< 2 Kings 9 >
1 Meanwhile, the prophet Elisha summoned one of the other prophets. He said to him, “Get ready [IDM] and go to Ramoth [city] in [the] Gilead [region]. Take this jar of [olive] oil with you.
भविष्यद्वक्ता एलीशा ने भविष्यद्वक्ता मंडल के एक भविष्यद्वक्ता को आदेश दिया, “कमर बांधो, अपने हाथ में यह तेल की कुप्पी लो और रामोथ-गिलआद चले जाओ.
2 When you arrive there, search for a man named Jehu, the son of Jehoshaphat and grandson of Nimshi. Go with him into a room away from his companions,
वहां पहुंचकर निमशी के पोते, यहोशाफ़ात के पुत्र, येहू नामक व्यक्ति को खोजना. वहां तुम उसके कमरे में जाना, वह अपने साथियों के साथ बैठा होगा. उसे खड़े होने को कहना और उसे अंदर के कमरे में ले जाना.
3 and pour [some of] this oil on his head. Then say to him, ‘Yahweh declares that he is appointing you to be the king of Israel.’ Then open the door and run away as quickly as you can.”
तब इस तेल की कुप्पी का तेल उसके सिर पर उंडेल देना और कहना, यह संदेश याहवेह की ओर से है, ‘मैं तुम्हें इस्राएल का राजा अभिषिक्त करता हूं.’ तब द्वार खोलकर वहां से बिन देर किए भाग जाना.”
4 So the young prophet went to Ramoth.
तब वह युवा भविष्यद्वक्ता, एलीशा का सेवक, रामोथ-गिलआद के लिए चला.
5 When he arrived, he saw that the commanders of the army were having a conference. He [looked at Jehu and] said, “Sir, I have a message for [one of] you.” Jehu replied, “Which one of us is the message for?” The young prophet replied, “It is for you, commander/sir.”
वहां पहुंचकर उसने देखा कि सेनापति की समिति का सत्र चल रहा था. युवा भविष्यद्वक्ता ने घोषणा की, “सेनापति महोदय, मेरे पास आपके लिए एक संदेश है.” येहू ने उत्तर दिया, “हम सब में से किसके लिए?” भविष्यद्वक्ता ने उत्तर दिया, “सेनापति जी, आपके ही लिए.”
6 So Jehu got up and went with the young prophet into a house. There the young prophet poured some [olive] oil on Jehu’s head and said to him, “Yahweh, the God whom we Israelis [worship], declares this: ‘I am appointing you to be the king of my Israeli people.
तब येहू उठा और घर के भीतर चला गया. युवा भविष्यद्वक्ता ने तुरंत यह कहते हुए उसके सिर पर तेल उंडेल दिया, “याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का यह संदेश है ‘मैं याहवेह की प्रजा, इस्राएल के लिए तुम्हारा राजाभिषेक कर रहा हूं.
7 You must kill your master [King Joram], the son of Ahab, because I want to punish [Ahab’s wife] Jezebel for murdering [MTY] many of my prophets and other people who served me.
तुम अपने स्वामी अहाब के वंश को नाश करना, कि मैं इसके द्वारा ईजेबेल से अपने सेवक भविष्यवक्ताओं के लहू का और याहवेह के सारे सेवकों के लहू का बदला ले सकूं.
8 You must kill [not only Joram but] all of Ahab’s family. I want to get rid of every male in the family, including young ones and old ones.
क्योंकि अहाब का सारा परिवार नाश होगा, मैं अहाब के वंश से हर एक पुरुष को इस्राएल राष्ट्र से मिटा डालूंगा: दास या स्वतंत्र.
9 I will get rid of Ahab’s family, like I got rid of the families of two other kings of Israel, Jeroboam and Baasha.
मैं अहाब के वंश को नेबाथ के पुत्र यरोबोअम के समान और अहीयाह के पुत्र बाशा के समान बना दूंगा.
10 And [when] Jezebel [dies], her corpse will not be buried. Dogs will eat her corpse there in Jezreel [city].’” After the young prophet said this, he left the room and ran.
येज़्रील ही की सीमा के भीतर कुत्ते ईजेबेल के शव को खाएंगे—कोई उसे गाड़ने भी न पाएगा.’” तब युवा भविष्यद्वक्ता द्वार खोल वहां से भाग गया.
11 When Jehu came out of the room to where his other commanders were, they said to him, “Is everything all right? Why did that mad fellow come to you?” He replied, “You know what kinds of things young prophets like him say.”
