< Psalms 119 >

1 Blessed are those whose ways are blameless, who walk in the law of Yahweh.
आलेफ मुबारक हैं वह जो कामिल रफ़्तार है, जो ख़ुदा की शरी'अत पर 'अमल करते हैं!
2 Blessed are they who keep his solemn commands, who seek him with all their heart.
मुबारक हैं वह जो उसकी शहादतों को मानते हैं, और पूरे दिल से उसके तालिब हैं!
3 They do no wrong; they walk in his ways.
उन से नारास्ती नहीं होती, वह उसकी राहों पर चलते हैं।
4 You have commanded us to keep your instructions so that we should carefully observe them.
तूने अपने क़वानीन दिए हैं, ताकि हम दिल लगा कर उनकी मानें।
5 Oh, that I would be firmly established in the observance of your statutes!
काश कि तेरे क़ानून मानने के लिए, मेरी चाल चलन दुरुस्त हो जाएँ!
6 Then I would not be put to shame when I think of all your commandments.
जब मैं तेरे सब अहकाम का लिहाज़ रख्खूँगा, तो शर्मिन्दा न हूँगा।
7 I will give thanks to you with an upright heart when I learn your righteous decrees.
जब मैं तेरी सदाक़त के अहकाम सीख लूँगा, तो सच्चे दिल से तेरा शुक्र अदा करूँगा।
8 I will observe your statutes; do not leave me alone.
मैं तेरे क़ानून मानूँगा; मुझे बिल्कुल छोड़ न दे! बेथ
9 How can a young person keep his path pure? By obeying your word.
जवान अपने चाल चलन किस तरह पाक रख्खे? तेरे कलाम के मुताबिक़ उस पर निगाह रखने से।
10 With my whole heart I seek you; Do not let me stray from your commandments.
मैं पूरे दिल से तेरा तालिब हुआ हूँ: मुझे अपने फ़रमान से भटकने न दे।
11 I have stored up your word in my heart so that I might not sin against you.
मैंने तेरे कलाम को अपने दिल में रख लिया है ताकि मैं तेरे ख़िलाफ़ गुनाह न करूँ।
12 Blessed you are, Yahweh; teach me your statutes.
ऐ ख़ुदावन्द! तू मुबारक है; मुझे अपने क़ानून सिखा!
13 With my mouth I have declared all the righteous decrees that you have revealed.
मैंने अपने लबों से, तेरे फ़रमूदा अहकाम को बयान किया।
14 I rejoice in the way of your covenant decrees more than in all riches.
मुझे तेरी शहादतों की राह से ऐसी ख़ुशी हुई, जैसी हर तरह की दौलत से होती है।
15 I will meditate on your instructions and pay attention to your ways.
मैं तेरे क़वानीन पर ग़ौर करूँगा, और तेरी राहों का लिहाज़ रख्खूँगा।
16 I delight in your statutes; I will not forget your word.
मैं तेरे क़ानून में मसरूर रहूँगा; मैं तेरे कलाम को न भूलूँगा। गिमेल
17 Be kind to your servant so that I may live and keep your word.
अपने बन्दे पर एहसान कर ताकि मैं जिन्दा रहूँ और तेरे कलाम को मानता रहूँ।
18 Open my eyes so that I may see marvelous things in your law.
मेरी आँखे खोल दे, ताकि मैं तेरी शरीअत के 'अजायब देखूँ।
19 I am a foreigner in the land; do not hide your commandments from me.
मैं ज़मीन पर मुसाफ़िर हूँ, अपने फ़रमान मुझ से छिपे न रख।
20 My desires are crushed by the longing to know your righteous decrees at all times.
मेरा दिल तेरे अहकाम के इश्तियाक में, हर वक़्त तड़पता रहता है।
21 You rebuke the proud, who are cursed, who wander from your commandments.
तूने उन मला'ऊन मग़रूरों को झिड़क दिया, जो तेरे फ़रमान से भटकते रहते हैं।
22 Spare me from disgrace and humiliation, for I have obeyed your covenant decrees.
मलामत और हिक़ारत को मुझ से दूर कर दे, क्यूँकि मैंने तेरी शहादतें मानी हैं।
23 Though rulers plot and slander me, your servant meditates on your statutes.
उमरा भी बैठकर मेरे ख़िलाफ़ बातें करते रहे, लेकिन तेरा बंदा तेरे क़ानून पर ध्यान लगाए रहा।
