< Numbers 18 >
1 Yahweh said to Aaron, “You and your sons and the other members of your father’s family are the ones (who will be punished/whom I will punish) [if anything bad happens to the things] inside the Sacred Tent. But only you and your sons will be punished if the priests do something bad.
१फिर यहोवा ने हारून से कहा, “पवित्रस्थान के विरुद्ध अधर्म का भार तुझ पर, और तेरे पुत्रों और तेरे पिता के घराने पर होगा; और तुम्हारे याजक कर्म के विरुद्ध अधर्म का भार तुझ पर और तेरे पुत्रों पर होगा।
2 Require that those who belong to your tribe, the tribe of Levi, must assist you and your sons while you perform your work at the Sacred Tent.
२और लेवी का गोत्र, अर्थात् तेरे मूलपुरुष के गोत्रवाले जो तेरे भाई हैं, उनको भी अपने साथ ले आया कर, और वे तुझ से मिल जाएँ, और तेरी सेवा टहल किया करें, परन्तु साक्षीपत्र के तम्बू के सामने तू और तेरे पुत्र ही आया करें।
3 But while they do that work, they must not go near the sacred items inside the tent or near the altar. If they do that, they will die, and you will die, too!
३जो तुझे सौंपा गया है उसकी और सारे तम्बू की भी वे रक्षा किया करें; परन्तु पवित्रस्थान के पात्रों के और वेदी के समीप न आएँ, ऐसा न हो कि वे और तुम लोग भी मर जाओ।
4 They may assist you in doing all the work to take care of the Sacred Tent, but no one else is permitted to come near the place where you are working.
४अतः वे तुझ से मिल जाएँ, और मिलापवाले तम्बू की सारी सेवकाई की वस्तुओं की रक्षा किया करें; परन्तु जो तेरे कुल का न हो वह तुम लोगों के समीप न आने पाए।
5 “You are the ones who will do the sacred work inside the Sacred Tent and at the altar. If you obey these instructions, I will not become very angry with the Israeli people again.
५और पवित्रस्थान और वेदी की रखवाली तुम ही किया करो, जिससे इस्राएलियों पर फिर मेरा कोप न भड़के।
6 I myself have chosen the descendants of Levi from the other Israelis in order that they may be your special helpers. They are like a gift that I have given you to work at the Sacred Tent.
६परन्तु मैंने आप तुम्हारे लेवी भाइयों को इस्राएलियों के बीच से अलग कर लिया है, और वे मिलापवाले तम्बू की सेवा करने के लिये तुम को और यहोवा को सौंप दिये गए हैं।
7 But it is you and your sons, who are the priests, who must perform all the rituals concerning the altar and with what happens inside the Very Holy Place. I am giving to you this work of serving as priests. So anyone else who tries to do that work must be executed.”
७पर वेदी की और बीचवाले पर्दे के भीतर की बातों की सेवकाई के लिये तू और तेरे पुत्र अपने याजकपद की रक्षा करना, और तुम ही सेवा किया करना; क्योंकि मैं तुम्हें याजकपद की सेवकाई दान करता हूँ; और जो तेरे कुल का न हो वह यदि समीप आए तो मार डाला जाए।”
8 Yahweh also said to Aaron, “I myself have appointed you to take care of all the sacred offerings that the Israeli people bring to me. I have given all these sacred offerings to you and to your sons. You and your descendants will get a share of these offerings permanently.
८फिर यहोवा ने हारून से कहा, “सुन, मैं आप तुझको उठाई हुई भेंट सौंप देता हूँ, अर्थात् इस्राएलियों की पवित्र की हुई वस्तुएँ; जितनी हों उन्हें मैं तेरा अभिषेक वाला भाग ठहराकर तुझे और तेरे पुत्रों को सदा का हक़ करके दे देता हूँ।
9 The parts of the offerings that are not completely burned on the altar belong to you. Those parts of the sacred offerings, including the offerings of grain, the offerings for sins and for the people to be forgiven for not giving me what they are required to give, are set apart, and are to be given to you and your sons.
९जो परमपवित्र वस्तुएँ आग में भस्म न की जाएँगी वे तेरी ही ठहरें, अर्थात् इस्राएलियों के सब चढ़ावों में से उनके सब अन्नबलि, सब पापबलि, और सब दोषबलि, जो वे मुझ को दें, वह तेरे और तेरे पुत्रों के लिये परमपवित्र ठहरें।
10 You must eat those offerings in a sacred place, [near the Sacred Tent]. You and all of the other males [in your clan] may eat them, but you must consider those offerings to be holy/dedicated to me.
