10 And behold, I will give to thy servants, the hewers that cut timber, twenty thousand measures of beaten wheat, and twenty thousand measures of barley, and twenty thousand baths of wine, and twenty thousand baths of oil.
१०तेरे दास जो लकड़ी काटेंगे, उनको मैं बीस हजार कोर कूटा हुआ गेहूँ, बीस हजार कोर जौ, बीस हजार बत दाखमधु और बीस हजार बत तेल दूँगा।”
11 Then Huram the king of Tyre answered in writing, which he sent to Solomon, Because the LORD hath loved his people, he hath made thee king over them.
११तब सोर के राजा हीराम ने चिट्ठी लिखकर सुलैमान के पास भेजी: “यहोवा अपनी प्रजा से प्रेम रखता है, इससे उसने तुझे उनका राजा कर दिया।”
12 Huram said moreover, Blessed [be] the LORD God of Israel, that made heaven and earth, who hath given to David the king a wise son, endued with prudence and understanding, that may build a house for the LORD, and a house for his kingdom.
१२फिर हीराम ने यह भी लिखा, “धन्य है इस्राएल का परमेश्वर यहोवा, जो आकाश और पृथ्वी का सृजनहार है, और उसने दाऊद राजा को एक बुद्धिमान, चतुर और समझदार पुत्र दिया है, ताकि वह यहोवा का एक भवन और अपना राजभवन भी बनाए।
13 And now I have sent a skillful man, endued with understanding, of Huram my father's,
१३इसलिए अब मैं एक बुद्धिमान और समझदार पुरुष को, अर्थात् हूराम-अबी को भेजता हूँ,
14 The son of a woman of the daughters of Dan, and his father [was] a man of Tyre, skillful to work in gold, and in silver, in brass, in iron, in stone, and in timber, in purple, in blue, and in fine linen, and in crimson; also to engrave any manner of engraving, and to find out every device which shall be put to him, with thy skillful men, and with the skillful men of my lord David thy father.
१४जो एक दान-वंशी स्त्री का बेटा है, और उसका पिता सोर का था। वह सोने, चाँदी, पीतल, लोहे, पत्थर, लकड़ी, बैंगनी और नीले और लाल और सूक्ष्म सन के कपड़े का काम, और सब प्रकार की नक्काशी को जानता और सब भाँति की कारीगरी बना सकता है: इसलिए तेरे चतुर मनुष्यों के संग, और मेरे प्रभु तेरे पिता दाऊद के चतुर मनुष्यों के संग, उसको भी काम मिले।
15 Now therefore the wheat, and the barley, the oil, and the wine which my lord hath spoken of, let him send to his servants;
१५मेरे प्रभु ने जो गेहूँ, जौ, तेल और दाखमधु भेजने की चर्चा की है, उसे अपने दासों के पास भिजवा दे।
16 And we will cut wood out of Lebanon, as much as thou shalt need: and we will bring it to thee in floats by sea to Joppa; and thou mayest convey it to Jerusalem.
१६और हम लोग जितनी लकड़ी का तुझे प्रयोजन हो उतनी लबानोन पर से काटेंगे, और बेड़े बनवाकर समुद्र के मार्ग से याफा को पहुँचाएँगे, और तू उसे यरूशलेम को ले जाना।”
17 And Solomon numbered all the strangers that [were] in the land of Israel, after the numbering with which David his father had numbered them; and they were found a hundred and fifty thousand and three thousand and six hundred.
१७तब सुलैमान ने इस्राएली देश के सब परदेशियों की गिनती ली, यह उस गिनती के बाद हुई जो उसके पिता दाऊद ने ली थी; और वे एक लाख तिरपन हजार छः सौ पुरुष निकले।
18 And he set seventy thousand of them [to be] bearers of burdens, and eighty thousand [to be] hewers in the mountain, and three thousand and six hundred overseers to set the people to work.
१८उनमें से उसने सत्तर हजार बोझ ढोनेवाले, अस्सी हजार पहाड़ पर पत्थर काटनेवाले और वृक्ष काटनेवाले और तीन हजार छः सौ उन लोगों से काम करानेवाले मुखिया नियुक्त किए।