24 Your covenant decrees are my delight, and they are my counselors.
तेरी शहादतें मुझे पसन्द, और मेरी मुशीर हैं। दाल्थ
25 My life clings to the dust! Give me life by your word.
मेरी जान ख़ाक में मिल गई: तू अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
26 I told you my ways, and you answered me; teach me your statutes.
मैंने अपने चाल चलन का इज़हार किया और तूने मुझे जवाब दिया; मुझे अपने क़ानून की ता'लीम दे।
27 Make me understand the ways of your instructions, so that I can meditate on your wondrous teachings.
अपने क़वानीन की राह मुझे समझा दे, और मैं तेरे 'अजायब पर ध्यान करूँगा।
28 I am overwhelmed with grief! Strengthen me by your word.
ग़म के मारे मेरी जान घुली जाती है; अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे ताक़त दे।
29 Turn from me the path of deceit; graciously teach me your law.
झूट की राह से मुझे दूर रख, और मुझे अपनी शरी'अत इनायत फ़रमा।
30 I have chosen the way of faithfulness; I have always kept your righteous decrees before me.
मैंने वफ़ादारी की राह इख़्तियार की है, मैंने तेरे अहकाम अपने सामने रख्खे हैं।
31 I cling to your covenant decrees; Yahweh, do not let me be shamed.
मैं तेरी शहादतों से लिपटा हुआ हूँ, ऐ ख़ुदावन्द! मुझे शर्मिन्दा न होने दे!
32 I will run in the path of your commandments, for you enlarge my heart to do so.
जब तू मेरा हौसला बढ़ाएगा, तो मैं तेरे फ़रमान की राह में दौड़ूँगा। हे
33 Teach me, Yahweh, the way of your statutes, and I will keep them to the end.
ऐ ख़ुदावन्द, मुझे अपने क़ानून की राह बता, और मैं आख़िर तक उस पर चलूँगा।
34 Give me understanding, and I will keep your law; I will observe it with all my heart.
मुझे समझ 'अता कर और मैं तेरी शरी'अत पर चलूँगा, बल्कि मैं पूरे दिल से उसको मानूँगा।
35 Guide me in the path of your commandments, for I delight to walk in it.
मुझे अपने फ़रमान की राह पर चला, क्यूँकि इसी में मेरी ख़ुशी है।
36 Direct my heart toward your covenant decrees and away from unrighteous gain.
मेरे दिल की अपनी शहादतों की तरफ़ रुजू' दिला; न कि लालच की तरफ़।
37 Turn my eyes from looking at worthless things; revive me in your ways.
मेरी आँखों को बेकारी पर नज़र करने से बाज़ रख, और मुझे अपनी राहों में ज़िन्दा कर।
38 Carry out for your servant your promise that you made to those who honor you.
अपने बन्दे के लिए अपना वह क़ौल पूरा कर, जिस से तेरा खौफ़ पैदा होता है।
39 Take away the insults I dread, for your righteous judgments are good.
मेरी मलामत को जिस से मैं डरता हूँ दूर कर दे; क्यूँकि तेरे अहकाम भले हैं।
40 See, I have longed for your instructions; revive me in your righteousness.
देख, मैं तेरे क़वानीन का मुश्ताक़ रहा हूँ; मुझे अपनी सदाक़त से ज़िन्दा कर। वाव
41 Yahweh, give me your unfailing love— your salvation, according to your promise;
ऐ ख़ुदावन्द, तेरे क़ौल के मुताबिक़, तेरी शफ़क़त और तेरी नजात मुझे नसीब हों,
42 then I will have a reply for the one who mocks me, for I trust in your word.
तब मैं अपने मलामत करने वाले को जवाब दे सकूँगा, क्यूँकि मैं तेरे कलाम पर भरोसा रखता हूँ।
43 Do not take the word of truth from my mouth, for my hope is in your righteous decrees.
और हक़ बात को मेरे मुँह से हरगिज़ जुदा न होने दे, क्यूँकि मेरा भरोसा तेरे अहकाम पर है।