जब येहू कमरे से बाहर अपने स्वामी के सेवकों के पास लौटा, वे उससे पूछने लगे, “सब कुशल तो है न? यह पागल व्यक्ति क्यों आया था तुम्हारे पास?” येहू ने उन्हें उत्तर दिया, “तुम लोग तो इस व्यक्ति को और उसकी हरकतों को जानते ही हो.”
12 They said, “You are lying! Tell us what he said!” He replied, “He told me that Yahweh said, ‘I am appointing [MTY] you to be the king of Israel.’”
सब एक साथ कहने लगे, “नहीं, नहीं, हम नहीं जानते. हमें सच-सच सब बताओ.” तब उसने उत्तर दिया, “उसने मुझसे यह सब कहा है ‘यह याहवेह का संदेश है, “मैं तुम्हें इस्राएल का राजा अभिषिक्त कर रहा हूं.”’”
13 Then they all spread their cloaks on the steps of the building [for Jehu to walk out on], and they blew trumpets and shouted, “Jehu is now the king!”
यह सुनते ही उनमें से हर एक ने अपना अपना बाहरी वस्त्र उतारकर पत्थर की सीढ़ियों पर बिछा दिया और उन्होंने नरसिंगे के साथ घोषणा की, “येहू राजा हैं.”
14 King Joram and his army had been defending Ramoth against the attacks by the army of the king of Syria. King Joram had returned to Jezreel [city], to recover from being wounded in the battle against the army of Hazael, the king of Syria. And Jehu made plans to kill Joram. He said to his other commanders, “If helping me is truly what you want, make sure that no one leaves this city to go to warn the people of Jezreel [about what I am planning to do].”
निमशी के पोते, यहोशाफ़ात के पुत्र येहू ने योराम के विरुद्ध षड़्यंत्र रचा. योराम सारी इस्राएली सेना के साथ अराम के राजा हाज़ाएल से रामोथ-गिलआद की रक्षा कर रहा था,
मगर वास्तव में राजा यहोराम यहां अरामी सेना से लगे घावों से स्वस्थ होने के उद्देश्य से येज़्रील लौट आया था. ये घाव उसे अराम के राजा हाज़ाएल से युद्ध करते हुए अरामी सेना द्वारा लगे थे. येहू ने यहां यह घोषणा की, “यदि तुम सभी का यही मानना है, कि मैं अब राजा हूं, तो किसी को भी नगर से बाहर न जाने दिया जाए, कि यह समाचार येज़्रील न पहुंच सके.”
16 Then Jehu and his officers got into their chariots and rode to Jezreel, where Joram was still recovering. And King Ahaziah of Judah was there, visiting Joram.
तब येहू अपने रथ पर येज़्रील जा पहुंचा, क्योंकि इस समय योराम वहीं येज़्रील में था. यहूदिया का राजा अहज़्याह इस समय योराम का कुशल मंगल पता करने यहां आया हुआ था.
17 A guard was standing in the watchtower in Jezreel. He saw Jehu and his men approaching. He called out, “I see a lot of men [who are approaching]!” King Joram [heard what the watchman said, so he] said to his soldiers, “Send someone on a horse to go and find out if they are coming to be friendly to us or to attack us.”
येज़्रील की शहरपनाह पर पहरेदार खड़ा हुआ था. येहू और उसके साथ बढ़ते चले आ रहे दल को देखकर उसने सूचना दी, “मुझे एक दल दिखाई दे रहा है.” यहोराम ने आदेश दिया, “एक घुड़सवार उनसे भेंटकरने भेजा जाए, जो उसे देख उससे पूछे, ‘शांति में ही आ रहे हो न?’”
18 So a man rode out to meet Jehu and said to him, “The king wants to know [if you are coming to be] friendly to us.” Jehu replied, “This is not the time for you [RHQ] to be concerned about acting friendly! Turn around and come behind me!” So the guard in the watchtower reported that the messenger had reached the group [that was approaching], but that he was not returning [alone].
तब उससे भेंटकरने एक घुड़सवार गया. उसने येहू से कहा, “राजा ने पूछा है, ‘शांति के लिए ही आ रहे हो न?’” येहू का उत्तर था, “तुम्हें शांति से क्या लेना देना? मुड़कर हमारा अनुसरण करो.” वहां पहरेदार ने यह सूचना फैला दी: “दूत वहां पहुंचा तो ज़रूर, मगर वह लौटकर नहीं आ रहा.”
19 So King Joram sent another messenger, who asked Jehu the same question. Again Jehu replied, “This is not the time [RHQ] for you to be concerned about acting friendly! Turn around and follow me!”