१०उनको परमपवित्र वस्तु जानकर खाया करना; उनको हर एक पुरुष खा सकता है; वे तेरे लिये पवित्र हैं।
11 “The priests lift up high the sacred offerings while they are standing in front of the altar. All of those offerings that the Israelis offer to me belong to you and your sons and daughters. They will always be your share. All the members of your family who [have performed the rituals to cause them to] be acceptable to me are permitted to eat from these offerings.
११फिर ये वस्तुएँ भी तेरी ठहरें, अर्थात् जितनी भेंटें इस्राएली हिलाने के लिये दें, उनको मैं तुझे और तेरे बेटे-बेटियों को सदा का हक़ करके दे देता हूँ; तेरे घराने में जितने शुद्ध हों वह उन्हें खा सकेंगे।
12 “am [also] giving to you the first food that people harvest each year and bring to me—the best [olive] oil and new wine and grain.
१२फिर उत्तम से उत्तम नया दाखमधु, और गेहूँ, अर्थात् इनकी पहली उपज जो वे यहोवा को दें, वह मैं तुझको देता हूँ।
13 All of the first crops that people harvest and bring to me belong to you. Anyone in your family who has [performed the ritual to] become acceptable to me is permitted to eat that food.
१३उनके देश के सब प्रकार की पहली उपज, जो वे यहोवा के लिये ले आएँ, वह तेरी ही ठहरे; तेरे घराने में जितने शुद्ध हों वे उन्हें खा सकेंगे।
14 “Everything in Israel that is set apart to belong to me also belongs to you.
१४इस्राएलियों में जो कुछ अर्पण किया जाए वह भी तेरा ही ठहरे।
15 The firstborn males, both humans and domestic animals, that are offered to me, will be yours. But people must buy back their firstborn sons and the firstborn animals that may not be used for sacrifices.
१५सब प्राणियों में से जितने अपनी-अपनी माँ के पहलौठे हों, जिन्हें लोग यहोवा के लिये चढ़ाएँ, चाहे मनुष्य के चाहे पशु के पहलौठे हों, वे सब तेरे ही ठहरें; परन्तु मनुष्यों और अशुद्ध पशुओं के पहिलौठों को दाम लेकर छोड़ देना।
16 They must buy them back when they are one month old. The price that they must pay [for each one] is five pieces of silver. They must weigh the silver on the scales that are in the Sacred Tent.
१६और जिन्हें छुड़ाना हो, जब वे महीने भर के हों तब उनके लिये अपने ठहराए हुए मोल के अनुसार, अर्थात् पवित्रस्थान के बीस गेरा के शेकेल के हिसाब से पाँच शेकेल लेकर उन्हें छोड़ना।
17 “But they are not permitted to buy back the firstborn cattle or sheep or goats. They are holy and have been set apart for me. [Slaughter them and] sprinkle their blood on the altar. Then completely burn the fat of those animals [on the altar] to be an offering to me. The smell as they burn will be very pleasing to me.
१७पर गाय, या भेड़ी, या बकरी के पहलौठे को न छोड़ना; वे तो पवित्र हैं। उनके लहू को वेदी पर छिड़क देना, और उनकी चर्बी को बलि करके जलाना, जिससे यहोवा के लिये सुखदायक सुगन्ध हो;
18 The meat from those offerings will be yours, just like the breast and right thigh of animals that are presented to me to maintain fellowship with me as the priest lifts them up high in front of the altar are yours.
१८परन्तु उनका माँस तेरा ठहरे, और हिलाई हुई छाती, और दाहिनी जाँघ भी तेरी ही ठहरे।
19 Anything that the Israeli people present to me as holy/sacred gifts, I am giving to you. They are for you and your sons and daughters [to eat]. They will always be your share. This is an agreement that I am making with you, an agreement that will (last forever/never be changed). I am also making this agreement with your descendants.”
१९पवित्र वस्तुओं की जितनी भेंटें इस्राएली यहोवा को दें, उन सभी को मैं तुझे और तेरे बेटे-बेटियों को सदा का हक़ करके दे देता हूँ यह तो तेरे और तेरे वंश के लिये यहोवा की सदा के लिये नमक की अटल वाचा है।”
20 Yahweh also said to Aaron, “You priests will not receive any of the land or the property like the [other] Israeli people will receive. I am what you will receive.
२०फिर यहोवा ने हारून से कहा, “इस्राएलियों के देश में तेरा कोई भाग न होगा, और न उनके बीच तेरा कोई अंश होगा; उनके बीच तेरा भाग और तेरा अंश मैं ही हूँ।
21 “Then the Israeli people bring to me a tenth of all [the crops and of their newborn animals], I will give that to you descendants of Levi. That will be your payment for the work you do at the Sacred Tent.
