< 1 Chronicles 26 >
1 This is a list of the groups of men who guarded the temple gates: From the descendants of Korah, there was Meshelemiah, the son of Kore, who was one of the sons of Asaph.
द्वारपालों के लिए विभाजन इस प्रकार किया गया: कोहाथ के वंश से: आसफ के परिवार में से कोरे का पुत्र मेषेलेमियाह.
2 The oldest son of Meshelemiah was Zechariah. His other sons were Jediael, Zebadiah, Jathniel,
मेषेलेमियाह के पुत्र: जेठा पुत्र ज़करयाह, दूसरा पुत्र येदिआएल, तीसरा ज़ेबादिया, चौथा याथनिएल,
3 Elam, Jehohanan, and Eliehoenai.
पांचवा एलाम, छठवां येहोहानन और सातवां एलीहोएनाई.
4 [Another guard] was Obed-Edom. His oldest son was Shemaiah. His other sons were Jehozabad, Joah, Sacar, Nethanel,
ओबेद-एदोम के पुत्र: जेठा पुत्र शेमायाह, दूसरा योज़ाबाद, तीसरा योआह, चौथा साकार, पांचवा नेथानेल,
5 Ammiel, Issachar, and Peullethai. It was because God had blessed him that he had many sons.
छठवां अम्मिएल, सातवां इस्साखार और आठवां पेउल्लेथाई (सत्य तो यह है कि ओबेद-एदोम पर परमेश्वर की विशेष कृपादृष्टि थी.)
6 Obed-Edom’s son Shemaiah also had sons. They were leaders in their father’s family because they were capable of doing many things well.
उसके पुत्र शेमायाह के भी पुत्र हुए, जो अपने-अपने परिवारों के प्रधान थे, क्योंकि उनमें अद्भुत प्रतिभा थी.
7 The sons of Shemaiah were Othni, Rephael, Obed, and Elzabad. Shemaiah’s relatives Elihu and Semakiah were also capable men.
शेमायाह के पुत्र: ओथनी, रेफ़ाएल और एलज़ाबाद; उसके संबंधी एलिहू और सेमाकियाह भी अद्भुत क्षमता के व्यक्ति थे.
8 All of those descendants of Obed-Edom and their sons and relatives were capable people and strong workers. Altogether there were 62 of them.
ये सभी ओबेद-एदोम के वंशज थे. वे, उनके पुत्र और संबंधी सम्माननीय व्यक्ति थे. वे अपनी ज़िम्मेदारियों को निभाने में समर्थ थे. ये बासठ व्यक्ति थे, जो ओबेद-एदोम से संबंधित थे,
9 Another guard was Meshelemiah. He and his sons and relatives were also capable people. There were 18 of them altogether.
मेषेलेमियाह के पुत्र और संबंधी थे—अठारह वीर योद्धा.
10 Another guard was Hosah’s son Shimri, a descendant of Merari. Hosah appointed Shimri to be the leader, even though he was not Hosah’s oldest son.
मेरारी के एक वंशज, होसाह, के पुत्र थे जेठा शिमरी, (जो वास्तव में जेठा नहीं था किंतु उसके पिता ने उसे यह पद दिया था),
11 Hosah’s other sons were Hilkiah, Tabaliah, and Zechariah. Altogether there were 13 sons and relatives of Hosah.
दूसरा पुत्र था हिलकियाह, तीसरा तेबालियाह और चौथा त्सेरवरियाह. होसाह के पुत्रों और संबंधियों की कुल संख्या तेरह थी.
12 Those men were leaders of the groups of men who guarded the gates of the temple. They worked at the temple like their relatives did.
द्वारपालों के इन दलों को उनके अगुओं की अगुवाई में उन्हीं के संबंधियों के समान याहवेह के भवन में सेवा की जवाबदारी सौंपी गई थी.