44 I will observe your law continually, forever and ever.
फिर मैं हमेशा से हमेशा तक, तेरी शरी'अत को मानता रहूँगा
45 I will walk securely, for I seek your instructions.
और मैं आज़ादी से चलूँगा, क्यूँकि मैं तेरे क़वानीन का तालिब रहा हूँ।
46 I will speak of your solemn commands before kings and will not be ashamed.
मैं बादशाहों के सामने तेरी शहादतों का बयान करूँगा, और शर्मिन्दा न हूँगा।
47 I delight in your commandments, which I love dearly.
तेरे फ़रमान मुझे अज़ीज़ हैं, मैं उनमें मसरूर रहूँगा।
48 I will lift up my hands to your commandments, which I love; I will meditate on your statutes.
मैं अपने हाथ तेरे फ़रमान की तरफ़ जो मुझे 'अज़ीज़ है उठाऊँगा, और तेरे क़ानून पर ध्यान करूँगा। ज़ैन
49 Call to mind your promise to your servant because you have given me hope.
जो कलाम तूने अपने बन्दे से किया उसे याद कर, क्यूँकि तूने मुझे उम्मीद दिलाई है।
50 This is my comfort in my affliction: that your promise has kept me alive.
मेरी मुसीबत में यही मेरी तसल्ली है, कि तेरे कलाम ने मुझे ज़िन्दा किया
51 The proud have scoffed at me, yet I have not turned away from your law.
मग़रूरों ने मुझे बहुत ठठ्ठों में उड़ाया, तोभी मैंने तेरी शरी'अत से किनारा नहीं किया
52 I have thought about your righteous decrees from ancient times, Yahweh, and I comfort myself.
ऐ ख़ुदावन्द! मैं तेरे क़दीम अहकाम को याद करता, और इत्मीनान पाता रहा हूँ।
53 Hot anger has taken hold of me because of the wicked who reject your law.
उन शरीरों की वजह से जो तेरी शरी'अत को छोड़ देते हैं, मैं सख़्त ग़ुस्से में आ गया हूँ।
54 Your statutes have been my songs in the house where I temporarily live.
मेरे मुसाफ़िर ख़ाने में, तेरे क़ानून मेरी हम्द रहे हैं।
55 I think about your name during the night, Yahweh, and I keep your law.
ऐ ख़ुदावन्द, रात को मैंने तेरा नाम याद किया है, और तेरी शरी'अत पर 'अमल किया है।
56 This has been my practice because I have observed your instructions.
यह मेरे लिए इसलिए हुआ, कि मैंने तेरे क़वानीन को माना। हेथ
57 Yahweh is my portion; I have determined to observe your words.
ख़ुदावन्द मेरा बख़रा है; मैंने कहा है मैं तेरी बातें मानूँगा।
58 I earnestly request your favor with my whole heart; be merciful to me, as your word promised.
मैं पूरे दिल से तेरे करम का तलब गार हुआ; अपने कलाम के मुताबिक़ मुझ पर रहम कर!
