< Isaiah 60 >
1 [You people of] Jerusalem [PRS], stand up! Yahweh has done glorious things for you, and he has acted powerfully for you; so show others that he is very great!
“उठो, प्रकाशमान हो, क्योंकि तुम्हारा प्रकाश आया है, तथा याहवेह का तेज तुम्हारे ऊपर उदय हुआ है.
2 [But spiritual] darkness has covered [all the other people-groups on] the earth, complete darkness, but Yahweh will show you how great he is, and other people will also see it.
देख, पृथ्वी पर तो अंधकार और राज्य-राज्य के लोगों पर घोर अंधकार है, परंतु तुम्हारे ऊपर याहवेह उदय होगा और उनका तेज तुम्हारे ऊपर प्रकट होगा.
3 By seeing what he has done for you, [people of all] people-groups will see that he is very great, and kings will come to see the wonderful things that have happened to you.
अन्य जातियां तुम्हारे पास प्रकाश के लिये, और राजा तुम्हारे आरोहण के प्रताप की ओर आएंगे.
4 [Yahweh says], “Look around and you will see the people who will be returning from (exile/countries to which they have been forced to go)! Your sons will come from distant countries; others will carry your [little] daughters home.
“अपने आस-पास दृष्टि उठाकर देख: वे सभी इकट्ठे हो रहे हैं और वे तुम्हारे पास आ रहे हैं; दूर स्थानों से तुम्हारे पुत्र आ जाएंगे, तुम्हारी पुत्रियां गोद में उठाकर लाई जाएंगी.
5 When you look at this happening, you will be very joyful [DOU], because people will bring valuable goods to you [from all around the world]. They will bring in ships valuable things from [many] nations.
तब तुम देखोगे तथा आनंदित होओगे, तुम्हारा हृदय आनंद से भर जाएगा; क्योंकि सागर का सारा धन तुम्हारा हो जायेगा, और देशों की धन-संपत्ति तुम्हारी हो जाएगी.
6 People will [also] bring valuable goods to you on herds/caravans of camels: Camels from the Midian and Ephah [areas of northern Arabia]. And from Sheba [in southern Arabia] they will come, bringing gold and frankincense; they will all come to praise [me], Yahweh.
तुम्हारे देश असंख्य ऊंटों से भर जाएंगे, जो मिदियान तथा एफाह और शीबा देश से आएंगे. वे अपने साथ सोना तथा लोबान लाएंगे, वे याहवेह का आनंद से गुणगान करेंगे.
7 They will bring flocks [of sheep and goats] from Kedar [in northern Arabia and give them] to you. [They will bring] [PRS] rams from Nebaioth for you [to sacrifice] on my altars, and I will accept them [happily]. [At that time] I will cause my temple to be very beautifully decorated.
केदार की सब भेड़-बकरियां तुम्हारी हो जायेंगी, नेबाइयोथ के मेढ़े सेवा टहल के काम आएंगे; मेरी वेदी पर वे ग्रहण योग्य होंगे, मैं अपने घर को और प्रतापी कर दूंगा.
8 And what are those things that are moving swiftly like [SIM] clouds? They resemble [SIM] doves [returning] to their nests.
“कौन हैं ये जो बादल समान उड़ते हैं, और कबूतर समान अपने घर को पहुंच जाते हैं?
9 But they are really ships from Tarshish that are bringing your people back here. When your people come, they will bring with them [all] the valuable possessions that they have acquired, and [they will do that] to honor [me], Yahweh, your God, the Holy One of Israel, because I will have greatly honored you.
निश्चय द्वीप मेरी प्रतीक्षा करेंगे; तरशीश के जहाज़ पहले पहुंचेंगे, वे अपने साथ दूर देशों से तुम्हारे पुत्रों को लाएंगे, उनके साथ उनका सोना एवं उनकी चांदी होगी, यह याहवेह तुम्हारे परमेश्वर की महिमा में होगा, क्योंकि उन्होंने ही तुम्हें प्रताप से शोभायमान किया है.
10 Foreigners will [come and] rebuild the walls of your [cities], and their kings will serve/help you. Although I punished you because I was angry with you, these things will happen now because I will act mercifully toward you because I am kind.
“परदेशी लोग तेरी शहरपनाह को उठाएंगे, उनके राजा तेरी सेवा करेंगे. क्योंकि क्रोध में आकर मैंने तुझे दुःख दिया था, परंतु अब तुझसे प्रसन्न होकर दया करूंगा.
11 The gates of your [cities] will be open during the day and [also] during the night, in order that people will be able to bring into your cities valuable things from [many] countries, with their kings being led to you in the processions.
तुम्हारे फाटक निरंतर खुले रहेंगे, दिन हो या रात, वे बंद नहीं किए जाएंगे, देश की धन-संपत्ति और उनके राजा बंधुए होकर तेरे पास आएंगे.
12 And the kingdoms and nations whose [people] refuse to allow you to rule them will be completely destroyed [DOU].
वे लोग तथा वे राज्य जो तुम्हारी सेवा करना अस्वीकार करेंगे, नष्ट हो जाएंगे; ये देश पूर्णतः नष्ट हो जाएंगे.
