< Job 16 >
1 Job replied [to Eliphaz and the others: ]
तब अय्यूब ने जवाब दिया,
2 “I have heard things like that before; all of you, [instead of helping me, ] are only causing me to feel more miserable.
“ऐसी बहुत सी बातें मैं सुन चुका हूँ, तुम सब के सब निकम्मे तसल्ली देने वाले हो।
3 Will your speeches, which are only hot air, never end [RHQ]? Eliphaz, what bothers/irritates you so much that you continue replying to me?
क्या बेकार बातें कभी ख़त्म होंगी? तू कौन सी बात से झिड़क कर जवाब देता है?
4 If it were you [three and not I] who were suffering, I could say the things that you are saying; I could make great speeches [to criticize/condemn you], and I could shake my head at you [to ridicule you].
मैं भी तुम्हारी तरह बात बना सकता हूँ: अगर तुम्हारी जान मेरी जान की जगह होती तो मैं तुम्हारे ख़िलाफ़ बातें बना सकता, और तुम पर अपना सिर हिला सकता।
5 But, [unlike all of you, ] with what I said [MTY] I would encourage you and try to cause your pain to be less.
बल्कि मैं अपनी ज़बान से तुम्हें ताक़त देता, और मेरे लबों की तकलीफ़ तुम को तसल्ली देती।
6 “But now, if I talk, my pain does not decrease, and if I am silent, my pain still certainly does not [RHQ] go away.
“अगर्चे मैं बोलता हूँ लेकिन मुझ को तसल्ली नहीं होती, और मैं चुप भी हो जाता हूँ, लेकिन मुझे क्या राहत होती है।
7 God has now taken away all my strength, and he has destroyed my family.
लेकिन उसने तो मुझे दुखी कर डाला है, तूने मेरे सारे गिरोह को तबाह कर दिया है।
8 He has shriveled me up, and people think that shows that I [am a sinner]. And people see that I am only skin and bones, and they think that proves that I [am guilty].
तूने मुझे मज़बूती से पकड़ लिया है, यही मुझ पर गवाह है। मेरी लाचारी मेरे ख़िलाफ़ खड़ी होकर मेरे मुँह पर गवाही देती है।
9 Because God is very angry with me and hates me, [it is as though he is a wild animal that] [MET] has gnashed his teeth at me because he is my enemy.
उसने अपने ग़ुस्से से मुझे फाड़ा और मेरा पीछा किया है; उसने मुझ पर दाँत पीसे, मेरा मुख़ालिफ़ मुझे आँखें दिखाता है।
10 People gape/stare at me with their mouths open [to sneer at me]; they have struck me on the face/cheek to ridicule me, and they crowd around me to threaten me.
उन्होंने मुझ पर मुँह पसारा हैं, उन्होंने तनज़न मुझे गाल पर मारा है; वह मेरे ख़िलाफ़ इकट्ठे होते हैं।
11 [It is as though] God has handed me over to ungodly people and turned me over to the wicked [DOU].
ख़ुदा मुझे बेदीनों के हवाले करता है, और शरीरों के हाथों में मुझे हवाले करता है।
12 Previously, I was living peacefully, but he crushed me; [it is as though] he grabbed my neck and smashed me to pieces. [It is as though] [MET] he set me up like a target;
मैं आराम से था, और उसने मुझे चूर चूरकर डाला; उसने मेरी गर्दन पकड़ ली और मुझे पटक कर टुकड़े टुकड़े कर दिया: और उसने मुझे अपना निशाना बनाकर खड़ा किया है।
13 people are surrounding me [and shooting arrows at me]. His arrows pierce my kidneys and cause the bile [from my liver] to spill onto the ground, and God does not pity me at all.
उसके तीर अंदाज़ मुझे चारों तरफ़ से घेर लेते हैं, वह मेरे गुर्दों को चीरता है, और रहम नहीं करता, और मेरे पित को ज़मीन पर बहा देता है।
14 [It is as though] [MET] I am a wall that he is breaking through; he rushes at me like [SIM] a soldier [attacking his enemies].
वह मुझे ज़ख़्म पर ज़ख़्म लगा कर खस्ता करता है वह पहलवान की तरह मुझ पर हमला करता है:
15 [“Because I am mourning, ] I wear pieces of rough cloth that I have sewed together, and I sit [here] in the dirt, very depressed/discouraged.
मैंने अपनी खाल पर टाट को सी लिया है, और अपना सींग ख़ाक में रख दिया है।
16 My face is red because I have cried very much, and there are dark circles around my eyes.
मेरा मुँह रोते रोते सूज गया है, और मेरी पलकों पर मौत का साया है।
17 [All this has happened to me] even though I have not acted violently [toward anyone], and I [always] pray sincerely/honestly [to God].
अगर्चे मेरे हाथों ज़ुल्म नहीं, और मेरी दुआ बुराई से पाक है।
18 [When I die, ] I want the ground [APO] to [act as though I had been murdered and] cry out against those who killed me, and I do not want anyone to stop me while I am demanding [that God act justly toward] me.
ऐ ज़मीन, मेरे ख़ून को न ढाँकना, और मेरी फ़रियाद को आराम की जगह न मिले।
19 But even now, [I know that] there is someone in heaven who will testify for me, and he will say that what I have done is right.
अब भी देख, मेरा गवाह आसमान पर है, और मेरा ज़ामिन 'आलम — ए — बाला पर है।
20 My [three] friends scorn/ridicule me, but my eyes are full of tears [while I cry out] to God.
मेरे दोस्त मेरी हिकारत करते हैं, लेकिन मेरी आँख ख़ुदा के सामने आँसू बहाती है;
21 I pray that [the] one [who knows what I have done] would come to plead with God for me like people plead for their friends.
जिस तरह एक आदमी अपने दौसत कि वकालत करता है उसी तरह वह ख़ुदा से आदमी कि वकालत करता है
22 [I say this because] within a few years [I will die]; I will walk along the [to the grave] from which I will never return.”
क्यूँकि जब चंद साल निकल जाएँगे, तो मैं उस रास्ते से चला जाऊँगा जिससे फिर लौटने का नहीं।