इस पर एक दूसरे घुड़सवार को भी भेजा गया, जो उनके पास पहुंचा, जिसने येहू से कहा, “यह राजा का संदेश है ‘क्या सब कुशल मंगल है?’” येहू ने उसे उत्तर दिया, “क्या लेना देना है तुम्हारा कुशल मंगल से? मुड़कर हमारा अनुसरण करो.”
20 Then the watchman reported again, “That messenger also reached them, but he is not coming back [alone]. And [the leader of the group must be] Jehu, the son of Nimshi, because he is driving [his chariot] furiously, [like Jehu does]!”
पहरेदार ने दोबारा सूचना फैला दी, “वह उनके पास पहुंचा तो ज़रूर, मगर वह लौटकर नहीं आ रहा. घुड़सवार का व्यवहार निमशी के पुत्र येहू समान है—क्योंकि घोड़ा तेजी से दौड़ाया जा रहा है.”
21 Joram said [to his soldiers], “Get [my chariot] ready!” So they did that. Then King Joram and King Ahaziah both rode toward Jehu, each one in his own chariot. And [it happened that] they met Jehu at the field that had previously belonged to Naboth!
यहोराम ने आदेश दिया, “तैयारी की जाए!” योराम का रथ तैयार किया गया. तब इस्राएल का राजा योराम और यहूदिया का राजा अहज़्याह दोनों ही अपने-अपने रथों पर येहू से भेंटकरने चल पड़े. येहू से उनकी भेंट येज़्रीलवासी नाबोथ की भूमि पर हुई.
22 When Joram met Jehu, he said to him, “Are you coming on a peaceful visit?” Jehu replied, “(How can there be peace while you and your people are prostrating themselves to worship idols and practicing very much (witchcraft/sorcery) like your mother Jezebel did?/There certainly cannot be peace while you and your people are prostrating themselves to worship idols and practicing (witchcraft/sorcery) like your mother Jezebel has been doing!)” [RHQ]
येहू को देखते ही यहोराम ने उससे पूछा, “येहू, क्या सब कुशल मंगल है?” येहू ने उत्तर दिया, “कैसे हो सकती है, शांति, जब राज्य में आपकी माता ईजेबेल की देखरेख में वेश्यावृत्ति और जादू-टोना फैलते जा रहे हैं?”
23 Joram cried out, “Ahaziah, they have deceived us! [They want to kill us]!” So Joram turned his chariot around and tried to flee.
यह सुनते ही यहोराम ने घोड़े को हांकते हुए अहज़्याह से कहा, “देशद्रोह, अहज़्याह, देशद्रोह!”
24 But Jehu drew his bow mightily and shot [an arrow that pierced] Joram between his shoulder blades. The arrow [went through his body and] pierced his heart, and he slumped down dead in his chariot.
येहू ने पूरी शक्ति लगाकर धनुष ताना और यहोराम के दोनों कंधों के बीच निशाना साध कर बाण छोड़ दिया. बाण ने योराम के हृदय को बेध दिया और वह अपने रथ में ही ढेर हो गया.
25 Then Jehu said to his assistant Bidkar, “Take his corpse and throw it here into the field that belonged to Naboth. [I am sure that] you remember that when you and I were riding together [in chariots] behind King Joram’s father Ahab, that Yahweh said this about Ahab:
येहू ने अपने सहायक बिदकर को आदेश दिया, “उसे उठाकर येज़्रीलवासी नाबोथ की भूमि पर फेंक दो. तुम्हें वह समय याद होगा जब तुम और मैं साथ साथ उसके पिता अहाब के पीछे-पीछे जा रहे थे, स्वयं याहवेह ने कैसे उसके विरुद्ध यह घोषणा की थी:
26 ‘Yesterday I saw Ahab murder [MTY] Naboth and his sons here. And I solemnly promise that I will punish him right here in this same field!’ So take Joram’s corpse and throw it into that field! That will fulfill what Yahweh said would happen.”
‘ठीक जिस प्रकार कल मैंने नाबोथ और उसके पुत्रों का खून खराबा देखा था, यह याहवेह का संदेश है—तुम्हारा बदला मैं इसी भूमि पर लूंगा.’ इसलिये अब उसे उठाओ और उसे उसी भूमि पर फेंक आओ.”
27 When King Ahaziah saw what happened, he fled [in his chariot] toward Beth-Haggan [town]. But Jehu pursued him and said [to his other commanders], “Shoot him, also!” So they shot him [with arrows] while he was riding in his chariot on the road up to Gur, near Ibleam [town]. He continued going in his chariot until he reached Megiddo [city], where he died.
