< Genesis 11 >
1 At first, all the people in [MTY] the world spoke the same language [DOU].
१सारी पृथ्वी पर एक ही भाषा, और एक ही बोली थी।
2 As people moved further east, they arrived at a plain in Babylonia region and began to live there.
२उस समय लोग पूर्व की ओर चलते-चलते शिनार देश में एक मैदान पाकर उसमें बस गए।
3 Then they said to each other, “(Hey/Come on), let’s form bricks and bake them to make them hard, for building!” So they used bricks instead of stones, and used tar instead of (mortar/a mixture of cement, sand and lime) to hold them together.
३तब वे आपस में कहने लगे, “आओ, हम ईंटें बना-बनाकर भली भाँति आग में पकाएँ।” और उन्होंने पत्थर के स्थान पर ईंट से, और मिट्टी के गारे के स्थान में चूने से काम लिया।
4 They said, “Hey, let’s build a city for ourselves! We also ought to build a very high tower that reaches up to the sky! In that way we will become famous! If we do not do this, we will be scattered all over the earth!”
४फिर उन्होंने कहा, “आओ, हम एक नगर और एक मीनार बना लें, जिसकी चोटी आकाश से बातें करे, इस प्रकार से हम अपना नाम करें, ऐसा न हो कि हमको सारी पृथ्वी पर फैलना पड़े।”
5 So they began to build the city and the tower. Then Yahweh looked down and saw the city and the tower that those [puny] men were building.
५जब लोग नगर और गुम्मट बनाने लगे; तब उन्हें देखने के लिये यहोवा उतर आया।
6 Yahweh said, “These people are one group that all speak the same language. If they have begun to do this now, then (there is nothing that they will decide to do that will be impossible for them/they will be able to do whatever they decide to do) [LIT]!
६और यहोवा ने कहा, “मैं क्या देखता हूँ, कि सब एक ही दल के हैं और भाषा भी उन सब की एक ही है, और उन्होंने ऐसा ही काम भी आरम्भ किया; और अब जो कुछ वे करने का यत्न करेंगे, उसमें से कुछ भी उनके लिये अनहोना न होगा।
7 So, okay/now, we will go down there and cause there to be many different languages, so that they will not be able to understand each other.”
७इसलिए आओ, हम उतरकर उनकी भाषा में बड़ी गड़बड़ी डालें, कि वे एक दूसरे की बोली को न समझ सकें।”
8 So Yahweh did that. As a result, the people stopped building the city, and Yahweh caused them to disperse all over the earth.
८इस प्रकार यहोवा ने उनको वहाँ से सारी पृथ्वी के ऊपर फैला दिया; और उन्होंने उस नगर का बनाना छोड़ दिया।
9 The city was called Babel which means ‘confusion’, because there Yahweh caused the people to become confused because the people [MTY] spoke [different languages that the others could not understand], not just one language. From there Yahweh caused them to disperse all over the earth.
९इस कारण उस नगर का नाम बाबेल पड़ा; क्योंकि सारी पृथ्वी की भाषा में जो गड़बड़ी है, वह यहोवा ने वहीं डाली, और वहीं से यहोवा ने मनुष्यों को सारी पृथ्वी के ऊपर फैला दिया।
10 (This is a bigger list/I will now tell you more) of the descendants of Shem: Two years after the flood, when Shem was 100 years old, he became the father of Arpachshad.
१०शेम की वंशावली यह है। जल-प्रलय के दो वर्ष पश्चात् जब शेम एक सौ वर्ष का हुआ, तब उसने अर्पक्षद को जन्म दिया।
11 After Arpachshad was born, Shem lived 500 more years and had more sons and daughters.
११और अर्पक्षद के जन्म के पश्चात् शेम पाँच सौ वर्ष जीवित रहा; और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्पन्न हुईं।