59 I examined my ways and turned my feet to your covenant decrees.
मैंने अपनी राहों पर ग़ौर किया, और तेरी शहादतों की तरफ़ अपने कदम मोड़े।
60 I hurry and do not delay to keep your commandments.
मैंने तेरे फ़रमान मानने में, जल्दी की और देर न लगाई।
61 The cords of the wicked have ensnared me; I have not forgotten your law.
शरीरों की रस्सियों ने मुझे जकड़ लिया, लेकिन मैं तेरी शरी'अत को न भूला।
62 At midnight I rise to give thanks to you because of your righteous decrees.
तेरी सदाकत के अहकाम के लिए, मैं आधी रात को तेरा शुक्र करने को उठूँगा।
63 I am a companion of all who honor you, to all who observe your instructions.
मैं उन सबका साथी हूँ जो तुझ से डरते हैं, और उनका जो तेरे क़वानीन को मानते हैं।
64 The earth, Yahweh, is full of your covenant faithfulness; teach me your statutes.
ऐ ख़ुदावन्द, ज़मीन तेरी शफ़क़त से मा'मूर है; मुझे अपने क़ानून सिखा! टेथ
65 You have done good to your servant, Yahweh, by means of your word.
ऐ ख़ुदावन्द! तूने अपने कलाम के मुताबिक़, अपने बन्दे के साथ भलाई की है।
66 Teach me proper discernment and understanding, for I have believed in your commandments.
मुझे सही फ़र्क़ और 'अक़्ल सिखा, क्यूँकि मैं तेरे फ़रमान पर ईमान लाया हूँ।
67 Before I was afflicted I went astray, but now I observe your word.
मैं मुसीबत उठाने से पहले गुमराह था; लेकिन अब तेरे कलाम को मानता हूँ।
68 You are good, and you are one who does good; teach me your statutes.
तू भला है और भलाई करता है; मुझे अपने क़ानून सिखा।
69 The arrogant have smeared me with lies, but I keep your instructions with my whole heart.
मग़रूरों ने मुझ पर बहुतान बाँधा है; मैं पूरे दिल से तेरे क़वानीन को मानूँगा।
70 Their hearts are hardened, but I delight in your law.
उनके दिल चिकनाई से फ़र्बा हो गए, लेकिन मैं तेरी शरी'अत में मसरूर हूँ।
71 It is good for me that I have suffered so that I would learn your statutes.
अच्छा हुआ कि मैंने मुसीबत उठाई, ताकि तेरे क़ानून सीख लूँ।
72 Instruction from your mouth is more precious to me than thousands of pieces of gold and silver.
तेरे मुँह की शरी'अत मेरे लिए, सोने चाँदी के हज़ारों सिक्कों से बेहतर है। योध
73 Your hands have made and fashioned me; give me understanding so that I may learn your commandments.
तेरे हाथों ने मुझे बनाया और तरतीब दी; मुझे समझ 'अता कर ताकि तेरे फ़रमान सीख लें।
74 Those who honor you will be glad when they see me because I find hope in your word.
तुझ से डरने वाले मुझे देख कर इसलिए कि मुझे तेरे कलाम पर भरोसा है।
75 I know, Yahweh, that your decrees are just, and that in faithfulness you afflicted me.
ऐ ख़ुदावन्द, मैं तेरे अहकाम की सदाक़त को जानता हूँ, और यह कि वफ़ादारी ही से तूने मुझे दुख; में डाला।
76 Let your covenant faithfulness comfort me, as you promised your servant.
उस कलाम के मुताबिक़ जो तूनेअपने बन्दे से किया, तेरी शफ़क़त मेरी तसल्ली का ज़रिया' हो।
77 Show me compassion so that I may live, for your law is my delight.
तेरी रहमत मुझे नसीब हो ताकि मैं ज़िन्दा रहूँ। क्यूँकि तेरी शरी'अत मेरी ख़ुशनूदी है।
78 Let the proud be put to shame, for they have slandered me; but I will meditate on your instructions.
मग़रूर शर्मिन्दा हों, क्यूँकि उन्होंने नाहक़ मुझे गिराया, लेकिन मैं तेरे क़वानीन पर ध्यान करूँगा।
79 May those who honor you turn to me, those who know your covenant decrees.
तुझ से डरने वाले मेरी तरफ़ रुजू हों, तो वह तेरी शहादतों को जान लेंगे।
80 May my heart be blameless with respect to your statutes so that I may not be put to shame.
मेरा दिल तेरे क़ानून मानने में कामिल रहे, ताकि मैं शर्मिन्दगी न उठाऊँ। क़ाफ
81 I faint with longing that you might rescue me! I hope in your word.
मेरी जान तेरी नजात के लिए बेताब है, लेकिन मुझे तेरे कलाम पर भरोसा है।
82 My eyes long to see your promise; when will you comfort me?
तेरे कलाम के इन्तिज़ार में मेरी आँखें रह गई, मैं यही कहता रहा कि तू मुझे कब तसल्ली देगा?
83 For I have become like a wineskin in the smoke; I do not forget your statutes.
मैं उस मश्कीज़े की तरह हो गया जो धुएँ में हो, तोभी मैं तेरे क़ानून को नहीं भूलता।
84 How long must your servant endure this; when will you judge those who persecute me?
तेरे बन्दे के दिन ही कितने हैं? तू मेरे सताने वालों पर कब फ़तवा देगा?
85 The proud have dug pits for me, defying your law.
मग़रूरों ने जो तेरी शरी'अत के पैरौ नहीं, मेरे लिए गढ़े खोदे हैं।
86 All your commandments are reliable; those people persecute me wrongfully; help me.
तेरे सब फ़रमान बरहक़ हैं: वह नाहक़ मुझे सताते हैं; तू मेरी मदद कर!
87 They have almost made an end to me on earth, but I do not reject your instructions.
उन्होंने मुझे ज़मीन पर से फ़नाकर ही डाला था, लेकिन मैंने तेरे कवानीन को न छोड़ा।
88 By your steadfast love, keep me alive, so that I may obey your commands.
तू मुझे अपनी शफ़क़त के मुताबिक़ ज़िन्दा कर, तो मैं तेरे मुँह की शहादत को मानूँगा। लामेध
