< Joshua 16 >
1 The land that was allotted to [the two tribes of Ephraim and Manasseh that were descended from] Joseph started at the Jordan [River], east of the springs at Jericho.
योसेफ़ को येरीख़ो नगर के पास यरदन नदी से लेकर येरीख़ो के जल के सोते तक और पूर्व में निर्जन प्रदेश तक भूमि दी गई जो येरीख़ो से लेकर पर्वतीय क्षेत्र से होते हुए बेथेल तक थी.
2 It extended west from Jericho to the hilly area near Bethel, which is also called Luz. It extended as far as Ataroth, at the border of the land where the Arki people-group lived.
यह सीमा बेथेल से लूज़ तक थी और आगे बढ़ते हुए अटारोथ के अर्कीयों की सीमा तक थी.
3 From there it extended west to the border of the land where the Japhleti people-group lived, and then it extended west to the area near Lower Beth-Horon. From there it extended west to Gezer [city] and from there to the [Mediterranean] Sea.
यह पश्चिम से होते हुए यफलेतियों की सीमा से आगे बढ़ते हुए बेथ-होरोन तथा गेज़ेर से होती हुई भूमध्य-सागर तट पर खत्म होती है.
4 That is the land that the tribes of Ephraim and Manasseh were allotted.
इस प्रकार योसेफ़ के पुत्र मनश्शेह तथा एफ्राईम को उनका हिस्सा मिला.
5 The border of the land that was allotted to the clans of the tribe of Ephraim started at Ataroth-Addar [city] in the east. It extended to Upper Beth-Horon
उनके परिवारों के अनुसार एफ्राईम वंश के मीरास की सीमाएं इस प्रकार थी: पूर्व में उनकी सीमा अटारोथ-अद्दार से लेकर उच्चतर बेथ-होरोन तक थी.
6 and from there to the [Mediterranean] Sea.
यह सीमा पश्चिम की ओर बढ़ती गई: जो उत्तर में मिकमथाथ, फिर पूर्व में तानथ-शिलोह की ओर मुड़ गई, फिर बढ़ते हुए यानोहा में जा पहुंची.
7 From Michmethath [on the north] it extended east to Taanath and from there on to Janoah. From there it extended [south] to Ataroth [city] and to Naarah [town]. From there it extended to Jericho and from there to the Jordan [River].
यानोहा से दक्षिण की ओर बढ़ते हुए अटारोथ और नाराह पहुंचकर येरीख़ो पहुंच गई और वहां से निकलकर यरदन पर खत्म हुई.
8 The [northern] border extended from Tappuah west to Kanah Ravine, and ended at the [Mediterranean] Sea. That was the land that was allotted to the tribe of Ephraim.
फिर तप्पूआह से यह सीमा पश्चिम में कानाह नदी की और बढ़ जाती है और भूमध्य-सागर पर जाकर मिल जाती है. एफ्राईम गोत्र के परिवारों के अनुसार उनका हिस्सा यही है,
9 Many of those towns were really within the area allotted to the tribe of Manasseh.
इसके अलावा कुछ ऐसे गांव एवं नगर भी हैं, जो मनश्शेह की विरासत की सीमा के अंदर थे, जो एफ्राईम वंश को दे दिए गए थे.
10 The people of the tribe of Ephraim could not force the Canaan people-group to leave Gezer, so the Canaan people-group still live among the people of the tribe of Ephraim, but the Israelis forced the people of the Canaan people-group to become their slaves.
लेकिन उन्होंने उन कनानियों को बाहर नहीं निकाला, जो गेज़ेर में रह रहे थे. तब आज तक कनानी एफ्राईम वंश के बीच दास बनकर रह रहे हैं.