13 By casting lots, the leader of each family chose one gate for their group to guard. [All of them, including] young men and old men (OR, including leaders of large families and small families), cast lots.
हर एक परिवार ने, चाहे वह छोटा था या बड़ा, पासा फेंकने की प्रक्रिया द्वारा यह मालूम किया कि उन्हें किस द्वार पर सेवा करनी होगी.
14 Shelemiah’s group was selected to guard the East Gate. The group of Shelemiah’s son Zechariah, who was a wise counselor, was selected to guard the North Gate.
पासे के द्वारा पूर्वी द्वार की जवाबदारी शेलेमियाह को सौंपी गई. तब उसके पुत्र ज़करयाह लिए पासा फेंका गया. वह बुद्धिमान सलाहकार था. पासा फेंकने से मिले निर्णय के अनुसार उसे उत्तरी द्वार पर रखा गया.
15 Then Obed-Edom’s group was selected to guard the South Gate, and his sons were selected to guard the [entrances to the temple] storerooms.
ओबेद-एदोम के लिए पासे का निर्णय दक्षिण द्वार के लिए पड़ा. उसके पुत्रों को भंडार घर के लिए चुना गया.
16 Then Shuppim’s group and Hosah’s group were selected to guard the West Gate and the Shalleketh Gate on the upper road [to the temple]. The work for the guards was divided evenly.
शुप्पिम और होसाह को पश्चिमी द्वार के लिए चुना गया; इसके अलावा चढ़ाई के मार्ग के शल्लेकेथ. द्वार के लिए भी द्वारपालों का काम पहरेदारों के समान था:
17 Each day there were six descendants of Levi who guarded the East Gate, four who guarded the North Gate, four who guarded the South Gate, and two at a time who guarded the entrances to the storerooms.
पूर्व में हर रोज़ छः लेवी ठहराए जाते थे, उत्तर में हर रोज़ चार, दक्षिण में हर रोज़ चार और हर एक भंडार घर पर दो-दो.
18 At the West gate there were two men who guarded the courtyard and four who guarded the road outside the courtyard.
पश्चिम ओसारे के लिए चार पहरेदार मार्ग की ओर और दो ओसारे के लिए चुने गए थे.
19 Those were the groups of men who were descendants of Korah and Merari who guarded the gates [of the temple].
द्वारपालों का यह बंटवारा कोराह-वंशजों और मेरारी के पुत्रों के बीच किया गया था.
20 Other descendants of Levi were in charge of the chests that contained the money that was dedicated to Yahweh, money that the people brought to the temple.
अहीयाह के नेतृत्व में लेवी वंशज और उनके संबंधी परमेश्वर के भवन के खजाने और चढ़ाई गई वस्तुओं के खजाने के अधिकारी थे.
21 [One of those men was] Ladan, a descendant of Gershon. He was the ancestor of several family groups. Jehiel was the leader of one of those family groups.
लादान-वंशज, जो वस्तुतः गेरशोन से लादान-वंशज थे, गरशोनी लादान के घराने के प्रधान थे, जिनमें येहिएली भी शामिल थे,
22 Others who had that work were Zetham and his [younger] brother Joel, who were the sons of Jehiel.
येहिएली का पुत्र ज़ेथम और उसका भाई योएल याहवेह के भवन के खजाने के अधिकारी थे.
23 Others who did that work were descendants of Amram, Izhar, Hebron and Uzziel.
अमरामियों, इज़हारियों, हेब्रोनियों और उत्सिएलियों पर,
24 [From the descendants of Amram], Shubael, a descendant of Moses’s son Gershom, was the leader who was in charge of the money chests.
मोशेह का पोता, गेरशोम का पुत्र शुबेल प्रमुख ख़ज़ाना-अधिकारी था.
25 [Others who did that work were] the descendants of [Gershom’s younger brother] Eliezer. Those men were Eliezer’s son Rehabiah, Rehabiah’s son Jeshaiah, Jeshaiah’s son Joram, Joram’s son Zicri, and Zicri’s son Shelomith.