89 Yahweh, your word stands forever; your word is established firmly in heaven.
ऐ ख़ुदावन्द! तेरा कलाम, आसमान पर हमेशा तक क़ाईम है।
90 Your faithfulness lasts for all generations; you have established the earth, and it remains.
तेरी वफ़ादारी नसल दर नसल है; तूने ज़मीन को क़याम बख़्शा और वह क़ाईम है।
91 All things continue to this day, just as you said in your righteous decrees, for all things are your servants.
वह आज तेरे अहकाम के मुताबिक़ क़ाईम हैं क्यूँकि सब चीजें तेरी ख़िदमत गुज़ार हैं।
92 If your law had not been my delight, I would have perished in my affliction.
अगर तेरी शरी'अत मेरी ख़ुशनूदी न होती, तो मैं अपनी मुसीबत में हलाक हो जाता।
93 I will never forget your instructions, for through them you have kept me alive.
मैं तेरे क़वानीन को कभी न भूलूँगा, क्यूँकि तूने उन्ही के वसीले से मुझे ज़िन्दा किया है।
94 I am yours; save me, for I seek your instructions.
मैं तेरा ही हूँ मुझे बचा ले, क्यूँकि मैं तेरे क़वानीन का तालिब रहा हूँ।
95 The wicked prepare to destroy me, but I will seek to understand your covenant decrees.
शरीर मुझे हलाक करने को घात में लगे रहे, लेकिन मैं तेरी शहादतों पर ग़ौर करूँगा।
96 I have seen that everything has its limits, but your commandments are broad, beyond limits.
मैंने देखा कि हर कमाल की इन्तिहा है, लेकिन तेरा हुक्म बहुत वसी'अ है। मीम
97 Oh how I love your law! It is my meditation all day long.
आह! मैं तेरी शरी'अत से कैसी मुहब्बत रखता हूँ, मुझे दिन भर उसी का ध्यान रहता है।
98 Your commandments make me wiser than my enemies, for your commandments are always with me.
तेरे फ़रमान मुझे मेरे दुश्मनों से ज़्यादा 'अक़्लमंद बनाते हैं, क्यूँकि वह हमेशा मेरे साथ हैं।
99 I have more understanding than all my teachers, for I meditate on your covenant decrees.
मैं अपने सब उस्तादों से 'अक़्लमंद हैं, क्यूँकि तेरी शहादतों पर मेरा ध्यान रहता है।
100 I understand more than those older than I am; this is because I have kept your instructions.
मैं उम्र रसीदा लोगों से ज़्यादा समझ रखता हूँ क्यूँकि मैंने तेरे क़वानीन को माना है।
101 I have kept my feet back from every evil path so that I might observe your word.
मैंने हर बुरी राह से अपने क़दम रोक रख्खें हैं, ताकि तेरी शरी'अत पर 'अमल करूँ।
102 I have not turned aside from your righteous decrees, for you have instructed me.
मैंने तेरे अहकाम से किनारा नहीं किया, क्यूँकि तूने मुझे ता'लीम दी है।
103 How sweet are your words to my taste, yes, sweeter than honey to my mouth!
तेरी बातें मेरे लिए कैसी शीरीन हैं, वह मेरे मुँह को शहद से भी मीठी मा'लूम होती हैं!
104 Through your instructions I gain discernment; therefore I hate every false way.
तेरे क़वानीन से मुझे समझ हासिल होता है, इसलिए मुझे हर झूटी राह से नफ़रत है। नून
105 Your word is a lamp to my feet and a light for my path.
तेरा कलाम मेरे क़दमों के लिए चराग़, और मेरी राह के लिए रोशनी है।
106 I have sworn and have confirmed it, that I will observe your righteous decrees.
मैंने क़सम खाई है और उस पर क़ाईम हूँ, कि तेरी सदाक़त के अहकाम पर'अमल करूँगा।
107 I am very afflicted; keep me alive, Yahweh, as you have promised in your word.
मैं बड़ी मुसीबत में हूँ। ऐ ख़ुदावन्द! अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
108 Yahweh, please accept the freewill offerings of my mouth, and teach me your righteous decrees.
ऐ ख़ुदावन्द, मेरे मुँह से रज़ा की क़ुर्बानियाँ क़ुबूल फ़रमा और मुझे अपने अहकाम की ता'लीम दे।
