< Psalms 85 >

1 Yahweh, you have been kind to [us people who live in] this land; you have enabled [us] Israeli people to become prosperous again.
प्रधान बजानेवाले के लिये: कोरहवंशियों का भजन हे यहोवा, तू अपने देश पर प्रसन्न हुआ, याकूब को बँधुवाई से लौटा ले आया है।
2 You forgave [us], your people, for the sins that we had committed; you pardoned [us] for all our sins [DOU].
तूने अपनी प्रजा के अधर्म को क्षमा किया है; और उसके सब पापों को ढाँप दिया है। (सेला)
3 You stopped being angry [with us] and turned away from severely punishing [us].
तूने अपने रोष को शान्त किया है; और अपने भड़के हुए कोप को दूर किया है।
4 Now, God, the one who saves/rescues us, (restore us/make us prosperous again) and stop being angry with us!
हे हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर, हमको पुनः स्थापित कर, और अपना क्रोध हम पर से दूर कर!
5 (Will you continue to be angry with us forever?/Please do not continue to be angry with us forever.) [DOU, RHQ]
क्या तू हम पर सदा कोपित रहेगा? क्या तू पीढ़ी से पीढ़ी तक कोप करता रहेगा?
6 Please enable us [RHQ] to prosper again in order that [we], your people, will rejoice about what you [have done for us].
क्या तू हमको फिर न जिलाएगा, कि तेरी प्रजा तुझ में आनन्द करे?
7 Yahweh, by rescuing us [from our troubles/difficulties], show us that you faithfully love us.
हे यहोवा अपनी करुणा हमें दिखा, और तू हमारा उद्धार कर।
8 I want to listen to what Yahweh [our] God says, because he promises/says that he will enable [us], his people, to live peacefully, if we do not return to doing foolish things.
मैं कान लगाए रहूँगा कि परमेश्वर यहोवा क्या कहता है, वह तो अपनी प्रजा से जो उसके भक्त है, शान्ति की बातें कहेगा; परन्तु वे फिरके मूर्खता न करने लगें।
9 He is surely ready to save/rescue those who revere him, in order that [his] glory/splendor will be seen in our land.
निश्चय उसके डरवैयों के उद्धार का समय निकट है, तब हमारे देश में महिमा का निवास होगा।
10 [When that happens], he will both faithfully love us and faithfully [do for us what he promised to do] [PRS]; and we will act/behave righteously, and he will give us peace, which will be like a kiss that he gives us.
१०करुणा और सच्चाई आपस में मिल गई हैं; धर्म और मेल ने आपस में चुम्बन किया हैं।
11 Here on earth, we will (be loyal to/continually believe in) God, and from heaven, God will act justly/fairly [toward us].
११पृथ्वी में से सच्चाई उगती और स्वर्ग से धर्म झुकता है।
12 Yes, Yahweh will do good things [for us], and there will be great harvests in our land.
१२हाँ, यहोवा उत्तम वस्तुएँ देगा, और हमारी भूमि अपनी उपज देगी।
13 [Yahweh always acts] righteously [PRS, MET]; he acts righteously wherever he goes.
१३धर्म उसके आगे-आगे चलेगा, और उसके पाँवों के चिन्हों को हमारे लिये मार्ग बनाएगा।

< Psalms 85 >