< Jeremiah 3 >

1 “[Moses wrote that] if a man divorces his wife and then she marries another man, her first husband certainly must not [RHQ] take her back again [to be his wife], because that would certainly [RHQ] cause the whole nation to become unacceptable to me. But you have more [idols than] prostitutes have men whom they have slept with! So, [why should I accept you if] you return to me?” [RHQ] says Yahweh.
कहते हैं कि 'अगर कोई मर्द अपनी बीवी को तलाक दे दे, और वह उसके यहाँ से जाकर किसी दूसरे मर्द की हो जाए, तो क्या वह पहला फिर उसके पास जाएगा?’ क्या वह ज़मीन बहुत नापाक न होगी? लेकिन तूने तो बहुत से यारों के साथ बदकारी की है; क्या अब भी तू मेरी तरफ़ फिरेगी? ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
2 “Look up at the barren hilltops. On every hilltop there are [RHQ] [idols that you have worshiped]. [It is as though] they are all lovers with whom you have had sex. [It is as though] you have sat along the roadsides like an Arab, waiting [to attack and steal things from] those who pass by. Because of worshiping idols and all the other wicked things that you have done, you have caused the [entire] land to become unacceptable to me.
पहाड़ों की तरफ़ अपनी आँखें उठा और देख! कौन सी जगह है जहाँ तूने बदकारी नहीं की? तू राह में उनके लिए इस तरह बैठी, जिस तरह वीराने में 'अरब। तूने अपनी बदकारी और शरारत से ज़मीन को नापाक किया।
3 That is why I have not sent you any rain at the times of the year when you needed it. But you are like prostitutes [MET] who are not at all ashamed [for what they have done].
इसलिए बारिश नहीं होती और आख़िरी बरसात नहीं हुई तेरी पेशानी फ़ाहिशा की है और तुझ को शर्म नहीं आती'।
4 Now each of you says to me, ‘You are my father! You have loved me ever since I was young!
क्या तू अब से मुझे पुकार कर न कहेगी, ऐ मेरे बाप, तू मेरी जवानी का रहबर था?
5 So surely you will not [RHQ] be angry with me forever!’ But you will not quit sinning!”
क्या उसका क़हर हमेशा रहेगा? क्या वह उसे हमेशा तक रख छोड़ेगा? देख, तू ऐसी बातें तो कह चुकी, लेकिन जहाँ तक तुझ से हो सका तूने बुरे काम किए।
6 [One day] when Josiah was the king of Judah, Yahweh said to me, “Have you seen what the people of Israel have done? They have turned away from me, like a woman who has abandoned her husband and sleeps with other men. They have gone up on every hilltop and under every big tree and worshiped idols there [MET].
और यूसियाह बादशाह के दिनों में ख़ुदावन्द ने मुझसे फ़रमाया, क्या तूने देखा, नाफ़रमान इस्राईल ने क्या किया है? वह हर एक ऊँचे पहाड़ पर और हर एक हरे दरख़्त के नीचे गई, और वहाँ बदकारी की।
7 I thought that they would return to me, so I said to them, ‘Come back to me!’ But they refused. So I sent them away [to other countries, like a man] writes a note saying that he is divorcing his wife and then sends his wife away because she has committed adultery [MET].
और जब वह ये सब कुछ कर चुकी तो मैंने कहा, वह मेरी तरफ़ वापस आएगी; लेकिन वह न आई, और उसकी बेवफ़ा बहन यहूदाह ने ये हाल देखा।
8 The people of Judah saw what I did to them. But they are just like the people of Israel. They are not afraid [of what I will do to them]. They also [have turned away from me and are worshiping idols like] women who abandon their husbands and go to other men [MET].
फिर मैंने देखा कि जब फिरे हुए इस्राईल की ज़िनाकारी की वजह से मैंने उसको तलाक़ दे दिया, और उसे तलाक़नामा लिख दिया तो भी उसकी बेवफ़ा बहन यहूदाह न डरी; बल्कि उसने भी जाकर बदकारी की।
9 They thought that worshiping idols did not matter to me, so they have made the [entire] land unacceptable to me by worshiping idols of wood and stone.
और ऐसा हुआ कि उसने अपनी बदकारी की बुराई से ज़मीन को नापाक किया, और पत्थर और लकड़ी के साथ ज़िनाकारी की।
10 The people of Judah have pretended to return to me, but they have not really done that. [This is true because I], Yahweh, have said it.”
और ख़ुदावन्द फ़रमाता है कि बावजूद इस सब के उसकी बेवफ़ा बहन यहूदाह सच्चे दिल से मेरी तरफ़ न फिरी, बल्कि रियाकारी से।
11 Then Yahweh said to me, “The people of Israel have turned away from me, but what the people of Judah have done is worse.
और ख़ुदावन्द ने मुझसे फ़रमाया, नाफ़रमान इस्राईल ने बेवफ़ा यहूदाह से ज़्यादा अपने आपको सच्चा साबित किया है।
12 So go and tell this to the people of Israel: ‘Yahweh says this to you Israeli people who have turned away from him: I am merciful. I will not continue to be angry with you forever. So return to me.
जा और उत्तर की तरफ़ यह बात पुकारकर कह दे कि 'ख़ुदावन्द फ़रमाता है, ऐ नाफ़रमान इस्राईल, वापस आ; मैं तुझ पर क़हर की नज़र नहीं करूँगा क्यूँकि ख़ुदावन्द फ़रमाता है मैं रहीम हूँ मेरा क़हर हमेशा का नहीं।
13 But you must admit/say that you are guilty, and that you have rebelled against me, Yahweh, your God, that you have worshiped idols under big trees everywhere, and you have not obeyed me. You have turned away from me.