एलिएज़र के ओर से उसके संबंधी रेहाबिया, उसका पुत्र येशाइयाह, उसका पुत्र योराम, उसका पुत्र ज़ीकरी और उसका पुत्र शेलोमोथ थे.
26 Shelomith and his relatives were in charge of all the valuable things that had been dedicated [to Yahweh] by King David, by the leaders of the family groups, by the army commanders of 1,000 soldiers and commanders of 100 soldiers, and by other army commanders.
(शेलोमोथ और उसके संबंधी उन सभी खजानों के अधिकारी थे, जिसमें चढ़ाई गई भेंटें इकट्ठा थी, जो राजा दावीद, घराने के प्रधानों, सहस्र पतियों और शतपतियों, सैन्य अधिकारियों द्वारा चढ़ाई गई थी.
27 Some of the things that those army officers had taken [from Israel’s enemies] in battles they dedicated for the repair of the temple of Yahweh.
इन्होंने इसमें याहवेह के मंदिर के रख रखाव के उद्देश्य से युद्ध में लूटी हुई सामग्री का भाग बचाकर रखा था.
28 And Shelomith and his relatives were also in charge of everything that had been dedicated [to Yahweh] by the prophet Samuel, by King Saul, and by [David’s two army commanders] Ner and Joab.
शेलोमोथ और उसका परिवार उन सभी वस्तुओं का अधिकारी था जो मंदिर में इस्तेमाल के लिए चढ़ाई जाती थी. इनमें वे भेंट भी शामिल थी, जो भविष्यद्वक्ता शमुएल, राजा शाऊल, नेर के पुत्र अबनेर और ज़ेरुइयाह के पुत्र योआब द्वारा चढ़ाई गई थी.)
29 From the descendants of Izhar, Kenaniah and his sons were given work outside [the temple area]. They were officials and judges in [various places] in Israel.
इज़हारियों के बारे में: केनानियाह और उसके पुत्रों को मंदिर के बाहर इस्राएल के प्रशासकों और न्यायाध्यक्षों के काम का भार सौंपा गया था.
30 From the descendants of Hebron, Hashabiah and his relatives were responsible for the work done for Yahweh and for the king in all the area west of the Jordan [river]. There were 1,700 of them who were able to do their work well.
हेब्रोनियों के विषय में: हशाबियाह और उसके 1,700 सम्मान्य संबंधियों को यरदन के पश्चिमी ओर बसे इस्राएलियों की जवाबदारी सौंपी गई. वे राजा की सेवा में रहते हुए याहवेह के लिए काम करते थे.
31 It was written in the records of the descendants of Hebron that Jeriah was their leader. When David had been ruling for almost 40 years, they searched in those records, and they found [names of] capable men descended from Hebron who were at Jazer [city] in the Gilead [region].
हेब्रोनियों के विषय में यह भी सच है कि वंशावली की लेख के अनुसार येरिया हेब्रोन-वंशजों का अगुआ था. (दावीद के शासनकाल के चालीसवें साल में उन्होंने वंशावली के लेखों की जांच की और यह पाया कि गिलआद के याज़र नगर में बहुत सम्मान योग्य व्यक्ति बसे हुए हैं.
32 Jeriah had 2,700 relatives who were able to do their work well, and who were leaders of their families. King David put them in charge of governing the tribes of Reuben, Gad, and [the eastern] half of the tribe of Manasseh, to be sure that all the people did what God and the king told them to do.
येरिया के 2,700 संबंधी थे, जो परिवारों के सम्मान योग्य प्रधान थे. राजा दावीद ने इन्हें रियूबेन वंशजों, गाद-वंशजों और मनश्शेह के आधे गोत्र पर अधिकारी ठहरा दिया. इनका काम था परमेश्वर और राजा से संबंधित सभी विषयों का ध्यान रखना.)