२१“फिर मिलापवाले तम्बू की जो सेवा लेवी करते हैं उसके बदले मैं उनको इस्राएलियों का सब दशमांश उनका निज भाग कर देता हूँ।
22 The other Israelis must not go near that tent. If they go near it, [I will consider that their doing that is a sin, and] they will die for committing that sin.
२२और भविष्य में इस्राएली मिलापवाले तम्बू के समीप न आएँ, ऐसा न हो कि उनके सिर पर पाप लगे, और वे मर जाएँ।
23 Only the descendants of Levi are permitted to work at the Sacred Tent, and they will be punished if anything bad happens to it. That is a law that will never be changed. You descendants of Levi will not receive any land among the other Israeli people,
२३परन्तु लेवी मिलापवाले तम्बू की सेवा किया करें, और उनके अधर्म का भार वे ही उठाया करें; यह तुम्हारी पीढ़ियों में सदा की विधि ठहरे; और इस्राएलियों के बीच उनका कोई निज भाग न होगा।
24 because I will give you one tenth of all the [crops and animals] that the Israelis bring to be offerings to me. That is why I said that you will not receive any land like the other Israelis will receive.”
२४क्योंकि इस्राएली जो दशमांश यहोवा को उठाई हुई भेंट करके देंगे, उसे मैं लेवियों को निज भाग करके देता हूँ, इसलिए मैंने उनके विषय में कहा है, कि इस्राएलियों के बीच कोई भाग उनको न मिले।”
25 Yahweh said to Moses/me,
२५फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
26 “Tell this to the descendants of Levi: ‘When you receive one tenth of all [the crops and animals] from the Israeli people, you must give one tenth of all that to me to be a sacred offering.
२६“तू लेवियों से कह, कि जब जब तुम इस्राएलियों के हाथ से वह दशमांश लो जिसे यहोवा तुम को तुम्हारा निज भाग करके उनसे दिलाता है, तब-तब उसमें से यहोवा के लिये एक उठाई हुई भेंट करके दशमांश का दशमांश देना।
27 Just like the other Israelis give one tenth of the grain and wine that they produce,
२७और तुम्हारी उठाई हुई भेंट तुम्हारे हित के लिये ऐसी गिनी जाएगी जैसा खलिहान में का अन्न, या रसकुण्ड में का दाखरस गिना जाता है।
28 you must give to me one tenth of all that you receive from them. That will be your sacred offering to me. You must present it to Aaron.
२८इस रीति तुम भी अपने सब दशमांशों में से, जो इस्राएलियों की ओर से पाओगे, यहोवा को एक उठाई हुई भेंट देना; और यहोवा की यह उठाई हुई भेंट हारून याजक को दिया करना।
29 Select the best parts of the things that are given to you to give them to me.’
२९जितने दान तुम पाओ उनमें से हर एक का उत्तम से उत्तम भाग, जो पवित्र ठहरा है, उसे यहोवा के लिये उठाई हुई भेंट करके पूरी-पूरी देना।
30 “Also, tell this to the descendants of Levi: ‘When you present those best portions of grain and wine as your offering to me, I will consider that those gifts are as though they came from your own grain fields and vineyards.
३०इसलिए तू लेवियों से कह, कि जब तुम उसमें का उत्तम से उत्तम भाग उठाकर दो, तब यह तुम्हारे लिये खलिहान में के अन्न, और रसकुण्ड के रस के तुल्य गिना जाएगा;
31 You descendants of Levi and your families are permitted to eat [the rest of] that food, and you may eat it wherever [you want to], because it is your payment for the work that you do at the Sacred Tent.
३१और उसको तुम अपने घरानों समेत सब स्थानों में खा सकते हो, क्योंकि मिलापवाले तम्बू की जो सेवा तुम करोगे उसका बदला यही ठहरा है।
32 If you give to the priests the best portions of what you receive, you will not be punished [by me] for accepting one tenth of the gifts that the people bring to me. But you must consider those gifts to be sacred/holy. If you sin [by eating those things in ways that are contrary to these regulations that I have given to you], you will be executed.’”
३२और जब तुम उसका उत्तम से उत्तम भाग उठाकर दो तब उसके कारण तुम को पाप न लगेगा। परन्तु इस्राएलियों की पवित्र की हुई वस्तुओं को अपवित्र न करना, ऐसा न हो कि तुम मर जाओ।”