13 The glorious/beautiful things in Lebanon will be brought to you— [lumber from] cypress [trees] and fir [trees] and pine [trees]— to be used to make my temple beautiful. When that is done, my temple [MTY] will [truly] be glorious!
“लबानोन का वैभव तुम्हारा हो जाएगा, सनोवर व देवदार तथा चीड़ वृक्ष, मेरे पवित्र स्थान के सौंदर्य को बढ़ाएंगे; मैं अपने चरणों के स्थान को भी महिमा का रूप दूंगा.
14 The descendants of those who (oppressed you/treated you cruelly) will come and bow down to you; those who despised you will prostrate themselves in front of your feet. They will say that your city on Zion Hill is the City of Yahweh, where the Holy One of Israel lives.
जिन्होंने तुम पर अत्याचार किया है, उनके पुत्र तुम्हारे सामने झुक जाएंगे; तथा वे सभी जिन्होंने तुमसे घृणा की है वे सब तुम्हारे सामने झुक जाएंगे! वे तुम्हारा नाम ‘याहवेह का नगर, इस्राएल के पवित्र का ज़ियोन’ बुलाएंगे.
15 Previously everyone hated you and ignored you, but now your [city] will be majestic/honored forever; and [I will cause you to be] joyful forever.
“जब तुम त्यागी हुई घृणा के नगर थे, कोई भी तुममें से होकर नहीं जाता था, लेकिन अब मैं तुम्हें स्थिर गौरव का स्थान बना दूंगा और पीढ़ी दर पीढ़ी आनंद का कारण ठहराऊंगा.
16 People of all nations and their kings will gladly bring [MET] their wealth to you. And [when that happens], you will realize that I truly am Yahweh, the one who saves you and rescues you [from your enemies], and that I am the mighty one to whom you Israeli people belong.
तू अन्य जनताओं का दूध पी लेगी तुम्हें राजा दूध पिलाएंगे. तब तुम जान लोगे कि मैं, याहवेह ही, तुम्हारा उद्धारकर्ता, और याकोब का वह सर्वशक्तिमान परमेश्वर, तुम्हारा छुड़ाने वाला हूं.
17 Instead of [metals that are not valuable, like] bronze and iron, I will bring to you silver and gold. Instead of wood and stones, I will bring you bronze and iron [for your buildings]. There will be peace in your country, and your rulers will do what is fair/just.
कांस्य के स्थान पर मैं सोना, लोहे के स्थान पर चांदी. लकड़ी के स्थान पर कांस्य, तथा पत्थरों के स्थान पर लोहा लेकर आऊंगा. तब मैं शांति को तेरा हाकिम तथा धार्मिकता को तेरा अधिकारी नियुक्त कर दूंगा.
18 People in your country will no longer act violently, and people will no longer destroy your land and cause it to become desolate/ruined. The people in the city will be safe, and everyone there will praise me [MTY].
अब तुम्हारे देश में फिर हिंसा न होगी, न ही तुम्हारी सीमाओं में हलचल या विनाश बिखर जायेगा, परंतु तुम अपनी शहरपनाह का नाम उद्धार और अपने फाटकों का नाम यश रखोगे.
19 And you will no longer need the sun and moon to give you light, because [I], Yahweh, will give you more light [than the sun and moon]; I will be a glorious light for you forever.
तब दिन के समय तुम्हें प्रकाश के लिए, न तो सूर्य की आवश्यकता होगी और न रात को चांद की, परंतु याहवेह तुम्हारे लिए सदा का प्रकाश होंगे, और तुम्हारा परमेश्वर तुम्हारा वैभव होगा.
20 [It will seem as though] the sun and moon will always be shining [LIT], because [I], Yahweh, will be an everlasting light for you. You will never again be sad [because of things that happen to you].
तुम्हारा सूर्य कभी अस्त न होगा, न ही तुम्हारे चांद की ज्योति कम होगी; क्योंकि याहवेह तेरी सदैव की ज्योति होंगे, और तुम्हारे विलाप के दिन समाप्त हो जाएंगे.
21 Your people will all be righteous, and they will occupy the land forever, because I myself have put you there [like people plant trees] [MET] in order that you will show others that I am very great.
तब तुम्हारे लोग धर्मी हो जाएंगे वे सदा-सर्वदा के लिए देश के अधिकारी हो जाएंगे. मेरे लगाये हुए पौधे, और मेरे हाथों का काम ठहरेंगे, जिससे मेरी महिमा प्रकट हो.
22 At that time, the [groups that are] very small now will become [very large] clans, and small clans will become great nations. [All those things will happen because], I, Yahweh, will cause them to happen at the right time.”
सबसे छोटा एक हजार हो जायेगा, और सबसे कमजोर एक सामर्थ्यी जाति बन जायेगा. मैं याहवेह हूं; ठीक समय पर सब कुछ पूरा करूंगा.”