109 My life is always in my hand, yet I do not forget your law.
मेरी जान हमेशा हथेली पर है, तोभी मैं तेरी शरी'अत को नहीं भूलता।
110 The wicked have set a snare for me, but I have not strayed from your instructions.
शरीरों ने मेरे लिए फंदा लगाया है, तोभी मैं तेरे क़वानीन से नहीं भटका।
111 I claim your covenant decrees as my heritage forever, for they are the joy of my heart.
मैंने तेरी शहादतों को अपनी हमेशा की मीरास बनाया है, क्यूँकि उनसे मेरे दिल को ख़ुशी होती है।
112 My heart is set on obeying your statutes forever to the very end.
मैंने हमेशा के लिए आख़िर तक, तेरे क़ानून मानने पर दिल लगाया है। सामेख
113 I hate those who have a double mind, but I love your law.
मुझे दो दिलों से नफ़रत है, लेकिन तेरी शरी'अत से मुहब्बत रखता हूँ।
114 You are my hiding place and my shield; I hope in your word.
तू मेरे छिपने की जगह और मेरी ढाल है; मुझे तेरे कलाम पर भरोसा है।
115 Get away from me, you evil doers, so that I may observe the commandments of my God.
ऐ बदकिरदारो! मुझ से दूर हो जाओ, ताकि मैं अपने ख़ुदा के फ़रमान पर'अमल करूँ!
116 Sustain me by your word so that I may live and not be ashamed of my hope.
तू अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे संभाल ताकि ज़िन्दा रहूँ, और मुझे अपने भरोसा से शर्मिन्दगी न उठाने दे।
117 Support me, and I will be safe; I will always meditate on your statutes.
मुझे संभाल और मैं सलामत रहूँगा, और हमेशा तेरे क़ानून का लिहाज़ रखूँगा।
118 You reject all those who stray from your statutes, for those people are deceptive and unreliable.
तूने उन सबको हक़ीर जाना है, जो तेरे क़ानून से भटक जाते हैं; क्यूँकि उनकी दग़ाबाज़ी 'बेकार है।
119 You remove all the wicked of the earth like slag; therefore I love your solemn commands.
तू ज़मीन के सब शरीरों को मैल की तरह छाँट देता है; इसलिए में तेरी शहादतों को 'अज़ीज़ रखता हूँ।
120 My body trembles in fear of you, and I am afraid of your righteous decrees.
मेरा जिस्म तेरे ख़ौफ़ से काँपता है, और मैं तेरे अहकाम से डरता हूँ। ऐन
121 I do what is just and right; do not abandon me to my oppressors.
मैंने 'अद्ल और इन्साफ़ किया है; मुझे उनके हवाले न कर जो मुझ पर ज़ुल्म करते हैं।
122 Guarantee the welfare of your servant; do not let the proud oppress me.
भलाई के लिए अपने बन्दे का ज़ामिन हो, मग़रूर मुझ पर ज़ुल्म न करें।
123 My eyes grow tired as I wait for your salvation and for your righteous word.
तेरी नजात और तेरी सदाक़त के कलाम के इन्तिज़ार में मेरी आँखें रह गई।
124 Show your servant your covenant faithfulness, and teach me your statutes.
अपने बन्दे से अपनी शफ़क़त के मुताबिक़ सुलूक कर, और मुझे अपने क़ानून सिखा।
125 I am your servant; give me understanding so that I may know your covenant decrees.
मैं तेरा बन्दा हूँ! मुझ को समझ 'अता कर, ताकि तेरी शहादतों को समझ लूँ।
126 It is time for Yahweh to act, for people have broken your law.
अब वक़्त आ गया, कि ख़ुदावन्द काम करे, क्यूँकि उन्होंने तेरी शरी'अत को बेकार कर दिया है।
127 Truly I love your commandments more than gold, more than fine gold.
इसलिए मैं तेरे फ़रमान को सोने से बल्कि कुन्दन से भी ज़्यादा अज़ीज़ रखता हूँ।
128 Therefore I carefully follow all your instructions, and I hate every path of falsehood.
इसलिए मैं तेरे सब कवानीन को बरहक़ जानता हूँ, और हर झूटी राह से मुझे नफ़रत है। पे
129 Your rules are wonderful, that is why I obey them.
तेरी शहादतें 'अजीब हैं, इसलिए मेरा दिल उनको मानता है।
130 The unfolding of your words gives light; it gives understanding to the untrained.
तेरी बातों की तशरीह नूर बख़्शती है, वह सादा दिलों को 'अक़्लमन्द बनाती है।
131 I open my mouth and pant, for I long for your commandments.
मैं खू़ब मुँह खोलकर हाँपता रहा, क्यूँकि मैं तेरे फ़रमान का मुश्ताक़ था।
132 Turn to me and have mercy on me, as you always do for those who love your name.
मेरी तरफ़ तवज्जुह कर और मुझ पर रहम फ़रमा, जैसा तेरे नाम से मुहब्बत रखने वालों का हक़ है।