जब यहूदिया के राजा अहज़्याह ने यह सब देखा, वह बेथ-हग्गान नगर की दिशा में भागने लगा. उसका पीछा करते हुए येहू ने आदेश दिया, “उस पर भी बाण चलाओ!” सैनिकों ने उसे उसके रथ में ही गुर की चढ़ाई पर चढ़ते हुए मार गिराया. यह जगह इब्लीम के पास है. अहज़्याह मगिद्दो की ओर भागा, जहां उसकी मृत्यु हो गई.
28 His officials took his corpse back to Jerusalem and buried it in the tombs in the [part of Jerusalem called] ‘The City of David’, where his ancestors had been buried.
उसके सेवक आकर उसे रथ में ही येरूशलेम ले गए और दावीद के नगर में उसे उसके पूर्वजों के साथ कब्र में रख दिया.
29 Ahaziah had become the king of Judah when Joram had been ruling Israel for almost eleven years.
अहज़्याह ने अहाब के पुत्र योराम के शासनकाल के ग्यारहवें साल में यहूदिया पर शासन शुरू किया था.
30 Then Jehu went to Jezreel. When [Ahab’s widow] Jezebel heard what had happened, she put paint/makeup on her eyelids, and combed her hair to make it beautiful, and looked out the window [of the palace toward the street below].
जब येहू येज़्रील नगर पहुंचा ईजेबेल को सारी घटना का समाचार मिला. उसने अपनी आंखों में काजल लगाया, बाल संवारे और खिड़की से बाहर का नज़ारा देखने लगी.
31 While Jehu was entering the city gate, she called out to him, “You [are like] Zimri! You are a murderer! [I think] you are certainly not [RHQ] coming on a peaceful visit!”
जैसे ही येहू ने प्रवेश किया, उसने पूछा, “सब कुशल तो है, अपने ही स्वामी के हत्यारे ज़िमरी?”
32 Jehu looked up toward the window, and then he said, “Who is (on my side/wants to help me)? Anyone?” Two or three palace officials looked down at him [from a window and pointed to themselves].
येहू ने खिड़की की ओर दृष्टि करते हुए कहा, “कौन-कौन है मेरी ओर?” दो या तीन अधिकारी खोजों ने झांककर उसकी ओर देखा.
33 Jehu said to them, “Throw her down here!” So they threw her down, and [when she hit the ground and died], some of her blood splattered on the city wall and on the horses [that were pulling the chariots].
येहू ने आदेश दिया, “फेंक दो उसे वहां से!” तब उन्होंने उसे उठाकर वहां से नीचे फेंक दिया. उसके खून के कुछ छींटे दीवार पर और कुछ छींटे घोड़ों पर जा पड़े और घोड़ों ने उसे रौंद डाला.
34 Then Jehu went into the palace and ate and drank. Then he said [to some of his men], “Take the corpse of that women whom Yahweh has cursed and bury it, because she is a king’s daughter [and therefore should be buried properly].”
येहू राजघराने के भीतर गया और तृप्त होने तक भोजन किया. उसने आदेश दिया, “जाकर उस शापित स्त्री को देखो! उसे गाड़ दो, क्योंकि वह राजकुमारी थी.”
35 But when they went to get her corpse to bury it, all that was left was only her skull and [the bones of] her feet and her hands. Everything else was gone.
वे उसे गाड़ने के उद्देश्य से जब उसे उठाने गए, उन्होंने पाया कि वहां सिर्फ उसकी खोपड़ी, पैर और उसके हाथों की हथेलियां ही बची थी.
36 When they reported this to Jehu, he said, “That is what Yahweh said would happen! He told his servant/prophet Elijah, ‘In [the city of] Jezreel, dogs will eat the flesh of Jezebel’s corpse.
जब वे लौटकर येहू को बताने गए, उसने याद दिलाया, “यह याहवेह की भविष्यवाणी के अनुसार हुआ है, जो उन्होंने अपने सेवक तिशबेवासी एलियाह के माध्यम से भेजी थी: येज़्रील की सीमा के ही भीतर कुत्ते ईजेबेल का मांस खा जाएंगे,
37 Her bones will be scattered there in Jezreel like dung, with the result that no one will be able to [recognize them and] say, “These are Jezebel’s bones.”’”
और ईजेबेल का शव येज़्रील की सीमा के भीतर की भूमि पर गोबर के समान होगा, कि कोई यह न कह सके, ‘यह ईजेबेल है.’”