12 When Arphachshad was 35 years old, he became the father of Shelah.
१२जब अर्पक्षद पैंतीस वर्ष का हुआ, तब उसने शेलह को जन्म दिया।
13 After Shelah was born, Arpachshad lived 403 more years and became the father of more sons and daughters.
१३और शेलह के जन्म के पश्चात् अर्पक्षद चार सौ तीन वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्पन्न हुईं।
14 When Shelah was 30 years old, he became the father of Eber.
१४जब शेलह तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा एबेर का जन्म हुआ।
15 After Eber was born, Shelah lived 403 more years and became the father of other sons and daughters.
१५और एबेर के जन्म के पश्चात् शेलह चार सौ तीन वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्पन्न हुईं।
16 When Eber was 34 years old, he became the father of Peleg.
१६जब एबेर चौंतीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा पेलेग का जन्म हुआ।
17 After Peleg was born, Eber lived 430 more years and became the father of other sons and daughters.
१७और पेलेग के जन्म के पश्चात् एबेर चार सौ तीस वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्पन्न हुईं।
18 When Peleg was 30 years old, he became the father of Reu.
१८जब पेलेग तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा रू का जन्म हुआ।
19 After Reu was born, Peleg lived 209 more years and became the father of other sons and daughters.
१९और रू के जन्म के पश्चात् पेलेग दो सौ नौ वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्पन्न हुईं।
20 When Reu was 32 years old, he became the father of Serug.
२०जब रू बत्तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा सरूग का जन्म हुआ।
21 After Serug was born, Reu lived 207 more years and became the father of other sons and daughters.
२१और सरूग के जन्म के पश्चात् रू दो सौ सात वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्पन्न हुईं।
22 When Serug was 30 years old, he became the father of Nahor.
२२जब सरूग तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा नाहोर का जन्म हुआ।
23 After Nahor was born, Serug lived 200 more years and became the father of other sons and daughters.
२३और नाहोर के जन्म के पश्चात् सरूग दो सौ वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्पन्न हुईं।
24 When Nahor was 29 years old, he became the father of Terah.
२४जब नाहोर उनतीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा तेरह का जन्म हुआ;
25 After Terah was born, Nahor lived 119 more years and became the father of other sons and daughters.
२५और तेरह के जन्म के पश्चात् नाहोर एक सौ उन्नीस वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्पन्न हुईं।
26 When Terah was 70 years old, his son Abram was born. Later, two other sons, Nahor and Haran were born.
२६जब तक तेरह सत्तर वर्ष का हुआ, तब तक उसके द्वारा अब्राम, और नाहोर, और हारान उत्पन्न हुए।
27 (This is/I will now give) a list of the descendants of Terah: Terah’s sons were Abram, Nahor, and Haran. Haran’s son was named Lot.
२७तेरह की वंशावली यह है: तेरह ने अब्राम, और नाहोर, और हारान को जन्म दिया; और हारान ने लूत को जन्म दिया।
28 Haran died before his father died. He died in Ur [city] in Chaldea land, where he was born.
२८और हारान अपने पिता के सामने ही, कसदियों के ऊर नाम नगर में, जो उसकी जन्म-भूमि थी, मर गया।
29 Abram and Nahor both married. Abram’s wife was named Sarai, and Nahor’s wife was named Milcah. Milcah and her younger sister Iscah were the daughters of Haran.
२९अब्राम और नाहोर दोनों ने विवाह किया। अब्राम की पत्नी का नाम सारै, और नाहोर की पत्नी का नाम मिल्का था। यह उस हारान की बेटी थी, जो मिल्का और यिस्का दोनों का पिता था।
30 Sarai was unable to bear any children.
३०सारै तो बाँझ थी; उसके सन्तान न हुई।
31 Terah decided to leave Ur and go to live in Canaan land. So he took his son Abram and his grandson Lot, the son of Haran, and Abram’s wife Sarai with him. But instead of going to Canaan, they stopped at Haran [town] and lived there.
३१और तेरह अपने पुत्र अब्राम, और अपने पोते लूत, जो हारान का पुत्र था, और अपनी बहू सारै, जो उसके पुत्र अब्राम की पत्नी थी, इन सभी को लेकर कसदियों के ऊर नगर से निकल कनान देश जाने को चला; पर हारान नामक देश में पहुँचकर वहीं रहने लगा।
32 When Terah was 205 years old, he died there in Haran.
३२जब तेरह दो सौ पाँच वर्ष का हुआ, तब वह हारान देश में मर गया।