133 Direct my footsteps by your word; do not let any sin rule me.
अपने कलाम में मेरी रहनुमाई कर, कोई बदकारी मुझ पर तसल्लुत न पाए।
134 Redeem me from human oppression so that I may observe your instructions.
इंसान के ज़ुल्म से मुझे छुड़ा ले, तो तेरे क़वानीन पर 'अमल करूँगा।
135 Let your face shine on your servant, and teach me your statutes.
अपना चेहरा अपने बन्दे पर जलवागर फ़रमा, और मुझे अपने क़ानून सिखा।
136 Streams of tears run down from my eyes because people do not observe your law.
मेरी आँखों से पानी के चश्मे जारी हैं, इसलिए कि लोग तेरी शरी'अत को नहीं मानते। सांदे
137 You are righteous, Yahweh, and your decrees are fair.
ऐ ख़ुदावन्द तू सादिक़ है, और तेरे अहकाम बरहक़ हैं।
138 You have given your covenant decrees righteously and faithfully.
तूने सदाक़त और कमाल वफ़ादारी से, अपनी शहादतों को ज़ाहिर फ़रमाया है।
139 Anger has destroyed me because my adversaries forget your words.
मेरी गै़रत मुझे खा गई, क्यूँकि मेरे मुख़ालिफ़ तेरी बातें भूल गए।
140 Your word has been tested very much, and your servant loves it.
तेरा कलाम बिल्कुल ख़ालिस है, इसलिए तेरे बन्दे को उससे मुहब्बत है।
141 I am insignificant and despised, yet I do not forget your instructions.
मैं अदना और हक़ीर हूँ, तौ भी मैं तेरे क़वानीन को नहीं भूलता।
142 Your justice is forever right, and your law is trustworthy.
तेरी सदाक़त हमेशा की सदाक़त है, और तेरी शरी'अत बरहक़ है।
143 Though distress and anguish have found me, your commandments are still my delight.
मैं तकलीफ़ और ऐज़ाब में मुब्तिला, हूँ तोभी तेरे फ़रमान मेरी ख़ुशनूदी हैं।
144 Your covenant decrees are righteous forever; give me understanding that I may live.
तेरी शहादतें हमेशा रास्त हैं; मुझे समझ 'अता कर तो मैं ज़िन्दा रहूँगा। क़ाफ
145 I cried out with my whole heart, “Answer me, Yahweh, I will keep your statutes.
मैं पूरे दिल से दुआ करता हूँ, ऐ ख़ुदावन्द, मुझे जवाब दे। मैं तेरे क़ानून पर 'अमल करूँगा।
146 I call to you; save me, and I will observe your covenant decrees.”
मैंने तुझ से दुआ की है, मुझे बचा ले, और मैं तेरी शहादतों को मानूँगा।
147 I rise before the dawn of the morning and cry for help. I hope in your words.
मैंने पौ फटने से पहले फ़रियाद की; मुझे तेरे कलाम पर भरोसा है।
148 My eyes are open before the night watches change so that I might meditate on your word.
मेरी आँखें रात के हर पहर से पहले खुल गई, ताकि तेरे कलाम पर ध्यान करूँ।
149 Hear my voice in your covenant faithfulness; keep me alive, Yahweh, as you have promised in your righteous decrees.
अपनी शफ़क़त के मुताबिक़ मेरी फ़रियाद सुन: ऐ ख़ुदावन्द! अपने अहकाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
150 Those who are persecuting me are coming closer to me, but they are far from your law.
जो शरारत के दर पै रहते हैं, वह नज़दीक आ गए; वह तेरी शरी'अत से दूर हैं।
151 You are near, Yahweh, and all your commandments are trustworthy.
ऐ ख़ुदावन्द, तू नज़दीक है, और तेरे सब फ़रमान बरहक़ हैं।
152 Long ago I learned from your covenant decrees that you had set them in place forever.
तेरी शहादतों से मुझे क़दीम से मा'लूम हुआ, कि तूने उनको हमेशा के लिए क़ाईम किया है। रेश
153 Look on my affliction and help me, for I do not forget your law.
मेरी मुसीबत का ख़याल करऔर मुझे छुड़ा, क्यूँकि मैं तेरी शरी'अत को नहीं भूलता।
154 Plead my cause and redeem me; keep me, as you have promised in your word.
मेरी वकालत कर और मेरा फ़िदिया दे: अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