सिर्फ़ अपनी बदकारी का इक़रार कर कि तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा से 'आसी हो गई, और हर एक हरे दरख़्त के नीचे ग़ैरों के साथ इधर — उधर आवारा फिरी; ख़ुदावन्द फ़रमाता है, तुम मेरी आवाज़ के सुनने वाले न हुए।
14 But you belong to me. So I will take you, one from [each] city and two from [each] clan, and bring you [back] to Jerusalem [from the countries to which you were exiled].
ख़ुदावन्द फ़रमाता है, 'ऐ नाफ़रमान बच्चों, वापस आओ; क्यूँकि मैं ख़ुद तुम्हारा मालिक हूँ, और मैं तुम को हर एक शहर में से एक, और हर एक घराने में से दो लेकर सिय्यून में लाऊँगा।
15 [If you do that], I will appoint for you leaders with whom I am pleased, leaders who will guide you [well] because they will know and understand [what pleases me].
“और मैं तुम को अपने ख़ातिर ख़्वाह चरवाहे दूँगा, और वह तुम को समझदारी और 'अक़्लमन्दी से चराएँगे।
16 And when you become very numerous [DOU] in your land, you will not need to talk about the Sacred Chest that contained the Ten Commandments. You will not think about it, and you will not want to make a new one.
और यूँ होगा कि ख़ुदावन्द फ़रमाता है कि जब उन दिनों में तुम मुल्क में बढ़ोगे और बहुत होगे, तब वह फिर न कहेंगे कि 'ख़ुदावन्द के 'अहद का सन्दूक़'; उसका ख़याल भी कभी उनके दिल में न आएगा, वह हरगिज़ उसे याद न करेंगे और उसकी ज़ियारत को न जाएँगे, और उसकी मरम्मत न होगी।
17 At that time people will say, “Jerusalem is [the place where] Yahweh’s throne is.” [People from] all nations will come there to worship me. And they will no longer stubbornly do the evil things that they desire.
उस वक़्त येरूशलेम ख़ुदावन्द का तख़्त कहलाएगा, और उसमें या'नी येरूशलेम में, सब क़ौमें ख़ुदावन्द के नाम से जमा' होंगी; और वह फिर अपने बुरे दिल की सख़्ती की पैरवी न करेंगे।
18 At that time you people [MTY] of Israel and the people of Judah will return from [being (exiled/forced to live) in] lands to the northeast. You will return to the land that I gave to your ancestors to belong to them [forever].
उन दिनों में यहूदाह का घराना इस्राईल के घराने के साथ चलेगा, वह मिलकर उत्तर के मुल्क में से उस मुल्क में जिसे मैंने तुम्हारे बाप — दादा को मीरास में दिया, आएँगे।
19 You people of Israel, I wanted to accept you to be my children. I wanted to give you [this] delightful land. It is a land more desirable/pleasant than the land of any other nation! I wanted you to call me ‘father’, and I wanted you to never turn away from me.
'आह, मैंने तो कहा था, मैं तुझ को फ़र्ज़न्दों में शामिल करके ख़ुशनुमा मुल्क या'नी क़ौमों की नफ़ीस मीरास तुझे दूँगा; और तू मुझे बाप कह कर पुकारेगी, और तू फिर मुझसे न फिरेगी।
20 But you have abandoned me like wives who have abandoned their husbands.’” [That is what] Yahweh said, and [I told it] to the people of Israel.
लेकिन ख़ुदावन्द फ़रमाता है, ऐ इस्राईल के घराने, जिस तरह बीवी बेवफ़ाई से अपने शौहर को छोड़ देती है, उसी तरह तूने मुझसे बेवफ़ाई की है।
21 People will hear a noise on the barren hilltops. It will be the noise made by people weeping and pleading [for God to be merciful to them]. They will be admitting/saying that they have forgotten Yahweh their God, and that they turned away from behaving as God wanted them to.
पहाड़ों पर बनी — इस्राईल की गिरया — ओ — ज़ारी और मिन्नत की आवाज़ सुनाई देती है क्यूँकि उन्होंने अपनी राह टेढ़ी की और ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा को भूल गए।
22 Yahweh will say to them, “You Israeli people, come back to me! [If you do that], I will cause you to never turn away from me again.” [The people will reply], “We are returning to you, because you are Yahweh, our God.
'ऐ नाफ़रमान फ़र्ज़न्द वापस आओ मैं तुम्हारी नाफ़रमानी का चारा करूँगा। देख, हम तेरे पास आते हैं; क्यूँकि तू ही, ऐ ख़ुदावन्द, हमारा ख़ुदा है।
23 We did not get any help from [the idols that we worshiped on] the hilltops; we did not get any help from making all that noise up there.
हक़ीक़त में टीलों और पहाड़ों पर के हुजूम से कुछ उम्मीद रखना बेफ़ायदा है। यक़ीनन ख़ुदावन्द हमारे ख़ुदा ही में इस्राईल की नजात है।
24 From the time when we were young, the shameful [god Baal] has taken away [from us] everything that our ancestors worked hard to acquire. He has taken away their flocks [of sheep] and herds [of cattle], their sons and their daughters.
लेकिन इस रुस्वाई की वजह ने हमारी जवानी के वक़्त से हमारे बाप — दादा के माल को, और उनकी भेड़ों और उनके बैलों और उनके बेटे और बेटियों को निगल लिया है।
25 So, now we should lie down feeling very ashamed [DOU], because we and our ancestors have sinned against Yahweh our God, and we have never obeyed him.”
हम अपनी शर्म में लेटें और रुस्वाई हमको छिपा ले, क्यूँकि हम और हमारे बाप — दादा अपनी जवानी के वक़्त से आज तक ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के ख़ताकार हैं। और हम ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की आवाज़ के सुनने वाले नहीं हुए।”

< Jeremiah 3 >