155 Salvation is far from the wicked, for they do not love your statutes.
नजात शरीरों से दूर है, क्यूँकि वह तेरे क़ानून के तालिब नहीं हैं।
156 Great are your merciful actions, Yahweh; keep me alive, as you always do.
ऐ ख़ुदावन्द! तेरी रहमत बड़ी है; अपने अहकाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
157 My persecutors and my foes are many, yet I have not turned from your covenant decrees.
मेरे सताने वाले और मुखालिफ़ बहुत हैं, तोभी मैंने तेरी शहादतों से किनारा न किया।
158 I view the treacherous with disgust because they do not keep your word.
मैं दग़ाबाज़ों को देख कर मलूल हुआ, क्यूँकि वह तेरे कलाम को नहीं मानते।
159 See how I love your instructions; keep me alive, Yahweh, as you have promised by your covenant faithfulness.
ख़याल फ़रमा कि मुझे तेरे क़वानीन से कैसी मुहब्बत है! ऐ ख़ुदावन्द! अपनी शफ़क़त के मुताबिक मुझे ज़िन्दा कर।
160 The essence of your word is truth; every one of your righteous decrees lasts forever.
तेरे कलाम का ख़ुलासा सच्चाई है, तेरी सदाक़त के कुल अहकाम हमेशा के हैं। शीन
161 Princes persecute me without cause, but my heart stands in awe of your word.
उमरा ने मुझे बे वजह सताया है, लेकिन मेरे दिल में तेरी बातों का ख़ौफ़ है।
162 I rejoice at your word like one who finds great plunder.
मैं बड़ी लूट पाने वाले की तरह, तेरे कलाम से ख़ुश हूँ।
163 I hate and despise falsehood, but I love your law.
मुझे झूट से नफ़रत और कराहियत है, लेकिन तेरी शरी'अत से मुहब्बत है।
164 Seven times a day I praise you because of your righteous decrees.
मैं तेरी सदाक़त के अहकाम की वजह से, दिन में सात बार तेरी सिताइश करता हूँ।
165 Great peace they have, those who love your law; nothing makes them stumble.
तेरी शरी'अत से मुहब्बत रखने वाले मुत्मइन हैं; उनके लिए ठोकर खाने का कोई मौक़ा' नहीं।
166 I hope for your salvation, Yahweh, and I obey your commandments.
ऐ ख़ुदावन्द! मैं तेरी नजात का उम्मीदवार रहा हूँ और तेरे फ़रमान बजा लाया हूँ।
167 I observe your solemn commands, and I love them greatly.
मेरी जान ने तेरी शहादतें मानी हैं, और वह मुझे बहुत 'अज़ीज़ हैं।
168 I keep your instructions and your solemn commands, for you are aware of everything I do.
मैंने तेरे क़वानीन और शहादतों को माना है, क्यूँकि मेरे सब चाल चलन तेरे सामने हैं। ताव
169 Listen to my cry for help, Yahweh; give me understanding into your word.
ऐ ख़ुदावन्द! मेरी फ़रियाद तेरे सामने पहुँचे; अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे समझ 'अता कर।
170 May my plea come before you; help me, as you have promised in your word.
मेरी इल्तिजा तेरे सामने पहुँचे, अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे छुड़ा।
171 May my lips pour out praise, for you teach me your statutes.
मेरे लबों से तेरी सिताइश हो। क्यूँकि तू मुझे अपने क़ानून सिखाता है।
172 Let my tongue sing about your word, for all your commandments are right.
मेरी ज़बान तेरे कलाम का हम्द गाए, क्यूँकि तेरे सब फ़रमान बरहक़ हैं।
173 May your hand help me, for I have chosen your instructions.
तेरा हाथ मेरी मदद को तैयार है क्यूँकि मैंने तेरे क़वानीन इख़्तियार, किए हैं।
174 I long for your rescue, Yahweh, and your law is my delight.
ऐ ख़ुदावन्द! मैं तेरी नजात का मुश्ताक़ रहा हूँ, और तेरी शरी'अत मेरी ख़ुशनूदी है।
175 May I live and praise you, and may your righteous decrees help me.
मेरी जान ज़िन्दा रहे तो वह तेरी सिताइश करेगी, और तेरे अहकाम मेरी मदद करें।
176 I have wandered off like a lost sheep; seek your servant, for I have not forgotten your commandments.
मैं खोई हुई भेड़ की तरह भटक गया हूँ अपने बन्दे की तलाश कर, क्यूँकि मैं तेरे फ़रमान को नहीं भूलता।

< Psalms 119 >